कई सवाल अभिभावकों के मन में भी घुमड़ रहे- नई शिक्षा नीति


भारत में कोरोना संक्रमण के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं और इनकी संख्या करीब 16 लाख तक पहुंच गई है वहीं अच्छी खबर ये है कि 10 लाख से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं। वहीं राजस्थान में चल रहे सियासी घमासान के बीच राज्यपाल कलराज मिश्र ने गहलोत सरकार के विधानसभा सत्र बुलाने के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। गहलोत ने राज्यपाल से 14 अगस्त से विधानसभा सत्र बुलाने की मांग की थी। वहीं पूर्वोत्तर सहित देश के कई हिस्से इस समय बाढ़ की समस्या से जूझ रहे हैं। दिल्ली सरकार ने 'अनलॉक-तीन' के दिशा-निर्देशों के तहत रात का कर्फ्यू खत्म करने तथा आतिथ्य-सत्कार गतिविधियों को सामान्य बनाने समेत और आर्थिक गतिविधियों को बृहस्पतिवार को अनुमति देने का फैसला किया।


अफगानिस्तान नें बम धमाके की खबर है, जिसमें दर्जनों लोगों की जान चली गई है। अफगानिस्तान में ये बम धमाका कार में हुआ है। दर्जनों लोगों की मौत की खबर है। अफगान न्यूज के अनुसार, मध्य लोगार प्रांत में एक कार बम हमले में दर्जनों लोग मारे गए और घायल हुए हैं।


उत्तर प्रदेश सरकार ने बृहस्पतिवार को ‘अनलॉक-3’ के लिए दिशा-निर्देश जारी किए जिनके अनुसार सभी स्कूल, सिनेमा हॉल, तरण ताल आदि 31 अगस्त तक बंद रहेंगे, साथ में निषिद्ध क्षेत्रों में लॉकडाउन जारी रहेगा। उत्तर प्रदेश में लोगों की स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही कोरोना संक्रमण को पांव पसारने का खूब मौका दे रही है। कोरोनावायरस से गुरुवार को सबसे ज्यादा 57 लोगों की मौत हुई और संक्रमण के 3,765 नए मामले सामने आए हैं। राज्य में कोरोना अब तक 1587 लोगों की जान ले चुका है जबकि एक्टिव मरीजों की संख्या 32 हजार 649 हो चुकी है। कोरोना के कहर के कारण सरकार ने निर्णय लिया है सभी स्कूल, सिनेमा हॉल, तरण ताल, मनोरंजन पार्क, थिएटर, बार, सभागार, असेंबली हॉल 31 अगस्त तक बंद रहेंगे। यद्यपि ऑनलाइन शिक्षा पूर्व की भांति जारी रहेगी। योग संस्थानों और व्यायामशालाओं को 5 अगस्त से खोलने की अनुमति होगी।मेट्रो रेल सेवा, समस्त राजनीति, सामाजिक, खेल, मनोरंजन, सांस्कृतिक, धार्मिक कार्यक्रम जैसी अन्य गतिविधियां बंद रहेंगी। निषिद्ध क्षेत्रों में 31 अगस्त तक लॉकडाउन जारी रहेगा। प्रत्येक शुक्रवार रात दस बजे से सोमवार सुबह पांच बजे तक संबंधित प्रतिबंधों के साथ लागू पूर्व की व्यवस्था पहले की तरह जारी रहेगी। सबसे ज्यादा मामले लखनऊ में आए : राज्य में कोरोना के सबसे ज्यादा 485 मामले लखनऊ में सामने आए हैं। कानपुर में 208, वाराणसी में 153, प्रयागराज में 133, नोएडा में 110, मुरादाबाद में 125, बलिया में 100, बरेली में 99, कन्नौज में 91, गोरखपुर में 83, आजमगढ़ में 73, झांसी में 70 और मेरठ में कोरोना के 50 नए मरीज मिले हैं। कोरोना मामलों से सबसे ज्यादा प्रभावित राजधानी लखनऊ है। लखनऊ में फिलहाल 4381 मरीजों का इलाज किया जा रहा है, वहीं कानपुर में 2536, वाराणसी में 1693, बरेली में 1330, प्रयागराज में 1212 और गोरखपुर में 1045 मरीज अस्पतालों में भर्ती है। कानपुर में सबसे ज्यादा 193 मरीजों की संक्रामक बीमारी से मौत हो चुकी है। मेरठ में 107, लखनऊ में 90 और वाराणसी में 67 मरीजों की जान जा चुकी है। कोरोना के अचानक बढ़े मामलों के पीछे ईद और राखी का त्योहार है। दरअसल त्योहारों के कारण बाजारों में भीड़ टूट रही है, जिसके कारण सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का मजाक बनकर रह गया है। खुले ठेलों में सजी खानपान की दुकानों में भीड़ दिखाई दे रही है, वहीं अधिक लाभ अर्जित करने की चाहत दुकानों में भी नियमों की धज्जियां उड़ा रही है। मास्क और सैनेटाइजर के उपयोग से परहेज भी संक्रमण के फैलाव का बड़ा कारण सिद्ध हो रहा है। 46 हजार से ज्यादा स्वस्थ : राज्य में अब तक 46 हजार 803 कोरोना मरीज अस्पतालों से पूरी तरह ठीक होकर घर जा चुके हैं। पृथक वार्डों में 32 हजार 652 मरीज हैं, जिनका विभिन्न चिकित्सालयों एवं मेडिकल कालेजों में उपचार किया जा रहा है। पृथकवास केन्द्रों पर 2,938 लोग हैं, जिनके नमूने लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं। 7,198 लोग घर में पृथक-वास में हैं जबकि 1,112 लोग निजी अस्पताल में इलाज करवा रहे हैं। राज्य सरकार ने सभी जिलों में स्टैटिक बूथ बनाए गए हैं, जहां पर कोई भी व्यक्ति अपनी जांच करा सकता है। इसके अलावा ई-संजीवनी पोर्टल के माध्यम से लोग चिकित्सीय परामर्श प्राप्त कर सकते है। टेलीमेडिसिन के पर्चें पर सरकारी अस्पतालों से भी दवाएं ली जा सकती है। 22 लाख से ज्यादा नमूनों की जांच : राज्य में अब तक 22 लाख 9 हजार 810 नमूनों की जांच की जा चुकी है। जांच शुरू होने से 24 जून तक चार महीने में 6 लाख नमूनों की जांच हुई थी। 24 जून से 30 जुलाई के बीच लगभग 5 सप्ताह में 16 लाख नमूनों की जांच हुई है। वाराणसी में दुकानें खोलने-बंद करने का समय फिर बदला : वाराणसी में 15 अगस्त तक के लिए एक बार फिर दुकानों एवं निजी कार्यालयों के संचालन का समय बदला गया है। अब यह समय सुबह 9 से शाम 7 बजे के बजाय 5 बजे तक ही रहेगा। शनिवार और रविवार को शहर पूरी तरह से बंद रहेगा। अब सोमवार के बंद को समाप्त कर दिया गया है।यूपी में अब तक बने 29 लाख से ज्यादा चालान : राज्य में कोरोना के मद्देनजर जारी एडवाइजरी का उल्लंघन करने वाले 29 लाख 43 हजार 545 लोगों के चालान बनाए गए और 54 करोड़ 94 लाख रुपये से अधिक शमन शुल्क वसूला गया। यही नहीं, कुल 65,645 वाहन सीज भी किए गए हैं। यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ देंगे 'कोरोना' से लड़ाई में 25 लाख से ज्यादा आबादी वाले जिलों को 5 करोड़ रुपये


विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में सोने और आभूषणों की मांग में 70% गिरावट हुई है जबकि ईटीएफ में निवेश बढ़ गया है।


एक तरफ पूरा भारत कोरोना महामारी का सामना कर रहा है वहीं दूसरी और असम-बिहार जैसे राज्यों में रहने वाले लाखों लोग भीषण बाढ़ की चपेट में है। तकरीबन हर साल बाढ़ का सामना करने वाले लोगों को कोरोना काल में दोहरी चोट पहुंची है जिससे उनके लिए जीवन यापन करना मुश्किल हो गया है।



प्रकृति के यौवन का श्रंगार करेंगे कभी न बासी फूल


भारत में करीब 34 साल बाद शिक्षा नीति में बदलाव होने जा रहा है। आखिर नई शिक्षा नीति का क्या असर होगा, विद्यार्थियों को इसका क्या लाभ होगा? इसी तरह के कई सवाल हैं, जो न सिर्फ विद्यार्थियों बल्कि उनके अभिभावकों के मन में भी घुमड़ रहे हैं। हालांकि माना जा रहा है कि नई शिक्षा नीति के बाद कोई भी बच्चा अशिक्षित नहीं रहेगा साथ ही यह देशवासियों को जड़ों से जोड़ने का काम भी करेगी। साथ ही इसे वन नेशन, वन एजुकेशन सिस्टम की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। नई शिक्षा नीति 21वीं सदी के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए बनाई गई है। इससे परंपरागत शिक्षा के साथ ही मूल्य आधारित शिक्षा भी बच्चों को मिलेगी। साथ ही इसमें 3 से 18 साल तक बच्चों के लिए निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा की व्यवस्था की गई है। 10+2 खत्म करके अब 5+3+3+4 पद्धति लागू की जाएगी। नया सिलेवस भी तैयार हो रहा है। छठी क्लास से ही बच्चे को वोकेशनल ट्रेनिंग दी जाएगी, जिसमें गार्डनिंग, कारपेंटर, कंप्यूटर आदि की शिक्षा शामिल है। जब विद्यार्थी 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करेगा तो उसके साथ एक हुनर भी जुड़ा रहेगा। किसी कारणवश यदि वह शिक्षा आगे जारी नहीं रख पाता है तो उसके आधार पर उसे रोजगार मिलने मेंं आसानी होगी। आमतौर पर देखने में आता है कि परीक्षा परिणाम की घोषणा के साथ ही देशभर विद्यार्थियों द्वारा आत्महत्या की खबरें भी प्रमुखता से सामने आती हैं। क्योंकि वर्तमान पद्धति में बच्चे पर अधिक अंक लाने का स्कूल से लेकर घर तक दबाव होता है। कई बार जब बच्चा अच्छे अंक नहीं ला पाता तो तनाव में घातक कदम उठा लेता है। दरअसल, नई शिक्षा नीति के बाद 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षा में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। परीक्षा को ऑब्जेक्टिव और डिस्क्रिप्टिव श्रेणियों में विभाजित किया गया है। परीक्षा का उद्देश्य ज्ञान का परीक्षण होगा। इससे रटने की प्रवृत्ति दूर होगी तथा बच्चा मानसिक दबाव से भी मुक्त होगा। स्कूल में बच्चों के प्रदर्शन के आकलन के लिए रिपोर्ट कार्ड में बदलाव किया गया है। इसे तीन स्तर पर बनाया गया है, जो कि अभी तक नहीं था। एक स्तर पर स्टूडेंट खुद अपना आकलन करेगा, दूसरा सहपाठी करेगा तथा तीसरा शिक्षक करेगा। इन सबको मॉनिटर करने के लिए नेशनल असेसमेंट सेंटर भी बनाया गया है। अब बच्चे को सब्जेक्ट चुनने की पूरी आजादी रहेगी। अब यदि बच्चा चाहेगा तो वह गणित और साइंस के साथ इतिहास या फैशन डिजाइनिंग भी पढ़ सकेगा। जबकि, वर्तमान में ऐसा नहीं है। इससे साइंस और आर्ट्‍स विषय के बीच की खाई भी दूर होगी। नई शिक्षा नीति ड्रॉपआउट्‍स बच्चों के लिए भी लाभदायक साबित होगी। देश के सभी जिलों में खेल और करियर, आर्ट एंड क्रॉफ्ट के लिए 'बाल भवन' बनाए जाएंगे। जहां इस तरह की ट्रेनिंग दी जाएगी। इंजीनियरिंग की शिक्षा में कई बार ऐसा देखने में आता है कि बच्चा बीच में ही शिक्षा छोड़ देता है। ऐसे में यदि वह एक साल पूरा करता है तो उसे सर्टिफिकेट मिलेगा, जबकि दो साल पूरे होने पर डिप्लोमा मिलेगा। ग्रेजुएशन 3 और 4 साल का हो जाएगा। जिसे मास्टर कोर्स में प्रवेश लेना है अथवा शोध कार्य करना है उसे 4 साल की डिग्री करनी होगी। मास्टर डिग्री भी एक साल की हो जाएगी।


      यूजीसी, एनसीटीई और एआईसीटीई खत्म हो जाएंगी। इसके बाद एक सिंगल रेग्युलेटरी (नियामक आयोग) बन जाएगा। एडमिशन और कॉमन एंट्रेस के लिए एक ही राष्ट्रीय एजेंसी बनेगी। ऑनलाइन एजुकेशन के साथ ही शिक्षा को रोचक बनाने के लिए ऑडियो-विजुअल पर ज्यादा जोर रहेगा। सभी यूनिवर्सिटी एक ही नियम से संचालित होंगी। सेंट्रल यूनिवर्सिटी, डीम्ड यूनिवर्सिटी और स्टेंड अलोन इंस्टीट्‍यूशन अलग-अलग नियम नहीं बना सकेंगे। नई शिक्षा नीति में स्थानीय भाषा, क्षेत्रीय भाषा और राष्ट्रीय भाषा पर ज्यादा जोर रहेगा। इन्हें बढ़ावा भी मिलेगा। नई शिक्षा नीति कॉमन रहने के साथ ही अंग्रेजी की अनिवार्यता भी समाप्त हो जाएगी। हालांकि भाषाएं थोपी नहीं जाएंगी, वे विकल्प के तौर पर उपलब्ध रहेंगी। त्रिभाषा फार्मूले के तहत स्कूल के साथ ही उच्च शिक्षा में संस्कृत को चुनने का विकल्प विद्यार्थी के पास रहेगा।


नई शिक्षा नीति के लागू होने के बाद शिक्षक बनना आसान नहीं होगा। इसके बाद शिक्षकों के लिए कई तरह की लिखित परीक्षाओं के सात साक्षात्कार भी होंगे। जो शिक्षक अभी हैं उन्हें भी अलग-अलग तरह की ट्रेनिंग दी जाएंगी। स्पोर्ट्‍स, खेल, योग, मार्शल आर्ट, वागवानी जैसे कई विषयों को स्थानीय स्तर पर शिक्षकों एवं सुविधाओं की उपलब्धता के आधार पर ही शामिल किया जाएगा। शिक्षा व्यवसाय और कौशलपरक होगी तो निश्चित ही रोजगार के अवसर और ज्यादा उत्पन्न होंगे। इसके साथ ही कॉमन एंट्रेंस एक्जाम होगी, इसके लिए एक एजेंसी जिम्मेदार होगी। पेपर लीक होने की स्थिति लीपापोती नहीं हो सकेगी।


अगले 24 घंटों के दौरान केरल, तटीय कर्नाटक, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम और असम के कुछ हिस्सों में भारी बारिश होने की संभावना है।पूर्वोत्तर भारत, अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह, कोंकण गोवा, दक्षिण-पश्चिमी मध्य प्रदेश, पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा और पंजाब के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक-दो स्थानों पर भारी वर्षा के आसार हैं। उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर, गिलगित बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद, लद्दाख, झारखंड, गंगीय पश्चिम बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़, शेष मध्य प्रदेश, दक्षिणी गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, रायलसीमा, तटीय आंध्र प्रदेश, आंतरिक तमिलनाडु और लक्षद्वीप के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश होने का अनुमान है।



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