बांग्लादेश में आर्थिक मोर्चे पर बेहतर प्रदर्शन के बावजूद सत्ता के प्रति गुस्सा क्यों

 

दिल्ली: आज खत्म हो रही है मनीष सिसोदिया और के कविता की न्यायिक हिरासत

संयुक्त किसान मोर्चा आज देशभर में करेगा विरोध प्रदर्शन

गुजरात में आज से न्याय पदयात्रा निकालेगी कांग्रेस

महाराष्ट्र में आज से संवाद यात्रा निकालेगी भारतीय जनता पार्टी

बॉर्डर विवाद सुलझाने के लिए मिजोरम और असम के मंत्रियों के बीच आज बैठक

ओलंपिक जैवलिन थ्रो: नीरज चोपड़ा को सिल्वर मेडल, पाकिस्तान के अरशद नदीम ने जीता गोल्ड

ओलंपिक जैवलिन थ्रो: नीरज चोपड़ा ने आखिरी प्रयास में भी फाउल किया

ओलंपिक पदक विजेता टीम के हर खिालड़ी को 15-15 लाख का इनाम देगी हॉकी इंडिया

नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख की शपथ ली

ये जीत श्रीजेश को समर्पित, लगातार दो बार मेडल जीतना बड़ी बात: हॉकी कप्तान हरमनप्रीत

हॉकी टीम में शामिल पंजाब के खिलाड़ियों को देंगे 50-50 लाख का इनाम: भगवंत मान

हॉकी टीम के ब्रॉन्ज मेडल जीतने पर बोले PM मोदी- ये उपलब्धि पीढ़ियां याद रखेंगी

यूपी: CM योगी ने ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतने पर हॉकी टीम को दी बधाई

हर एथलीट का अपना दिन होता है, आज अरशद का दिन था: नीरज चोपड़ा.

सऊदी अरब की महिला जो सेक्स ग़ुलामी से भागकर ऑस्ट्रेलिया आईं और फिर हुईं लापता

मुंबई: भारतीय पुरुष हॉकी टीम के पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने पर भारतीय हॉकी टीम के पूर्व गोलकीपर मीर रंजन नेगी ने कहा कि हॉकी टीम के लिए यह एक अद्भुत दिन है, हमने लगातार कांस्य पदक जीते हैं जो एक है आश्चर्यजनक बात है. श्रीजेश के लिए भी यह अच्छा दिन था. उन्होंने बहुत अच्छा खेला और देश को उन पर गर्व है.

पेरिस ओलंपिक में पुरुषों के भाला फेंक में रजत पदक जीतने पर, एथलीट नीरज चोपड़ा ने कहा कि जब भी हम देश के लिए पदक जीतते हैं तो हम सभी को खुशी होती है. अब खेल में सुधार करने का समय है. बैठो, चर्चा करो और प्रदर्शन में सुधार करो. भारत ने (पेरिस ओलंपिक में) अच्छा खेला. प्रतिस्पर्धा अच्छी थी. लेकिन हर एथलीट का अपना दिन होता है, आज अरशद का दिन था. मैंने अपना सर्वोत्तम योगदान दिया, लेकिन कुछ चीज़ों पर ध्यान देने और उन पर काम करने की ज़रूरत है. हमारा राष्ट्रगान भले ही आज नहीं बजाया गया हो, लेकिन भविष्य में इसे कहीं और जरूर बजाया जाएगा.

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट किया, शाबाश नीरज! पेरिस ओलंपिक 2024 में भाला फेंक प्रतियोगिता में रजत पदक जीतने के लिए नीरज चोपड़ा को हार्दिक बधाई! यह आपके अभूतपूर्व विश्वास, लक्ष्य के प्रति अटूट समर्पण के कारण ही संभव हो पाया है. असीम उत्साह. हम सभी को आप पर गर्व है, आपकी विजय यात्रा अनगिनत युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है.

एक सवाल का जवाब देते हुए कि डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि कमला हैरिस के पिता जमैका अमेरिकी हैं, और वह ऐतिहासिक रूप से ब्लैक कॉलेज में पढ़ी थीं. हाल ही में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति और आगामी अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के लिए उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प का कहना है कि वह कैसे अश्वेत होने का निर्णय ले रही हैं, आपको यह सवाल उनसे पूछना होगा क्योंकि उन्होंने ही यह कहा था, मैंने यह नहीं कहा था. मैं उन्हें लंबे समय से जानता हूं, मैंने वास्तव में उनके अभियान में बहुत पहले योगदान दिया था, क्योंकि मैं एक डेवलपर था. मैंने बहुत सारे अभियानों में योगदान दिया, डेमोक्रेट और रिपब्लिकन में से कुछ उदारवादी थे, कुछ रूढ़िवादी थे. लेकिन आपको उनसे इसके बारे में पूछना होगा. मेरे लिए, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. लेकिन उनके दृष्टिकोण से, मुझे लगता है कि यह वास्तव में दोनों के लिए बहुत अपमानजनक है.

हरियाणा: पेरिस ओलंपिक 2024 में पुरुषों की भाला फेंक स्पर्धा में रजत पदक जीतने पर पानीपत में नीरज चोपड़ा के घर पर जश्न मनाया जा रहा है.

मुंबई शहर के एक कॉलेज द्वारा अपने परिसर में हिजाब, बुर्का और नकाब पर प्रतिबंध लगाने के मुंबई हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा.मुंबई शहर के एक कॉलेज द्वारा अपने परिसर में हिजाब, बुर्का और नकाब पर प्रतिबंध लगाने के मुंबई हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा.

 मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा.

 यूपी सरकार आज काकोरी ट्रेन एक्शन शताब्दी समारोह मनाएगी. आज सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा हरियाणा मांगे हिसाब अभियान के तहत पद यात्रा करेंगे.

बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था के बारे में हाल के वर्षों में जो बयान आए हैं,बांग्लादेश ने ग़रीबी को कम करने में टिकाऊ प्रगति की है. सतत आर्थिक विकास से इसमें मदद मिली है...ये तरक्की और विकास की एक प्रेरक कहानी है, जिसमें साल 2031 तक एक उच्च मध्य-आमदनी वाला देश बनने की आकांक्षा है.ब्रूकिंग्स इंस्टीट्यूशन: बांग्लादेश हाल के वर्षों में एशिया की सबसे उल्लेखनीय और अप्रत्याशित सफलता वाली कहानियों में से एक है.बांग्लादेश सरकार: हम दुनिया की सबसे तेज़ गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक हैं. एक दशक से अधिक समय से तेज़ी से विकास करते हुए बांग्लादेश अगला एशियन टाइगर बनने की राह पर है.एशियाई विकास बैंक: बांग्लादेश साल 2026 में सबसे कम विकसित देशों के समूह से आगे बढ़ने की राह पर है, लेकिन इस बदलाव में चुनौतियां भी हैं.बांग्लादेश में शेख़ हसीना की सरकार साल 2009 से सत्ता में थी. अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर नई ऊंचाइयों का श्रेय काफ़ी हद तक इसी सरकार को जाता है.लेकिन बीते कुछ दिनों में बांग्लादेश के नाटकीय घटनाक्रम ने एक सवाल को जन्म दिया है और वो सवाल यह है कि आर्थिक मोर्चे पर बेहतर प्रदर्शन के बावजूद सत्ता के प्रति लोगों में गुस्सा क्यों था.वो कौन से राजनीतिक सबक हैं, जो बांग्लादेश के इस घटनाक्रम से लिए जा सकते हैं?  इस सरकार के आर्थिक प्रदर्शन को कोविड से पहले और कोविड के बाद, मोटे तौर पर दो हिस्सों में रखूंगा. हां ये सच है कि इस सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था में सुनहरे दौर की शुरूआत की है. ग़रीबी उन्मूलन का काम जारी था, निवेश आ रहा था और विकास की दर भी बढ़ रही थी. लेकिन अर्थव्यवस्था के साथ ढांचागत दिक्कतें हैं, जैसे डिफॉल्ट लोन रेट ज्यादा है और टैक्स बेस बहुत कम है.इन वर्षों में सरकार की अपनी राजनीतिक वैधता कम होती गई. इसमें चुनावों और विपक्ष पर हमला करने के लिए सत्ता के दुरुपयोग के आरोप भी शामिल हैं. फिर भी, चूंकि अर्थव्यवस्था अच्छा कर रही थी, लोग उतने नाराज़ नहीं थे. वैसे एक तथ्य ये भी है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के मुताबिक़, बांग्लादेश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) कुछ वर्षों के लिए भारत से भी अधिक हो गया था. इस ट्रेंड में हालिया समय में ही बदलाव आया है. यहां तक कि जब कोविड का दौर आया, तब भी इस सरकार का प्रदर्शन बहुत बुरा नहीं था. तब काम इस तरह से किया गया कि समाज के साथ-साथ वैक्सीनेशन प्रोग्राम को भी आर्थिक पैकेज मिला. ये सब बख़ूबी हुआ और सरकार को इसका श्रेय भी मिला.ये साल 2021 के आख़िर और साल 2022 के शुरुआत का समय था, जब महामारी का दौर अपने ख़ात्मे की ओर बढ़ने के बावजूद आर्थिक संकेतक गति नहीं पकड़ रहे थे. महंगाई बढ़ी हुई थी और निर्यात भी अच्छा नहीं हो रहा था.इस दौरान बांग्लादेश का विदेशी मुद्रा भंडार कम होता जा रहा था और रोज़गार के अवसर घटते जा रहे थे.सरकार इसके लिए रूस-यूक्रेन संकट को ज़िम्मेदार बता रही थी. लेकिन लोगों को सरकार की ये बात जंची नहीं, ख़ासतौर पर तब, जब रोज़मर्रा की ज़रूरी चीज़ें महीने-दर-महीने महंगी हो रही थीं. एक तरफ़ जहां सरकार अपनी राजनीतिक वैधता खो रही थी, उसी दौरान आर्थिक प्रदर्शन से उसे जो मजबूती मिली थी, वही मजबूती अब ख़त्म होती जा रही थी और छात्र आंदोलन आरंभ होने के पीछे ये एक प्रमुख वजह थी.”कोविड महामारी से पहले, 'मूडीज़' ने बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था को श्रीलंका के साथ एशिया प्रशांत क्षेत्र में ‘नेगेटिव’ की श्रेणी में रखा था. बांग्लादेश के आर्थिक मॉडल की अपनी सीमाएं थीं और वो अपनी ‘सीमा’ पर पहुंच गया था.बांग्लादेश के विकास की कहानी में खपत की अहम भूमिका थी. देश के कपड़ा उद्योग और विदेशों में रहने वाले अपने नागरिकों की तरफ़ से आने वाले धन से  पेमेंट क्राइसिस से बचने में मदद मिली.लेकिन इकॉनमी में इससे मिलने वाली मदद की भी सीमाएं थीं और हम उस सीमा तक पहुंच चुके थे. जहां तक इकॉनमी में निवेश और रोज़गार के अवसर पैदा करने की बात थी, तो ऐसा वाकई कभी हुआ नहीं. अधिकतर जॉब, इनफॉर्मल सेक्टर में थे.क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों पर ग़ौर करने से पता चलेगा कि वो बांग्लादेश की रेटिंग ‘लगातार कम’ करते जा रहे थे.सितंबर 2023 में रेटिंग एजेंसी फ़िच ने बांग्लादेश की लांग-टर्म फॉरेन करेंसी रेटिंग को डिफॉल्ट से नेगेटिव में बदल दिया था. इससे पता चलता है कि बांग्लादेश पर बाहरी झटकों का जोखिम बढ़ता जा रहा था.इसी साल जून में क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फ़िच ने बांग्लादेश की रेटिंग बी पॉजिटिव से बीबी नेगेटिव कर दी थी, जिससे पता चलता है कि देश का ‘एक्सटर्नल बफ़र्स’ कमज़ोर हुआ है, जो हालिया नीतिगत सुधारों के बावजूद चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है.इससे बांग्लादेश की हालत और नाज़ुक हुई. साल 2022 से जो नीतिगत फ़ैसले लिए गए, वो फॉरेन एक्सचेंज रिज़र्व में गिरावट को रोकने के लिए काफी नहीं थे.बांग्लादेश के लोगों की हालत का ज़िक्र करते हुए कहते हैं, “यहां महंगाई बढ़ी, लोकल करेंसी की कीमत बुरी तरह गिरी, जिससे आयात बहुत महंगा पड़ने लगा.बीते कुछ साल में बांग्लादेश का कर्ज़ तीन गुना बढ़ गया और कमज़ोर करेंसी से उसकी मुश्किलें और बढ़ती ही चली गईं. सोशल सेफ्टी नेट के तौर पर भारत में सार्वजनिक वितरण प्रणाली है. लेकिन यहां बांग्लादेश में इस मामले में राजनीति होती है. यहां जिन लोगों को लाभ मिलता है, वो राजनीति की वजह से मिलता है. उसके लिए आर्थिक और सामाजिक ज़रूरतों पर विचार करना ज़रूरी नहीं होता. तो जब यहां देश की आमदनी नहीं बढ़ रही थी, तो उस हालात में मदद करने की क्षमता भी नहीं बढ़ रही थी. बांग्लादेश में आबादी का बड़ा हिस्सा युवाओं का है. सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि बांग्लादेश की 45 प्रतिशत आबादी 24 साल से कम उम्र की है.इसी तरह 70 प्रतिशत आबादी 40 साल से कम उम्र की है. लगभग 23 लाख युवा हर साल रोज़गार की तलाश में निकल पड़ते हैं.आबादी में युवाओं की इस भागीदारी का हमें लाभ मिलना चाहिए, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. इससे कई युवाओं को लगने लगा कि इस देश में उनका कोई भविष्य है भी या नहीं. ऐसे में जिन युवाओं ने देश छोड़ा, वो शायद ही कभी वापस आना चाहेंगे. बांग्लादेश में जिन दो विश्लेषकों से हमने बात की, उन दोनों ने ही देश में विरोध-प्रदर्शनों की एक और वजह बताई. कुछ लोन डिफॉल्टर्स अपने लोन का स्वरूप बदलवाते रहे. भ्रष्टाचार चरम पर था और देश का धन, विदेशों में ले जाने के बारे में मीडिया की ख़बरों से लोगों का गुस्सा और बढ़ गया. बांग्लादेश में छात्रों के विरोध प्रदर्शन ने शेख़ हसीना को इस्तीफ़ा देने पर मजबूर किया.संसाधनों का लाभ देश के लोगों को नहीं, बल्कि शक्तिशाली व्यक्तियों को मिल रहा था. हमने क़ानून बनाने वालों और पैसा बनाने वालों के बीच वो तालमेल देखा, जो नहीं होना चाहिए था. फिर जनवरी 2023 में काफ़ी बातचीत के बाद अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष बांग्लादेश को 4.7 अरब डॉलर की आर्थिक मदद देने पर राज़ी हुआ, ताकि देश की वित्तीय सेहत को और ख़राब होने से बचाया जा सके.विश्लेषकों का कहना है कि देश की अर्थव्यवस्था में सुधार के इरादे से किए गए इन उपायों से अभी तक वांछित परिणाम नहीं मिले है.लेकिन बदलाव के कुछ संकेत फिर भी नज़र आते हैं.बीते सोमवार को ढाका स्टॉक एक्सचेंज मार्केट में 3.77 प्रतिशत की बढोत्तरी दर्ज हुई जो बीते तीन साल में सर्वाधिक है. चिटगांव स्टॉक एक्सचेंज भी यही रुझान देखने को मिला.जानकारों की नज़र में इसकी वजह ये है कि नई उम्मीद जागी है और बेहतर प्रशासन की संभावनाएं दिख रही हैं.

राजनीतिक अस्थिरता के बीच, अंतरिम सरकार के कार्यवाहक के तौर पर नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस आज शपथ ग्रहण करेंगे। बांग्लादेश सेना के प्रमुख वकर-उज-जमान ने मुहम्मद यूनुस के शपथ ग्रहण की जानकारी दी है। यह कोई पूर्णकालिक सरकार नहीं है, बल्कि अस्थायी तौर पर काम करेगी। हालांकि, इस अंतरिम सरकार को लेकर अभी कई संवैधानिक सवाल भी खड़े होने लगे हैं। पहले ऐसी सरकार चलाने के लिए संविधान में संशोधन करना पड़ गया था।  आरक्षण के मुद्दे पर जारी छात्र आंदोलन के बीच 5 अगस्त को प्रधानमंत्री शेख हसीना ने राष्ट्रपति को इस्तीफा देकर देश छोड़ दिया। इस बीच, सेनाध्यक्ष जनरल वकार-उज-जमान ने देश को चलाने के लिए अंतरिम सरकार के गठन की घोषणा की।बांग्लादेश के संविधान के अनुच्छेद 57 में कहा गया है कि यदि प्रधानमंत्री ने इस्तीफा दे दिया है तो कैबिनेट के दूसरे मंत्रियों, राज्य मंत्रियों और उप-मंत्रियों का भी इस्तीफा माना जाता है। इसका मतलब है कि कैबिनेट भंग हो चुकी। 

पिछले 24 घंटों के दौरान, विदर्भ और पूर्वी मध्य प्रदेश में मध्यम से भारी बारिश हुई।उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, तटीय कर्नाटक, गोवा, उत्तर-पूर्व राजस्थान और दक्षिण-पश्चिम मध्य प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक-दो स्थानों पर भारी बारिश हुई।तटीय महाराष्ट्र, केरल, पूर्वोत्तर भारत, बिहार, पूर्वी राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर, दिल्ली, हरियाणा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तमिलनाडु, केरल, लक्षद्वीप, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में हल्की से मध्यम बारिश हुई। ।सौराष्ट्र और कच्छ, पंजाब, पश्चिम राजस्थान और आंतरिक कर्नाटक में हल्की बारिश हुई।अगले 24 घंटों के दौरान, पूर्वोत्तर राजस्थान, छत्तीसगढ़, पूर्वी मध्य प्रदेश, असम और अरुणाचल प्रदेश में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है।दिल्ली, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, कोंकण, गोवा और तटीय कर्नाटक में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है।अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, तमिलनाडु, आंतरिक कर्नाटक, लक्षद्वीप, पंजाब, गुजरात, पूर्वोत्तर भारत, ओडिशा, तेलंगाना और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में हल्की से मध्यम बारिश संभव है।सौराष्ट्र के कच्छ और पश्चिमी राजस्थान में हल्की बारिश संभव है।


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