दुष्कर्म पीड़िता को इंस्पेक्टर ने 5 घंटे दौड़ाया, निलंबित.

 

आज दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन जाएंगी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

प्रधानमंत्री मोदी पुणे में आज अंडरग्राउंड मेट्रो का उद्घाटन करेंगे

आज हरियाणा के सोनीपत में रैली करेंगे प्रधानमंत्री मोदी

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज जम्मू में करेंगे चार रैलियां

पूजा खेडकर की गिरफ्तारी पर लगी रोक आज खत्म होगी

MCD स्टैंडिंग कमेटी की बची एक सीट पर आज हो सकता है चुनाव

हरियाणा चुनाव के लिए पीएम मोदी आज दिल्ली में बीजेपी कार्यकर्ताओं से बात करेंगे

पुणे में भारी बारिश, जारी हुआ ऑरेंज अलर्ट

पटना: हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के पूर्व निदेशक डॉ. संजय कुमार जेडीयू में हुए शामिल

बेंगलुरु महालक्ष्मी मर्डर केस: आरोपी मुक्ति रंजन ने ओडिशा में सुसाइड किया

इजराइली हमले में बुधवार को 51 लोगों की हुई मौत, 223 घायल: लेबनान के स्वास्थ्य मंत्री 

 मुंबई में बारिश के कारण 14 फ्लाइट डायवर्टभारी बारिश के कारण बुधवार को मुंबई में हवाई अड्डे पर आने वाली 14 उड़ानों का मार्ग परिवर्तन करना पड़ा और उन्हें अन्य हवाई अड्डों पर उतारना पड़ा। हवाई अड्डे के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि मार्ग परिवर्तन के बाद सात विमानों को हैदराबाद, चार को अहमदाबाद, दो को गोवा के मोपा हवाई अड्डे तथा एक को उदयपुर में उतरने का निर्देश दिया गया है।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा आज छत्तीसगढ़ जाएंगे. नड्डा कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में प्रदेश की भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, पूरे मंत्रिमंडल के सदस्यों, विधायक, सांसदों के साथ सभी जनप्रतिनिधियों और प्रदेश संगठन के साथ बैठक करेंगे.

मुंबई के अंधेरी, विलेपार्ले, बांद्रा समेत कुर्ला, घाटकोपर, वर्ली सहित कई इलाकों में जोरदार बारिश हो रही है. इसके चलते आज मुंबई में कई इलाकों में स्कूल-कॉलेज बंद रहेंगे.

दुष्कर्म पीड़िता की एफआईआर के लिये पांच घंटे तक दौड़ाने के मामले में इंस्पेक्टर निलंबित. पुलिस कमिश्नर लखनऊ ने सरोजनीनगर में दुष्कर्म पीड़िता छात्रा व उसके परिजनो को एफआईआर के लिये पांच घंटे तक दौड़ाने के मामले में सरोजनी नगर के अतिरिक्त इंस्पेक्टर अनवर अहमद को निलंबित कर दिया गया. इसके साथ ही प्रभारी निरीक्षक की भूमिका पर भी जांच के निर्देश दिये हैं.उत्तर प्रदेश के लखनऊ में गैंगरेप पीड़िता के साथ जो कुछ हुआ, उसने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर दिया है। दरअसल, लखनऊ के सरोजनीनगर इलाके में पांचवीं कक्षा की छात्रा का अपहरण कर लिया गया। मुस्लिम युवकों ने छात्रा को होटल में ले जाकर गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया। पुलिस ने इस मामले में संवेदनहीनता की सारी सीमाएं लांघ दी। इस मामले में पुलिस सीमा विवाद में उलझी रही। कृष्णानगर और सरोजनीनगर पुलिस दर्द से परेशान गैंगरेप पीड़िता और उसके परिवारीजनों को पांच घंटे तक एक जगह से दूसरी जगह तक दौड़ाती रही। अब लखनऊ पुलिस के इस व्यवहार की जमकर आलोचना कर रही है।गैंगरेप पीड़िता और परेशान परिवार के लोग कृष्णानगर और सरोजनीनगर थाने के चक्कर काटते रहे। रात करीब 11 बजे एसीपी कृष्णानगर विनय द्विवेदी को मामले की जानकारी हुई। उन्होंने दोनों थाना प्रभारियों को जमकर फटकार लगाई। इसके बाद पुलिस हरकत में आई। सरोजनीनगर थाने में देर रात 1:32 बजे आरोपी दानिश और आमीन के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। सुबह 3 बजे पीड़ित परिवार को एफआईआर की कॉपी दी गई।लखनऊ पुलिस की संवेदनहीनता इस मामले में इसके बाद भी जारी रही। केस दर्ज होने के बाद मंगलवार सुबह 9:30 बजे मेडिकल जांच के लिए पीड़िता और उसके परिवार के लोगों को थाने बुला लिया। दोपहर दो बजे तक मेडिकल नहीं कराया। पीड़ित छात्रा की मां ने बताया कि बेटी सुबह स्कूल गई थी। दोपहर एक बजे बेटी स्कूल से घर आ रही थी। इस बीच रास्ते में कार सवार दानिश और आमीन ने उसे रोका। उसका बैग छीन लिया। बेटी बैग मांगने लगी तो नहीं दिया। इसके बाद उसे कार में खींचकर डाल लिया। बेटी को कृष्णानगर स्थित एक होटल में ले गए। होटल में ले गए। होटल में आमीन बैग लेकर नीचे उतरा और अंदर चला गया। बेटी बैग मांग रही थी। दानिश ने बच्ची से कहा कि बैग लेना है तो अंदर चलो। बैग देने के बहाने कमरे में ले गया। दोनों ने बच्ची को बंधक बनाकर दुष्कर्म किया। मोबाइल में अश्लील वीडियो बना लिया। पुलिस में शिकायत करने पर इंटरनेट पर वीडियो वायरल करने की धमकी दी। बेटी को बदहवास हालत में कार में डाला और उसे छोड़कर चले गए। शाम करीब 4:30 बजे बेटी के पिता काम से लौटे तो उन्हें बेटी बदहवास स्थिति में मिली। उसने कांपते हुए सारी घटना बताई। पीड़िता के पिता ने उसकी मां को बुलाया। बेटी को लेकर शाम करीब 5 बजे सरोजनीनगर थाने पहुंचे। परिवार से वहां पूछताछ हुई। इसके बाद कह दिया गया कि घटना कृष्णानगर का है। केस वहीं दर्ज होगा। रात 9 बजे वे कृष्णानगर थाने पहुंचे। पुलिसकर्मियों ने घटनास्थल सरोजनीनगर का बताया और वापस भेज दिया। पीड़ित परिवार को कहा कि इंस्पेक्टर साहब हैं नहीं। आफिस के बाहर लगी एसीपी विनय द्विवेदी के मोबाइल नंबर को लेकर पीड़ित परिवार ने कॉल किया। उनको घटना की जानकारी दी।एसीपीको शाम पांच बजे से दोनों थानों की दौड़ लगाए जाने के बारे में बताया। एसीपी ने कहा कि परेशान न होने और मुकदमा दर्ज कराने की बात कही। एसीपी के आदेश पर एक पुलिसकर्मी उन्हें लेकर रात करीब 11 बजे सरोजनीनगर थाने लेकर पहुंचा। थाने में एक बार फिर पूछताछ हुई और उन्हें बैठा दिया। देर रात आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया।छात्रा की मां का आरोप है कि स्कूल आते-जाते समय पहले भी कई बार दानिश बेटी को परेशान कर चुका था। किसी से शिकायत करने पर धमकी देता था। बेटी ने एक बार कहा था कि दानिश और उसके घर के लोग दबंग प्रवृत्ति के हैं। इसलिए डर में पुलिस में शिकायत नहीं की। डीसीपी दक्षिणी केशव कुमार ने बताया कि मंगलवार दोपहर सरोजनीनगर पुलिस ने आरोपित दानिश और आमीन को अरेस्ट कर लिया गया है। दोनों से पूछताछ की जा रही है। वहीं, घटनास्थल होटल के अंदर और बाहर की सीसीटीवी फुटेज पुलिस ने जब्त कर ली है। आरोपितों के खिलाफ सबूत जुटाए जा रहे हैं।

हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी आज से प्रचार की शुरुआत करेंगे. राहुल गांधी ने हरियाणा विधानसभा के आखिरी दौरे में पहुंचने पर प्रचार में एंट्री ली है. ऐसे में उनके चुनावी जनसभाओं पर सभी की नजरें टिकी हैं.

केंद्रीय चुनाव आयोग के अधिकारी आज मुंबई जाएंगे. इसके बाद वो 27 सितंबर को कई राजनीतिक पार्टियों और विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे. वहीं 28 को सभी जिला कलेक्टर और एसपी के साथ बैठक में शामिल होंगे. इसके बाद चुनाव आयोग के अधिकारी 28 सितंबर की शाम साढ़े 4 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दिल्ली में हरियाणा चुनाव के लिए लंबे समय से भाजपा के लिए काम करने वाले कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे. पीएम इन कर्मचारियों और कार्यकर्ताओं से उनका हालचाल जानेंगे और कार्यालय की सभी गतिविधियों की भी जानकारी भी लेंगे.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 26 सितंबर को महाराष्ट्र के पुणे का दौरा करेंगे. शाम करीब 6 बजे वे जिला न्यायालय मेट्रो स्टेशन से जिला न्यायालय से स्वर्गेट, पुणे तक चलने वाली मेट्रो ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे. इसके बाद शाम करीब 6:30 बजे वे 22,600 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन, शिलान्यास और राष्ट्र को समर्पित करेंगे.

अजित ने बताया है कि साल 2019 में जिस पार्टी ने जितनी सीटें जीती थीं, उसके आधार पर सीट बंटवारा होगा। उन्होंने कहा, 'भाजपा ने जिन सीटों पर 2019 में जीत हासिल की थी, उनपर वह लड़ेगी। ऐसा ही एनसीपी और शिवसेना के लिए होगा। ऐसे में सीट शेयरिंग फॉर्मूला 200 सीटों पर साफ है।'

विधवा को मेकअप की क्या जरूरत, पटना हाईकोर्ट की इस बात पर भड़का सुप्रीम कोर्ट; लगाई फटकार. पीठ ने अपने फैसले में कहा, 'हमारे विचार में, उच्च न्यायालय की टिप्पणी न केवल कानूनी रूप से असमर्थनीय है, बल्कि अत्यधिक आपत्तिजनक भी है। इस प्रकार की व्यापक टिप्पणी कानून की अदालत से अपेक्षित संवेदनशीलता और तटस्थता के अनुरूप नहीं है…।

पाकिस्तान की इंफ्लुएंसर से मिलने जा रहा था कश्मीरी युवक, गूगल मैप से पहुंचा गुजरात; पकड़ा गया. शेख को लगा था कि वह कच्छ सीमा के रास्ते कानूनी रूप से पाकिस्तान में प्रवेश कर सकता है और इसलिए उसने अधिकारियों से अनुमति प्राप्त करने के लिए स्थानीय निवासियों से सहायता मांगी।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी को हुए ज़मीन आवंटन के मामले में हाई कोर्ट के फ़ैसले ने पार्टी नेताओं को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से भी ज़्यादा दुविधा में डाल दिया है.इसमें कोई संदेह नहीं है कि इससे सिद्धारमैया की बेदाग़ छवि को झटका लगा है.लेकिन इससे ओबीसी नेता के तौर पर उनके कद को देखते हुए एक संगठन के तौर पर पार्टी पर इसके दूरगामी असर को राजनीतिक विश्लेषक खारिज नहीं कर रहे हैं.पार्टी हलकों में यह अच्छी तरह से समझा जाता है कि उनका शीर्ष नेतृत्व फिलहाल मौजूदा हालात को बिगाड़ने के लिए इस मुद्दे पर कुछ नहीं करने वाला है.कर्नाटक में जस्टिस एम नागप्रसन्ना के फ़ैसले के साथ ही इस मुद्दे पर कानूनी लड़ाई अभी शुरू हुई है और सिद्धारमैया को क्लीन चिट पाने के लिए लंबी कानूनी प्रक्रिया का सामना करना है.लेकिन अब यह सवाल भी है कि पार्टी आलाकमान कब तक विपक्षी बीजेपी और जेडीएस की ओर से सिद्धारमैया की छवि ख़राब करने की कोशिश को नाकाम कर पाएगा.इससे एक नेता के तौर पर सिद्धारमैया की पूरी छवि को नुकसान पहुंचा है. यही कांग्रेस पार्टी की दुविधा होगी.उसे संभालना कठिन हो सकता है और अगर सुप्रीम कोर्ट का रुख़ भी हाई कोर्ट की तरह होता है तो यह उन्हें एक बोझ बना देगा. इस घटना से उनकी राजनीतिक पकड़ भी कमजोर हो गई है.''मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी बीएम पार्वती को 14 जगहों पर प्लॉटों का आवंटन किया था.प्राधिकरण ने कथित तौर पर उनकी 3.16 एकड़ ज़मीन पर अवैध तौर पर कब्जा कर लिया था. यह ज़मीन उनके भाई बीएम मल्लिकार्जुनस्वामी ने 20 साल पहले तोहफे में दी थी.इस मामले पर कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17 ए और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 218 के तहत उनके ख़िलाफ़ जांच की मंज़ूरी दी थी.सिद्धारमैया ने इस जांच की मंज़ूरी पर सवाल उठाया था और इसके ख़िलाफ़ हाईकोर्ट में अपील की थी. हालाँकि हाई कोर्ट ने उनके ख़िलाफ़ केवल जांच की अनुमति दी है, उनपर मुक़दमा चलाने की नहीं.कानूनी जानकारों ने इस फ़ैसले पर सवाल भी खड़े किए हैं. सबसे पहले यह फ़ैसला अपनी पत्नी को ज़मीन आवंटन कराने में मुख्यमंत्री की मिलीभगत की पुष्टि करने के लिए “साक्ष्य” पेश करने में नाकाम रहा है.क़ानूनी मामलों जानकार, वकील और 'विधि सेंटर फ़ॉर लिगल पॉलिसी' के सह संस्थापक आलोक प्रसन्ना कुमार ने बीबीसी हिंदी को बताया, “कोई भी जांच ओपन-एंडेड नहीं हो सकती. फ़ैसले में मुख्य तौर पर जो बिंदु गायब है, वह यह है कि इसमें मुख्यमंत्री की सीधी भूमिका की ओर इशारा नहीं है.सिद्धारमैया साल 1996 और 1999 के बीच और फिर साल 2004-2005 तक कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री थे. वो साल 2009 और साल 2013 में विपक्ष के नेता भी रहे हैं.उसके बाद साल 2013 से 2018 के बीच और फिर मौजूदा समय में वो साल 2023 से वो कर्नाटक के मुख्यमंत्री हैं.कर्नाटक हाई कोर्ट के जस्टिस नागप्रसन्ना ने कहा है, “यदि घटना के लिंक या इसकी कड़ियों पर ध्यान दें तो इसमें जोड़ने के लिए कुछ है. यह वह कनेक्शन है जिसके लिए कम से कम पूछताछ या जांच की ज़रूरत होगी.”जस्टिस नागप्रसन्ना के मुताबिक़, "मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं क्योंकि याचिकाकर्ता की पत्नी के पक्ष में 14 सेल डीड रजिस्टर होने के तुरंत बाद ही, एमयूडीए के कमीश्नर को दिशा-निर्देश तैयार होने तक मुआवज़े के तौर पर दिए जाने वाले प्लॉट के आवंटन को रोकने के निर्देश दिए गए.''प्रसन्ना कुमार कहते हैं, “यह मानते हुए कि इसमें कोई अपराध हुआ है, इसमें जांच के आदेश देना ठीक है. लेकिन इस मामले में यह दिखाने के लिए कोई सबूत नहीं है कि मल्लिकार्जुनस्वामी ने अपने बहनोई सिद्धारमैया के नाम का इस्तेमाल एक एहसान हासिल करने के लिए किया, ताकि वह अपनी बहन पार्वती को जमीन उपहार में दे सकें,यह 2जी घोटाले जैसा है. इसे हर किसी ने घोटाला, घोटाला कहा और सात साल बाद यह साबित हो गया कि राज्य के खजाने को कोई नुक़सान नहीं हुआ और सभी को बरी कर दिया गया. वे एक भी बात साबित नहीं कर पाए जस्टिस नागप्रसन्ना ने यह भी कहा कि, ''संविधान के अनुच्छेद 163 के तहत मंत्रिपरिषद की सलाह लेना राज्यपाल का कर्तव्य है. लेकिन वो असमान्य हालात में स्वतंत्र फ़ैसला ले सकते हैं. राज्यपाल के विवादित आदेश में स्वतंत्र विवेक का प्रयोग करने में कोई कसूर नहीं निकाला जा सकता है.''सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े ने बताया कि यह फैसला मैसूर शहर में नुक़सान की भरपाई के लिए दी गई ज़मीन का विस्तृत विश्लेषण कर, संवैधानिक प्रावधानों के सवालों से निपटने के मुद्दे से दूर चला गया है.. मूल रूप से संवैधानिक प्रावधानों में सवाल अधिक सीमित था कि क्या राज्यपाल ने कैबिनेट की सलाह के बावजूद इसके ख़िलाफ़ जाकर, मुख्यमंत्री को छोड़कर अपने विवेक से काम किया था.इस फ़ैसले के 'तर्क' में खामी है. उनका निष्कर्ष दोषपूर्ण है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने जो कहा है वह यह है कि यदि कैबिनेट ने कोई सलाह दी है, तो यह मानना आमतौर पर राज्यपाल के लिए बाध्यकारी है. सिवाय इसके कि जब यह पूरी तरह से ग़लत हो. इन निष्कर्षों को देखते हुए यदि इन्हें अपील में रद्द नहीं किया जाता है, तो यह जांच करने वालों की सोच को प्रभावित करेगा. जांच अधिकारी और ट्रायल कोर्ट, हाई कोर्ट के फ़ैसले का असर महसूस करेंगे. उन्हें यह भी लग सकता है कि वे उच्च न्यायालय के फैसले के ख़िलाफ़ नहीं जा सकते . अगर इस फ़ैसले को कायम रहने दिया गया तो यह एक बड़ा झटका होगा.कानून के जानकार ये अंदाज़ा नहीं लगा पा रहे हैं कि सारी कानूनी प्रक्रिया में कितना वक़्त लगेगा. लेकिन राजनीतिक टीकाकारों को लगता है कि एक तरफ़ कांग्रेस और सिद्धारमैया के बीच खींचतान और दूसरा विपक्ष के साथ रस्साकशी आने वाले हफ़्तों में और बढ़ेगी.अदालत का फ़ैसला आने के तुरंत बाद सिद्धारमैया ने ख़ुद कहा था, "ये लोग अपने दम पर कभी भी सरकार नहीं बना पाए हैं. बीजेपी ने हमेशा धनबल और ऑपरेशन लोटस का इस्तेमाल किया है. सिद्धारमैया कुरुबा समुदाय से आते हैं. यह कर्नाटक में सबसे बड़ा ओबीसी समुदाय है.अगर सिद्धरमैया को हटाया गया तो सवाल यही होगा कि क्या पार्टी एकजुट रह पाएगी. लेकिन अगर अदालत ने सीबीआई को जांच करने के लिए कहा तो पार्टी सिद्धारमैया का साथ देगी.पार्टी हमेशा उनके साथ खड़ी रही है. लेकिन अगर उन्हें हटाया गया तो कांग्रेस के लिए कुरुबा जैसे समुदाय का समर्थन बचा पाना मुश्किल होगा.

मॉनसून अब वापसी की राह पर है। ऐसे में दिल्ली-एनसीआर समेत कई राज्यों में गर्मी-उमस का दौर फिर शुरू हो गया है। हर किसी के मन में यही सवाल है कि क्या अब बारिश होगी या नहीं। मौसम विभाग के मुताबिक, गर्मी-उमस से बेहाल लोगों को थोड़ी राहत मिल सकती है। दिल्ली-एनसीआर समेत यूपी, राजस्थान, ओडिशा, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में कल यानी 26 सितंबर को बारिश का अनुमान है। उत्तरी कर्नाटक, तटीय आंध्र प्रदेश समेत कई और जगहों पर भी बारिश हो सकती है। अगले दो दिनों में कोंकण और गोवा, गुजरात क्षेत्र, मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा में व्यापक रूप से हल्की से मध्यम वर्षा होने का अनुमान है।



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