कानपुर कालिंदी एक्सप्रेस आतंकी साजिश का शक

 

US प्रेसिडेंट चुुनावः आज पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस के बीच होगा डिबेट का पहला मुकाबला

हॉलीवुड अभिनेता और 'स्टार वार्स' में डार्थ वाडर की आवाज रहे जेम्स अर्ल जोन्स का 93 वर्ष की आयु में निधन

NSA अजीत डोभाल का मॉस्को दौरा आज से, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से करेंगे मुलाकात

पाकिस्तान: पीटीआई सांसद और पार्टी अध्यक्ष गौहर खान नेशनल असेंबली से गिरफ्तार

आज से कार्यकर्ता संवाद पर निकलेंगे तेजस्वी यादव, समस्तीपुर से होगी यात्रा की शुरुआत

कोलकाता की विशेष CBI कोर्ट में आज डॉ. संदीप घोष और अन्य 3 आरोपियों की होगी पेशी

J-K विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने जारी की तीसरी सूची, 19 उम्मीदवार उतारे

चंडीगढ़: पंजाब सरकार की नीतियों के खिलाफ SAD का धरना आज से

हरियाणा BJP कोर ग्रुप की अमित शाह के घर बैठक, बची हुई विधानसभा सीटों को लेकर हुआ मंथन

झारखंड पुलिस परीक्षा: फिजिकल टेस्ट में जान गंवाने वाले अभ्यर्थी के परिवार से मिले सीएम हिमंत बिस्वा सरमा

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को फिर से संसदीय राजभाषा समिति का अध्यक्ष चुना गया

नमकीन पर GST दरें 18% से घटाकर 12% की जाएंगी, जीएसटी काउंसिल की बैठक में कई अहम फैसले

भारत में एमपॉक्स के पहले मामले की हुई पुष्टि

कालिंदी एक्सप्रेस ट्रेन को डिरेल करने की कोशिश: जांच के लिए NIA की 5 सदस्यीय टीम रवाना

AAP नेता अमानतुल्लाह खान को 23 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दिन BJP ऑफिस पर हमले की तैयारी में था ISIS: NIA की चार्जशीट से खुलासा

सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ेगी AAP- हरियाणा AAP अध्यक्ष सुशील गुप्ता का ऐलान

मणिपुर: इंफाल में गवर्नर हाउस के पास भारी विरोध प्रदर्शन, छात्रों ने गवर्नर हाउस तक मार्च किया

'विनेश फोगाट के राजनीति में आने से मैं नाखुश', बोले- ताऊ महावीर फोगाट

दिल्ली सरकार ने 1 जनवरी 2025 तक पटाखों के उत्पादन, बिक्री पर लगाई रोक

मंगलवार से किसान न्याय यात्रा शुरू करेगी मध्य प्रदेश कांग्रेस

पाकिस्तान: पीटीआई सांसद और पार्टी अध्यक्ष गौहर खान नेशनल असेंबली से गिरफ्तार

ईरान समर्थित हिज़्बुल्लाह की दक्षिणी लेबनान में मज़बूत पैठ है. हिज़्बुल्लाह के दो धड़े हैं- सैनिक और राजनीतिक.इसराइल, पश्चिमी देश और ग़ल्फ को-ऑपरेशन काउंसिल या खाड़ी सहयोग परिषद हिज़्बुल्लाह को 'आतंकवादी संगठन' घोषित कर चुके हैं.सात अक्तूबर 2023 को हमास ने इसराइल पर हमला किया था. जवाब में इसराइल ने ग़ज़ा में सैन्य कार्रवाई शुरू की थी.इसके बाद से ही हिज़्बुल्लाह ने इसराइल और लेबनान सीमा पर अपनी सैन्य गतिविधियां तेज़ की थीं.27 जुलाई को गोलान पहाड़ी इलाके में एक फ़ुटबॉल मैदान पर हुए रॉकेट हमले में 12 बच्चे और युवा मारे गए थे.इसके बाद अटकलें शुरू हुईं कि क्या निशाना चूकने की वजह से यह रॉकेट रिहायशी इलाके पर गिरे? दूसरा सवाल यह कि उन्हें किसने दागा था? आशंका जताई गई कि इसे ईरान की शह पर चलने वाले संगठन हिज़्बुल्लाह ने दागा था. हालांकि हिज़्बुल्लाह ने इसका खंडन किया.एक सवाल बार बार उठ रहा है कि हिज़्बुल्लाह क्या हासिल करना चाहता है? क्या उसके हमलों का मक़सद ग़ज़ा के फ़लस्तीनियों के प्रति समर्थन दिखाना है या वो मध्य पूर्व में इसराइली सेना के कई मोर्चों पर फँसे होने का फ़ायदा उठाना चाहता है?1970 के दशक के आख़िरी सालों में हिज़्बुल्लाह एक सैन्य शक्ति के रूप में उभरने लगा था. उस समय पीएलओ या फ़लस्तीन मुक्ति संगठन के चरमपंथियों ने लेबनान से इसराइल पर रॉकेट हमले करना शुरू किया था.1978 में ऐसे ही एक हमले में इसराइल की एक बस को निशाना बनाया गया जिसमें 38 इसराइली लोग मारे गए.इसके बाद जवाबी कार्रवाई करते हुए इसराइली सेना लेबनान में घुस गई.इस बारे में हमने औरेली डहेर से बात की. डहेर पेरिस डौफ़िन यूनिवर्सिटी में राजनीति शास्त्र की असोसिएट प्रोफ़ेसर हैं.इसराइली कार्रवाई के बारे में उनका मानना है कि उस समय पीएलओ के अधिकांश विद्रोही दक्षिणी लेबनान से इसराइल के उत्तरी इलाकों को निशाना बनाते थे.“तीन महीने तक चली उस इसराइली सैन्य कार्रवाई का उद्देश्य दक्षिणी लेबनान से फ़लस्तीनी विद्रोहियों को इतना पीछे खदेड़ कर एक बफर ज़ोन स्थापित करना था, जितनी दूरी से उनके रॉकेट इसराइल तक ना पहुंच सकें.”इसराइल की सैन्य कार्रवाई में दोनों तरफ़ बड़ी संख्या में लोग हताहत हुए और हज़ारों लेबनानी लोग विस्थापित हो गए, लेकिन सीमा पार से हमले नहीं रुके.1982 में इसराइली सेना ने दोबारा लेबनान में घुसकर कार्रवाई शुरू कर दी. इस बार इसराइली सेना काफ़ी भीतर घुस आई और राजधानी बेरूत तक पहुंच गई. इस अभियान में 15 से 20 हज़ार लोग मारे गए. ज़्यादातर आम नागरिक थे.औरेली डहेर कहती हैं कि दक्षिण लेबनान की अधिकांश आबादी शिया मसलमानों की है. इसराइली हमले से सबसे ज्यादा नुक़सान उन्हीं को उठाना पड़ा था. इस कारण शिया धार्मिक नेताओं ने अपने समुदाय की रक्षा के लिए एक शिया मिलिशिया गुट बनाने का फ़ैसला किया.औरेली डहेर कहती हैं कि इस गुट का एकमात्र मक़सद इसराइल को लेबनान से बाहर करना था. लेबनान में इस्लामिक शासन स्थापित करने का भी उसका कोई उद्देश्य नहीं था.मगर सवाल था कि इस मिलिशिया को धन कहां से मिलेगा. स्वाभाविक तौर पर उसने ईरान का रुख़ किया जहां इस्लामी क्रांति आ रही थी. इस गुट के उद्देश्य ईरान से मेल भी खाते थे. बाद में इस गुट का नाम बदल कर हिज़्बुल्लाह कर दिया गया.औरेली डहेर ने कहा कि ईरान उस समय लेबनान की सहायता के लिए अपने सैनिक वहां भेजने के पक्ष में नहीं था, लेकिन वो हिज़्बुल्लाह को सैनिक ट्रेनिंग, हथियार और पैसे देने को तैयार हो गया.लेबनान में लोगों को भर्ती करने और अपनी विश्वसनीयता कायम करने के लिए हिज़्बुल्लाह को एक मंच की ज़रूरत थी. इस कारण 1992 में हिज़्बुल्लाह का राजनीतिक धड़ा लेबनान सरकार में शामिल हो गया.औरेली डहेर कहती हैं कि इससे हिज़्बुल्लाह की सैनिक गतिविधियों को काफ़ी हद तक वैधता प्राप्त हो गई. हिज़्बुल्लाह लेबनान के राजनीतिक दलों से केवल एक बात चाहता था कि वो हिज़्बुल्लाह की गतिविधियों में किसी प्रकार की बाधा ना डालें. बदले में वो जैसे चाहें लेबनान पर राज करें और इसमें हिज़्बुल्लाह दखल नहीं देगा.औरेली डहेर का कहना है- इस लिहाज़ से हिज़्बुल्लाह एक राजनीतिक दल कम और एक दबाव डालने वाला लॉबी गुट अधिक है.वो कहती हैं कि इसी वजह से लेबनान सरकार ने हमेशा हिज़्बुल्लाह की कार्रवाईयों को खुले तौर पर तो नहीं मगर अस्पष्ट तरीके से जायज़ ठहराया है.लेबनान सरकार कहती है कि लेबनान के लोगों को इसराइल के ख़िलाफ़ हर संभव तरीके से प्रतिरोध करने का अधिकार है. इस तरह लेबनान सरकार ने अपने आपको हिज़्बुल्लाह की गतिविधियों से दूर भी कर लिया है.चैटहैम हाउस में मध्य पूर्व मामलों की असोसिएट फ़ैलो लीना ख़तीब का कहना है कि हिज़्बुल्लाह एक मिलिशिया गुट है जिसकी स्थापना लेबनान पर से इसराइली कब्ज़े को ख़त्म करने के लिए की गई थी.'तभी से इसराइल और हिज़्बुल्लाह के बीच संघर्ष और शत्रुता जारी है, लेकिन साल 2000 के आते-आते लेबनान में फ़लस्तीनी विद्रोहियों की मौजूदगी काफ़ी घट गई थी. वहीं घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते इसराइल ने भी लेबनान से अपनी सेना को वापस बुला लिया.'' “इसराइली सेना के लौटने को हिज़्बुल्लाह अपनी जीत की तरह देख रहा था. इसराइली सेना लेबनान के लगभग सभी हिस्सों से हट गई थी. इस कारण उसके पास इसराइल के ख़िलाफ़ बड़ी सैनिक कार्रवाई करने की कोई वजह नहीं बची थी. इसी कारण 2000 से 2006 तक हिज़्बुल्लाह और इसराइल के बीच कोई बड़ा संघर्ष नहीं हुआ. दोनों की सोच में कोई बदलाव तो नहीं आया था और दूरियां भी बनी रहीं.”6 सालों तक बनी शांति एक बार फिर भंग हो गयी. मगर इस बार फ़लस्तीनियों की वजह से नहीं बल्कि एक नयी सैनिक शक्ति की वजह से. एक अल्पकालिक नया संघर्ष शुरू हुआ.2006 में हिज़्बुल्लाह ने इसराइली क्षेत्र में घुस कर दो इसराइली सैनिकों का अपहरण कर लिया. इसके बाद हिज़्बुल्लाह और इसराइल के बीच जंग छिड़ गयी, जो एक महीने से ज्यादा देर तक चली.इससे लेबनान को काफ़ी नुकसान हुआ. एक समझौते के साथ यह लड़ाई ख़त्म हुई.इस समझौते के तहत हिज़्बुल्लाह और इसराइल के बीच तय हुआ कि वो एक दूसरे पर कोई बड़ा हमला नहीं करेंगे.इसे एक नयी शुरूआत की तरह देखा जा रहा था. समझौते के तहत दक्षिण लेबनान में एक बफर जोन कायम किया गया जहां सशस्त्र सैनिकों की तैनाती नहीं थी. दोनों पक्षों के बीच शीबा फ़ार्म्स नाम के ज़मीन के एक टुकड़े को लेकर तनाव बना रहा लेकिन कोई बड़ा संघर्ष नहीं छिड़ा.शीबा फ़ार्म्स को लेकर विवाद के चलते हिज़्बुल्लाह ने अपना सैनिक वजूद बनाए रखा, मगर इसराइल पर हमला नहीं किया. इसराइल भी हिज़्बुल्लाह की ओर से ख़तरे को नज़रअंदाज़ करता रहा, लेकिन फिर कहानी में नया मोड़ तब आया जब ग़ज़ा को नियंत्रित करने वाले हमास ने इसराइल के दक्षिण में हमला कर दिया.इसराइल के अनुसार- इस हमले में 1200 से अधिक इसराइली नागरिक मारे गफ़लस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अगस्त 2024 तक इस कार्रवाई में लगभग 40 हज़ार लोग मारे जा चुके हैं. इस दौरान लेबनान से हिज़्बुल्लाह ने इसराइल पर रॉकेट बरसाने शुरू कर दिए.इस तरह हिज़्बुल्लाह अब फ़लस्तीनियों और इसराइल के बीच संघर्ष में सीधे हस्तक्षेप कर रहा था.अब इसराइल के मामले में फ़लस्तीनियों और हिज़्बुल्लाह का मकसद एक हो गया था.“हिज़्बुल्लाह वो ही करेगा जो फ़लस्तीनी करेंगे. अगर फ़लस्तीनी इसराइल के साथ समझौते को तैयार हो जाएं तो यह हिज़्बुल्लाह को भी करना पड़ेगा.”स्कॉटलैंड की स्टर्लिंग यूनिवर्सिटी में प्रोफ़ेसर बशीर सादी कहते हैं कि हमास सुन्नी संगठन है और हिज़्बुल्लाह शिया. लेकिन इसराइल को लेकर दोनों की राय में काफ़ी समानता है.दोनों ही इसराइल के ख़िलाफ़ संघर्ष में हैं. इतना ही नहीं बल्कि हमास ने हिज़्बुल्लाह के सहयोगी देश ईरान से आर्थिक सहायता प्राप्त की है और वह हिज़्बुल्लाह से भी सैनिक सहायता लेता रहा है. कहा जाता है कि हमास को अपने चरमपंथियों के लिए भूमिगत सुरंगें बनाने में हिज़्बुल्लाह से मदद मिली है.“भूमिगत सुरंगों का आइडिया इन दोनों संगठनों की मिलीभगत से ही संभव हुआ है. इन दोनों के नेतृत्व और उनके चरमपंथियों के बीच किस प्रकार का आदान-प्रदान या सहयोग है, यह कहना मुश्किल है. क्योंकि इन भूमिगत सुरंगों में जो कुछ होता है वह गुप्त ही रहता है. हो सकता है कि हमास के 7 अक्तूबर के हमले की हिज़्बुल्लाह को पूर्व जानकारी ना हो, लेकिन उसे यह ज़रूर पता होगा कि हमास इस प्रकार के हमले के लिए तैयार हो चुका है.अगला सवाल यह है कि हमास और हिज़्बुल्लाह में विचारधारा, सूचना के आदान-प्रदान और सहयोग का क्या स्वरूप है? आगे यह सहयोग किस दिशा में जा सकता है? हिज़्बुल्लाह और हमास का सैनिक उद्देश्य एक ही है. वो दोनों ही इसराइल की सैन्य क्षमता और सुरक्षा व्यवस्था को कमज़ोर करना चाहते हैं ताकि भविष्य में उसके साथ अपनी शर्तों और हितों के हिसाब से समझौता कर सकें.लेकिन हमास और हिज़्बुल्लाह के बीच सहयोग की सीमाएं भी हैं.हिज़्बुल्लाह अपने सहयोगी ईरान, सीरिया और हूती लोगों के साथ मज़बूत संबंध बना चुका है. लेकिन इससे बाहर वो अभी भी अपने आपको अलग-थलग पाता है.

कानपुर में रविवार रात कालिंदी एक्सप्रेस को दुर्घटनाग्रस्त करने के लिए बड़ी साजिश रची गई थी। साजिशकर्ताओं ने बर्राजपुर स्टेशन के आगे ट्रैक पर बिछी गिट्टी को हटाकर सिलिंडर गाड़ दिया था। इसके अलावा पास में पेट्रोल बम व बारूद भी रख दिया, ताकि धमाके की चपेट में कई बोगियां आ जाएं और व्यापक पैमाने पर जनहानि हो।इस साजिश के पीछे जांच एजेंसियों को आईएसआईएस के खुरासान माड्यूल का हाथ होने की आशंका है। एनआईए की पांच सदस्यीय टीम व एटीएस ने घटना की जांच शुरू कर दी है। कालिंदी एक्सप्रेस रविवार शाम 7.24 बजे भिवानी के लिए निकली थी। रात करीब 8.35 बजे बर्राजपुर स्टेशन पार करने के बाद जैसे ही आगे बढ़ी, ट्रेन पटरी के बीच में रखे गैस से भरे हुए सिलिंडर से टकरा गई।कानपुर जोन में इससे पहले फर्रुखाबाद में पटरी पर लकड़ी के बोटे रखकर ट्रेन का बेपटरी करने की कोशिश की गई थी। मौके पर जांच करने पहुंचे आईजी एटीएस नीलाब्जा चौधरी ने भी इस घटना को साजिश बताया है। घटनास्थल के पास मिली पेट्रोल से भरी बोतल, झोले में मिली बारूद जैसी सामग्री भी इसी ओर इशारा कर रही हैं।मौके पर पहुंची एनआईए एटीएस, एसटीएफ, आईबी आदि एजेंसियों ने भी जांच शुरू कर दी है। रेलवे के बरेली डिवीजन के इंजीनियर की तहरीर पर शिवराजपुर थाने में एक अज्ञात पर रिपोर्ट दर्ज की गई है। पुलिस दो हिस्ट्रीशीटर समेत 14 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। एडिशनल पुलिस कमिश्नर कानून व्यवस्था हरीश चंदर के मुताबिक सोमवार को जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी जाएगी।वहीं इस साजिश के पीछे आतंकी संगठन आईएस के खुरासान माड्यूल पर जांच एजेंसियों को शक गहराता जा रहा है। फिलहाल एजेंसियों को कोई अहम सुराग नहीं मिला है, लेकिन माना जा रहा है कि यह रेलवे पर लोन वुल्फ अटैक की कोशिश है। डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि कानपुर में ट्रेन को निशाना बनाने के हर पहलू की गहनता से जांच की जा रही है।ट्रैक पर सिलिंडर को इसलिए गाड़ा गया ताकि ट्रेन उससे टकरा कर पलट जाए अथवा सिलिंडर में ब्लास्ट हो जाए। इसके अलावा पेट्रोल बम की सुतली को सिलिंडर की नोजल से जोड़ दिया गया था और ट्रैक के पास बारूद भी रख दिया गया। मंशा यह थी सिलिंडर से टकराने के बाद अगर वह नहीं फटा तो रगड़ से चिंगारी पेट्रोल बम व बारूद तक पहुंच जाए।सिलिंडर अथवा पेट्रोल बम व विस्फोटक में धमाके हो जाते तो पूरी ट्रेन विस्फोट की चपेट में आ जाती, जिससे बड़े पैमाने पर जनहानि हो सकती थी। मौके पर मिला विस्फोटक पदार्थ प्रथम दृष्टया जांच में अमोनियम नाइट्रेट बताया गया है। एक्सप्लोसिव एक्सपर्ट राहुल देव का कहना है कि घटनास्थल से मिला पीला पाउडर गंधक है और सफेद पाउडर कैल्शियम, एलम या घातक केमिकल हो सकता है। इन सभी को मिला कर धमाका किया जा सकता है।बिल्हौर के पास कालिंदी एक्सप्रेस को डिरेल करने की साजिश के पीछे आतंकी संगठन आईएस के खुरासान माड्यूल पर जांच एजेंसियों को शक गहराता जा रहा है। इसी वजह से आईबी, एनआईए, यूपी एटीएस समेत कई एजेंसियों ने कानपुर में डेरा डाल दिया है और साजिश से जुड़े हर पहलू की गहनता से जांच की जा रही है। फिलहाल एजेंसियों को कोई अहम सुराग नहीं मिला है, लेकिन माना जा रहा है कि यह रेलवे पर लोन वुल्फ अटैक की कोशिश है।दरअसल, बीते दिनों जांच एजेंसियों को इस बाबत एक अलर्ट भी मिला था, जिसमें देश के महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों और रेलवे को निशाना बनाए जाने की चेतावनी दी गई थी। कानपुर में बीते एक माह में रेलवे ट्रैक को क्षतिग्रस्त करके ट्रेन को बेपटरी करने की दो साजिश सामने आने के बाद खुरासान माड्यूल शक के दायरे में है।इस माड्यूल ने वर्ष 2017 में भोपाल रेलवे स्टेशन पर पैंसेजर ट्रेन में टाइम बम रखा था, जिसमें विस्फोट होने से कई यात्री घायल हो गए थे। इसके बाद तेलंगाना एटीएस की खुफिया जानकारी पर यूपी एटीएस ने लखनऊ में माड्यूल के सदस्य सैफुल्ला को एनकाउंटर में ढेर कर दिया था। उसके पास सिलिंडर बम बनाने का सामान और आईईडी आदि मिला था।वहीं वर्ष 2017 में कानपुर देहात के पुखरायां में भोपाल-इंदौर एक्सप्रेस पर भी इसी तरह निशाना बनाया गया था। इसकी जांच एनआईए को दी गई थी। इसमें आईईडी का इस्तेमाल करने के सुराग मिले थे। इसके तार बिहार के मोतिहारी में हुए रेल हादसे के आरोपियों से जुड़े थे। साथ ही, दुबई में कारोबार करने वाले नेपाल के शमशुलहुदा का नाम सामने आया था, जो पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर काम कर रहा था।बीते दिनों में रेलवे को निशाना बनाने के कई मामले सामने आने के बाद इसमें आतंकी संगठनों की भूमिका को नकारा नहीं जा रहा है। अधिकारियों के मुताबिक आईएस और आईएसआई के इशारे पर ट्रेनों पर लोन वुल्फ अटैक किया जा रहा है। इसमें कट्टरपंथियों के साथ पैसा लेकर घटना को अंजाम देने वाले भी शामिल हो सकते हैं। डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि कानपुर में ट्रेन को निशाना बनाने के हर पहलू की गहनता से जांच की जा रही है।

गूगल के खिलाफ एक और मुकदमा: विज्ञापन तकनीक पर एकाधिकार का मामला, कंपनी को बेचना पड़ सकता है कुछ हिस्स.

 नगर निगम में धूल फांक रहे फड़ विक्रेताओं के प्रमाणपत्र- पीएम स्वनिधि योजना के लाभार्थियों को कराए जाने थे मुहैया, फोटो वायरल होने के बाद खुला मामला और पढ़ें

अंतिम दौर में जांच, दो दिन में आएगी रिपोर्ट

Bareilly News: कटिहार-अमृतसर के बीच बरेली होते हुए त्योहार विशेष ट्रेन 18 से

बरेली होते हुए अब तक 28 त्योहार विशेष ट्रेनों की समय सारिणी जारी 

Bareilly News: भ्रष्टाचार के जहर से दम तोड़ रहा अमृत सरोवर- शाही के गांव दौली जवाहरलाल में 50 लाख की लागत से बना अमृत सरोवर एक साल में हुआ बदहाल 

Bareilly News: मियाद अधिनियम की अर्जी खारिज, 50 हजार जुर्माना. न्यायालय अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कक्ष संख्या आठ के एक नवंबर 2010 के आदेश के विरुद्ध पुनरीक्षण अर्जी को खारिज कर दिया है।

Bareilly News: आतंकी संगठन हमास का समर्थन करने के आरोपी की जमानत मंजूर. भारत सरकार की ओर से इस्राइल को समर्थन देने पर नाराजगी जताने के आरोपी गौस मोहम्मद को जमानत दे दी है।

 बरेली। पुलिस विभाग में एसएसपी अनुराग आर्य ने 10 दिन के भीतर दूसरी बार बड़ा बदलाव किया है। 

IPO News: करीब एक दर्जन कंपनियां IPO के जरिए बाजार से करीब 20,000 करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी में हैं।

Adani, Ambani Networth: 1,000 अरब डॉलर से अधिक की संपत्ति यानी खरबपति बनने में अडानी-अंबानी भी कतार में हैं. 

पिछले 24 घंटों के दौरान, तटीय ओडिशा और आंध्र प्रदेश के उत्तरी तट पर मध्यम से भारी बारिश हुई।हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर पूर्व बिहार, कोंकण, गोवा, तटीय कर्नाटक और गंगीय पश्चिम बंगाल में हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक या दो जगह भारी बारिश हुई. उत्तर पूर्व भारत, बिहार, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, पूर्वी गुजरात, राजस्थान और उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हुई।दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, पश्चिम गुजरात, कर्नाटक और लक्ष्यदीप में हल्की बारिश हुई।अगले 24 घंटे को दौरान, उड़ीसा के तटीय आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, और दक्षिणी उत्तर प्रदेश में मध्यम से भारी बारिश संभव है।जैसे पूर्वोत्तर भारत, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, राजस्थान, पूर्वी गुजरात, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, आंतरिक कर्नाटक केरल और तमिलनाडु में हल्की बारिश संभव है।



Poll suggests Trump, Harris in a tie ahead of first presidential debate-

At least 59 dead in Vietnam as Typhoon Yagi triggers landslides, floods-

At least 16 killed, 36 injured in Israeli airstrikes, Syrian state news agency says-

Turkish President Erdogan calls for united alliance of Islamic nations against Israel-

Russia-Ukraine war: EU claims intel shows Iran sent Russia missiles-

1. PM, UAE Crown Prince Hold Bilateral Talks, Sign Agreements-

2. Kolkata rape-murder case: Supreme Court expresses concern over absence of document for autopsy-

3. IMD weather update: Andhra, Telangana on heavy rainfall watch, yellow alert for Maharashtra, Uttarakhand-

4. Two militants killed as Army foils infiltration bid in Jammu and Kashmir’s Rajouri-

5. Riots erupt in Surat city after four teenagers pelt stones at Ganesh idol, 27 detained for stone-pelting near police station-

1. Pant, Rahul return to Test cricket with Bangladesh series; maiden call-up for Dayal-

2. India vs Japan Asian Champions Trophy Hockey 2024: India Hammer Japan 5-1, Maintain Perfect Record-

3. US Open 2024: Jannik Sinner defeats Taylor Fritz in men's singles final-

4. UEFA Nations League: Cristiano Ronaldo's Late Strike Secures Portugal's Dramatic 2-1 Win Over Scotland-

5. India Women's Team to Undergo 10-Day Camp Ahead of Women's T20 World Cup 2024 in UAE: Report-

Use these headlines for your school assembly and stay informed always. 




टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

विश्व रजक महासंघ का आयोजन

52 सेकेंड के लिए थम जाएगा पूरा लखनऊ शहर

जन्मदिन का केक खाने से 10 साल की बच्ची की मौत, ऑनलाइन किया था ऑर्डर