नैशनल वॉर मेमोरियल
नैशनल वॉर मेमोरियल 26000 जवानों के नाम अंकित
आज देश को ऐसा स्मारक मिलने वाला है, जिसमें आजादी के बाद देश के लिए अपनी जान कुर्बान करने वाले 26000 जवानों के नाम अंकित हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज नैशनल वॉर मेमोरियल की शुरुआत करेंगे। आजादी के बाद देश पर जान कुर्बान करने वाले शहीदों की याद में इस मेमोरियल को इंडिया गेट के पास तैयार किया गया है। चार लेयर में बने इस मेमोरियल में सेना, नौसेना और वायुसेना की 6 अहम लड़ाइयों का जिक्र है। इसमें करीब 26 हजार सैनिकों के नाम दर्ज किए गए हैं। मेमोरियल की शुरुआत के दौरान मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया जाएगा, जिसकी मदद से आप जान सकेंगे कि किसी शहीद का नाम मेमोरियल में कहां दर्ज है। इस मेमोरियल की मांग छह दशक से की जा रही थी। इंडिया गेट के पास 40 एकड़ जमीन पर 176 करोड़ रुपये की लागत से बने नैशनल वॉर मेमोरियल का उद्घाटन आज शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। इसके बाद यह पब्लिक के लिए खुल जाएगा।
आजादी के बाद शहीद जवानों के लिए
भारत की आजादी के बाद भारतीय सशस्त्र सेनाओं को कई संघर्षों से जूझना पड़ा है। सेनाओं ने देश और विदेश में कई ऑपरेशन में भाग लिया। सीमा पार से थोपे जा रहे छद्म युद्ध की वजह से सेना को लगातार आतंकवाद रोधी ऑपरेशन करने होते हैं, जिसमें बड़ी संख्या में हमारे सैनिक शहीद हुए हैं। इन बलिदानों की याद में देशभर में कुछ स्मारक बनाए गए हैं लेकिन सशस्त्र सेनाओं के सैनिकों के बलिदानों को समर्पित राष्ट्रीय स्तर पर कोई स्मारक अब तक नहीं था। लेफ्टिनेंट जनरल पी.एस. राजेश्वर ने बताया कि राष्ट्रीय समर स्मारक यानी नैशनल वॉर मेमोरियल बनाने की चर्चा 1961 से शुरू हुई और इसकी जरूरत महसूस की गई।
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