मेरा गांव खो गया ,मेरा शहर आबाद है। मेरा गांव खो गया , मेरा शहर आबाद है। मेरे गांव में गली थी, मेरे शहर में गली है । मेरे गांव में भी मोड़ थे, मेरे शहर में भी मोड़ है। वो (गांव) मोड़ मै समझ गया, अभी मोड़ ये(शहर) अनजान है। मेरा..................... । मेरे गांव में सड़क थी, मेरे शहर में सड़क है । मेरे गांव में भी धूल थी, मेरे सड़क में भी धूल थी। मेरे शहर में न धूल है, सड़क में न धूल है। मेरे गांव में महक थी, मेरी सड़क पर महक थी । मेरे शहर यह क्या है? मेरे सड़क में यह क्या है? मेरा ...............। मेरे गांव में भी भीड़ थी, सड़क में भी भीड़ थी। मेरे शहर में भी भीड़ है, सड़क में भी भीड़ है। वहां लोगो की भीड़ थी, यहां भीड़ में लोग है। मेरा................। मोड़ की मुलाकात, व्यथा सब बोल गई । गाँव की गवइयाॅ ,सहज सब बोल गई । मन का मिजाज, और मन में उतार गई । ठौर खड़े लोग, व्यथा ठौर ही निहार गई । मोड़ मेरे शहर के, भीड़ ही उतार गई । सूनापन जा रहा, भीड़ ही सवार है। हर पथिक अकेला, गुमसुम निहारता। वेदना व्यथा नही, डरा सा निहारता। जान के शहर में पहचान कही खो गई। मेरा..................। भूख भी थी