विपक्ष का आचरण निंदनीय : मुख्यमंत्री
विधानसभा में मंगलवार को जमकर हंगामा
राज्यपाल राम नाईक के अभिभाषण के दौरान विपक्षी सदस्यों ने उनकी ओर कागज के गोले उछाले
उत्तर प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को जमकर हंगामा हुआ । यहां राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के विधायकों ने हाथों में पोस्टर लेकर बवाल किया। दावा किया जा रहा है कि विधानसभा के अंदर दोनों पार्टी के विधायक जब वेल में जाकर हंगामा कर रहे थे तो इस वक्त राज्यपाल पर कागज के गोले भी फेंके गए। दूसरी तरफ विधायकों के इस बवाल के दौरान एक सदस्य बेहोश भी हो गए। जब ये पूरा हंगामा चल रहा था, उसी वक्त समाजवादी पार्टी के विधायक विधायक सुभाष पासी वहां बेहोश होकर गिर पड़े, जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए ले जाया गया. फिलहाल उनका इलाज किया जा रहा है।
प्रदेश सरकार का बजट सत्र शुरु होने से पहले मंगलवार को सपा-बसपा विधायकों ने सदन के बाहर जोरदार हंगामा किया। विधायकों ने भाजपा सरकार को जुमले वाली सरकार करार देते हुए पीएम मोदी और सीएम योगी के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान सपा नेता आजम खान ने कहा कि इस देश में मुसलमानों के लिए गलत सलूक हो रहा है। क्या यही राज है? आजम ने पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री बनर्जी द्वारा शुरु किए सत्याग्रह पर बयान दिया। कहा- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुद उस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए, वे देश के सबके प्रधानमंत्री हैं।
उत्तर प्रदेश विधानमंडल के बजट सत्र की आज हंगामेदार शुरुआत हुई। राज्यपाल राम नाईक के अभिभाषण के दौरान विपक्षी सदस्यों ने उनकी ओर कागज के गोले उछाले और नारेबाजी की। कुछ विधायक जूते पहनकर मेज पर भी चढ़ गए। राज्यपाल ने पूर्वाह्न 11 बजे समवेत सदन में जैसे ही अभिभाषण पढ़ना शुरू किया, विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। उन्होंने 'राज्यपाल वापस जाओ' के नारे लगाये और नाईक की तरफ कागज के गोले फेंके। हालांकि राज्यपाल की ओर फेंके गये कागज के गोले उन तक नहीं पहुंच सके और सुरक्षाकर्मियों ने फाइल कवर के सहारे उन्हें रोक लिया। विपक्षी सदस्यों के लगातार शोरगुल के बीच राज्यपाल ने अभिभाषण पढ़ना जारी रखा और प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं और उपलब्धियों के बारे में सिलसिलेवार ब्यौरा पेश किया। विपक्षी दलों ने सोमवार को अलग-अलग बैठकें जहां सरकार को घेरने की रणनीति बनाई, वहीं भाजपा विधानमंडल दल की बैठक में सरकार का पक्ष मजबूती से रखने और विरोधियों को जवाब देने की रणनीति पर चर्चा हुई। इस बीच विधानसभा अध्यक्ष ह्रदय नारायण दीक्षित व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सर्वदलीय बैठक में सदन के संचालन में सभी से सहयोग की अपील की। विपक्षी दलों ने कहा है कि वे जनता के मुद्दों को जोर-शोर से उठाएंगे। लोकसभा चुनाव से पहले होने वाले विधानमंडल के सत्र में विपक्षी दलों ने आक्रामक तेवर अख्तियार करने के संकेत दिए हैं। ऐसी संभावना पहले ही जताई जा रही थी कि राज्यपाल विधानसभा और विधान परिषद के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करने आएंगे तो उन्हें विपक्षी दलों की नारेबाजी व हंगामे का सामना करना पड़ सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सपा सदस्यों ने गुंडागर्दी कर राज्यपाल पर कागज के गोले उछाले। इससे स्पष्ट है कि सपा गुंडागर्दी वाले आचरण से अब भी बाज नहीं आ पा रही है। इनकी कार्यप्रणाली जब सदन में इतनी अराजक, अनुशासनहीन और बर्बर हो सकती है तो सार्वजनिक जीवन में इनका आचरण कैसा होता होगा? उन्होंने कहा कि राज्यपाल प्रदेश की सर्वोच्च संवैधानिक संस्था है। सभी सदस्यों द्वारा दलीय निष्ठा से हटकर उनके प्रति सम्मान का भाव संसदीय लोकतंत्र को मजबूती देता है। लेकिन सदस्यों ने सदन में जो आचरण किया है, वह निंदनीय है।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें