जनता का मूड कोई नहीं समझ पाया

मालदीव और श्रीलंका के दौरे के बाद पीएम नरेंद्र मोदी तिरुमाला के भगवान वेंकटेश्वर मंदिर में


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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी  गुरुवायूर पहुंचे जहां उन्होंने प्रसिद्ध कृष्ण मंदिर में पूजा-अर्चना की। मोदी सुबह नौ बजकर बीस मिनट पर कोच्चि से रवाना हुए। उनका हेलीकॉप्टर नौ बजकर पचास मिनट पर श्री कृष्ण कॉलेज के मैदान में उतरा। प्रधानमंत्री कोच्चि नौसैन्य हवाईअड्डे से नौसेना के विशेष हेलीकॉप्टर से यहां पहुंचे। मंदिर में करीब एक घंटे के दर्शन के बाद प्रधानमंत्री भाजपा की केरल राज्य समिति द्वारा आयोजित अभिनंदन सभा को संबोधित कर रहे हैं। लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद यह मोदी की पहली जनसभा है। मोदी शुक्रवार रात कोच्चि पहुंचे। नौसैन्य हवाईअड्डे पर केरल के राज्यपाल पी. सदाशिवम, केन्द्रीय विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन और राज्य के देवस्वम मंत्री कदकमपल्ली सुन्दरन ने उनका स्वागत किया। उन्होंने रात को कोच्चि के सरकारी अतिथि गृह में विश्राम किया। भारत की सांस्कृतिक विरासत के महात्म्य को बढ़ाने के लिए भारत सरकार की प्रसाद योजना के तहत केरल के 7 प्रोजेक्ट लिए गए हैं. गत 5 वर्षों में भाजपा सरकार ने टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए अनेक Initiative लिए, जिसका परिणाम अब सामने आ रहा है भगवान कृष्ण के जीवन के साथ पशु-प्रेम जुड़ा रहा है। हम देश के किसी भी कोने में जाएं, भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में पशुपालन का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।भारत सरकार ने इस बार मछुवारों के लिए अलग मंत्रालय बनाकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का बीड़ा उठाया है. जनता-जर्नादन ईश्वर का रूप है, ये इस चुनाव में देश ने भलि-भांति देखा है। राजनीतिक दल जनता के मिजाज के नहीं पहचान पाए। राजनीतिक पंडित भी जनता को नहीं समझ पाए, सर्वे करने वाले भी इधर-उधर होते रहे। लेकिन जनता ने भाजपा और एनडीए के पक्ष में प्रचंड जनादेश दिया। कईं राजनीतिक पंडितों के मन में विचार आ रहा होगा की केरल में भाजपा का खाता भी नहीं खुला, लेकिन मोदी वहां धन्यवाद करने पहुंच गया। लेकिन हम इस मत को मानने वाले हैं कि चुनाव जीतने के बाद हमारी जिम्मेदारी देश के सभी 130 करोड़ नागरिकों की है। हम भाजपा कार्यकर्ता सिर्फ चुनावी राजनीति के लिए चुनाव मैदान में नहीं होते। हम 365 दिन अपने राजनीतिक चिंतन के आधार पर जन सेवा में जुटे रहते हैं। हम राजनीति में सिर्फ सरकार बनाने नहीं आए हैं। हम राजनीति में देश बनाने आए हैं।हमें जनप्रतिनिधि 5 साल के लिए जनता बनाती हैं। लेकिन हम जनसेवक हैं, जो आजीवन होते हैं और जनता के लिए समर्पित होते हैं।  मैं मंदिर प्रशासन का, भाजपा कार्यकर्ताओं का और यहां के सभी नागरिकों का हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं कि आपने इस उत्तम पूजा पाठ का मुझे अवसर दिया और इतना सम्मान दिया बीते दिनों लोकतंत्र के महाउत्सव में आपने जो योगदान दिया, उसके लिए मैं आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं
- गुरुवायुर के चरणों पर आना अपने आप में विशेष अनुभूति कराता है


- जनता का मूड कोई नहीं समझ पाया है
- जनता जर्नादन ईश्वर का रूप है
- गुरुवायुर आना विशेष अनुभूति करता है 
- पूरे देश में लोकतंत्र का महाउत्सव मनाया
- गुजरात के लोगों का यहां से भावनात्मक रिश्त है
- केरल के लोगों का अभिनंदन हैं


- पीएम मोदी गुरुवायूर मंदिर में कर रहे हैं पूजा-अर्चना


मालदीव और श्रीलंका के दौरे के बाद पीएम नरेंद्र मोदी आंध्र प्रदेश पहुंचे, जहां वे तिरुमाला के भगवान वेंकटेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे. पीएम मोदी का एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने स्वागत किया.पीएम मोदी के सुरक्षाकर्मी बैकुंठ द्वार तक ही उनके साथ जाएंगे. आगे का आधे किलोमीटर का रास्ता पीएम अकेले तय करेंगे. पीएम मोदी पारंपरिक पोशाक में हैं. वह 30-45 मिनट तक मंदिर में पूजा करेंगे.-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तिरुपति बालाजी के मंदिर पहुंच चुके हैं. उनके साथ आंध्र प्रदेश के सीएम जगन मोहन रेड्डी भी मौजूद हैं.


 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल मालदीव की यात्रा पूरी करने के बाद आज अपनी एक दिवसीय यात्रा पर श्रीलंका गए थे. वहां की यात्रा पूरी करके पीएम मोदी भारत के लिए रवाना हो चुके हैं. पीएम मोदी ने आज यात्रा के दौरान श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरीसेना से मुलाकात की और दोनों नेताओं ने आपसी हित के द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की. मोदी बतौर प्रधानमंत्री दूसरी बार शपथ लेने के बाद पहली विदेश यात्रा के दूसरे चरण में आज श्रीलंका पहुंचे थे. उनकी यह यात्रा भारत की 'पड़ोसी प्रथम' की नीति को महत्व की परिचायक है.यात्रा के दौरान ही विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया, 'प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने पारस्परिक हित के द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की. सिरिसेना ने प्रधानमंत्री के सम्मान में भोज का आयोजन किया.' इससे पहले श्रीलंका के राष्ट्रपति भवन में मोदी का भव्य स्वागत हुआ. इस दौरान श्रीलंका के राष्ट्रपति सिरिसेना खुद को और प्रधानमंत्री मोदी को बारिश से बचाने के लिए छाता पकड़े हुए थे. श्रीलंका और भारत के बीच संंबंधों को और मजबूत करने के लिए पीएम मोदी की इस यात्रा को अहम माना जा रहा है. जब पीएम मोदी श्रीलंका पहुंचे तो उनका स्वागत श्रीलंकाई प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने किया. इतना ही नहीं वापसी के समय भी रानिल विक्रमसिंघे पीएम मोदी को छोड़ने के लिए एयरपोर्ट तक आए.


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