बसपा प्रमुख मायावती ने संगठन में फेरबदल किया

 


बसपा मे मुनकाद अली बने प्रदेश अध्यक्ष 



 लोकसभा चुनाव के बाद से बसपा संगठन में उलटफेर जारी है। बुधवार को मायावती ने मुस्लिम कार्ड चलते हुए पुराने वफादार मुनकाद अली को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया। वहीं, गठबंधन तोडऩे के बाद समाजवादी पार्टी के यादव वोटबैंक पर भी निगाहें लगी है। यादवों मे सेंध लगाने के लिए नौकरशाह से सांसद बने श्याम सिंह यादव को लोकसभा में दलनेता नियुक्त किया है। अन्य पिछड़ा वर्ग को साधने के लिए प्रदेश अध्यक्ष आरएस कुशवाहा को प्रोन्नत कर राष्ट्रीय महासचिव बनाया है। सोशल इंजीनिरिंग की मजबूती के लिए रितेश पांडेय लोकसभा में उपनेता बनाए गए जबकि सांसद गिरीश चंद्र जाटव लोकसभा में मुख्य सचेतक बने रहेंगे। समाजवादी पार्टी से गठबंधन तोडऩे व विधानसभा के उपचुनावों में उतरने की घोषणा के बाद बसपा प्रमुख मायावती ने बुधवार को संगठन में फेरबदल करते हुए सामाजिक समीकरण साधने की कोशिश की है। संगठन में बदलाव को तीन तलाक मुद््दे पर खामोशी और अनुच्छेद 370 को खत्म करने पर सरकार के समर्थन में खड़े दिखने से भी जोड़कर देखा जा रहा है। इस उलटफेर के जरिए दलित-मुस्लिम गठजोड़ को मजबूती देेने के साथ वफादार व मिशन से जुड़े कार्यकर्ताओं को भी संदेश दिया है। वहीं, श्याम सिंह यादव जैसे नए चेहरे को तरजीह देकर एक तीर से कई निशाने साधने की कोशिश की है। बसपा द्वारा जारी बयान में संगठन में बदलाव को सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय नीति पर अमल को जरूरी तब्दीली बताया गया है।


उल्लेखनीय है कि लोकसभा में हारने के बाद से प्रदेश अध्यक्ष आरएस कुशवाहा की कुर्सी खतरे में दिख रही थी। अब कुशवाहा को हटाकर मायावती ने मुनकाद अली को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर अर्से बाद किसी मुस्लिम नेता की ताजपोशी चौंकाने वाली है। जानकारों का कहना है कि मेरठ निवासी मुनकाद अली को प्रदेश संगठन की कमान सौंप मायावती ने पश्चिम उप्र में मजबूती बढ़ाने का प्रयास किया है। पश्चिम में दलित मुस्लिम गणित के अलावा अन्य क्षेत्रों में पिछड़ा- दलित समीकरण को पुनर्जीवित करने की कोशिश की है।


           BSP उपचुनाव की तैयारी में जुटी, मायावती ने पार्टी संगठन में किए बड़े बदलाव
बीएसपी की 9 मंडलों की बैठक के बाद पार्टी के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के नाम संदेश जारी करते हुए मायावती ने कहा कि बूथ लेवल पर कमेटी की समीक्षा की जाए. सभी कार्यकर्ता उपचुनाव की तैयारी में जुट जाएं.
       BSP उपचुनाव की तैयारी में जुटी, मायावती ने पार्टी संगठन में किए बड़े बदलाव
लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजों के बाद बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) प्रमुख मायावती ने पार्टी के संगठन में बड़ा बदलाव किया है. यूपी की 12 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव से पहले तीन मंडलों को मिलाकर एक जोन बनाया गया है. मंडल प्रमुख अब जोन प्रभारी के रूप में काम करेंगे, जबकि मंडल कोऑर्डिनेटर अब मुख्य जोन प्रभारी के रूप में काम करेंगे.
पार्टी की 9 मंडलों की बैठक के बाद पार्टी के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के नाम संदेश जारी करते हुए कहा कि मायावती ने कहा कि बूथ लेवल पर कमेटी की समीक्षा की जाए. सभी कार्यकर्ता उपचुनाव की तैयारी में जुट जाएं. बता दें कि शनिवार को बसपा की 9 मंडलों की बैठक खत्म हो गई. इस बैठक में 12 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव  को लेकर विस्तार से चर्चा की गई.
मिशन-2022 के लिए जमीन तैयार कर रही है बसपा


सूत्रों की मानें तो मायावती अब 2022 के विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई हैं. हाल ही में लखनऊ में बसपा की ऑल इंडिया बैठक में मायावती ने अखिलेश पर मुस्लिमों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि सपा ने ज्यादा मुस्लिम प्रत्याशी उतारने से मना किया था. साथ ही यह भी जाता दिया कि अखिलेश के विरोध के बावजूद उन्होंने 6 मुस्लिमों को टिकट दिया, जबकि सपा ने सिर्फ चार. हालांकि दोनों ही पार्टियों के 3-3 मुस्लिम उम्मीदवार विजयी रहे.
दलित-मुस्लिम सोशल इंजीनियरिंग फ़ॉर्मूले पर बढ़ीं मायावती
वह दलित-मुस्लिम सोशल इंजीनियरिंग के फ़ॉर्मूले पर आगे बढ़ रही हैं. यही वजह है कि आगामी चुनावों में वे दलितों के साथ ही मुस्लिमों की भागीदारी भी बढ़ाएंगी. उनकी रणनीति दलित-मुस्लिम ताकत को धार देने की है. यही वजह है कि उन्होंने मुस्लिमों को कम टिकट देने का आरोप अखिलेश पर लगाया तो वहीं गठबंधन को मिली हार के लिए अखिलेश सरकार में हुए दलित विरोधी कार्य व प्रमोशन में आरक्षण के विरोध को जिम्मेदार ठहरा दिया. उनकी रणनीति स्पष्ट है कि वे अखिलेश को मुस्लिम और दलित विरोधी बताकर खुद को उनका शुभचिंतक साबित करने में लगी हैं.


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

पैतृक संपत्ति में बहन को भाई के बराबर अधिकार

महिला साथी की हत्या शव के 35 टुकड़े

डिंपल यादव v/s रघुराज शाक्य- मैनपुरी लोकसभा