भारत के लिए भूटान का इतना महत्व क्यों

मोदी इन दो दिनों में द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए भूटान के नेताओं से बात किया.नरेंद्र मोदी ने वहां अपने संबोधन में कहा कि 130 करोड़ भारतीयों के दिलों में भूटान एक विशेष स्थान रखता है."मेरे पिछले कार्यकाल के दौरान प्रधानमंत्री के रूप में मेरी पहली यात्रा लिए भूटान का चुनाव स्वाभाविक था. इस बार भी अपने दूसरे कार्यकाल के शुरू में ही भूटान आकर मैं बहुत खुश हूं."ऐसे में आम लोगों के मन में यह सवाल उठता होगा कि आख़िर भारत के लिए भूटान इतना महत्व क्यों रखता है?इसका बहुत आसान सा जवाब है कि भूटान, भारत का सबसे क़रीबी दोस्त है. मुश्किलों में भी वो हमारे साथ हमेशा खड़ा रहता है.दोनों देशों के बीच रिश्ते इतने ख़ास हैं कि भारत में एक अनौपचारिक प्रथा है कि भारतीय प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री, विदेश सचिव, सेना और रॉ प्रमुख की पहली विदेश यात्रा भूटान ही होती है.इस वक़्त प्रधानमंत्री की भूटान की औपचारिक यात्रा दोनों देशों के बीच के रिश्ते को और बेहतर करेगा.



चीन के मद्देनजर भूटान यात्रा


चीन के लिहाज से भारतीय प्रधानमंत्री का भूटान दौरा भी ख़ास मायने रखता है.चीन की कोशिश हमेशा से रही है कि भूटान में उसका प्रभाव बढ़े और कूटनीतिक संबंध बेहतर हों, लेकिन भूटान का साफ रुख़ यह है कि वो भारत के साथ है.भारत के साथ भूटान के कूटनीतिक रिश्ते हैं जबकि चीन के साथ उसके इस तरह के रिश्ते भी नहीं है.



 



      भारतीय प्रधानमंत्री की यात्रा जब भी ऐसे पड़ोसी देश में होती है तो द्विपक्षीय संबंध, उनका एक जायजा लेने और उसे मजबूत करने के लिए भी होती है.एक उदाहरण के तौर पर हाइड्रो पावर उत्पादन में जो रिश्ते दोनों देशों के बीच हैं, वो बहुत ही अहम हैं और ये रिश्ते दोनों देशों के लिए ज़रूरी हैं.दोनों देशों ने मिलकर भूटान की नदियों की शक्ति को बिजली में ही नहीं, पारस्परिक समृद्धि में भी बदला है. शनिवार को भारत और भूटान ने मांगदेछु परियोजना के उद्घाटन के साथ इस यात्रा का एक और ऐतिहासिक मुकाम हासिल किया.दोनों देशों के सहयोग से भूटान में हाइड्रो-पावर उत्पादन क्षमता 2000 मेगावाट को पार कर गयी है.इसके अलावा इस यात्रा के दौरान शिक्षा पर ख़ास जोर दिया .दर्जनों ऐसे क्षेत्र हैं जहां भूटान के साथ भारत के रिश्ते बहुत अहम हैं, इसलिए प्रधानमंत्री की भूटान यात्रा स्वाभाविक है.पिछले साल डोकलाम विवाद हुआ था, चीन ने निर्माण भी शुरू कर दिया था, सेना भी तैनात कर दी गई थी. ये कहा जा रहा था कि भूटान का भारत पर जो भरोसा था वो कम हुआ है पर वास्तव में ऐसा था नहीं.डोकलाम के बाद रिश्ते.मैं समझता हूं कि भूटान जानता है कि जहां तक चीन का मसला है उसमें उसका भारत के साथ ही रहना फायदे का सौदा है.चीन के साथ भूटान का सरहद पर फ़ैसला होना बाक़ी है. चीन के साथ भारत का भी सीमा विवाद है. ऐसे में भारत और भूटान का साथ रहना कूटनीतिक दृष्टि से फ़ायदेमंद होगा.सीमा के मामले में दोनों देश एक क़रीबी की तरह राय-मशविरा रखते हैं. जब भी प्रधानमंत्री भूटान जाते हैं तो वहां के सभी महत्वपूर्ण लोगों के मुलाक़ात करते हैं.भूटान में भी भारत के लिए एक ख़ास जगह है और उसको बना कर रखना भी हमारा दायित्व है.


धानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दो दिवसीय भूटान दौरे से रविवार शाम दिल्ली आ गए। पीएम मोदी के दूसरे कार्यकाल का यह पहला भूटान दौरा था। दिल्ली एयर पोर्ट पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पीएम मोदी का स्वागत किया है।







रविवार को पीएम मोदी ने सबसे पहले रॉयल यूनिवर्सिटी में विद्यार्थियों को संबोधित किया था। इस दौर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने थिंपू के ताशिचेदोज़ोंग पैलेस में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग भी लिया . इसके पहले उन्होंने भूटान के नेता प्रतिपक्ष पेमा गिमत्सो से मुलाकात की थी। इससे पहले वह थिंपू में नेशनल मेमोरियल चोर्टेन गए थे।साथ ही आज उन्होंने रॉयल यूनिवर्सिटी में विद्यार्थियों के संबोधित भी किया था। अपने संबोधन की शुरुआत उन्होंने दोनों देशों के रिश्तों के साथ की। साथ ही उन्होंने कहा कि इन दोनों देशों को बौद्ध धर्म जोड़े हुए है। इस दौरान उन्होंने भूटान के छात्रों को भारत में आने के लिए अमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि भारत मेंशिक्षा के क्षेत्र में काफी काम किया जा रहा है। इसलिए भूटानी छात्र वहां आ सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि गरीबी उन्मूलन के लिए भारत में तेजी से काम चल रहा है






 


भारत और भूटाना की साझा संस्कृति 
पीएम मोदी ने दोनों देशों के रिश्तों के जिक्र करते हुए कहा कि दोनों देशों की संस्कृति जुड़ी हुई है। साथ ही उन्होंने छात्रों से परीक्षा के वक्त तनाव मुक्त रहने के लिए कहा और अपनी किताब एग्जाम वॉरियर्स का जिक्र भी किया।उन्होंने कहा कि मैंने ये किताब गौतम बुद्ध से प्रेरित होकर लिखी है।  


भारत आएंगे भूटान के वैज्ञानिक
पीएम मोदी ने कहा कि यह बहुत खुशी की बात है कि भूटान के छोटे उपग्रह को डिजाइन करने और लॉन्च करने के लिए युवा भूटानी वैज्ञानिक भारत की यात्रा करेंगे। उन्होंने छात्रों से कहा कि मुझे उम्मीद है कि किसी दिन जल्द ही, आप में से कई वैज्ञानिक, इंजीनियर और इनोवेटर होंगे।


भारत का सबसे बड़ी स्वास्थ्य सेवा 
पीएम ने कहा कि भारत दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य सेवा योजना आयुष्मान भारत का घर है। ये योजना 500 मिलियन भारतीयों को स्वास्थ्य आश्वासन देती है। भारत में दुनिया की सबसे सस्ती डेटा कनेक्टिविटी है, जो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाखों लोगों को सशक्त बना रही है।


भारत में हो रहा एतिहासिक बदलाव
पीएम मोदी ने कहा कि आज, भारत तमाम सेक्टर में ऐतिहासिक बदलावों  का गवाह बन रहा है। पिछले पांच साल में बुनियादी ढांचे के निर्माण कीर रफ्तार दोगुनी हो गई है।


पहले दिन हुआ इतने समझौते 
शनिवार को दौरे के पहले दिन पीएम मोदी ने कहा कि भूटान जैसा दोस्त और पड़ोसी कौन नहीं चाहता? ऐसे दोस्त के विकास का साथी बनना भारत के लिए भी सम्मान की बात है। इस दौरान पीएम मोदी ने रूपया कार्ड लांच करने के साथ ही 9 समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इनमें से एक समझौते के तहत इसरो थिम्पू में अर्थ स्टेशन बनाएगा। इसके अलावा दोनों देशों के बीच एक बिजली खरीद समझौता भी हुआ। अन्य समझौते के तहत विमान हादसे और दुर्घटना की जांच, न्यायिक शिक्षा, अकादमिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान, विधिक शिक्षा और शोध के क्षेत्र में एमओयू किए गए।


भूटान में लांच हुआ रुपे कार्ड 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूटान में रुपे कार्ड लांच किया है। उन्होंने यहां के सर्वाधिक पुराने मठों में शुमार सिमतोखा जोंग (मठ) में एक खरीदारी करते हुए इसे लांच किया। इस कार्ड को दो चरणों में लांच किया जाना है। पहले चरण में भारतीय बैंक भारतीयों के लिए ऐसे रुपे कार्ड जारी करेंगे, जिनका भूटान में प्रयोग हो सकेगा। दूसरे चरण में भूटान के बैंकों को ऐसे रुपे कार्ड जारी करने का अधिकार दिया जाएगा, जिनका प्रयोग भारत आने वाले भूटानी नागरिक कर सकेंगे। मोदी के दौरे पर भारत और भूटान के बीच 10 समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर हुआ। एमओयू शोध, उड्डयन, आइटी, ऊर्जा और शिक्षा क्षेत्र में किए गए।


रॉयल भूटान यूनिवर्सिटी और भारत के विभिन्न आइआइटी के बीच हुआ समझौता भी इसमें शामिल है। मोदी और शेरिंग ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के सहयोग से तैयार ग्राउंड अर्थ स्टेशन और सैटकॉम नेटवर्क का उद्घाटन भी किया। भारत ने भूटान के लोगों की जरूरत को देखते हुए घरेलू गैस (एलपीजी) की आपूर्ति भी 700 टन मासिक से 1,000 टन मासिक करने का फैसला किया है। भूटान की विदेशी मुद्रा की जरूरत को देखते हुए भारत ने भूटान के साथ मौजूदा स्टैंड बाय स्वैप अरेंजमेंट में 10 करोड़ डॉलर की अतिरिक्त व्यवस्था की है।


जलविद्युत परियोजना का किया उद्घाटन
प्रधानमंत्री मोदी ने यहां मांगदेछू जलविद्युत प्लांट का भी उद्घाटन किया। 4,500 करोड़ रुपये लागत वाली 720 मेगावाट की इस परियोजना को दोनों देशों ने मिलकर पूरा किया है। भारत ने इसके लिए 70 प्रतिशत राशि कर्ज के रूप में और 30 फीसद राशि अनुदान के रूप में दी है। मोदी ने कहा, 'जलविद्युत दोनों देशों के बीच सहयोग का अहम क्षेत्र है। दोनों देशों के प्रयास से भूटान की जलविद्युत क्षमता 2,000 मेगावाट से ज्यादा हो गई है। मुङो भरोसा है कि हम अन्य परियोजनाओं को भी तेजी से पूरा करेंगे।'




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