कश्मीर अब मुद्दा नहीं रहेगा

भावनात्मक मुद्दों पर नहीं बल्कि कारोबार बढ़ाने, एक दूसरे को सामाजिक विकास में मदद देने जैसे मुद्दे हो



जम्मू व कश्मीर को धारा 370 के तहत मिले विशेष अधिकार के खात्मे ने एक झटके में भारत और पाकिस्तान के बीच के सारे समीकरण को बदल कर रख दिया है। इससे भारत व पाकिस्तान के रिश्तों पर जमी बर्फ के और ज्यादा घनीभूत होने की संभावना जताई जा रही है। भारत ने नई सरकार के आने के बाद दोनो देशों के बीच द्विपक्षीय वार्ता को लेकर जो संभावनाएं जताई जा रही थी वे सब धाराशायी हो गई हैं। दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) पर पहले ही सवालिया निशान लग गये थे, लेकिन अब दोनो देशों के बीच रिश्तों में सुधार के लिए जिस शिमला समझौते और लाहौर घोषणा-पत्र का जिक्र किया जाता था उनकी भी प्रासंगिकता खत्म हो गई है। देश के पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल ने  बताया कि भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले किसी भी संभावित वार्ता में कश्मीर अब मुद्दा नहीं रहेगा। अब शिमला समझौते और लाहौर घोषणापत्र जैसे मसौदों की प्रासंगिकता भी खत्म हो गई क्योंकि इनमें कश्मीर को दोनो देशों के बीच एक द्विपक्षीय मुद्दे के तौर पर चिन्हित किया गया था। यही नहीं दोनो देशों के बीच रिश्तों को सामान्य करने के लिए जो कई स्तरों पर आधिकारिक, गैर आधिकारिक या बैक चैनल के जरिए जो बातचीत होती थी उनका भी कोई औचित्य नहीं रह गया।
       दोनो देशों के बीच अब अगर बातचीत होगी भी तो वह अब भावनात्मक मुद्दों पर नहीं बल्कि कारोबार बढ़ाने, एक दूसरे को सामाजिक विकास में मदद देने जैसे मुद्दों पर हो सकती है और अगर पाकिस्तान चाहे तो उसके पास के कश्मीर के हिस्से पर बात हो सकती है। भारत व पाकिस्तान के बीच वर्ष 1998 के बाद से बातचीत की जो भी कोशिश हुई है, उसका हश्र कोई बहुत खास नहीं रहा है, लेकिन यह भी सच है कि बातचीत के केंद्र में कश्मीर का मुद्दा ही रहता था। भारत जहां कश्मीर के संदर्भ में सीमा पार आतंकवाद पर बात करने की कोशिश करता था तो पाकिस्तान का दावा रहा है कि बातचीत कश्मीर समस्या के समाधान को लेकर हुई है।
   अब पाकिस्तान कश्मीर पर बात करने का दावा नहीं कर सकता। राजग सरकार के फैसले ने यह भी सुनिश्चित कर दिया है कि भारत की कोई भी सरकार पाकिस्तान से कश्मीर पर वार्ता के लिए तैयार नहीं होगी क्योंकि उसका मतलब होगा देश की अखंडता व संप्रभूता के साथ समझौता करना। विदेश मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के मुताबिक पीएम नरेंद्र मोदी की अगुवाई में वर्ष 2014 में पहली बार सरकार बनने के साथ ही पाकिस्तान को यह स्पष्ट कर दिया गया था कि दोनो देशों के बीच द्विपक्षीय वार्ताओं में भारत की अखंडता को प्रभावित करने वाले मुद्दों को लेकर कोई बातचीत नहीं होगी। पीएम मोदी के पहले शपथ ग्रहण समारोह में दक्षिण एशिया के दूसरे देशों के प्रमुखों के साथ ही पाकिस्तान के तत्कालीन पीएम नवाज शरीफ को भी बुलाया गया था। शपथ ग्रहण के अगले दिन मोदी व शरीफ के बीच मुलाकात में यह स्पष्ट किया गया था कि भारत जम्मू व कश्मीर को लेकर कोई समझौता नहीं करेगा। यह बात बाद में नई दिल्ली स्थिति पाकिस्तान के उच्चायुक्तों को भी अलग-अलग तरीके से बताया गया। भाजपा के महासचिव राम माधव ने एक अनौपचारिक बातचीत में तत्कालीन उच्चायुक्त अब्दुल बासित को यहां तक बोल दिया था कि भारत धारा 370 भी खत्म करेगा और धारा 35ए भी हटाएगा। पाकिस्तान को इसके बाद की तैयारी करनी चाहिए।
      गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लोकसभा में जम्मू कश्मीर राज्य का पुनर्गठन कर जम्मू एवं कश्मीर तथा लद्दाख को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने तथा अनुच्छेद 370 की अधिकतर धाराओं को समाप्त करने के प्रस्ताव संबंधी संकल्प पेश किया. गृह मंत्री की ओर से पेश संकल्प में कहा गया है, 'भारत के राष्ट्रपति ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 3 के तहत इस सदन में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2019 विचार के लिये भेजा है.' इसमें कहा गया है कि 19 दिसंबर 2018 को राष्ट्रपति की अधिघोषणा के बाद जम्मू कश्मीर राज्य विधायिका की शक्ति इस सदन को है. यह सदन जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2019 को विचार के लिये स्वीकार करता है. उन्होंने कहा कि हम दो केंद्रशासित प्रदेश बना रहे हैं जिसमें जम्मू कश्मीर केंद्र शासित क्षेत्र में अपनी विधायिका होगी जबकि लद्दाख बिना विधायी वाला केंद्रशासित क्षेत्र होगा. गृह मंत्री ने कहा, 'राष्ट्रपति के अनुमोदन के बाद अनुच्छेद 370 के सभी खंड लागू नहीं होंगे.' कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी और द्रमुक के टी आर बालू ने संकल्प पेश किये जाने का विरोध किया. बालू ने कहा कि 'यह अघोषित आपातकाल है.' शाह ने सदन में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक, 2019 और जम्मू कश्मीर आरक्षण दूसरा संशोधन विधेयक 2019 भी पेश किये. इससे पहले राज्यसभा ने सोमवार को अनुच्छेद 370 की अधिकतर धाराओं को खत्म कर जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख को दो केन्द्र शासित क्षेत्र बनाने संबंधी सरकार के दो संकल्पों को मंजूरी दे दी. गृह मंत्री ने कहा कि धारा 370 ने इस देश और दुनिया के मन में एक शंका पैदा कर दी थी कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है या नहीं? अमित शाह ने कहा विरोधी पार्टी के कुछ लोग भी चाहते हैं कि कश्मीर से धारा 370 हटे.
        लोकसभा में कश्मीर पर बहस का जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि देश का बच्चा बच्चा यह बोलता है कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग हैं. उन्होंने कहा कि क्यों कहना पड़ा है कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है? क्या कभी हम यह पूछते हैं कि उत्तर प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है? अमित शाह ने कहा कि धारा 370 कश्मीर और भारत को एक दूसरे से नहीं जोड़ती. गृह मंत्री ने लोकसभा में कहा कि धारा 370 ने इस देश और दुनिया के मन में एक शंका पैदा कर दी थी कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है या नहीं?  लोकसभा में रविशंकर प्रसाद ने कहा कि जो लोग आतंकवाद की पैरवी करते हैं उन्हें धारा 370 हटाने से परेशानी है.
    AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में कहा कि अनुच्छेद 370 जम्मू-कश्मीर से हटा दिया गया है, लेकिन क्या मैं हिमाचल प्रदेश में खेत खरीद सकता हूं? ओवैसी ने कहा, 'मैं इस बिल का विरोध करता हूं. हां यह सही है कि बीजेपी ने अपना चुनावी वादा पूरा किया है. लेकिन आपको अपने संवैधानिक कर्तव्यों के साथ रहना होता है. आपने अपने संवैधानिक वादों को तोड़ा है'.   लोकसभा में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल पर चर्चा के दौरान सपा सांसद अखिलेश यादव ने कहा कि हम भी देश के साथ हैं. उन्होंने कहा कि जिस प्रदेश के लिए फैसला लिया गया है, वहां खुशी है या नहीं? कश्मीर में हमने भी खोया है. मैं जिस स्कूल से पढ़ा वहां से कई शहीद हुए हैं.1952 से लेकर जब जब नये राज्य बनाये गये हैं या किसी राज्य की सीमाओं को बदला गया है तो बिना विधानसभा के विचार-विमर्श के नहीं बदला गया है: मनीष तिवारी. विधानसभा से विचार के बिना बदलाव नहीं किया जा सकता- कांग्रेस नेता मनीष तिवारी. इतिहास को समझने की जरूरत- कांग्रेस नेता मनीष तिवारीकश्मीर पर सरकार के संकल्प का विरोध करते हुए कांग्रेस के सदस्य मनीष तिवारी ने लोकसभा में कहा कि संसद में आज जो हो रहा है, यह संवैधानिक त्रासदी है.जम्मू कश्मीर अगर आज भारत का अभिन्न अंग है तो वह पंडित जवाहरलाल नेहरू की वजह से है :मनीष तिवारी.रायबरेली से कांग्रेस विधायक अदिति सिंह ने धारा 370 हटाने का किया समर्थन.
       जम्मू कश्मीर पर संसद में कानून बनाने और संकल्प पेश करने से हमें कोई रोक नहीं सकता: गृह मंत्री लोकसभा में.जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है, इसे लेकर कोई कानूनी विवाद नहीं है. भारत के संविधान और जम्मू-कश्मीर के संविधान में इसे स्पष्ट किया गया है- अमित शाह. लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह: जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है. कश्मीर की सीमा में पीओके भी आता है. जान दे देंगे इसके लिए. लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह: मैं सदन में जब-जब जम्मू और कश्मीर राज्य बोलता हूं तब तब पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और अकसाई चीन दोनों इसका हिस्सा हैं. ये बात है.बिल पेश होते ही लोकसभा में हंगामा. कश्मीर के लिए जान दे देंगे.- गृह मंत्री अमित शाह.जम्मू-कश्मीर की कोई खबर नहीं मिल रही- कांग्रेस.रातों रात नियमों की अनदेखी- कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी.केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में पेश किया जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल पेश किया.कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने जम्मू-कश्मीर मामले को लेकर लोकसभा में दिया स्थगन प्रस्ताव का नोटिस

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