जेएनयू छात्रों पर हुए लाठीचार्ज की आग की लपट काशी हिन्दू विश्वविद्यालय पहुंची

जेएनयू के बाद बीएचयू में भी फीस को लेकर प्रदर्शन, कुलपति की कार पर फेंके पत्थर:


हास्यप्रद है कि जिस देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की बात की का रही है वहां की सरकार के पास गिनती के छात्रों को पढ़ने का पैसा नहीं।



मंगलवार को बीएचयू कैंपस के कई जगहों पर धरना-प्रदर्शन चलता रहा। कुलपति की कार पर पत्‍थर और पानी की बोतलें फेंकी गई। इससे पहले बीएचयू कैंपस तब सुर्खियों में था जब छात्रों ने संस्कृत प्रोफेसर डॉ. फिरोज खान की नियुक्ति पर सवाल खड़ा कर दिया था और उनसे पढ़ने से भी साफ इनकार कर दिया था।



उधर, विधि संकाय के एलएलबी के छात्र फीस कम करने की मांग को आंदोलित हैं। छात्रों ने कक्षा का बहिष्‍कार करने के साथ प्रदर्शन किया। छात्रों का कहना है कि एक तरफ पुरानी प्रणाली से एलएलबी करने वालों से महज तीन से चार हजार रुपये शुल्‍क लिया जाता है जबकि नई व्‍यवस्‍था में 65 हजार रुपये सालाना शुल्‍क लिया जा रहा है।


जेएनयू की फीस बढ़ाकर और लोन लेकर पढ़ने का मॉडल सामने रखकर सरकार ने एक बार फिर साफ़ कर दिया है कि विकास की उसकी परिभाषा में हमारे गांव-कस्बों के लोग शामिल ही नहीं हैं। जिन किसान-मजदूरों के टैक्स के पैसे से विश्वविद्यालय बना, उनके ही बच्चों को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा तो देश के युवा चुप बैठेंगे, ऐसा हो ही नहीं सकता।


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