जेएनयू , प्रशासन पुलिस और छात्र

फीस बढ़ोतरी सहित कई मुद्दों पर आंदोलन कर रहे जेएनयू के छात्रों ने सोमवार को संसद तक मार्च की कोशिश की। वे तमाम रुकावटें पार करते हुए सफदरजंग के मकबरे तक पहुंच गए। वहां उन पर लाठी चार्ज हुआ। करीब 50 छात्र हिरासत में लिए गए। अब सरकार ने छात्रों से बातचीत के लिए कमेटी बनाई है, लेकिन छात्रों का कहना है कि पहले उनके साथियों को रिहा किया जाए।



जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रों को लगता है कि अगर छात्रावास शुल्क में वृद्धि हुई तो इससे जेएनयू में पढ़ने का छात्रों का सपना टूट सकता है। मंगलवार को कई छात्राओं ने कहा कि अगर फीस वृद्धि हुई तो वे अपने घर वापस लौट जाएंगी। जेएनयू छात्रसंघ, मसौदा छात्रावास नियमावली को लेकर प्रदर्शन कर रहा है।



जेएनयू प्रसाशन ने एक नवंबर को एक विज्ञप्ति जारी कर इस विश्वविद्यालय के हॉस्टल में रह रहे छात्रों से वसूले जा रहे शुल्क को बढ़ा दिया। इसमें कमरे का किराया से लेकर बिजली, पानी और मेंटेनेंस के शुल्क तक शामिल हैं।


जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक़ विश्वविद्यालय परिसर के दो हॉस्टल में रहने वाले छात्र बिजली और पानी की कीमतें पहले से ही चुका रहे हैं लेकिन अन्य 16 छात्रावास के छात्रों को मेंटेनेस की ये फ़ीस नहीं देनी पड़ती थी।



होस्टल में रहना वाले एक छात्र के अनुसार "जेएनयू के होस्टल में रहने के लिए छात्रों को अब तक जो शुल्क देने पड़ते थे उसमें काफी बदलाव कर दिया गया है। पहले ऐसी कई सुविधाएं थीं जिसके लिए छात्रों को कोई पैसे नहीं चुकाने पड़ते थे। लेकिन संशोधित शुल्क पहले की तुलना में कहीं अधिक हैं. छात्रों के प्रदर्शन के बाद इनमें से कुछ शुल्कों को वापस लिया गया।"



 


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