लापरवाही के कारण हो सकता है एफ आई आर
सहायक अभियंता / परिवेक्षक, बरौनी रेलवे जंक्शन, बरौनी एवं स्टेशन मास्टर, दलसिंहसराय , रेलवे स्टेशन पर कार्य में लापरवाही के कारण हो सकता है एफ आई आर
समस्तीपुर जिला अनुमंडल विधिक सेवा समिति, व्यवहार न्यायालय, दलसिंहसराय में एक पब्लिक आवेदन प्राप्त हुआ है जिसमें यह आवेदित है कि दलसिंहसराय में 32 नंबर गुमती का सड़क विगत कई वर्षों से खराब है । गाड़ीयों को आने जाने में काफी कठिनाई होती रहती है । गुमती का सड़क पर छोटे छोटे अनेक गढ्ढे हैं , जिससे छोटी छोटी गाड़ीयां अक्सर फस जाती है । सड़क के दोनों ओर बड़े बड़े गढ्ढे भी हैं जिससे कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है । सड़क खराब होने के परिणाम स्वरूप ट्रैफिक जाम की भी समस्या बनी रहती है । छोटे छोटे बच्चे को विद्यालय , कोचिंग संस्थान जाने में भी काफी असुविधा होती रहती है ।न्यायार्थीगण को न्यायालय पहुंचने में भी काफी कठिनाई होती रहती है । अस्पताल जा रहे मरीजों , एम्बुलेंस एवं स्थानीय अस्पताल से जा रहे गंभीर अवस्था के मरीजों को भी काफी परेशानी होती रहती है । ऐसी स्थिति में कभी भी कोई अप्रिय घटना हो सकती है । इसपर अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी सह सचिव विवेक विशाल ने स्टेशन मास्टर , दलसिंहसराय रेलवे स्टेशन एवं सहायक अभियंता सह पर्यवेक्षक , बरौनी रेलवे जंक्शन बरौनी को त्वरित ठीक करवाने हेतु लिखा गया तथा विलंब होने का कारण भी पूछा गया । स्टेशन मास्टर , दलसिंहसराय रेलवे स्टेशन ने इस आशय का प्रतिवेदन दिया है कि उन्होंने सहायक अभियंता , बरौनी परीक्षक को इस संबंध में लिखा तो उन्होंने बताया कि समपार/32 A पर लाइन को उठाया जाएगा तथा उसपर रबड़ पेड लगाया जाएगा जो कभी खराब नहीं होगा , इसके लिए निविदा हो गया है तथा जल्द ही कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा । महीनों बीतने के वावजूद भी अब तक कोई भी कार्य प्रकिया में नहीं होते देख पुनः पब्लिक आवेदन उक्त संदर्भ में समिति को प्राप्त हुआ । प्राप्त आवेदन की गंभीरता को देखते हुए सहायक अभियंता/ पर्यवेक्षक , बरौनी रेलवे जंक्शन , बरौनी से स्पष्टीकरण की माँग की गई , परन्तु आजतक कोई भी प्रतिवेदन उनके द्वारा नहीं दी गई । इसपर अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी -सह - सचिव विवेक विशाल ने सहायक अभियंता /परिवेक्षक, बरौनी रेलवे जंक्शन , बरौनी के विरूद्ध कार्य में शिथिलता और ड्यूटी में की जा रही लापरवाही के कारण स्पष्टीकरण की माँग की गई है की क्यों नहीं उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक विभागीय कार्यवाही हेतु उनके उच्चतर पदाधिकारी को लिखा जाय तथा उनके विरूद्ध सुसंगत धाराओं में प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश क्यों नहीं दिया जाय।
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