सीएए सुप्रीम कोर्ट का रोक लगाने से इनकार

नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है, जिस पर आज  सुनवाई होनी है। चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अगुवाई वाली पीठ इस संबंध में 140 याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। 


सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बुधवार को केंद्र सरकार को राहत देते हुए कानून पर फिलहाल रोक लगाने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने सरकार को जवाब देने के लिए चार सप्‍ताह का समय दिया है और कहा कि पांच हफ्ते बाद अगली सुनवाई की जाएगी। कोर्ट ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) की संवैधानिक वैधता परखने की मांग करने वाली याचिकाओं को संविधान पीठ के पास भेजने का फैसला किया है। इसके अलावा केंद्र से असम और त्रिपुरा पर अलग-अलग सूची की मांग की है।


कोर्ट ने कहा कि असम और त्रिपुरा के मामलों के लिए अलग कैटेगरी बनाई जाएगी और अन्‍य राज्यों के मामले को अलग देखना होगा। चीफ जस्‍टिस ने कहा, जोन के आधार पर असम और त्रिपुरा का मामला अलग होगा और अन्‍य राज्यों का मामला अलग होगा।



चीफ जस्‍टिस ने कहा कि तीन जजों की बेंच मामले में अंतरिम राहत नहीं दे सकती 5 जजों की बेंच ही अंतरिम राहत दे सकती है। उन्‍होंने कहा कि किसी भी हाईकोर्ट में इस कानून से जुड़े मामलों की सुनवाई नहीं की जाएगी। कोर्ट ने कहा, ‘मामले में 5 हफ्ते बाद सुनवाई की जाएगी। संविधान पीठ बनने के बाद हम तय करेंगे कि अगली सुनवाई कब ह



सीजेआई ने कहा कि इस कानून पर हम एकपक्षीय रोक नहीं लगा रहे।  उन्‍होंने कहा कि सभी याचिकाओं को देख कर फैसला किया है कि कानून पर फिलहाल रोक नहीं लगाई जाए। वहीं कपिल सिब्‍बल ने कानून को दो माह तक लागू न करने व सुनवाई की अगली तारीख फरवरी में सुनिश्‍चित करने की मांग की।  अटॉर्नी जनरल वेणुगोपाल ने कहा, ‘हमें सिर्फ 60 याचिकाओं की कॉपी मिली है। केंद्र सरकार को याचिकाओं की कॉपी दी जाए।‘


अटॉर्नी जनरल वेणुगोपाल ने सुनवाई शुरू होने से पहले कोर्ट में जमा हुई भीड़ पर चिंता व्‍यक्‍त की। उन्‍होंने इस बारे में कहा, ‘माहौल को शांत होना चाहिए विशेषकर सुप्रीम कोर्ट में। उन्‍होंने चीफ जस्‍टिस बोबडे से कहा कि कोर्ट को कुछ निर्देश जारी करने होंगे कि कौन कोर्ट में आ सकता है कौन नहीं। इसके लिए कुछ नियम निर्धारित करने होंगे। उन्‍होंने यह भी कहा कि अमेरिका व पाकिस्‍तान में सुप्रीम कोर्ट में आने वाले विजिटर्स के लिए नियम हैं।


बता दें कि मामले की सुनवाई कर रहे चीफ जस्‍टिस एसए बोबडे (Chief Justice SA Bobde), जस्टिस एस अब्दुल नजीर और संजीव खन्ना की बेंच ने केंद्र को विभिन्न याचिकाओं पर नोटिस जारी किया था। मामले में करीब 144 याचिकाओं की सुनवाई होनी है। इनमेेंं सेे 141 याचिकाएं कानून के विरोध में हैं। 


इस कानून को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ताओं में मुस्‍लिम लीग (Indian Union Muslim League), कांग्रेस नेता जयराम रमेश (Jairam Ramesh), राजद नेता मनोज झा (Manoj Jha), तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra), AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi), जमीयत उलेमा-ए-हिंद (Jamiat Ulama-i-Hind), ऑल असम स्‍टूडेंट्स यूनियन (AASU), पीस पार्टी (Peace Party), SFI, और CPI भी शामिल हैं।


मुस्लिम लीग की याचिका में कहा गया है कि CAA समानता के अधिकार का उल्लंघन करता है। इस कानून से अवैध प्रवासियों के एक वर्ग को नागरिकता उपलब्‍ध कराई जाती है, वहीं धर्म के नाम पर कुछ को नागरिकता से वंचित किया गया है। याचिका में कानून पर अंतरिम रोक लगाने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि यह कानून भारतीय संविधान के खिलाफ है। इस कानून को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की ओर से मंजूरी मिलने के बाद यह कानून बन गया।


इससे पहले 9 जनवरी को सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने इस कानून को लेकर देशभर में हो रहे हिंसक प्रदर्शन पर चिंता जताई थी और कहा था कि हिंसा रुकने पर ही वे सुनवाई करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने 18 दिसंबर को नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर परीक्षण करने का निर्णय लेते हुए सरकार को नोटिस जारी किया था। हालांकि सुपीम कोर्ट ने उस दिन अधिनियम पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।


 


कश्मीर मुद्दे पर डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि यह बेहतर होता कि भारत और पाकिस्तान दोनों मिलकर इस समस्या को सुलझा लेते। जहां तक अमेरिका का सवाल है वो दोनों पक्षों की सहमति पर आगे बढ़ सकता है। हम यह मानते हैं कि दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता पूरे विश्व की बेहतरी के लिए जरूरी है। यह प्रामाणिक तथ्य है कि दोनों देश परमाणु संपन्न हैं लिहाजा भारत और पाकिस्तान की जिम्मेदारी के साथ साथ विश्व की भी यह जिम्मेदारी है इन दोनों मुल्कों में तनाव न बढ़े।


Imran Khan से मिलते ही बदल जाता है अंकल सैम का सुर,कश्मीर पर एक बार फिर ट्रंप ने अलापा मध्यस्थता राग
नागरिकता संशोधन कानून पर हो हल्ला के बीच बुधवार का दिन अहम है। चीफ जस्टिस एस ए बोबड़े की अगुवाई वाली बेंच 140 याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। इस बेंच में जस्टिस अब्दुल नजीरस और जस्टिस संजीव खन्ना शामिल हैं। केंद्र सरकार के विरोध में खड़े दलों का कहना है कि यह विधिसम्मत नहीं है। केंद्र सरकार की तरफ से जो कानून लाया गया है वो संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंन करता है। इस बिल के खिलाफ देश के अलग अलग हिस्सों में विरोध हो रहा है। 

कुत्ते के साथ फोटोशूट कराना पड़ा महंगा,चेहरे पर लगे 40 टांके 43 साल की एडल्ट स्टार जेसिका जेम्स की मौत



लखनऊ: उत्तर प्रदेश के किसानों को मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के तहत दुर्घटना में मौत होने या दिव्यांगता होने पर सरकार द्वारा उनके परिवार को सहायता दी जायेगी। मंत्रिमंडल की बैठक में मंगलवार को यह निर्णय हुआ।मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना बीमा योजना का नाम मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना करने के साथ ही इसके नियम और सुविधाओं में बदलाव किया गया है। 
इसे मंगलवार को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी। इस योजना के दायरे में प्रदेश के दो करोड़ 38 लाख 22 हजार किसान आएंगे। खास बात है कि बीमे के वारिस के रूप में किसान के परिवार के अलावा बटाईदार भी हकदार होगा।मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना बीमा योजना का लाभ सिर्फ खातेदार किसान और सह-खातेदार को ही मिलता था। नई योजना में किसान और उसकी पत्नी, पुत्र-पुत्री, पौत्र व पौत्री के साथ ही बटाईदार भी पात्र होगा।

बीमित किसान की मृत्यु पर पांच लाख रुपये, जबकि दिव्यांगता पर बीमा राशि को श्रेणीवार रखा गया है। इसमें 60 फीसद से अधिक दिव्यांगता पर अधिकतम दो लाख रुपये मिलेंगे। सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि 18 से 70 वर्ष तक की उम्र के किसान पात्र होंगे। योजना का लाभ 14 सितंबर 2019 से मिलेगा।


खेत में काम करने के दौरान किसान या उसके परिवार के किसी सदस्य की दुर्घटना के दौरान मृत्यु होने पर पांच लाख रूपये और 60 फीसदी से अधिक दिव्यांग होने पर दो लाख रूपये की राशि दी जाएगी। इसमें 18 से 70 साल तक के किसान और उसके परिवार के लोग शामिल होंगे।
यह योजना 14 सितंबर 2019 से लागू होगी। प्रदेश में इसके लाभार्थियों की संख्या करीब दो करोड. 38 लाख 22 हजार किसान होंगे। इसमें बटाई करने वाले किसान भी शामिल होंगे। अमूमन देखा गया है कि किसान की मृत्यु के पश्चात उसके वारिस खेत का ट्रांसफर अपने नाम पर नहीं कराते हैं। ऐसी स्थिति में किसान के परिजन (पत्नी, बेटा और बेटी) इससे लाभान्वित होंगे।

मंत्रिमंडल की बैठक में 13 फैसले हुए। इसमें वर्ष 2020-21 के लिये नयी आबकारी नीति की भी घोषणा की गयी। इसके तहत नये लाइसेंस शुल्क देशी शराब के लिये 10 फीसदी, विदेशी शराब के लिये 20 फीसदी और बियर के लिये 15 फीसदी की बढोतरी की गयी है ।
उन्होंने बताया कि मथुरा में गोवर्धन परिक्रमा मार्ग की चारों ओर 10 मीटर चौड़ाई की सर्विस रोड का निर्माण किए जाने के संबंध में प्रस्ताव हुआ पास हुआ है। जिसके लिए 177 करोड़ का धन स्वीकृत किया गया है। यह काम 19 महीने में पूरा होगा।


उत्तर प्रदेश औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति 2017 के क्रियान्वयन संबंधी नियमावली के अंतर्गत प्रदेश में मेगा परियोजनाओं की स्थापना को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से दी जाने वाली विशेष सुविधाओं एवं रियायतों के संबंध में प्रस्ताव पास किया गया है। मंत्रिमंडल की बैठक में प्रदेश में पुलिस और विधि विज्ञान विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु उत्तर प्रदेश पुलिस और विधि विज्ञान विश्वविद्यालय अध्यादेश 2020 के प्रख्यापन के संबंध में प्रस्ताव पास किया गया है। प्रवक्ता ने बताया कि स्वच्छता अभियान के तहत बनी 'हलका' फिल्म को टैक्स फ्री किए जाने का प्रस्ताव भी पास किया गया है ।
 


सरदार राधेश सिंह साल 2018 में आम चुनावों में पेशावर के अपने मूल इलाके से चुनाव में खड़े हुए थे. 
नई दिल्ली: भारत के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की स्थिति बेहद खराब है ये दीगर बात है कि पाक बेहतरी के दावे चाहे कितने करे लेकिन वहां के हालत किसी से छिपे नहीं हैं। अब पाकिस्तान के जाने माने बड़े सिख नेता राधेश सिंह को धमकियां मिल रही हैं जिसके चलते वो परिवार के साथ पाकिस्तान से कहीं और चले गए हैं।
गौरतलब है कि सरदार राधेश सिंह साल 2018 में आम चुनावों में पेशावर के अपने मूल इलाके से चुनाव में खड़े हुए थे, उसके बाद से उन्हें धमकियां मिलनी शुरू हो गई थीं, बाद वो पेशावर छोड़ कर लाहौर पहुंचे, लाहौर पहुंचने के बाद उन्होंने पुलिस से सुरक्षा की भी मांग की थी।

लेकिन किसी तरह का सहयोग न मिलने पर उन्होंने आखिरकार पाकिस्तान ही छोड़ने का निर्णय लिया बाद  में वो अपनी और अपने परिवार की जान बचाने के लिए को लेकर पाकिस्तान से चले गए। 
 
 
राधेश सिंह के उत्पीड़न के संबध में भारतीय सिखों ने भी विरोध जताया है,अकाली दल के प्रवक्ता और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने इस मामले में विदेश मंत्री एस जयशंकर से संज्ञान लेने का अनुरोध किया है।


नागरिकता संशोधन कानून (Citozenship Amendment Act-CAA) को लेकर देश में चल रहे विरोध प्रदर्शनों पर केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा, "कानून बन जाने के बाद उसका पालन जरूरी है।" डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में मंगलवार को 'श्रीराम : वैश्विक सुशासन के प्रणेता' विषय पर संगोष्ठी आयोजित की गई। इसमें केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान भी पहुंचे और उनके साथ प्रख्यात लेखक तारीक फतेह भी मौजूद रहे।


दुष्कर्म के मामले में मुजरिम करार दिए जा चुके कुलदीप सिंह सेंगर के पीछे समाजवादी पार्टी (सपा) हाथ धोकर पड़ गई है. सपा ने अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सिर एक नए आरोप का ठीकरा फोड़ दिया है. मंगलवार रात पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आई.पी. सिंह ने एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में कहा, "योगी की सरकार खुद और भाजपा को बेदाग बताने का सिर्फ ढोंग करती है.


हकीकत अगर देखनी है तो आमजन सिर्फ एक नजर केवल दुष्कर्म के मुजरिम उन्हीं के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के कुकर्मो पर डाल लें. इसमें कोई विरोधी पार्टी भला क्या करेगी?


जीआरपी के सिपाहियों ने पैसों की वसूली के लिए यात्रियों की बेरहमी से पिटाई का मामला सामने आया है. जीआरपी के तीन सिपाहियों पर पिटाई का आरोप लगाया है. घटना थाना सदर बाजार के जीआरपी बैरक और रेलवे स्टेशन की है. रेलवे स्टेशन से आवासीय बैरक में ले जाकर निर्वस्त्र कर बेरहमी से की पिटाई. यात्रियों की शिकायत पर पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया.


Samajwadi Party chief Akhilesh Yadav lashed out at Union Home Minister Amit Shah for his statement that the CAA would not be withdrawn at any cost. Slamming the BJP chief, the former Chief Minister said that the saffron party was making ‘intolerance’ its identity and hence losing its popularity due...


Opposition parties speaking in Pak language: Yogi

Congress derailed Ram temple’s construction: Shah

CAA will not be rolled back: Shah


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

पेंशनरों की विशाल सभा

विश्व रजक महासंघ का आयोजन

जातीय गणना के आंकड़े जारी