‘हुनर हाट’ औचक पहुंचे पीएम मोदी

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 24 फरवरी को भारत के दौरे पर आ रहे है। उनके भारत दौरे को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं। गुजरात के अहमदाबाद स्थित मोटेरा में ट्रंप के भव्य स्वागत की तैयारियां जोरों पर हैं। दिल्ली के नए पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने राजधानी में प्रदूषण की समस्या पर कार्ययोजना बनाने के लिए आज उच्च अधिकारियों की एक बैठक बुलाई है। 




बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की ओर से आयोजित ‘हुनर हाट’ औचक निरीक्षण में पहुंच गए. पीएम मोदी ने वहां पहुंचकर हुनर हाट में लोगों की बनाई गई चीजों को देखा उनके बारे में पूछा और बातचीत की. यहां पर पीएम मोदी लगभग 50 मिनट तक रहे, पीएम मोदी इस दौरान हुनर हाट की लगभग सभी स्टालों पर गए और वहां मौजूद सभी हस्तकला चीजों का मुआयना किया और उनके बारे में जानकारी ली.


आपको बता दें कि दिल्ली में इंडिया गेट के करीब राजपथ पर लगे हुनर हाट में विजिट के दौरान पीएम मोदी ने वहां पर लिट्टी-चोखे का लुत्फ उठाया और वहां की कुल्हड़ चाय भी पी. इस दौरान पीएम मोदी खुद अपनी जेब से लिट्टी चोखा और चाय का 120 रुपये का भुगतान किया. उन्होंने दो कुल्हड़ चाय भी ली जिसमें से एक उन्होंने स्वयं ली और दूसरी चाय नकवी को दी. मोदी ने चाय के लिए भी 40 रुपये का भुगतान किया. प्रधानमंत्री के वहां पहुंचने के साथ भारी भीड़ जमा हो गई. लोगों ने 'मोदी-मोदी' के नारे लगाए और कई ने तो उनके साथ सेल्फी भी खिंचवाई.


 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस तरह से पहली बार किसी हुनर हाट में पहुंचे हैं. मीडिया के सूत्रों के मुताबिक, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह दौरा तय नहीं था. वह बुधवार की दोपहर अचानक ही हुनर हाट पहुंचे. इससे वहां सभी लोग हैरान रह गए. उनके पहुंचने की जानकारी पाते ही अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी तत्काल वहां पहुंचे और उनकी अगवानी की.' गौरतलब है कि 'कौशल को काम' थीम पर आधारित यह 'हुनर हाट' 13 फरवरी से 23 फरवरी 2020 तक आयोजित किया गया है जहां देश भर के 'हुनर के उस्ताद' दस्तकार, शिल्पकार, खानसामे भाग ले रहे हैं . इनमे 50 प्रतिशत से अधिक महिला दस्तकार शामिल हैं.


अल्पसंख्क मंत्री मुक्तार अब्बास नकवी का कहना है कि पिछले लगभग तीन वर्षों में 'हुनर हाट' के माध्यम से लगभग तीन लाख दस्तकारों, शिल्पकारों, खानसामों को रोजगार और रोजगार के मौके उपलब्ध कराये गए हैं. इनमे बड़ी संख्या में देश भर की महिला दस्तकार भी शामिल हैं. इससे पहले दिल्ली, मुंबई, प्रयागराज, लखनऊ, जयपुर, अहमदाबाद, हैदराबाद, पुडुचेरी, इंदौर आदि स्थानों पर 'हुनर हाट' आयोजित किए जा चुके हैं.अगले 'हुनर हाट' का आयोजन रांची में 29 फरवरी से 8 मार्च, 2020 तक और फिर चंडीगढ़ में 13 मार्च से 22 मार्च, 2020 तक किया जाएगा. आने वाले दिनों में 'हुनर हाट' का आयोजन गुरुग्राम, बेंगलुरु, चेन्नई, कोलकाता, देहरादून, पटना, भोपाल, नागपुर, रायपुर, अमृतसर, जम्मू, शिमला, गोवा, कोच्चि, गुवाहाटी, भुवनेश्वर, अजमेर.




 



पश्चिमी जर्मन शहर हनाऊ में बुधवार शाम हुई गोलीबारी की दो घटनाओं में कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई है जबकि कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है जिनमें से कुछ की हालत नाजुक बताई जा रही है।


मुंबई में 26 नवंबर, 2008 को हुए आतंकी हमले को लेकर पूर्व पुलिस कमीश्‍नर राकेश मारिया की किताब 'लेट मी से इट नाउ' में कई चौंकाने वाले खुलासे किए गए हैं। कसाब को फांसी के तख्‍त तक पहुंचाने वाले उज्‍जवल निकम ने भी की तस्‍दीक, 'आतंकियों के पास थे फर्जी पहचान-पत्र'


तीन प्रमुख ज्योतिर्लिंगों काशी विश्‍वनाथ (वाराणसी), महाकालेश्‍वर (उज्‍जैन), ओंकारेश्‍वर (शिवपुरी) के दर्शन कराने वाली महाकाल एक्‍सप्रेस के बाद अब आईआरसीटीसी की योजना श्री रामायण एक्सप्रेस चलाने की है, जो श्रद्धालुओं को भगवान राम से जुड़े प्रमुख तीर्थ स्थलों की यात्रा कराएगी। 'महाकाल' के बाद अब रामायण एक्सप्रेस, श्रीलंका में कर सकते हैं अशोक वाटिका के दर्शन


अमेरिका का कोई राष्ट्राध्यक्ष जब विदेशी मुल्कों का दौरा करता है तो वो एजेंडे के साथ आता है, एजेंडा भी साफ कि एक हाथ लो एक हाथ दो। यह बात अलग है कि अमेरिका देने से ज्यादा लेने में भरोसा करता है। भारतीय बाजार की ताकत वो जानता है इसके साथ ही वो चीन को अपने झंडे के नीचे लाना चाहता है। अमेरिका को पता है कि भारत में चीन अपना माल बेचता है तो वो भी पीछे नहीं है। लेकिन अगर चीन शेर है तो अमेरिका सवा सेर क्यों नहीं हो सकता है। चीन जब सजावटी लड़ियों को कई गुना दाम पर बेच सकता है तो कैलिफोर्निया का माल क्यों नहीं वो बेच सकता है। 


उत्तर प्रदेश की योगी सरकार शहरी मलिन बस्तियों में झोपड़ियों में रहने वालों को उसी स्थान पर पक्के मकान बनाकर देने जा रही है। 25 जून 2015 या उससे पहले मलिन बस्तियों में रहने वाले परिवारों को पात्र माना जाएगा। इसके लिए 'स्व-स्थाने स्लम पुनर्विकास नीति' का प्रारूप तैयार हो चुका है। जल्द ही इसे कैबिनेट मंजूरी की तैयारी है।


वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार मलिन बस्तियों की आबादी 62.39 लाख है। राज्य सरकार चाहती है कि इन मलिन बस्तियों में कच्चे या फिर झोपड़ी में रहने वाले परिवारों को पक्के मकान बनाकर दिए जाएं। इसके लिए केंद्र एक लाख रुपये और राज्य सरकार 67000 रुपये अनुदान देगी। मकान फ्री में दिया जाएगा या फिर कुछ पैसा लिया जाएगा इसके बारे में अंतिम फैसला होना बाकी है। पात्रता की श्रेणी में लाभार्थी परिवारों में पति, पत्नी और अविवाहित बच्चे शामिल होंगे। कोई कमाने वाला वयस्क सदस्य चाहे विवाहित हो या अविवाहित को अलग परिवार समझा जाएगा। लाभार्थी परिवार या उसके अपने नाम से या उसके परिवार के नाम से देश के किसी भी भाग में पक्का मकान नहीं होना चाहिए। मलिन बस्ती की जमीनों पर झोपड़ियों के स्थान पर तीन से चार मंजिला अपार्टमेंट बनाकर उसमें मकान दिए जाएंगे। इसके लिए निजी विकासकर्ताओं का सहारा लिया जाएगा। विकासकर्ता अधिकतम अधिकतम 30 वर्ग मीटर कारपेट क्षेत्र में पक्के मकान बनाकर देगा। पेयजल, सीवरेज लाइन और बिजली कनेक्शन की सुविधा इसमें देनी होगी। लाभार्थियों को शुरू में पहले 10 वर्षों के लिए आवंटित घरों को पट्टे पर रहने का अधिकार दिया जाएगा। इसके बाद उसे स्वामित्व अधिकार दिया जाएगा। इस दौरान जमीन का स्वामित्व शहरी स्थानीय निकाय के पास रहेगा। ऐसे मकान बनाने वाले विकासकर्ताओं को भूमि उपयोग परिवर्तन शुल्क से पूरी तरह छूट दी जाएगी। कुल जमीन का 10 फीसदी व्यावसायिक उपयोग कर सकेगा। भू-उपयोग 45 दिनों में अनिवार्य रूप बदला जाएगा। मिश्रित भू-उपयोग में आवासीय, व्यावसायिक और मनोरंजन उपयोग की अनुमति होगी। विकासकर्ता जिस जमीन को बेचेगा उसके लिए लेआउट पास करना जरूरी होगा। गाजियाबाद, लखनऊ, कानपुर, आगरा, वाराणसी, प्रयागराज, मेरठ और गौतमबुद्धनगर में उससे कुल क्षेत्र पर बाहरी विकास शुल्क का 50 फीसदी देना होगा। अन्य शहरों में यह शुल्क 25 फीसदी होगा। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय स्वीकृति और निगरानी समिति बनाई जाएगी। विकासकर्ता मकान बनाने वाले स्थान से हटाने वाले परिवारों को कम से कम 10 दिनों तक खाने की व्यवस्था करानी होगी। इसके साथ ही पालीथीन या तिरपाल शीट की व्यवस्था करानी होगी।


पहली बैठक दिल्ली में ग्रेटर कैलाश-1 स्थित ट्रस्ट के ऑफिस में हुई. यह ऑफिस वरिष्ठ वकील के. परासरण के आवास पर बनाया गया. परासरण की अगुवाई में हुई बैठक के बाद चंपत राय ने कहा कि नृत्य गोपाल दास अध्यक्ष और चंपत राय महासचिव चुने गए हैं. जबकि गोविंद गिरी को कोषाध्यक्ष बनाया गया है. उन्होंने आगे कहा कि राम मंदिर निर्माण के लिए भवन निर्माण समिति बनेगी. इसके लिए काम आगे बढ़ेगा. नृपेंद्र मिश्रा को भवन निर्माण समिति का चेयरमैन नियुक्त किया गया है. हालांकि बैठक की जानकारी देने के दौरान चंपत राय भावुक हो गए और अपना वक्तव्य पूरा नहीं कर सके. फिर गोविंद देव गिरी स्वामी ने आगे की जानकारी दी. गोविंद देव गिरी को ही ट्रस्ट का कोषाध्यक्ष बनाया गया है. उन्होंने कहा कि बैठक में ट्रस्ट से जुड़े सभी 14 न्यासी उपस्थित हुए. आज भारत के इतिहास का नया अध्याय लिखा गया. मंदिर निर्माण कार्य शुरू होने के बारे में गोविंद देव गिरी ने कहा कि निर्माण तिथि के बारे में भवन निर्माण समिति एक रिपोर्ट देगी तब हम उचित तिथि बताने में सक्षम होंगे. ट्रस्ट के अध्यक्ष बने महंत नृत्य गोपाल दास ने कहा कि राम मंदिर का मॉडल वही रहेगा, लेकिन उसे और ऊंचा तथा चौड़ा करने के लिए प्रारूप में थोड़ा बदलाव किया जाएगा. नृपेंद्र मिश्रा की अगुवाई में निर्माण समिति का गठन किया गया है. ट्रस्ट से जुड़े सूत्र ने कहा कि 15 दिन बाद इस ट्रस्ट के लोग अयोध्या में मिलेंगे. तब राम मंदिर निर्माण को लेकर तारीखों का ऐलान किया जा सकता है.परासरण की अगुवाई में हुई बैठक में महंत नृत्यगोपाल दास, महंत दिनेन्द्र दास, गृह मंत्रालय से संयुक्त सचिव ज्ञानेश कुमार, होम्योपैथ डॉ. अनिल कुमार मिश्रा, चंपत राय (VHP), शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती, यूपी के अपर प्रधान गृह सचिव अवनीश अवस्थी, परमाननंद जी महाराज, अयोध्या के जिलाधिकारी अनुज झा, कामेश्वर चौपाल, पेजावर मठ के प्रमुख विश्वप्रसन्न तीर्थ स्वामी, पुणे के स्वामी गोविंद देव गिरी और अयोध्या के राज परिवार के विमलेंद्र मोहन मिश्र शामिल हुए. हालांकि वैष्णव वैरागी अखाड़ों की निर्वाणी अणी के महंत और अयोध्या में हनुमानगढ़ी के महंत धर्मदास भी बैठक के दौरान पहुंचे, लेकिन उन्हें शामिल नहीं किया गया. उन्हें बैठक कक्ष के बाहर ही एक अन्य कमरे में बिठाया गया. महंत धर्मदास काफी समय से ट्रस्ट में शामिल होने की मांग कर रहे थे.


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