Mahashivratri: प्रकाश मन की एक छोटी सी घटना है।

 शिव की उपासना के लिए सप्ताह के सभी दिन अच्छे हैं, फिर भी सोमवार को शिव का प्रतीकात्मक दिन कहा गया है। इस दिन शिव की विशेष पूजा-अर्चना करने का विधान है। सोमवार चंद्र से जुड़ा हुआ दिन है। शैव पंथ में चंद्र के आधार पर ही सभी व्रत और त्योहार आते हैं। हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को शिवरात्रि कहते हैं। लेकिन फाल्गुन मास की कृष्ण चतुर्दशी पर पड़ने वाली शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहा जाता है, जिसे बड़े ही हषोर्ल्लास और भक्ति के साथ मनाया जाता है। शिवरात्रि बोधोत्सव है। ऐसा महोत्सव, जिसमें अपना बोध होता है कि हम भी शिव का अंश हैं, उनके संरक्षण में हैं। माना जाता है कि सृष्टि की शुरुआत में इसी दिन आधी रात में भगवान शिव का निराकार से साकार रूप में (ब्रह्म से रुद्र के रूप में) अवतरण हुआ था। ईशान संहिता में बताया गया है कि फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी की रात आदि देव भगवान श्रीशिव करोड़ों सूर्यों के समान प्रभा वाले लिंगरूप में प्रकट हुए। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि में चंदमा सूर्य के नजदीक होता है। उसी समय जीवनरूपी चंद्रमा का शिवरूपी सूर्य के साथ योग-मिलन होता है। इसलिए इस चतुर्दशी को शिवपूजा करने का विधान है। प्रलय की बेला में इसी दिन प्रदोष के समय भगवान शिव तांडव करते हुए ब्रह्मांड को तीसरे नेत्र की ज्वाला से भस्म कर देते हैं। इसलिए इसे महाशिवरात्रि या जलरात्रि भी कहा गया है। इस दिन भगवान शंकर की शादी भी हुई थी। इसलिए रात में शंकर की बारात निकाली जाती है। रात में पूजा कर फलाहार किया जाता है। अगले दिन सवेरे जौ, तिल, खीर और बेल पत्र का हवन करके व्रत समाप्त किया जाता है। ‘शिव की महान रात्रि’, महाशिवरात्रि का त्यौहार भारत के आध्यात्मिक उत्सवों की सूची में सबसे महत्वपूर्ण है। 


किसी समय, भारतीय संस्कृति में, एक वर्श में 365 त्योहार हुआ करते थे। दूसरे शब्दों में कहें तो, वे साल के प्रति दिन, कोई न कोई उत्सव मनाने का बहाना खोजते थे। ये 365 त्योहार विविध कारणों तथा जीवन के विविध उद्देश्यों से जुड़े थे। इन्हें विविध ऐतिहासिक घटनाओं, विजय श्री तथा जीवन की कुछ अवस्थाओं जैसे फसल की बुआई, रोपाई और कटाई आदि से जोड़ा गया था। हर अवस्था और हर परिस्थिति के लिए हमारे पास एक त्योहार था. 


हर चंद्र मास का चौदहवाँ दिन अथवा अमावस्या से पूर्व का एक दिन शिवरात्रि के नाम से जाना जाता है। एक कैलेंडर वर्श में आने वाली सभी शिवरात्रियों में से, महाशिवरात्रि, को सर्वाधिक महत्वपूर्ण माना जाता है, जो फरवरी-मार्च माह में आती है। इस रात, ग्रह का उत्तरी गोलार्द्ध इस प्रकार अवस्थित होता है कि मनुष्य भीतर ऊर्जा का प्राकृतिक रूप से ऊपर की और जाती है। यह एक ऐसा दिन है, जब प्रकृति मनुष्य को उसके आध्यात्मिक शिखर तक जाने में मदद करती है। इस समय का उपयोग करने के लिए, इस परंपरा में, हम एक उत्सव मनाते हैं, जो पूरी रात चलता है। पूरी रात मनाए जाने वाले इस उत्सव में इस बात का विशेष ध्यान रखा जाता है कि ऊर्जाओं के प्राकृतिक प्रवाह को उमड़ने का पूरा अवसर मिले


महाशिवरात्रि आध्यात्मिक पथ पर चलने वाले साधकों के लिए बहुत महत्व रखती है। यह उनके लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है जो पारिवारिक परिस्थितियों में हैं और संसार की महत्वाकांक्षाओं में मग्न हैं। पारिवारिक परिस्थितियों में मग्न लोग महाशिवरात्रि को शिव के विवाह के उत्सव की तरह मनाते हैं। सांसारिक महत्वाकांक्षाओं में मग्न लोग महाशिवरात्रि को, शिव के द्वारा अपने शत्रुओं पर विजय पाने के दिवस के रूप में मनाते हैं। परंतु, साधकों के लिए, यह वह दिन है, जिस दिन वे कैलाश पर्वत के साथ एकात्म हो गए थे। वे एक पर्वत की भाँति स्थिर व निश्चल हो गए थे। यौगिक परंपरा में, शिव को किसी देवता की तरह नहीं पूजा जाता। उन्हें आदि गुरु माना जाता है, पहले गुरु, जिनसे ज्ञान उपजा। ध्यान की अनेक सहस्राब्दियों के पश्चात्, एक दिन वे पूर्ण रूप से स्थिर हो गए। वही दिन महाशिवरात्रि का था। उनके भीतर की सारी गतिविधियाँ शांत हुईं और वे पूरी तरह से स्थिर हुए, इसलिए साधक महाशिवरात्रि को स्थिरता की रात्रि के रूप में मनाते हैं।


यौगिक परंपराओं में इस दिन का विशेष महत्व इसलिए भी है क्योंकि इसमें आध्यात्मिक साधक के लिए बहुत सी संभावनाएँ मौजूद होती हैं। आधुनिक विज्ञान अनेक चरणों से होते हुए, आज उस बिंदु पर आ गया है, जहाँ उन्होंने आपको प्रमाण दे दिया है कि आप जिसे भी जीवन के रूप में जानते हैं, पदार्थ और अस्तित्व के रूप में जानते हैं, जिसे आप ब्रह्माण्ड और तारामंडल के रूप में जानते हैं; वह सब केवल एक ऊर्जा है, जो स्वयं को लाखों-करोड़ों रूपों में प्रकट करती है। यह वैज्ञानिक तथ्य प्रत्येक योगी के लिए एक अनुभव से उपजा सत्य है। ‘योगी’ शब्द से तात्पर्य उस व्यक्ति से है, जिसने अस्तित्व की एकात्मकता को जान लिया है। जब मैं कहता हूँ, ‘योग’, तो मैं किसी विशेष अभ्यास या तंत्र की बात नहीं कर रहा। इस असीम विस्तार को तथा अस्तित्व में एकात्म भाव को जानने की सारी चाह, योग है। महाशिवारात्रि की रात, व्यक्ति को इसी का अनुभव पाने का अवसर देती है।


शिवरात्रि माह का सबसे अंधकारपूर्ण दिवस होता है। प्रत्येक माह शिवरात्रि का उत्सव तथा महाशिवरात्रि का उत्सव मनाना ऐसा लगता है मानो हम अंधकार का उत्सव मना रहे हों। कोई तर्कशील मन अंधकार को नकारते हुए, प्रकाश को सहज भाव से चुनना चाहेगा। परंतु शिव का शाब्दिक अर्थ ही यही है, ‘जो नहीं है’। ‘जो है’, वह अस्तित्व और सृजन है। ‘जो नहीं है’, वह शिव है। ‘जो नहीं है’, उसका अर्थ है, अगर आप अपनी आँखें खोल कर आसपास देखें और आपके पास सूक्ष्म दृष्टि है तो आप बहुत सारी रचना देख सकेंगे। अगर आपकी दृष्टि केवल विशाल वस्तुओं पर जाती है, तो आप देखेंगे कि विशालतम शून्य ही, अस्तित्व की सबसे बड़ी उपस्थिति है। कुछ ऐसे बिंदु, जिन्हें हम आकाशगंगा कहते हैं, वे तो दिखाई देते हैं, परंतु उन्हें थामे रहने वाली विशाल शून्यता सभी लोगों को दिखाई नहीं देती। इस विस्तार, इस असीम रिक्तता को ही शिव कहा जाता है। वर्तमान में, आधुनिक विज्ञान ने भी साबित कर दिया है कि सब कुछ शून्य से ही उपजा है और शून्य में ही विलीन हो जाता है। इसी संदर्भ में शिव यानी विशाल रिक्तता या शून्यता को ही महादेव के रूप में जाना जाता है। इस ग्रह के प्रत्येक धर्म व संस्कृति में, सदा दिव्यता की सर्वव्यापी प्रकृति की बात की जाती रही है। यदि हम इसे देखें, तो ऐसी एकमात्र चीज़ जो सही मायनों में सर्वव्यापी हो सकती है, ऐसी वस्तु जो हर स्थान पर उपस्थित हो सकती है, वह केवल अंधकार, शून्यता या रिक्तता ही है। सामान्यतः, जब लोग अपना कल्याण चाहते हैं, तो हम उस दिव्य को प्रकाश के रूप में दर्शाते हैं। जब लोग अपने कल्याण से ऊपर उठ कर, अपने जीवन से परे जाने पर, विलीन होने पर ध्यान देते हैं और उनकी उपासना और साधना का उद्देश्य विलयन ही हो, तो हम सदा उनके लिए दिव्यता को अंधकार के रूप में परिभाषित करते हैं।


प्रकाश आपके मन की एक छोटी सी घटना है। प्रकाश शाश्वत नहीं है, यह सदा से एक सीमित संभावना है क्योंकि यह घट कर समाप्त हो जाती है। हम जानते हैं कि इस ग्रह पर सूर्य प्रकाश का सबसे बड़ा स्त्रोत है। यहाँ तक कि आप हाथ से इसके प्रकाश को रोक कर भी, अंधेरे की परछाईं बना सकते हैं। परंतु अंधकार सर्वव्यापी है, यह हर जगह उपस्थित है। संसार के अपरिपक्व मस्तिष्कों ने सदा अंधकार को एक शैतान के रूप में चित्रित किया है। पर जब आप दिव्य शक्ति को सर्वव्यापी कहते हैं, तो आप स्पष्ट रूप से इसे अंधकार कह रहे होते हैं, क्योंकि सिर्फ अंधकार सर्वव्यापी है। यह हर ओर है। इसे किसी के भी सहारे की आवश्यकता नहीं है। प्रकाश सदा किसी ऐसे स्त्रोत से आता है, जो स्वयं को जला रहा हो। इसका एक आरंभ व अंत होता है। यह सदा सीमित स्त्रोत से आता है। अंधकार का कोई स्त्रोत नहीं है। यह अपने-आप में एक स्त्रोत है। यह सर्वत्र उपस्थित है। तो जब हम शिव कहते हैं, तब हमारा संकेत अस्तित्व की उस असीम रिक्तता की ओर होता है। इसी रिक्तता की गोद में सारा सृजन घटता है। रिक्तता की इसी गोद को हम शिव कहते हैं। भारतीय संस्कृति में, सारी प्राचीन प्रार्थनाएँ केवल आपको बचाने या आपकी बेहतरी के संदर्भ में नहीं थीं। सारी प्राचीन प्रार्थनाएँ कहती हैं, “हे ईश्वर, मुझे नष्ट कर दो ताकि मैं आपके समान हो जाऊँ।“ तो जब हम शिवरात्रि कहते हैं जो कि माह का सबसे अंधकारपूर्ण दिन है, तो यह एक ऐसा अवसर होता है कि व्यक्ति अपनी सीमितता को विसर्जित कर के, सृजन के उस असीम स्त्रोत का अनुभव करे, जो प्रत्येक मनुष्य में बीज रूप में उपस्थित है।


महाशिवरात्रि एक अवसर और संभावना है, जब आप स्वयं को, हर मनुष्य के भीतर बसी असीम रिक्तता के अनुभव से जोड़ सकते हैं, जो कि सारे सृजन का स्त्रोत है। एक ओर शिव संहारक कहलाते हैं और दूसरी ओर वे सबसे अधिक करुणामयी भी हैं। वे बहुत ही उदार दाता हैं। यौगिक गाथाओं में वे, अनेक स्थानों पर महाकरुणामयी के रूप में सामने आते हैं। उनकी करुणा के रूप विलक्षण और अद्भुत रहे हैं। यह हमारी इच्छा तथा आशीर्वाद है कि आप इस रात में कम से कम एक क्षण के लिए उस असीम विस्तार का अनुभव करें, जिसे हम शिव कहते हैं। यह केवल एक नींद से जागते रहने की रात भर न रह जाए, यह आपके लिए जागरण की रात्रि होनी चाहिए, चेतना व जागरूकता से भरी एक रात!


 


देशभर में आज महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जा रहा है और सुबह से ही मंदिरों में शिवभक्तों की भीड़ उमड़ रही है। वहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे आज  दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। 
 मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने अपने स्वास्थ्य कर्मियों और अधिकारियों को लेकर एक ऐसा नया फरमान जारी किया है जिससे स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की नींद उड़ी हुई है। कम से कम एक पुरुष की नसबंदी कराओ, वरना गंवानी पड़ेगी नौकरी! कमलनाथ सरकार का स्वास्थ्य कर्मियों को नया फरमान


एआईएमआईएम नेता वारिस पठान के बयान पर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि यह बयान निंदनीय है, उसे गिरफ्तार किया जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि  AIMIM बीजेपी की बी टीम की तरह काम कर रही है। ओवैसी के 'पठान' ने दिया हिंदू विरोधी बयान, लेकिन इस पर भी BJP को ही घेरने लगे तेजस्वी यादव
 बेंगलुरु में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) की असदुद्दीन ओवैसी की नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) रैली के दौरान पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाने वाली लड़की अमूल्या लियोन को कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।


राम मंदिर न्‍यास के सदस्यों ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके आवास पर मुलाकात की। ट्रस्‍ट के सदस्‍यों ने इसके अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के साथ पीएम मोदी से मुलाकात की और उन्‍हें अयोध्‍या में राम मंदिर निर्माण की आधारशिला रखे जाने पर आयोजित कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में थे, जब माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की तैयारी कर रहे पर्वतारोही मनोज यादव से उनकी मुलाकात हुई। मनोज ने पीएम मोदी से मिलकर अपने परिवार की आर्थिक तंगी का जिक्र किया और बताया कि कैसे यह अड़चन उनकी आकांक्षा की राह में बाधा बन रही है। 


Important events of February 21


1795: डचों ने श्रीलंका, सीलोन अंग्रेज़ों को सौंप दिया.
1842: अमेरिका में सिलाई मशीन का पेटेंट कराया गया.
1848: फ्रेडरिक एंगेल्स और कार्ल मार्क्स ने कम्युनिस्ट घोषणापत्र प्रकाशित किया.
1878: पुड्डुचेरी स्थित अरविंदो आश्रम की मां मीरा अलफासा का पेरिस में जन्म.
1916: फ़्रांस में प्रथम विश्व युद्ध में बर्डन की लड़ाई भड़की.


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1925: न्यूयॉर्कर मैगजीन के प्रथम संस्करण का प्रकाशन.
1952: पूर्वी पाकिस्तान (वर्तमान में ढाका) स्थित ढाका विश्वविद्यालय में बंगाली भाषा को आधिकारिक भाषा का दर्जा देने के लिए प्रदर्शन किया गया.
1959: नयी दिल्ली में प्रेस क्लब आफ इंडिया की स्थापना.
1972: अमरीका के तत्कालीन राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन चीन की यात्रा पर गए थे.
1981: नासा ने सेटेलाइट कोमस्टर-4 का प्रक्षेपण किया.



2008: भारत के बड़े उद्योगपति अनिल अंबानी की ‘रिलायंस कम्यूनिकेशन’ ने 21 फरवरी साल ही यूंगांडा की कंपनी ‘अनुपम ग्लोबल सॉफ्ट’ का अधिग्रहण किया था.
2009: हिन्दुस्तान मोटर्स ने अपने प्रबन्धकों की तनख़्वाह घटाई.
2010: सऊदी अरब की सरकार ने 21 फरवरी में ही महिलाओं को वकालत करने की इजाजत देने से संबंधित कानून लाने का निर्णय लिया था.


21 फ़रवरी को जन्मे व्यक्ति – Born on 21 February
1894: भारत के प्रसिद्ध वैज्ञानिक शान्ति स्वरूप भटनागर का जन्म.
1896: एक कवि, उपन्यासकार, निबन्धकार और कहानीकार सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला का जन्म.


21 फ़रवरी को हुए निधन – Died on 21 February
1991: भारतीय अभिनेत्री और गायिका नूतन का निधन.
1998: भारतीय सिनेमा के प्रसिद्ध चरित्र अभिनेता ओम प्रकाश


बेगूसराय: रिफाइनरी थाना क्षेत्र के मकरदही गांव में बाइक अनियंत्रित होकर पेड़ से जा टकराई. इस हादसे में चालक की मौत हो गई है.


मोतिहारीः चकिया थाना क्षेत्र के हरपुरकिशुनी गांव में एक महिला और उसके दो बच्चों की हत्या का मामला सामने आया है. बच्चों की गला दबाकर और महिला की किसी रॉड से हत्या किए जाने की आशंका है.


बेगूसराय: मिट्टी उतरवाने के दौरान ट्रैक्टर पलट गया, जिसमें दबकर एक महिला की मौत हो गई और एक लड़की गंभीर रूप से घायल हो गई. लड़की का अस्पताल में इलाज चल रहा है.


उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को बिहार के चावल मिल मालिकों से जवाब मांगा, जिन्होंने राज्य सरकार का 450 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान नहीं किया. कोर्ट ने 567 आरोपी मिल मालिकों को नोटिस जारी किए


बिहार में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर विपक्षी दलों के महागठबंधन में मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर झंझट जारी है.अब जन अधिकार पार्टी के प्रमुख और पूर्व सांसद पप्पू यादव तीसरे मोर्चे की कवायद में जुटे हैं


पटनाः बिहार पुलिस मुख्यालय के सामने उस समय अफरातफरी मच गई, जब एक युवक ने आत्मदाह की कोशिश की. हालांकि पुलिस ने आत्मदाह की कोशिश करने वाले युवक को तत्काल हिरासत में


Vodafone Idea pays Rs 1,000 cr to telecom dept towards dues: Source

Affidavit case: Fadnavis appears before court, gets bail


SC to consider hearing plea against bail granted to Chinmayanand

Vajpayee, Advani were unhappy over filing of match-fixing case: Delhi Police ex-chief


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