प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने कोरोना से निपटने के लिए पूरे प्रदेश में 27 मार्च तक लॉकडाउन रखने का निर्देश दिया। स्थिति को देखते हुए ये तारीख और आगे भी बढ़ाई जा सकती है।
देश में कोरोना के मरीजों का आंकड़ा दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है और यह संख्या अब बढ़कर 23 लाख के करीब जा पहुंची है वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बिडने ने सांसद कमला हैरिस को उप राष्ट्रपति पद के लिए अपना उम्मीदवार चुना है साथ ही देश के कई हिस्से इस समय बाढ़ की समस्या का सामना कर रहे हैं. बॉलीवुड एक्टर संजय दत्त के फैंस के लिए बुरी खबर आ रही है। एक्टर संजय दत्त को फेफड़ों का कैंसर होने की जानकारी मिल रही है। उनकी यह बीमारी 3rd स्टेज पर है। इस गंभीर बीमारी के इलाज के जल्द ही संजय दत्त विदेश रवाना होंगे। राजस्थान में कैसे बदल रहा सियासी समीकरण? मशहूर शायर राहत इंदौरी का हार्ट अटैक से निधन, कोरोना के इलाज के लिए इंदौर के अस्पताल में भर्ती थे। राजस्थान में सचिन पायलट, कहा- पार्टी के खिलाफ न कभी कुछ किया, न कहा। कोरोना पॉजिटिव पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की हालत में सुधार नहीं, ब्रेन सर्जरी के बाद से वेंटिलेटर पर।रूस का कोरोना की पहली वैक्सीन बनाने का दावा, प्रेसिडेंट व्लादिमीर पुतिन की बेटी को लगा पहला टीका। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, कोरोना
उठो द्रोपदी वस्त्र संभालो अब गोविन्द न आएंगे : छोड़ो मेहंदी भुजा संभालो, खुद ही अपना चीर बचा लो I जाल बिछाये बैठे शकुनी,मस्तक सब बिक जाएंगे I उठो द्रोपदी वस्त्र संभालो, अब गोविन्द न आएंगे I कब तक आस लगाओगी तुम बिके हुये अखबारों से I कैसी रक्षा माँग रही हो, दुःशासन दरबारों से I स्वयं जो लज्जा हीन पड़े हैं, वो क्या लाज बचायेंगे I उठो द्रोपदी वस्त्र संभालो अब गोविन्द न आएंगे I कल तक केवल अंधा राजा, अब गूंगा बहरा भी है I होंठ सिल दिए जनता के, कानों पर पहरा भी है I तुम्हीं कहो ये अश्रु तुम्हारे किसको क्या समझाएंगे I उठो द्रोपदी वस्त्र संभालो अब गोविंग न आएंगे I I
महिला सशक्तीकरण और समानता के लाख दावे किए जाएं पर सामाजिक वास्तविक्ता बहुत ही भयावह है। निशाने पर महिला हो तो समाज बिना तथ्य उसके चरित्र पर लांछन लगाने में एक पल की चूक नहीं करता। सुशांत सिंह राजपुरा केस में रिया चक्रवर्ती मुख्य अभियुक्त के तौर पर देखी जा रहीं हैं। CBI से ले कर तमाम जांच एजेंसियां लगातार उनसे पूछताछ कर रही हैं। उनका निष्कर्ष कुछ निकले पर हमारा समाज और मीडिया रिया को पहले ही दोषी मान चुका है। वास्तव में उन्हें कुछ प्रमुख टीवी एंकरों और सोशल मीडिया के ट्रोल्स ने बिना किसी आरोप के दोषी ठहरा दिया है। पक्की खबर पर आधारित रिपोर्टिंग के बजाए मीडिया के एक बहुत बड़े हिस्से ने इसे हाई वोल्टेज ड्रामे में बदल दिया है और एक 28 वर्षीय की महिला के खिलाफ जज की भूमिका अदा कर दिया। तमाम तरह के सवालों के बीच रिया के चरित्र का भी विश्लेषण खुले आम सोशल मीडिया पर हो रहा है। खुले आम उनके चरित्र पर ऊँगली उठाई जा रही है और अलग अलग लोगों के साथ उनके सम्बन्ध जोड़े जा रहे हैं। जिस तरह से रिया चक्रवर्ती के चरित्र पर हमला कर उन्हें तरह तरह से मनसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है क्या वो किसी म
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