बुरे काम का बुरा नतीजा- निर्भया

निर्भया के चारों दोषियों को आखिरकार फांसी हो गई है। आज सुबह 5:30 बजे दोषियों को फांसी के फंदे पर लटकाया गया। उससे पहले दोषियों के वकील ने फांसी टालने की पूरी कोशिश की। रात में पहले दिल्ली हाई कोर्ट और फिर उसके बाद सुप्रीम कोर्ट में इस पर सुनवाई हुई, हालांकि दोनों जगह से दोषियों को कोई राहत नहीं मिल सकी। 


आज मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार को फ्लोर टेस्ट में अपना बहुमत साबित करना है। सुप्रीम कोर्ट ने आज फ्लोर टेस्ट करवाने का आदेश दिया है।


वहीं कोरोना वायरस के भी मामले लगातार बढ़कर 221 हुए । गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसे लेकर देश को संबोधित किया। 


इस मामले के चारों दोषियों- मुकेश सिंह, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय कुमार सिंह ने फांसी पर लटकने से पहले ने जेल में रहने के दौरान हजारों रुपये की कमाई भी की थी जिसे अब उनके परिजनों को सौंप दिया जाएगा। चार में से तीन दोषियों ने कारावास की अवधि के दौरान कुल 1,37,000 रुपये की कमाई की, जबकि चौथे दोषी ने काम नहीं करने का फैसला किया। निर्भया के चारों दोषियों को फांसी देने वाले पवन जल्लाद ने अपने दादा का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। पवन ने एक साथ चार लोगों को फांसी दी, जबकि उसके दादा ने 2 लोगों को फांसी दी थी। पूरे देश को इंतजार था कि क्या 20 मार्च को फांसी हो पाएगी। बीती रात बचाव पक्ष की तरफ से कई तरह की दलीलें दी गईं। लेकिन अदालत ने साफ कर दिया कि बस अब बहुत हो चुका इस तरह दोषी लटका दिए गए। बुरे काम का बुरा नतीजा, 20 मार्च सुबह 5.30 बजे जल्लाद ने खींचा लीवर और निर्भया के गुनहगारों का काम तमाम. करीब सात साल तीन महीने के बाद निर्भया के परिवार को अंतिम इंसाफ मिला। अंतिम इसलिए कि तिहाड़ जेल की फांसी घर में चारों दोषियों पवन गुप्ता, विनय शर्मा, मुकेश सिंह और अक्षय ठाकुर को सूली पर लटकाया जा चुका है। 16 दिंसबर, 2012 की घटना को देश शायद कभी नहीं भूलेगा, जब देश की राजधानी में एक चलती बस में निर्भया से छह लोगों ने गैंगरेप किया। इस जघन्य कृत्य को अंजाम देने के बाद दोषियों ने अधमरा कर रेप पीड़िता और उसके साथी को चलती बस से फेंक दिया गया था, जिससे दोनों को गंभीर चोट लगी। इस घटना के बाद पूरा देश आक्रोश में आ गया था और देशभर में बड़े विरोध प्रदर्शन हुए। लगभग 8 साल के बाद निर्भया केस में न्याय हो गया है चारों दोषियों को दिल्ली के तिहाड़ जेल में सुबह मेडिकल परीक्षण किया और चारों दोषियों को फांसी दे दी गई। दोषियों को फांसी पर लटकाए जाने के बाद निर्भया की मां बोलीं- फाइनली उनको फांसी पर लटका दिया गया है। यह पहली बार है कि चारों दोषियों को एक साथ फांसी पर लटकाया गया है। निर्भया के दोषियों को फांसी दे दी गई है। आज यानी 20 मार्च को सुबह 5:30 बजे निर्भया के चारों दोषियों को फांसी दी गई। यहां जानें कि आखिर फांसी होने के बाद कैदियों के शवों के साथ क्या किया जाता है। निर्भया के दोषियों को आज सुबह 5:30 बजे तिहाड़ जेल में फांसी दी गई। उससे पहले मौत को सामने देख उनके हावभाव बदल गए। दो दोषियों अक्षय और पवन ने रात में भोजन भी नहीं किया।



प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज कोरोना वायरस को लेकर राष्ट्र को संबोधित किए। इस दौरान उन्होंने देशवासियों से 22 मार्च को जनता कर्फ्यू लगाने का आह्वान किया है। पीएम ने यह भी कहा है कि यह वैश्विक महामारी हो चुकी है। इससे पूरा विश्व परेशान है। उन्होंने देशविसयों से वैश्विक महामारी से लड़ने के लिए साथ आने की अपील की है। साथ ही उन्होंने बुजुर्ग लोगों से घर से बाहर नहीं निकले की अपील की है। कोरोना वायरस को लेकर देश के नाम अपने संबोधन में नरेंद्र मोदी ने कहा कि कुछ दिन में नवरात्रि का पर्व आ रहा है। ये शक्ति उपासना का पर्व है। भारत पूरी शक्ति के साथ आगे बढ़े, यही शुभकामना है।


राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि लोगों को संकल्प लेना चाहिए कि वे केंद्र और राज्य सरकारों के परामर्श का अनुपालन करेंगे। मोदी ने लोगों से अनुरोध किया कि वे नियमित जांच के लिए अस्पताल जाने से बचें ताकि स्वास्थ्यकर्मियों पर दबाव कम हो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना को लेकर देशवासियों के नाम अपने संबोधन में देशवासियों से मदद की अपील की है। उन्होंने कहा है कि हम साथ मिलकर इस वैश्विक महामारी से लड़ सकते हैं। आने वाला समय हमारे लिए काफी मबत्वपूर्ण है।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस को लेकर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए कोई मुक्कमल उपाय नहीं मिला है न ही कोई टीका विकसित हुआ है। यह मानना गलत है कि भारत पर कोरोना वायरस का असर नहीं पड़ेगा, ऐसी महामारी में 'हम स्वस्थ, जगत स्वस्थ मंत्र काम आ सकता है। 


कोरोना वायरस को लेकर प्रधानमंत्री ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि कोरोना महामारी से उत्पन्न हो रही आर्थिक चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए वित्त मंत्री के नेतृत्व में सरकार ने एक कोविड-19 इकनॉमिक रिस्पॉन्स टास्क फोर्स के गठन का फैसला लिया है। यह टास्क फोर्स यह भी सुनिश्चित करेगी कि आर्थिक मुश्किलों को कम करने के लिए जितने भी कदम उठाए जाएं, उन पर प्रभावी रूप से अमल हो। पीएम नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में बोले, '22 मार्च रविवार को सुबह सात बजे से रात नौ बजे तक सभी देशवासियों को जनता कर्फ्यू का पालन करना है, घरों से न निकलें। केवल आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोग ही निकलें। यह कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ाई के लिए भारत कितना तैयार है, ये देखने और परखने का भी समय है। आपके इन प्रयासों के बीच, जनता-कर्फ्यू के दिन 22 मार्च को मैं आपसे एक और सहयोग चाहता हूं।'
प्रधानमंत्री ने कहा, 'मैं चाहता हूं कि 22 मार्च को हम ऐसे सभी लोगों को धन्यवाद अर्पित करें जो जोखिम उठाकर आवश्यक कामों में लगे हैं, इस महामारी से लड़ने में मदद कर रहे हैं। रविवार को ठीक 5 बजे हम अपने घर के दरवाजे पर खड़े होकर, बालकनी-खिड़कियों के सामने खड़े होकर पांच मिनट तक ताली-थाली बजा कर उन लोगों के प्रति कृतज्ञता जताएं, जो कोरोना से बचाने में हमें लगे हैं। 22 मार्च को हमारा यह प्रयास, हमारा आत्म संयम, देश हित में कर्तव्य पालन के संकल्प का एक मजबूत प्रतीक होगा।'


प्रधानमंत्री ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि मेरा एक और आग्रह है कि हमारे परिवार में जो भी बुजुर्ग हों, 65 वर्ष की आयु के ऊपर के व्यक्ति हों, वे आने वाले कुछ सप्ताह तक घर से बाहर न निकलें, बहुत जरूरी होने पर ही घरों से निकलें। 


'कोरोना की संकट से पूरा देश जूझ रहा है'
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि प्रथम और द्वितीय विश्वयुद्ध में भी इतने देश प्रभावित नहीं हुए थे, जितना की कोरोना वायरस से हुए हैं। पूरा विश्व संकट से गुजर रहा है और हमें सतर्क रहना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह मानना गलत है कि भारत पर कोरोना वायरस का असर नहीं पड़ेगा, ऐसी महामारी में 'हम स्वस्थ, जगत स्वस्थ मंत्र काम आ सकता है। 


प्रधनमंत्री ने कहा कि आप सड़कों पर घूमते रहेंगे, बाजारों में जाते रहेंगे और स्थिति से बचे रहेंगे, यह सोच ठीक नहीं है। मुझे आपके कुछ हफ्ते, कुछ समय चाहिए। साथ ही यह भी कहा कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए कोई मुक्कमल उपाय नहीं मिला है न ही कोई टीका विकसित हुआ है। 


-पिछले दो महीनों में, 130 करोड़ भारतीयों ने, देश के हर नागरिक ने, देश के सामने आए इस संकट को अपना संकट माना है, भारत के लिए, समाज के लिए उससे जो बन पड़ा है, उसने किया है।


- मुझे भरोसा है कि आने वाले समय में भी आप अपने कर्तव्यों का, अपने दायित्वों का इसी तरह निर्वहन करते रहेंगे। हां, मैं मानता हूं कि ऐसे समय में कुछ कठिनाइयां भी आती हैं, आशंकाओं और अफवाहों का वातावरण भी पैदा होता है।


- हर कोई अपने तरीके से इस वैश्विक महामारी से बचने के  लिए योगदान दे रहा है। आवश्यक है कि इस वातावरण में मानव जाति विजय हो भारत विजय हो। कुछ दिन में नवरात्रि का पर्व आ रहा है। भारत पूरी शक्ति के साथ आगे बढ़े. आइए हम भी बचें और देश को बचाएं।


- कई बार एक नागरिक के तौर पर हमारी अपेक्षाएं पूरी नहीं हो पाती है। ऐसी स्थिति में सारे देशवासियों के इन दिक्कतों के बीच इन कठिनाइयों का मुकाबला करने की आवश्यक्ता है।


- मेरा सभी देशवासियों से आग्रह है कि जरूरी सामान संग्रह करने की होड़ नहीं लगाएं। पैनिक में खरीददारी करने से बचें।130 करोड़ देश के नागरिक ने अपना संकट माना है। भारत के लिए समाज के लिए, हर किसी ने किया है। 


- संकट की इस घड़ी में उच्च वर्ग वालों से आग्रह है कि जिन-जिन लोगों से आप सेवा लेते हैं तो उनकी आर्थिक स्थिति का ख्याल रखें। अगर कोई दफ्तर नहीं आते हैं तो उनका वेतन नहीं काटें।


- इस वैश्विक महामारी का अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ रहा है। सरकार ने COVID-19 इकोनॉमिक टास्क फोर्स का गठन किया गया है।


- आवश्यक नहीं हो ते रूटीन चेकअप के लिए नहीं निकलें। 


- पूरे देश के स्थानीय प्रशासन से आग्रह है कि सायरन की सूचना से हर लोगों तक इसके बारे में बताए। ऐसे लोगों के प्रति अपने भाव व्यक्त करें। संकट के समय हमें यह भी ध्यान रखना है कि हमारे अस्पतालों पर दबाव नहीं बढ़ना चाहिए। हमारे डॉक्टरों को प्रथमिकता दें।


- 22 मार्च रविवार के दिन कोरोना वायरस के खिलाफ जुटे लोगों के प्रति धन्यवाद करें। जनता कर्फ्यू के दिन ठीक शाम पांच बजे घर के बाहर पांच मिनट तक ताली बजाकर आभार व्यक्त करें।


- कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के दौरान भारत कितना तैयार है यह परखा जाएगा। मैं आपसे एक और मांग कर रहा हूं।


- ये कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ाई के लिए भारत कितना तैयार है, ये देखने और परखने का भी समय है। आपके इन प्रयासों के बीच, जनता-कर्फ्यू के दिन, 22 मार्च को मैं आपसे एक और सहयोग चाहता हूं।


-22 मार्च को जनता कर्फ्यू के दौरान नागरिक घर से बाहर नहीं निकलें। लोग अपने घरों में ही रहें। जरूरी हो तभी बाहर निकलें। 22 मार्च को जनता कर्फ्यू लगाएं।


- मैं देशवासियों से जनता कर्फ्यू मांग रहा हूं। 


- जब मैं छोटा था तब मैं अनुभव करता था  कि गांव-गांव ब्लैकऑउट किया जाता था।


- 60 से 65 वर्षा से अधिक उम्र वाले व्यक्ति घर से बाहर नहीं निकलें। 


- देशवासियों से आग्रह है कि आने वाले कुछ सप्ताह तक ज्यादा जरूरी हो तभी घर से बाहर निकलें। हो सके तो ऑफिस का काम भी घर से ही करें।


- 130 करोड़ देशवासियों को संकल्प और दृढ़ करना होगा। इसे रोकने के लिए एक नागरिक के नाते अपने कर्तव्य का पालन करेंगे। हमें यह संकल्प लेना होगा कि स्वयं संक्रमित होने से बचेंगे और दूसरों को भी बचाएंगे।  


- सरकार की पूरी नजर कोरोना की स्थिति पर है। भारत जैसे 130 करोड़ की जनसंख्या वाले देश पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा यह मानना गलत है।


- अभी तक विज्ञान कोरोना का इलाज नहीं निकाल पाया है। ऐसी स्थिति में हर किसी की चिंता बढ़नी जरूरी है। अध्ययन में यह बात सामने आई है कि शुरुआती कुछ दिनों के बाद बीमारी का विस्फोट हुए है। कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से फैली है।


- आपसे जब भी जो कुछ मांगा है आपने निराश नहीं किया है। आज मैं 130 करोड़ देशवासियों से कुछ मांगने आया हूं। मुझे आपके आने वाला कुछ सप्ताह चाहिए। आपका आने वाला कुछ समय चाहिए।


- बीते कुछ दिनों से ऐसा लग रहा है कि हम ठीक है, लेकिन यह सोच सही नहीं है। प्रत्येक भारतीयों का सजग रहना जरूरी है।


- कोरोना का संकट ऐसा है कि पूरे विश्व को सकट में डाल दिया है।


- पीएम मोदी के संबोधन से पहले कांग्रेस के नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने आज रात पीएम नरेंद्र मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन को लेकर कहा है कि अगर टोटल लॉकडाउन की घोषणा नहीं हुई तो मुझे निराशा होगी।


 


 


फ्लोर टेस्ट से पहले ही इस्तीफे का ऐलान कर सकते हैं कमलनाथ, दिग्विजय बोले- हमारे पास नंबर नहीं
लगातार बदलते सियासी घटनाक्रम के बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ आज फ्लोर टेस्ट से पहले ही इस्तीफा दे सकते हैं. 22 विधायकों का इस्तीफा होने के बाद ये साफ हो गया है कि कांग्रेस सरकार के पास बहुमत नहीं है. फ्लोर टेस्ट से पहले इस्तीफा दे सकते हैं कमलनाथदिग्विजय बोले- कांग्रेस सरकार के पास बहुमत नहींशाम 5 बजे तक विधानसभा में साबित करना है बहुमत.दोपहर को बुलाई गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में कमलनाथ इसका ऐलान कर सकते हैं. कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का कहना है कि 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद कमलनाथ सरकार के पास बहुमत का आंकड़ा नहीं है, ऐसे में देखना होगा क्या होगा. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, शुक्रवार शाम 5 बजे तक कमलनाथ सरकार को बहुमत साबित करना है. लेकिन इससे पहले कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने इंडिया टुडे से बात की और बहुमत का आंकड़ा होने पर शक जताया. कांग्रेस नेता बोले कि 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद कमलनाथ सरकार के पास नंबर नहीं है. दिग्विजय सिंह ने कहा कि पैसे और सत्ता के दमपर बहुमत वाली सरकार को अल्पमत में लाया गया है. आपको बता दें कि 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद मध्य प्रदेश में कांग्रेस गठबंधन के पास सिर्फ 99 विधायक बचे हैं, जबकि बहुमत के लिए 104 का आंकड़ा चाहिए. वहीं, भारतीय जनता पार्टी के पास 106 विधायक हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री कमलनाथ फ्लोर टेस्ट में जाने की बजाय उससे पहले ही अपना इस्तीफा सौंप सकते हैं.


गौरतलब है कि अभी तक कमलनाथ समेत अन्य कांग्रेस नेता दावा कर रहे थे कि अगर बागी विधायकों से मुलाकात करने का मौका दिया जाता है तो वह उन्हें अपने पक्ष में कर लेंगे. इसी संबंध में खुद दिग्विजय सिंह बेंगलुरु पहुंचे थे, लेकिन उनकी मुलाकात नहीं हो पाई थी. दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट के द्वारा विधानसभा स्पीकर को गुरुवार को फटकार लगाई गई. स्पीकर ने मात्र 6 विधायकों का इस्तीफा स्वीकारा था, जबकि 16 विधायकों का नहीं स्वीकारा था इसपर सुप्रीम कोर्ट खफा हुआ था. लेकिन देर शाम को विधानसभा स्पीकर ने सभी 16 विधायकों के इस्तीफे को भी स्वीकार कर लिया.




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