होली के पावन रंगों में
होली के पावन रंगों में,
भीगे तन-मन का हर कोना।
खुशियों की मंजरियाँ फूलें,
दु:ख का टूटे जादू - टोना।
आपस के मृदु संबंधों में,
मन का न कभी संदेह रहे।
हर दूर पथिक-परदेशी को,
यादों में अपना गेह रहे।
मत हों आपस के भिन्न भले,
लेकिन कोई मति-भेद न हो।
भ्रम और असहमतियों में भी,
रिश्तों में कोई छेद न हो।
गालों पर प्रीति-गुलाल मलें,
जीवन बन जाए सतरंगी।
आपस की अनबन में रूठे—
मिल जायँ सभी साथी-संगी।
अनुभूति सघन हो भावों की,
सबमें सबका विश्वास रहे।
जीवन के उर्वर आँगन में,
हरपल सुरभित मधुमास रहे।
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