भारत में कोरोना संक्रमितों की संख्या 4 लाख के करीब


कोरोनावायरस के कारण दुनियाभर में 4 लाख 60 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है जबकि संक्रमितों का आंकड़ा 87 लाख के पार चला गया है। विश्वभर में 45 लाख से ज्यादा मरीज स्वस्थ होकर घर लौटे हैं। भारत में कोरोना संक्रमितों की संख्या 4 लाख और मौतों का आंकड़ा 13 हजार के करीब पहुंच चुका है।


 -दुनियाभर में 4,60,648 लोगों की मौत


-पूरी दुनिया में 87,00,050 लोग संक्रमित


-विश्वभर में 45,85,341 मरीज स्वस्थ


 -भारत में 3,95,812 मरीज संक्रमित


-देश में अब तक 12,970 लोगों की मौत


-भारत में 2,14,206 मरीज स्वस्थ हुए


-दिल्ली में पहली बार एक ही दिन में कोरोना के 3,137 मामले सामने आए हैं, जिसके साथ ही संक्रमितों की कुल संख्या 53 हजार के पार चली गई। 66 नई मौतों के साथ ही मृतकों का आंकड़ा 2,035 तक जा पहुंचा। -महाराष्ट्र में शुक्रवार को कोरोना के 3,827 नए मामले आने के बाद राज्य में संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 1,24,331 हो गई। महामारी से 142 मरीजों की मौत होने के बाद मृतकों की संख्या 5,893 हो गई। -मुंबई में शुक्रवार को कोविड-19 के 1,269 नए मामले सामने आए, शहर में अभी तक कुल 64,068 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं।114 नई मौतों के बाद मरने वालों की कुल संख्या 3,423 पर पहुंची।


 भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर तनातनी बनी हुई है। शुक्रवार को आयोजित सर्वदलीय बैठक में पीएम मोदी ने साफ कहा कि न वहां कोई हमारी सीमा में घुसा हुआ है, न ही हमारी कोई पोस्ट किसी दूसरे के कब्जे में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के साथ छह सप्ताह से सीमा पर बने हुए गतिरोध के मुद्दे पर शुक्रवार को कहा कि किसी ने भारतीय क्षेत्र में प्रवेश नहीं किया और ना ही भारतीय चौकियों पर कब्जा किया गया है। PM मोदी बोले-एक इंच जमीन पर भी किसी का कब्जा नहीं. मोदी ने पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 20 जवानों की शहादत का जिक्र करते हुए कहा कि एलएसी पर चीन के कदमों से पूरा देश आहत और आक्रोशित है।  पीएम ने कहा-भारत शांति एवं मित्रता चाहता है लेकिन अपनी संप्रभुता की रक्षा हमारे लिए सर्वोपरि है। पहले जो बिना रोक-टोक के आवाजाही करते थे उन्हें अब हमारे जवान रोक रहे हैं और यह कई बार तनाव का कारण बनता है। PM मोदी बोले-भारत माता को जिन्होंने आंख दिखाई, वे सबक सीख कर गए. गलवान घाटी में हुई चीन के साथ हुई हिंसा के बाद सीमा पर बने तनावपूर्ण माहौल पर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में सभी पार्टियों ने एकजुटता दिखाते हुए सरकार का खुलकर समर्थन किया।.



राज्यसभा की 19 सीटों के लिए शुक्रवार को आठ राज्यों में हुए चुनाव में दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया और शिबू सोरेन जैसे अनुभवी नेता आसानी से निर्वाचित हो गए। आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस ने सभी चार सीटों पर जीत हासिल की। राज्यसभा की 19 सीटों के लिए शुक्रवार को 8 राज्यों में हुए चुनाव में दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया और शिबू सोरेन जैसे अनुभवी नेता आसानी से निर्वाचित हो गए। आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस ने सभी 4 सीटों पर जीत हासिल की।


कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर सभी एहतियाती उपायों के बीच 8 राज्यों में 19 सीटों के लिए मतदान हुआ। मध्यप्रदेश और राजस्थान में दो विधायक पृथक-वास में थे और वे पीपीई किट पहन कर मतदान करने आए।


मध्यप्रदेश में राज्यसभा की 3 सीटों के लिए हुए चुनाव में भाजपा ने अपनी दो सीटें बरकरार रखी हैं, जबकि एक सीट कांग्रेस ने जीती। राजस्थान में कांग्रेस ने दो सीटें जीतीं। झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा और भाजपा ने एक-एक सीट जीती, जबकि मेघालय और मिजोरम में सत्तारूढ़ गठबंधन के उम्मीदवारों ने जीत हासिल की।


मणिपुर में राज्यसभा की एक सीट के लिए हुआ चुनाव राजनीतिक घटनाक्रम से भरा रहा। चुनाव में भाजपा उम्मीदवार लिसेम्बा सानाजाओबा ने जीत हासिल की। उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार टी मांगी बाबू को हराकर चुनाव जीता। अधिकारियों ने बताया कि सानाजाओबा को 28 वोट मिले जबकि बाबू को 24 वोट मिले।


गुजरात में राज्यसभा की चार सीटों के लिए मतों की गिनती में देरी हुई क्योंकि कांग्रेस की मांग थी कि निर्वाचन आयोग विभिन्न आधार पर भाजपा के दो मतों को अमान्य करार दे। नेता विपक्ष प्रकाश धनानी ने कहा कि कांग्रेस ने भाजपा विधायक केसरी सिंह सोलंकी और मंत्री भूपेंद्र सिंह चूडासमा द्वारा डाले गए मतों को रद्द करने की मांग की है।


हालांकि, एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि निर्वाचन आयोग के पर्यवेक्षक ने विपक्षी दल की आपत्ति को खारिज कर दिया है। अंतिम फैसले के लिए मामले को आयोग के दिल्ली कार्यालय के पास भेजा गया है।


कांग्रेस ने चूडासमा के मतदान करने पर इस आधार पर आपत्ति जताई कि पिछले महीने गुजरात उच्च न्यायालय ने उनके चुनाव को रद्द घोषित कर दिया था। उच्चतम न्यायालय ने उस फैसले पर रोक लगा रखी है।


मेघालय में सत्तारूढ़ मेघालय डेमोक्रेटिक अलायंस के उम्मीदवार वानवेई रॉय खरलुखी ने एकमात्र सीट पर जीत दर्ज की। उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार केनेडी खीरियम को 20 मतों के अंतर से हराया।


पूर्व लद्दाख में चीनी सेना की हिंसात्मक हरकत से 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए। उसके बाद से पूरे देश में चीन को लेकर गुस्सा है और धीरे-धीरे चीनी उत्पादों के बहिष्कार की मांग तेज होती जा रही है। भारतीय क्रिकेट की बात करें, तो एक दिन पहले ही बोर्ड के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा था कि आईपीएल के चीनी टाइटल स्पॉन्सर से वे नाता नहीं तोड़ने वाले। IPL गवर्निंग काउंसिल की बैठक अगले हफ्ते, प्रायोजकों व करार की होगी समीक्षा.


उत्‍तर प्रदेश के गन्‍ना मंत्री सुरेश राणा बसपा शासन में 19 और सपा शासन में 10 चीनी मिल बंद हुईं लेकिन सीएम योगी के प्रयासों से आज यूपी दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्‍पादक है।


वाराणसी के डोमरी गांव की एक महिला ने एक समाचार पोर्टल के पत्रकार और मुख्य संपादक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है क्योंकि इनकी एक रिपोर्ट में कथित तौर पर महिला की बातों को गलत ढंग से पेश करने के साथ-साथ उनकी जाति व वित्तीय स्थिति का भी मजाक उड़ाया गया है।


श्रीलंका के पूर्व खेल मंत्री महिंदानंदा अलुथगामे ने विश्व कप 2011 फाइनल में श्रीलंकाई टीम पर जानबूझकर हारने व मैच बेचने का आरोप लगाया, तो अब सरकार ने जांच के आदेश दे दिए हैं।


लद्दाख में कांग्रेस के नेता जाकिर हुसैन ने सेना के बारे में बेहद आपत्तिजनक बयान दिया है। बातचीत की ऑडियो क्लिप वायरल होने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया है।


रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी की संपत्ति में लगातार इजाफा हो रहा है। वे अब दुनिया के 11 वें सबसे अमीर आदमी हो गए हैं।  एक दिन में हुआ 1.16 अरब डॉलर का इजाफा.


'बहुत क़रीब, लेकिन फिर भी बहुत दूर' भारत और चीन के आर्थिक और राजनीतिक रिश्तों के लिए अक्सर ये बात कही जाती है। दोनों के आर्थिक हित जुड़े हैं, लेकिन मन-मुटाव भी होते रहते है। सामान के मामले में चीन भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। हालांकि चीन भारत को सामान बेचता ज़्यादा है और ख़रीदता कम है। यानी चीन की भारत से कमाई ज़्यादा होती है। फ़िलहाल सीमा पर तनाव की जो स्थिति बनी है, माना जा रहा है कि उसका असर आर्थिक रिश्तों पर भी पड़ सकता है। ये असर किन सेक्टरों पर पड़ सकता है, इसमें सबसे पहले रेलवे और टेलिकॉम का नाम आ रहा है।


 भारतीय मीडिया में सूत्रों के हवाले से ख़बरे छापी गईं कि भारत ने जवाबी कार्रवाई के तौर पर चीन को कारोबारी झटका देने का मन बना लिया है। ख़बरों में कहा गया कि चीन की एक बड़ी इंजीनियरिंग कंपनी के हाथ से भारतीय रेलवे का अहम कॉन्ट्रेक्ट निकल सकता है। वहीं भारतीय दूरसंचार विभाग ने बीएसएनएल को कहा है कि वो अपने 4जी अपग्रेडेशन के लिए चीन में बने उपकरणों का इस्तेमाल ना करे। इसके बाद ही रेलवे ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि चीन को दिया 471 करोड़ रुपए का एक बड़ा कॉन्ट्रेक्ट रद्द कर दिया गया है। ये कॉन्ट्रेक्ट जून 2016 में बीजिंग नेशनल रेलवे रिसर्च एंड डिज़ाइन इंस्टिट्यूट ऑफ़ सिग्नल एंड कम्यूनिकेशन ग्रूप को लिमि को दिया गया था। इसके तहत 417 किलोमीटर लंबे कानपुर-दीन दयाल उपाध्याय (डीडीयू) सेक्शन में सिग्नलिंग और टेलिकम्यूनिकेशन का काम किया जाना था। भारतीय रेलवे के डेडिकेटेड फ्रेट कोरीडोर कॉर्पोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (DFCCIL) ने ये कहते हुए इस कॉन्ट्रेक्ट को रद्द कर दिया है कि चीनी संस्था ने बीते चार साल में अबतक सिर्फ़ 20 प्रतिशत ही काम पूरा किया है और उसके काम के तरीक़े में बहुत सारी ख़ामियां हैं। हालांकि इसके बाद एक रेलवे अधिकारी ने कहा कि ये कॉन्ट्रेक्ट रद्द करने का फ़ैसला अप्रैल में ही ले लिया गया था। लेकिन फ़िलहाल चीन के साथ किया सिर्फ़ ये एक कॉन्ट्रेक्ट रद्द किया गया है, कहा जा रहा है कि ऐसे और भी कई कॉन्ट्रेक्ट टूट सकते हैं। अगर भारतीय रेलवे की ही बात करें तो कई बड़े कॉन्ट्रेक्ट चीनी कंपनियों को दिए जाते रहे हैं। मेट्रो कोच और पुर्ज़े: इनवेस्ट इंडिया की सरकारी वेबसाइट के मुताबिक़ रेल ट्रांसिट इक्विपमेंट सप्लाई करने वाली चीनी कंपनी सीआरआरसी को भारत में मेट्रो कोच और पुर्ज़े सप्लाई करने के सात से ज़्यादा ऑर्डर मिले हुए हैं। कोलकाता, नोएडा और नागपुर मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए कंपनी को 112, 76, 69 मेट्रो कोच सप्लाई करने का ऑर्डर मिला था। ट्रेक के रखरखाव के लिए मशीनें: इसी कंपनी के साथ मई 2019 में रेलवे ट्रेक के काम में इस्तेमाल होने वाली मशीन के 129 उपकरण खरीदने को लेकर 487,300 अमरीकी डॉलर का कॉन्ट्रेक्ट, 29 प्वाइंट्स क्रॉसिंग एंड टैम्पिंग मशीन खरीदने के लिए करीब पांच करोड़ डॉलर का कॉन्ट्रेक्ट, ट्रेक के लिए 19 मल्टी परपस टैम्पर खरीदने का एक अरब डॉलर से ज़्यादा का कॉन्ट्रेक्ट हुआ था। वहीं अप्रैल 2019 में रेलवे ट्रेक के लिए इस्तेमाल होने वाली प्वाइंट्स क्रॉसिंग एंड टैम्पिंग मशीन की खरीददारी का कॉन्ट्रेक्ट चीन की जेमैक इंजीनियरिंग मशीनरी कंपनी को दिया था। ये कॉन्ट्रेक्ट एक करोड़ डॉलर से ज़्यादा का था। वहीं रेलवे ट्रैक की मरम्मत और ट्रैक की गिट्टी को सेट करने का काम करने वाली ब्लास्ट रेगुलेटिंग मशीन का कॉन्ट्रेक्ट हेवी ड्यूटी मशीनरी कंपनी हुबेई को दिया हुआ है, जो करीब छह लाख डॉलर की कीमत का है। यात्री ट्रेनों के टायर: इसके अलावा यात्री ट्रेनों के टायर भी चीन की कंपनियों से खरीदे जाते हैं। जैसे 2017 में पैसेंजर ट्रेन के करीब साढ़े 27 हज़ार टायर खरीदने के लिए चीन की ताइयुआन हेवी इंडस्ट्री रेलवे ट्रांसिट इक्विपमेंट को। लिमि। के साथ करीब 96 लाख डॉलर का कॉन्ट्रेक्ट हुआ था।


 भारतीय टेलिकॉम सेक्टर की बात करें तो ख्वावे, ज़ेडटीई और ज़ेडटीटी जैसी चीनी कंपनियां भारतीय टेलिकॉम इंडस्ट्री के लिए बड़े पैमाने पर उपकरण सप्लाई करती हैं। उनके लिए भारत बड़ा बाज़ार है, क्योंकि भारत की टेलिकॉम इंडस्ट्री 1.2 अरब सब्सक्राइबर बेस के साथ दुनिय की दूसरी सबसे बड़ी टेलिकॉम इंडस्ट्री है। हाल में ख़बर आई है कि भारत ज़ेडटीई जैसी चीनी कंपनियों से टेलिकॉम स्पलाई लेना बंद कर सकता है। भारतीय मीडिया में सूत्रों के हवाले से ख़बर चलाई गई कि दूरसंचार विभाग सरकारी टेलिकॉम बीएसएनएल और एमटीएनएल के लिए चीनी कंपनियों से टेलिकॉम सप्लाई पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा सकता है। इकॉनोमिक टाइम्स के मुताबिक़ विभाग से जुड़े एक शख़्स ने बताया, "बीएसएनएल और एमटीएनएल के लिए शुरू होने वाले 4जी यानी फ़ोर्थ जनरेशन नेटवर्क के लिए चीनी कंपनियों से उपकरण, पार्ट और पुर्ज़े नहीं लेने का फैसला लिया जा रहा है।" भारत चीन के मौजूदा तनाव का असर शेन्झेन स्थित ज़ेडटीई के भारत में कारोबार पर पड़ सकता है। भारत का स्टेट-रन टेलिकॉम इस चीनी कंपनी का सबसे बड़ा ग्राहक है और वो भारत में इसके छह सर्कल का रखरखाव करती है। बीएसएलएल बोर्ड ने 49,300 2जी और 3जी साइट्स को 4जी तकनीक में बदलने के लिए चीनी ज़ेडटीई और फिनिश नोकिया को मंज़ूरी दे दी थी, लेकिन दूरसंचार विभाग ने इसपर मुहर नहीं लगाई। वहीं बीएसएनएल मार्च में नया टेंडर निकाला था, जिसकी डेडलाइन अब जून 24 तक बढ़ा दी गई है, जो पहले 25 मई थी। इसमें एमटीएनएल के लिए दिल्ली और मुंबई की सात हज़ार नई साइट को भी शामिल किया गया है।


 इंडस्ट्री का अनुमान है कि मौजूदा वक़्त में भारतीय दूरसंचार के लिए उपकरणों का सालाना बाज़ार लगभग 12,000 करोड़ रुपये है। जिसमें चीनी कंपनियों की क़रीब एक चौथाई हिस्सेदारी है। बाक़ी का मार्केट स्वीडन की एरिक्सन, फ़िनलैंड की नोकिया और कोरिया की सैमसंग के हाथ में है। कहा जा रहा है कि प्राइवेट मोबाइल ऑपरेटर को भी ख्वावे और ज़ेडटीई से पुर्जे लेने से रोका जा सकता है। सीमा पर ताज़ा तनाव के बाद चीनी सामान के बहिष्कार की मुहीम छिड़ी हुई है। आम लोग भी लगातार इस मुहीम से जुड़कर चीन को आर्थिक झटका देने के पक्ष में हैं। इसके अलावा लोकल से वोकल के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नारे के साथ ये माँग भी उठ रही है कि अब देश में बने सामान को ही ज़्यादा से ज़्यादा इस्तेमाल में लाया जाए।



 


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