परीक्षाओं के संबंध में बैठक आयोजित करने की मॉग

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उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री /उच्च शिक्षा मंत्री विश्वविद्यालयों में परीक्षाओं के संबंध में निर्णय के लिए  एक बैठक आयोजित करने की मॉग।
लखनऊ/ उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री /उच्च शिक्षा मंत्री विश्वविद्यालयों में परीक्षाओं के संबंध में निर्णय के लिए  एक बैठक आयोजित करने की मॉग  और इस बैठक में प्रदेश के विभिन्न शिक्षक संगठनो के प्रतिनिधियों को भी सम्मिलित करें! जिससे उत्तर प्रदेश के विश्व विद्यालयो मे समरुपता  से  कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए , परीक्षा के संबंध कोई निर्णय छात्रों /अभिभावको एवं शिक्षकों के जीवन को सुरक्षित कर ,मानव संसाधन विकास मंत्रालय एवं विश्व विद्यालय अनुदान आयोग,नई दिल्ली के दिशा निर्देशो के अनुरूप लिया जा सके और  युवा भारत के युवाओं को  कोरोना महामारी के संक्रमण से बचाया जा सके!   आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने भी कहा है कि जान है तो जहान.
   1..यातायात का मुख्य साधन ट्रेनों का संचालन भी 12 अगस्त तक बंद कर दिया गया है ऐसे में छात्रों, अभिभावको आदि को परीक्षा के लिए  विवश करना उचित ही नही  बल्कि उनका मानसिक उत्पिडन करना होगा है!
छात्रों एवं अभिभावको के रहने  एवं खाने की व्यवस्था ना तो छात्रावासों में है और नाही कोई किराये पर मकान देने को तैयार है!क्योंकि कोरोना महामारी संक्रमण से सभी भयभीत और डरे हुए हैं!                                       
उत्तर प्रदेश के किसी भी विश्व विद्यालय/महा विद्यालय को सैनेटाइज नही कराया गया है केवल  प्रशासनिक अधिकारियो के कार्य स्थलों को सैने टाइज किया जाता है! और नाही कोई अभी तक व्यवस्था की गयी है!
यह समझ से परे हैं कि उत्तर प्रदेश के विश्व विद्यालयों के कुलपतिगण परीक्षा कराने के लिए इतने परेशान क्यों है? क्यों छात्रों एवं शिक्षको, अभिभावको कर्मचारीयो के हितो की अनदेखी कर रहे है! यदि छात्र, अभिभावक, शिक्षक, कर्मचारी इस महामारी की चपेट में आते हैं, जिसकी पूरी संभावना है, तो उसका उत्तरदायी कौन होगा।  छात्रों,शिक्षकों ,कर्मचारियों को मेडिकल की किसी भी प्रकार कोई सुविधा नहीं है इस बात पर भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। साथ ही महासंघ यह माग करता है कि सेमेस्टर व्यवस्था को तत्काल समाप्त कर वार्षिक परीक्षा प्रणाली को लागू किया जाए!



2..उत्तर प्रदेश ही नहीं सम्पूर्ण भारत वर्ष  में  कोरोना महामारी के निरन्तर विस्तार को ध्यान में रखते हुए , छात्रों /अभिभावको एवं शिक्षकों के जीवन को सुरक्षित करने का दायित्व भी सरकार का है! 
क्योंकि छात्र है तो विश्व विद्यालय है,
छात्र है तो शिक्षक है और जब छात्र भी और शिक्षक भी है तभी कुलपति और प्रशासनिक अधिकारी है!         3..मानव संसाधन विकास मंत्रालय एवं विश्व विद्यालय अनुदान आयोग,नई दिल्ली के दिशा निर्देशो के अनुरूप उत्तर प्रदेश में परीक्षा संबंधित निर्णय तत्काल प्रभाव  से लागू करने की आवयश्कता  है!  
4..एक जुलाई से आहूत होने वाली सी बी एस सी और आई सी एस सी की परीक्षाएं भी  मा.सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के  अनुसार  स्थगित /निरस्त कर दी गयी है!
5..आप स्वयं एक शिक्षक है और आप  छात्रों ,अभिभावको एवं शिक्षकों की पीड़ा सहेजता से समझ सकते है!                


6.कोरोना महामारी के संक्रमण के विस्तार को रोकने लिए आवश्यक है कि उत्तर प्रदेश में समस्त प्रकार की होने वाली परीक्षाओं को  निरस्त करने के साथ ही छात्रों,अभिभावको, शिक्षको एवं कर्मचारीयों को बचाया जा सके!
छात्र शक्ति, शिक्षक शक्ति ही वास्तव में रास्ट्र शक्ति है!
आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने भी कहा है कि जान है तो जहान है! जान भी है जहान भी है!
युवा भारत ,युवाओ के सपनों का भारत है !यह तभी संभव जब सभी को कोरोनो के संक्रमण से सुरक्षित किया जाए!
वर्ष 2020 जीवन बचाने का वर्ष है ना की किसी महत्वाकांक्षा को पूर्ण करने का !
     
                      
प्रोफेसर चितरंजन मिश्र  (अध्यक्ष  )                         
9415314472
डॉ पुष्प्पेंद्र मिश्रा
महामंत्री. उत्तर प्रदेश आवासीय विश्व विद्यालय शिक्षक महासंघ, 26 जून 2020


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