Budget has vision of 'self-reliance- PM

 



यह बजट ऐसे समय पेश किया गया है जब भारतीय अर्थव्यवस्था कोरोना माहामारी के संकट से गुजर रही है और उस पर लॉकडाउन का प्रभाव पड़ा है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 के लिए कुल 34,83,236 करोड़ रुपए के व्यय का बजट पेश किया है। यह चालू वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान 34,50,305 करोड़ रुपए से थोड़ा ही अधिक है। इसमें पूंजी व्यय 5,54,236 करोड़ रुपए है, जो 2020-21 के संशोधित अनुमान 4,39,163 करोड़ रुपए से कहीं अधिक है। बजट दस्तावेज के अनुसार, राजस्व खाते पर व्यय 29,29,000 करोड़ रुपए अनुमानित है, जबकि 2020-21 के संशोधित अनुमान के अनुसार, इस मद पर खर्च 30,111,42 करोड़ रुपए दर्शाया गया है। राजस्व खाते से ब्याज भुगतान अगले वित्त वर्ष में 8,09,701 करोड़ रुपए रहने का अनुमान है, जो चालू वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान के अनुसार 6,92,900 करोड़ रुपए है। राजस्व प्राप्ति को देखा जाए तो नए वित्त वर्ष में इसके 17,88,424 करोड़ रुपए रहने का अनुमान है, जो चालू वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान में 15,55,153 करोड़ रुपए है। इसमें 2021-21 में केंद्र को शुद्ध रूप से कर राजस्व प्राप्ति 15,45,396 करोड़ रुपए रहने का अनुमान है। वहीं कर से इतर स्रोतों से प्राप्त राजस्व 2,43,028 करोड़ रुपए रहने का अनुमान है। पूंजी प्राप्ति एक अप्रैल से शुरू वित्त वर्ष में 16,94,812 करोड़ रुपए रहने का अनुमान है, जो चालू वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान के अनुसार 18,95,152 करोड़ रुपए है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट 2021 की सराहना करते हुए कहा कि यह भारत के आत्मविश्वास को उजागर और 'आत्मनिर्भर भारत' का बजट है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बजट से देश का प्रत्येक नागरिक सशक्त होगा। बजट के केंद्र में गांव और किसान हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए आम बजट की कांग्रेस ने की आलोचना। वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम बोले, बजट से इतनी निराशा पहले कभी नहीं हुई। वित्त मंत्री ने देशवासियों को दिया धोखा। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, बजट में की गई किसानों की अनदेखी। खेती का बजट 6 प्रतिशत घटाया।

संसद में आज राष्‍ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा होगी। केंद्र द्वारा पारित कृषि कानूनों के विरोध में विपक्ष के चर्चा के नोटिस के बाद आज संसद के दोनों सदनों में भी हंगामे के आसार नजर आ रहे हैं।

  छत्तीसगढ़ के दुर्ग में रहने वाले 11 साल के लिवजोत सिंह की आजकल वहां पर खूब चर्चा हो रही है और हो भी क्यूं ना? क्योंकि लिवजोत ने कारनामा जो ऐसा किया है। 11 साल 4 महीने के लिवजोत पांचवी कक्षा में पढ़ते हैं लेकिन दिमाग ऐसा है कि चर्चा पूरे राज्य में हो रही है।  इतनी कम उम्र होने के बावजूद भी लिवजोत सिंह छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) में 10वीं की परीक्षा में बैठेंगे। दुर्ग जिले के माइल स्टोन खपरी में पांचवी क्लास में पढ़ने वाले लिवजोत का दिमाग बेहद तेज है और इसे देखते हुए उनके पिता गुरविंदर सिंह अरोरा ने पिछले साल ही माध्यमिक शिक्षा मंडल के पास अर्जी लगाकर आग्रह किया था कि उनके बेटे का दिमाग 16 साल के बच्चे के बराबर है इसलिए उसे 10वीं की परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाए। बोर्ड ने भी लिवजोत का आईक्यू टेस्ट कराया और फिर परीक्षा में बैठने की अनुमति दे दी। दैनिक जागरण के मुताबिक, आईक्यू टेस्ट में बोर्ड ने पाया कि लिवजोत का दिमाग एक 16 साल के बच्चे के बराबर चलता है और उसकी तर्कशक्ति बेहद शानदार है। इसके बाद परीक्षाफल समिति की सहमति के आधार पर लिवजोत को अनुमति प्रदान की गई। लिवजोत के पिता को भरोसा है कि उनका बेटा इस बार 10वीं की परीक्षा पास कर एक रिकॉर्ड कायम करेगा।लिवजोत फिलहाल अपना पूरा ध्यान पेपरों की तैयारी पर लगाए हुए हैं और दसवीं के सिलेबस की पढ़ाई कर रहे हैं। यहां बोर्ड की परीक्षा 10 अप्रैल से शुरू होकर एक मई 2021 तक चलेगी। आपको बता दें कि इस तरह के मामले कुछ और राज्यों में भी सामने चुके हैं।पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस को लगातार झटके लग रहे हैं। पार्टी छोड़ने वाले नेताओं का सिलसिला टूट नहीं रहा है। मंत्री राजीब बनर्जी के बाद डायमंड हॉर्बर से दो बार के विधायक रहे दीपक हलदर ने ममता बनर्जी का साथ छोड़ दिया है।

भारतीय-अमेरिकी भव्य लाल (Bhavya Lal) को नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) ने अपना कार्यकारी प्रमुख नियुक्त किया है। लाल अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा नासा में बदलाव संबंधी समीक्षा दल की सदस्य हैं।

इलाहाबाद उच् न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने धर्म बदलकर मुस्लिम लड़के से निकाह करने के एक मामले में नियमित तरीके से बंदी प्रत्यक्षीकरण रिट जारी करने से इंकार करते हुए याचिका खारिज कर दी।'लड़की का अपने परिवार के साथ रहना अवैध नहीं', धर्म बदलकर निकाह के मामले में कोर्ट ने खारिज की पति की अर्जी.

नए कृषि कानूनों के खिलाफ भड़काऊ और विवादित ट्वीट करने वाले अकाउंट्स पर कड़ा ऐक्शन। सरकार के आदेश पर ऐक्टर सुशांत सिंह, प्रसार भारती के सीईओ शशि शेखर समेत 250 अकाउंट किए गए ब्लॉक, कुछ पर लगाई रोक। वहीं, आंदोलन से जुड़े 122 लोगों को दिल्ली पुलिस ने लिया हिरासत में। 44 पर दर्ज की एफआईआर।

देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना के 121 नए केस, 3 की मौत। कोरोना के शुरुआती दिनों के बाद से अब तक मौत का यह सबसे छोटा आंकड़ा। वहीं गोवा स्वास्थ्य विभाग ने प्राइवेट अस्पतालों को दी चेतावनी। कहा, हेल्थ वर्कर्स के अलावा किसी और को लगाया टीका तो नहीं मिलेगी वैक्सीन।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने साधा बीजेपी पर निशाना। कहा, बागी नेता बीजेपी के पास इसलिए जा रहे हैं कि अपने काले धन को सफेद कर सकें। बीजेपी गैस का गुब्बारा है जो मीडिया में जिंदा है, टीएमसी जनता के दिलों में रहेगी जिंदा।

म्यांमार की सेना ने एक वर्ष के आपातकाल के तहत देश की सत्ता को अपने नियंत्रण में कर लिया है और खबरों में बताया गया है कि स्टेट काउंसलर आंग सान सू ची तथा अन्य नेताओं को हिरासत में ले लिया गया है। म्यांमार की सेना ने एक वर्ष के आपातकाल के तहत देश की सत्ता को अपने नियंत्रण में कर लिया है और खबरों में बताया गया है कि स्टेट काउंसलर आंग सान सू ची तथा अन्य नेताओं को हिरासत में ले लिया गया है। सेना द्वारा सत्ता पर नियंत्रण करने के कुछ संभावित कारण- संविधान : सेना के स्वामित्व वाले 'मयावाडी टीवी' ने देश के संविधान के अनुच्छेद 417 का हवाला दिया, जिसमें सेना को आपातकाल में सत्ता अपने हाथ में लेने की अनुमति हासिल है। प्रस्तोता ने कहा कि कोरोनावायरस (Coronavirus) का संकट और नवंबर में चुनाव कराने में सरकार का विफल रहना ही आपातकाल के कारण हैं। सेना ने 2008 में संविधान तैयार किया और चार्टर के तहत उसने लोकतंत्र, नागरिक शासन की कीमत पर सत्ता अपने हाथ में रखने का प्रावधान किया। मानवाधिकार समूहों ने इस अनुच्छेद को संभावित तख्तापलट की व्यवस्था करार दिया था। संविधान में कैबिनेट के मुख्य मंत्रालय और संसद में 25 फीसदी सीट सेना के लिए आरक्षित है, जिससे नागरिक सरकार की शक्ति सीमित रह जाती है और इसमें सेना के समर्थन के बगैर चार्टर में संशोधन से इंकार किया गया है। कुछ विशेषज्ञों ने आश्चर्य जताया कि सेना अपनी शक्तिशाली यथास्थिति को क्यों पलटेगी लेकिन कुछ अन्य ने सीनियर जनरल मीन आउंग हलैंग की निकट भविष्य में सेवानिवृत्ति को इसका कारण बताया जो 2011 से सशस्त्र बलों के कमांडर हैं। म्यांमार के नागरिक एवं सैन्य संबंधों पर शोध करने वाले किम जोलीफे ने कहा, इसकी वजह अंदरूनी सैन्य राजनीति है जो काफी अपारदर्शी है। यह उन समीकरणों की वजह से हो सकता है और हो सकता है कि यह अंदरूनी तख्तापलट हो और सेना के अंदर अपना प्रभुत्व कायम रखने का तरीका हो। सेना ने उप राष्ट्रपति मींट स्वे को एक वर्ष के लिए सरकार का प्रमुख बनाया है जो पहले सैन्य अधिकारी रह चुके हैं। सू ची की पार्टी ने नवंबर में हुए संसदीय चुनाव में 476 सीटों में से 396 सीटों पर जीत हासिल की। केंद्रीय चुनाव आयोग ने परिणाम की पुष्टि की है। लेकिन चुनाव होने के कुछ समय बाद ही सेना ने दावा किया कि 314 शहरों में मतदाता सूची में लाखों गड़बड़ियां थीं जिससे मतदाताओं ने संभवत: कई बार मतदान किया या अन्य चुनावी फर्जीवाड़े किए। जोलीफे ने कहा, लेकिन उन्होंने उसका कोई सबूत नहीं दिखाया। चुनाव आयोग ने पिछले हफ्ते दावों से इंकार किया और कहा कि इन आरोपों के समर्थन में कोई सबूत नहीं है।

चुनाव के बाद नई संसद के पहले ही दिन सेना ने तख्तापलट कर दिया। सू ची एवं अन्य सांसदों को पद की शपथ लेनी थी लेकिन उन्हें हिरासत में ले लिया गया।मयावाडी टीवीपर बाद में घोषणा की गई कि सेना एक वर्ष का आपातकाल समाप्त होने के बाद जीतने वाले को सत्ता सौंप देगी। देश में सुबह और दोपहर तक संचार सेवाएं ठप हो गईं। राजधानी में इंटरनेट और फोन सेवाएं बंद हैं।देश के कई अन्य स्थानों पर भी इंटरनेट सेवाएं बाधित हैं। देश के सबसे बड़े शहर यांगून में कंटीले तार लगाकर सड़कों को जाम कर दिया गया और सिटी हिल जैसे सरकारी भवनों के बाहर सेना तैनात है। काफी संख्या में लोग एटीएम और खाद्य वेंडरों के पास पहुंचे और कुछ दुकानों एवं घरों से सू ची की पार्टी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी के निशान हटा दिए गए। विश्वभर की सरकारों एवं अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने तख्तापलट की निंदा की है और कहा है कि म्यांमार में सीमित लोकतांत्रिक सुधारों को इससे झटका लगा है। ह्यूमन राइट्स वाच की कानूनी सलाहकार लिंडा लखधीर ने कहा, लोकतंत्र के रूप में वर्तमान म्यांमार के लिए यह काफी बड़ा झटका है। विश्व मंच पर इसकी साख को बट्टा लग गया है। मानवाधिकार संगठनों ने आशंका जताई कि मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और सेना की आलोचना करने वालों पर कठोर कार्रवाई संभव है। अमेरिका के कई सीनेटरों एवं पूर्व राजनयिकों ने सेना की आलोचना करते हुए लोकतांत्रिक नेताओं को रिहा करने की मांग की है और जो बाइडन सरकार एवं दुनिया के अन्य देशों से म्यांमार पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है।

स्पाइसजेट की एक उड़ान को सोमवार शाम कोलकाता हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों के भीतर तकनीकी खराबी का पता चलने के बाद आपात स्थिति में उतारना पड़ा।



पेट्रोल और डीजल पर सरकार द्वारा बजट में सेस लगाने की घोषणा के बाद इस बात की चर्चा जोरों पर है कि इन पेट्रोलियम उत्पादों के दाम बढ़ जाएंगे। हालांकि केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भी ट्वीट कर कहा कि इनके दाम नहीं बढ़ेंगे। हालांकि ट्विटर पर इसको लेकर सरकार की काफी आलोचना हो रही है। दरअसल, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने पेट्रोल पर 2.5 रुपए और डीजल पर 4 रुपए प्रति लीटर कृषि सेस लगाने की घोषणा की है। ऐसे में लोगों को इस बात की आशंका होना स्वाभाविक है कि पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ जाएंगे। माना जा रहा है कि सरकार कृषि सेस लगाएगी, लेकिन एक्साइज ड्यूटी में कमी भी करेगी। इसके साथ ही स्पेशल एडिशनल एक्साइज ड्यूटी में भी कमी की जा सकती है। इनके जरिए कीमतों को बैलेंस किया जाएगा। ऐसे में उपभोक्ताओं पर और ज्यादा भार नहीं आएगा। हालांकि यह भी सही है कि देश में पेट्रोल की कीमतें 94 रुपए प्रति लीटर तक हैं। जानकारी के मुताबिक सरकार ने पेट्रोल पर बेसिक एक्साइज ड्यूटी को घटाते हुए 2.98 रुपए लीटर से 1.4 रुपए लीटर ही करने का निर्णय किया है। इसी तरह डीजल पर भी ड्यूटी 4.83 रुपए प्रति लीटर से घटाकर 1.8 रुपए की जाएगी। इतना ही नहीं इन दोनों ईंधनों पर लगने वाली स्पेशल एक्साइज ड्यूटी में भी 1 रुपये प्रति लीटर की कमी की जाएगी। माना जा रहा है कि इसके बाद पेट्रोल पर यह ड्यूटी 11 रुपए प्रति लीटर एवं डीजल पर 8 रुपए प्रति लीटर रह जाएगी। ऐसे में उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ बढ़ने की आशंका नहीं के बराबर है।

पिछले 24 घंटों के दौरान जम्मू कश्मीर में हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी की गतिविधियां दर्ज की गई हैं। तटीय आंध्र प्रदेश में भी कुछ स्थानों पर बादलों की गर्जना के साथ बारिश हुई। आंतरिक तमिलनाडु में हल्की बारिश हुई है। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल में शीतलहर का प्रकोप जारी रहा। उत्तर प्रदेश, बिहार, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम के कुछ हिस्सों में बेहद घना कोहरा छाया रहा।

आगामी 24 घंटों के दौरान उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में घना कोहरा जारी रहने की संभावना है। साथ ही पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश में कुछ स्थानों पर 24 से 48 घंटों तक शीत लहर की स्थिति बने रहने का अनुमान है।जम्मू कश्मीर, गिलगित बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद और लद्दाख में हल्की बारिश और हिमपात हो सकता है। हिमाचल प्रदेश में भी कुछ स्थानों पर बारिश और बर्फबारी शुरू होने के आसार हैं। इन पर्वतीय राज्यों में 3 फरवरी से बारिश और बर्फबारी की तीव्रता में वृद्धि होने की संभावना है। 3 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के भी कुछ हिस्सों में छिटपुट जगहों पर बारिश हो सकती है। 4 फरवरी से पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश के पश्चिमी और मध्य भागों, उत्तरी राजस्थान और उत्तरी मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में बारिश होने की संभावना है। पंजाब और हरियाणा के कुछ हिस्सों में ओलावृष्टि के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में इस बारिश के दौरान 4 और 5 फरवरी को एक-दो स्थानों पर ओलावृष्टि की भी आशंका है।



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