एक था कोरोना 2020 वाला. एक है कोरोना 2021 वाला.

 


देश में कोरोनावायरस संक्रमण चिंताजनक स्तर पर पहुंच गया है। कोविड-19 रोगियों की संख्या 1.50 करोड़ और मृतकों की संख्या 1.75 लाख के करीब पहुंचने के नजदीक है। दिल्ली सहित 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ऑक्सीजन सिलेंडर, टीके की खुराक और रेमडेसिविर की मांग भी बढ़ गई है। देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बेहद तूफानी तरीके से सामने रहे हैं और इसे लेकर सरकार के साथ आम आदमी भी बेहद परेशान है, देश के कुछ राज्यों जैसे- महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, दिल्ली में तो इसकी रफ्तार बेलगाम सी हो चुकी है, वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश में कोरोना वायरस के मद्देनजर लॉकडाउन को लेकर कहा है कि हर राज्य की अलग स्थिति है तो फैसला राज्यों को ही करना पड़ेगा.

रिहाई के बाद दिल्ली में ही रुक सकते हैं लालू यादव, परिवार ने लिया अहम फैसला

कोरोना के कहर के बीच रेलवे िपार्टमेंट ने करीब 4 हजार से ज्यादा कोविड कोच तैयार कर दिए हैं। कोच में मेडिकल सुविधांए जुटाने का काम राज्य सरकार करेगी। कोच की सफाई, कंबल, पानी, बिजली और शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाओं की जिम्मेदारी रेलवे की होगी।

केंद्र ने 9 विशिष्ट उद्योगों को छोड़कर औद्योगिक उद्देश्य के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति रविवार को प्रतिबंधित कर दी ताकि कोविड-19 मरीजों को ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा सके। यह निर्णय 22 अप्रैल से प्रभावी होगा।सभी राज्यों को भेजे पत्र में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा कि कोविड-19 के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी और इस कारण मेडिकल ऑक्सीजन की बढ़ती मांग के मद्देनजर केंद्र सरकार की तरफ से गठित उच्चाधिकार प्राप्त एक समिति ने औद्योगिक इस्तेमाल के लिए ऑक्सीजन आपूर्ति की समीक्षा की है ताकि देश में मेडिकल ऑक्सीजन की मांग पूरी की जा सके और लोगों की जान बचाई जा सके। इसी के मुताबिक उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने 22 अप्रैल से निर्माताओं और आपूर्तिकर्ताओं द्वारा औद्योगिक उद्देश्य के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति अगले आदेश तक प्रतिबंधित कर दी है। इसमें 9विशिष्ट उद्योगों को छूट दी गई है। गृह सचिव ने पत्र में कहा है कि सरकार ने उच्चाधिकार प्राप्त समिति की अनुशंसाओं को स्वीकार कर लिया है। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि इसलिए मैं आपसे अपील करता हूं कि अपने राज्य में सभी संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश जारी करें ताकि समिति के निर्णयों का पालन कराया जा सके।  देश में कोरोना के तेजी से बढ़ते नए मामलों के बाद ऑक्सीजन सिलेंडरों की खपत एवं इनकी बढ़ती मांग को देखते हुए केंद्र की केंद्र सरकार ने मेडिकल ऑक्सीजन को लेकर बड़ा फैसला लिया है। केंद्र ने सभी राज्यों में जन स्वास्थ्य केंद्रों में 162 प्रेशर स्विंग ऐड्सॉर्प्शन (पीएसए) ऑक्सीजन संयंत्र लगाने को मंजूरी दे दी है। वहीं इससे पहले केंद्र सरकार ने 50000 मीट्रिक टन चिकित्सा ऑक्सीजन के आयात के लिए निविदा निकालने का निर्णय लिया था। रेलवे चलाएगी ऑक्सीजन एक्सप्रेस : रेलवे ने कहा कि वह अगले कुछ ही दिनों मेंऑक्सीजन एक्सप्रेसचलाएगी और पूरे देश में तरल मेडिकल ऑक्सीजन एवं ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंचाएगी। अधिकारियों ने कहा कि खाली टैंकर विशाखापत्तनम, जमशेदपुर, राउरकेला और बोकारो से लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन भरने के लिये सोमवार को मुंबई और उसके आसपास कलमबोली और बोइसर स्टेशनों से चलेंगे। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट किया, 'ऑक्सीजन एक्सप्रेस के लिये रोल-ऑन-रोल-ऑफ ऑक्सीजन ट्रक लोड किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार कोविड-19 रोगियों की हरसंभव मदद के लिए तैयार है।पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पीएम नरेंद्र मोदी को लिखी चिट्ठी। सलाह दी- अमेरिका और यूरोप ने जिन वैक्सीन को मंजूरी दे दी है, उन्हें केंद्र सरकार भी बिना ट्रायल इस्तेमाल की इजाज़त दे।

सीएम अरविंद केजरीवाल बोले- दिल्ली में 100 से भी कम आईसीयू बेड बचे, पॉजिटिविटी रेट 30 फ़ीसदी। इस बीच पिछले 24 घंटे में आए दो लाख 61 हज़ार से ज़्यादा केस।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल में की चुनावी जनसभा, ममता बनर्जी पर साधा निशाना। कहा- दो मई तक ठीक हो जाएगी दीदी के पैर की चोट, इस्तीफा देने चलकर जाएंगी। दूसरी ओर, राहुल गांधी ने कोरोना के चलते बंगाल की सभाएं रद्द कीं। जबकि अमित शाह बोले- महामारी की दूसरी लहर को चुनाव से जोड़ना ठीक नहीं। जल्दबाजी में नहीं लगाएंगे लॉकडाउन।

कोरोना के इलाज में इस्तेमाल हो रही रेमडेसिविर इंजेक्शन पर महाराष्ट्र में सियासत। इंजेक्शन की कालाबाज़ारी पर पुलिस ने एक फार्मा कंपनी के डायरेक्टर को हिरासत में लिया। आधी रात थाने पहुंच गए बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस।

कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए रेलवे ने उठाया सख्त कदम। रेलवे परिसर या ट्रेन के अंदर मास्क पहनने पर लगाया जाएगा 500 रुपये का जुर्माना।

एक था कोरोना 2020 वाला. एक है कोरोना 2021 वाला. दोनों में कई बुनियादी फ़र्क़ है. पहले के मुक़ाबले फैल ज़्यादा रहा है, लेकिन कम घातक है. बच्चों और नौजवानों को अपनी ज़द में ज़्यादा ले रहा है. बुख़ार ज़्यादा दिन तक रह रहा है."  ये अंतर इसलिए है क्योंकि कोरोना के प्रकार बदल गए हैं. इस वक़्त भारत में चार प्रकार का कोरोना संक्रमण देखने को मिल रहा है.पहला - प्राइमेरी कोरोना, जो 2020 में भारत में आया. दूसरा - नई स्ट्रेन वाला कोरोना, जो ब्रिटेन, दक्षिण अफ़्रीका और ब्राज़ील से भारत में आया है. लेकिन इसके बारे में भारत सरकार ने अभी विस्तृत डेटा जारी नहीं किया है. तीसरा - पोस्ट वैक्सीन कोरोना यानी जिनको वैक्सीन की एक डोज़ लग चुकी है और उसके बाद कोरोना हो गया है. चौथा - रिइंफेक्शन कोरोना यानी जिनको पहले कोरोना हो चुका है और अब दोबारा से हुआ है. ऐसे लोगों की संख्या बाक़ी के मुक़ाबले कम है.

ज़ाहिर है हर प्रकार के लोगों में वायरस अलग तरीक़े से बर्ताव करेगा. अलग-अलग लक्षण दिखने के पीछे का वैज्ञानिक आधार यही हैं. प्राइमरी कोविड-19 के आज भी पुराने लक्षण ही हैं. लेकिन बदली परिस्थितियों में वायरस थोड़ा बदल गया है. भारत का कोरोना ग्राफ़ इस बात की पुष्टि करने के लिए काफ़ी है. पिछले सात दिन के रोलिंग औसत का ग्राफ़ ये बताने के लिए काफ़ी है. इतना ही नहीं, कोरोना की वजह से हो रही मौत के मामलों में भी तेज़ी से इज़ाफ़ा देखने को मिला है. रोज़ाना हो रहे टेस्ट में पॉज़िटिव पाए जाने वालों की संख्या भी तेज़ी से बढ़ रही है. अस्पतालों में बढ़ते मरीज़ों के आँकड़े भी इस बात की तस्दीक़ कर रहे हैं. कोरोना वायरस का अलग-अलग प्रकार हर तरह के लोग में अलग बर्ताव करेगा. हर शरीर की वायरस से लड़ने की क्षमता भी अलग होगी और वायरस का प्रकार भी अलग होगा.दूसरा कोरोना है नई स्ट्रेन वाला कोरोना. इसके लिए ज़रूरी है कि किस म्यूटेंट वेराइटी से आपको संक्रमण हुआ है ये पता हो. हर म्यूटेशन से संक्रमण के लक्षण होंगे. आम तौर पर म्यूटेंट वायरस से जो कोरोना हो रहा है, उसमें बुख़ार ज़्यादा दिन तक रहता है और शरीर का रेस्पॉन्स कम देखने को मिलता है. इसका मतलब ये हुआ कि ये प्राइमरी कोविड-19 नहीं है. इसे सिस्टमिक इंफ्लेमेशन कहते हैं. ऐसा तब होता है जब शरीर में एंटीबॉडी भी होंगी और एंटीजन भी होगा. इस वजह से रिएक्शन ज़्यादा होता है. इस वजह से बुख़ार रहता है. ऐसे मरीज़ों के साथ राहत की बात ये होती है कि उनको न्यूमोनिया नहीं होगा. इसके पीछे भी वैज्ञानिक आधार है. जब वायरस म्यूटेट होगा, तो उस पॉपुलेशन पर ज़्यादा अटैक करेगा, जहाँ प्राइमरी वैक्सीनेशन नहीं हो रही है. अब अगर भारत में 45 साल से ऊपर वालों को वैक्सीन दी जा रही है, तो वायरस निश्चित तौर पर उससे कम उम्र वालों पर अटैक ज़्यादा करेगा. बच्चों में इम्यूनिटी लेवल बड़ों के मुक़ाबले ज़्यादा बेहतर होती है. इस वजह से उतना घबराने की ज़रूरत नहीं होती. जैसे ही वैक्सीन 30 साल से ऊपर को दी जाने लगेगी, वैसे ही वायरस 20+ साल के लोगों में ज़्यादा अटैक करने लगेगा. वायरस ख़ुद को ऐसा ढालने की कोशिश करता है ताकि वो भी जीवित रह सके. ये वजह है कि मैं भी 18+ के हर व्यक्ति के लिए वैक्सीन की इजाज़त देने की माँग कर रहा हूँ. ऐसे लोगों की संख्या पहले दो के मुक़ाबले कम है. वैक्सीन की पहली डोज़ लेने के बाद शरीर में कुछ एंटीबॉडी बन जाती है. जो दूसरी डोज़ के मुक़ाबले कम होती है. ऐसी सूरत में कोरोना होता है, तो लक्षण दूसरी तरह का होता है. ऐसे मरीज़ों में नॉन पल्मोनरी सिस्टेमिक इंफ्लमेंशन देखने को मिलता है. मतलब ये कि लंग्स पर कोरोना उतना असर नहीं करेगा. बुख़ार उसमें तेज़ होगा. आम बोलचाल की भाषा में कहें, तो ऐसे मामलों में शरीर में चोर (वायरस) भी जाते हैं और शरीर में वैक्सीन के बाद एंटी बॉडी ( पुलिस) भी तैयार रहती है. ऐसी सूरत में चोर जो बम लेकर आते हैं, वो घर ( लंग्स) में ना रख कर, इधर-उधर यानी शरीर के दूसरे हिस्से में बम छोड़ कर चले जाते हैं. इस वजह से ये सीरियस नहीं होते. प्राइमरी कोरोना में लंग्स में इंफ़ेक्शन ज़्यादा सीरियस होता है.102 दिन के अंतराल के बाद दोबारा कोरोना होता है, तो उसे डब्लूएचओ ने रिइंफ़ेक्शन कोरोना माना है. ऐसे मरीज़ों में ये देखने की ज़रूरत होती है कि कौन सा स्ट्रेन का वायरस है, जिससे दोबारा संक्रमण हुआ है. ब्रिटेन म्यूटेंट वेराइटी है, तो वो बच्चों और नौजवानों पर ज़्यादा असर करेगा. अगर ब्राज़ील वाला है, तो उससे जान पर ख़तरा ज़्यादा होगा. अगर दक्षिण अफ्रीका वाला है, तो जाँच में पकड़ में आने में थोड़ी देरी होती है. वायरस जब म्यूटेट होता है, तो बस ये चाहता है कि जाँच में पकड़ा ना जाए, ड्रग्स उस पर काम ना करे, वैक्सीन की गिरफ़्त में ना आए. इस वजह से कभी ये सुनने को मिलता है कि पहले टेस्ट में कोविड-19 पॉज़िटिव नहीं मिला. आम भाषा में कहें तो अगर एक बार किसी को मार पड़ जाती है तो अगली बार वो सतर्क हो जाता है और थोड़ा ढीठ भी. उसी तरह से रिइंफ़ेक्शन के मामले में होता है.

गुजरात और मध्य प्रदेश में हरिद्वार कुंभ से लौटने वालों का होगा कोरोना टेस्ट। संदिग्ध लोगों को 14 दिन के लिए किया जाएगा आइसोलेट।

दिल्ली कैपिटल्स (डीसी) जीत की पटरी पर लौट आई है। पिछले मैच राजस्थान रॉयल्स के हाथों गंवाने वाली दिल्ली ने पंजाब किंग्स (पीबीकेएस) को 6 विकेट से करारी शिकस्द दी। मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए मुकाबले में पंजाब ने मयंक अग्रवाल (69) और केएल राहुल (61) की पारियों के दम पर 196 रन का लक्ष्य दिया। जवाब में दिल्ली ने 18.2 ओवर में 4 विकेट के नुकसान पर 198 रन बनाकर जीत हासिल कर ली।

कोरोना वायरस के कहर के बीच बिहार सरकार ने कड़े कदम उठाने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि 15 मई तक स्कूल, कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थान बंद रहेंगे और राज्य द्वारा संचालित स्कूलों और विश्वविद्यालयों द्वारा कोई परीक्षा आयोजित नहीं की जाएगी। सिनेमा हॉल, मॉल, क्लब, जिम और पार्क 15 मई तक बंद रहेंगे।

शहडोल जिले के एक शासकीय अस्पताल में चिकित्सकीय ऑक्सीजन आपूर्ति का दबाव कम हो जाने से कोविड-19 सेंटर के गहन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) वार्ड में भर्ती छह मरीजों की मौत हो गई। यह घटना शहडोल जिला मुख्यालय से करीब दो किलोमीटर दूर स्थित शासकीय मेडिकल कॉलेज में शनिवार-रविवार की बीच रात को हुई। यह जानकारी एक अधिकारी ने रविवार को दी है।

उत्तर प्रदेश में ग्राम पंचायतों के चुनाव चार चरणों में हो रहे हैं. दूसरे दौर का मतदान 19 अप्रैल को होगा, जबकि तीसरे चरण की वोटिंग 26 अप्रैल को होनी है. चौथे और आखिरी दौर का मतदान 29 अप्रैल को होगा. वोटों की गिनती 2 मई को होगी. उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के भीषण रूप धारण करने के बाद भी गांव की सरकार को चुनने के लिए मतदान का दौर जारी है। रविवार को प्रदेश में लॉकडाउन के बाद भी लखनऊ वाराणसी सहित 20 जिलों के प्रत्याशी वर्चुअल माध्यम से लोगों से सम्पर्क करने में लगे हैं। दूसरे चरण के मतदान में 20 जिलों के करीब 3.2 करोड़ मतदाता अपने अधिकार का प्रयोग करेंगे। प्रदेश के इन 20 जिलों में होने वाले चुनाव में चार पद के लिए कुल 2,33,616 नामांकन हुए थे। जिनमें जिला पंचायत सदस्य के 787 पदों के लिए 8024 नामांकन हुए थे। क्षेत्र पंचायत सदस्य के 19653 पदों के लिए 56874 नामांकन हुए थे। ग्राम प्रधान के 14897 पदों के लिए कुल 99404 नामांकन हुए थे। ग्राम पंचायत सदस्य के 187781 पदों के लिए महज 69314 नामांकन ही हुए थे। इन जिलों में कल मतदान: बागपत, मुजफ्फरनगर, गौतमबुद्धनगर, बिजनौर, अमरोहा, बदायूं, एटा, मैनपुरी, कन्नौज, इटावा, ललितपुर, चित्रकूट, प्रतापगढ़, लखनऊ, लखीमपुर खीरी, गोंडा, सुलतानपुर, महराजगंज, वाराणसी आजमगढ़।

दिल्ली में 24 घंटे में कोरोना के 25,462 नए मामले, 161 की मौत

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पंचायत चुनाव: यूपी में दूसरे चरण का मतदान आज, कोविड प्रोटोकॉल का करना होगा पालन, ड्रोन से होगी निगरानी.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने लोकसभा क्षेत्र वाराणसी में कोरोनावायरस (Coronavirus) संक्रमण के हालात की रविवार को समीक्षा की और 45 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों को टीका लगाने की जरूरत पर जोर दिया।

कोविड-19 महामारी की वजह से बीते वित्त वर्ष 2020-21 में देश से यात्री वाहनों का निर्यात 39 प्रतिशत घट गया। बीते वित्त वर्ष में निर्यात में गिरावट मुख्य रूप से पहली छमाही के दौरान आई।

पिछले 24 घंटों के दौरान, जम्मू कश्मीर, गिलगित बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पर हल्की से मध्यम बारिश और गरज के साथ हल्की बौछारें पड़ीं। एक-दो स्थानों पर भारी वर्षा भी दर्ज की गई। उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश और केरल में हल्की से मध्यम बारिश हुई। उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश हुई। ओडिशा, पंजाब और हरियाणा के उत्तरी भागों के साथ-साथ सौराष्ट्र और कच्छ में हल्की बारिश हुई। अगले 24 घंटों के दौरान, जम्मू-कश्मीर, गिलगित बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद, अरुणाचल प्रदेश, केरल और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में एक या दो स्थानों पर भारी बारिश के साथ कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने के आसार हैं। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, असम, मेघालय, आंतरिक तमिलनाडु और कर्नाटक के दक्षिण तट पर कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश संभव है। पूर्वोत्तर भारत में कुछ स्थानों पर और बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश में एक या दो स्थानों पर हल्की बारिश हो सकती है।



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