स्वतंत्रता दिवस- जनता का महोत्सव

 

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 75वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर देश को संबोधित किया। उन्होंने देशवासियों को बदाई देते हुए कहा कि इन 75 वर्षों में देश ने हर क्षेत्रों में प्रगति की है। लेकिन उसके साथ ही कई तरह की चुनौतियां भी हैं। संसद लोकतंत्र का मंदिर, जनहित के मुद्दों पर चर्चा एवं निर्णय करने का स्थान, कोरोना महामारी अभी समाप्त नहीं हुई, प्रोटोकॉल के अनुरूप जल्द टीका लगवा लें : राष्ट्रपति कोविंद

देश आज आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर रविवार को लाल किले की प्राचीर पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराएंगे और भारतीय वायु सेना के दो एमआई-17 1वी हेलीकॉप्टर पहली बार समारोह स्थल के ऊपर पुष्प वर्षा करेंगे।

संस्कृति मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि भारत के 75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर 1.5 करोड़ से अधिक भारतीयों ने राष्ट्रगान को रिकॉर्ड किया और सरकार के पोर्टल राष्ट्रगान डॉट इन पर अपलोड किया। 25 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 'मन की बात' रेडियो कार्यक्रम में देश की जनता से एक साथ राष्ट्रगान गाने का आह्वान किया था।

कैरिबियाई देश हैती में आए भीषण भूकंप से मरने वालों की संख्या बढ़कर 227 हो गई है। नागरिक सुरक्षा एजेंसी ने शनिवार को यह जानकारी दी है। एजेंसी ने आज यहां ट्विटर पर जारी बयान में कहा कि भूकंप में मरने वालों की संख्या बढ़कर 227 तक पहुंच गई है, जिनमें से 158 दक्षिण के हैं। सैकड़ों लोग घायल या लापता हैं। पेशेवर बचाव दल और स्थानीय लोगों ने कई लोगों को मलबे से बाहर निकालने में मदद की है। अस्पतालों में लगातार घायल लोग पहुंच रहे है। हैती में शनिवार को 7.2 तीव्रता का भूकंप आया। इससे पहले नागरिक सुरक्षा एजेंसी ने भूकंप में मारे गए लोगों की संख्या 29 बताई थी।

ईरान में कोरोना की कथित पांचवी वेव के बाद लगाया गया 6 दिन का लॉकडाउन। उधर, रूस में संक्रमण से होने वाली मौतों में लगातार तीसरे दिन बढ़ोतरी। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में 819 लोगों की हुई मौत।

पंजाब में एंट्री के लिए अब दिखानी होगी निगेटिव आरटीपीसीआर रिपोर्ट या कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज का सर्टिफिकेट। राज्य में स्कूल खोलने के बाद ज्यादा संख्या में किए जा रहे कोविड टेस्ट। सरकार ने स्कूलों से रोजाना 10 हजार नमूनों का आरटी-पीसीआर करने का भी लिया फैसला।

असम मिजोरम सीमा पर फिर बढ़ा तनाव। असम के सीमावर्ती हैलाकांडी जिले के एक स्कूल में बम धमाके के बाद बढ़ी तनातनी। घटना में जान-माल के नुकसान की फिलहाल कोई खबर नहीं।

भारतीय क्रिकेटर केएल राहुल बाउंड्री लाइन पर फील्डिंग कर रहे थे। तब ऐतिहासिक लॉर्ड्स मैदान पर दर्शकों ने बदसलूकी की और भारतीय क्रिकेटर पर शैंपेन कॉर्क फेंके।

भारत का राष्ट्रगान, जिसे गाते वक्त हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है. भारत का राष्ट्रगान, जिसे गाते वक्त रोंगटे तक खड़े हो जाते हैं. वही राष्ट्रगान इस बार इतने लोग गाएंगे कि नया रिकॉर्ड बन सकता है. इसके लिए सरकार ने एक मंच दिया है, जहां आप राष्ट्रगान रिकॉर्ड करके भेज सकते हैं. ये मंच है, rashtragaan.in वेबसाइट जहां आपको राष्ट्रगान रिकॉर्ड करना है. वेबसाइट लॉन्च होने के बाद, लोगों ने इस पर अपने वीडियो रिकॉर्ड करने शुरू कर दिए हैं. इसका मकसद गर्व के उन पलों को याद करना है, जिनसे भारत की आजादी का इतिहास जुड़ा है. साथ ही डिजिटल तरीके से राष्ट्रगान को एक साथ ज्यादा से ज्यादा संख्या में गाना भी इसका मकसद है. इस बार जो भी वीडियो रिकॉर्ड होंगे, उनका प्रदर्शन लाल किले पर और एयरपोर्ट पर होगा. इसीलिए राष्ट्रगान का कार्यक्रम सरकार ने देश की जनता के सामने रखा है. इस पहल पर केंद्रीय एवं संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा, “सभी बड़े बड़े लोगों से.. बुद्धिजीवियों सेशिक्षाविदों सेफिल्म कलाकारों से.. क्रिकेटरों सेऔर सभी लोगों से अपील करता हूं कि अपने फोन में राष्ट्रगान गाकर rashtragaan.in पर अपलोड करें. मैं सभी लोगों को आमंत्रित करता हूं कि राजनीति से ऊपर उठकर इसका हिस्सा बनें. यह जनता का महोत्सव बनना चाहिए यह सरकार का उत्सव नहीं है.” राष्ट्रगान का बेहतर वीडियो बनाने वालों को दो बड़े मौके मिलेंगे. पहला, उन्हें भारत के नामी गीतकार और संगीतकार के साथ नए गाने में आने का मौका मिलेगा. दूसरा, सबसे बेहतर 100 वीडियो TV, रेडियो और YouTube जैसे सोशल मीडियो प्लेटफॉर्म्स पर रिलीज किए जाएंगे.

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आतंकियों की नापाक मंसूबों को नाकाम कर दिया है। जैश मोहम्मद के चार आतंकियों की गिरफ्तारी की गई है। ये चारों अयोध्या स्थित रामजन्मभूमि को दहलाने की फिराक में थे।

जम्मू कश्मीर पुलिस के सहायक उप-निरीक्षक (एएसआई) बाबू राम और कांस्टेबल अल्ताफ हुसैन भट को मरणोपरांत क्रमश: अशोक चक्र और कीर्ति चक्र से 75वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर शनिवार को सम्मानित किया गया।

कश्मीर घाटी ट्रक में छिपकर जा रहे आतंकवादियों को रोकने और 3 आतंकवादियों को मार गिराने का अदम्य साहस दिखाने के लिए केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के 4 जवानों को पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है।

काबुल के निकट पहुंचा तालिबान, अफगानिस्तान के चौथे सबसे बड़े शहर मजार--शरीफ पर किया कब्जा.

बंबई उच्च न्यायालय ने डिजिटल मीडिया के लिए नैतिकता संहिता के अनुपालन से जुड़े नए सूचना प्रौद्योगिकी नियमों, 2021 की धारा 9 (1) और 9 (3) के क्रियान्वयन पर शनिवार को अंतरिम रोक लगा दी। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जीएस कुलकर्णी की पीठ ने कहा कि नैतिकता संहिता का इस तरह का अनिवार्य अनुपालन याचिकाकर्ताओं को संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत प्रदत्त अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का हनन है। पीठ ने यह भी कहा कि धारा 9 खुद ही सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के दायरे से बाहर जाता है। उच्च न्यायालय ने आदेश पर रोक लगाने के केंद्र सरकार के अनुरोध को भी खारिज कर दिया। दरअसल, केंद्र ने अपील दायर करने के लिए आदेश पर रोक लगाने का अनुरोध किया था। हालांकि अदालत ने आईटी नियमों की धारा 14 और 16 पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, जो एक अंतर-मंत्रालयी समिति के गठन और ऐसी परिस्थिति में सामग्री (कंटेंट) पर रोक लगाने से संबद्ध है। कानूनी विषयों के समाचार पोर्टल लीफलेट और पत्रकार निखिल वागले ने याचिकाएं दायर कर नए नियमों को चुनौती देते हुए कहा था कि संविधान द्वारा नागरिकों को प्रदत्त अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार पर इनका गंभीर प्रभाव पड़ने की संभावना है। गौरतलब है कि शुक्रवार को पीठ ने केंद्र सरकार से सवाल किया था कि 2009 में प्रभावी हुए मौजूदा आईटी नियमों को निष्प्रभावी किए बगैर हाल में अधिसूचित सूचना प्रौद्योगिकी नियमों, 2021 को लाने की क्या जरूरत थी। केंद्र की ओर से पेश हुए अतिरिक्ति सॉलीसीटर जनरल अनिल सिंह ने दलील दी थी कि फर्जी खबरों के प्रसार पर रोक लगाने के लिए नए नियमों को लाने की जरूरत पड़ी।

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने शनिवार को मोहर्रम को लेकर गाइडलाइन जारी कर दी है। कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए योगी सरकार ने निर्देश दिए हैं कि जुलूस ताजिया निकालने की अनुमति नहीं होगी।

भारत को 15 अगस्त 1947 को आजादी के साथ ही विभाजन की त्रासदी भी देखने को मिली।

1857 से लेकर 1947 तक यानी 90 वर्ष के लंबे संघर्ष के बाद हमें आजादी मिली। इन 90 वर्षों में जो कुछ भी हुआ उस पर सैंकड़ों किताबें लिखी जा चुकी है। सन् 1947 में भारत का विभाजन जो हुआ उसे 'स्वतंत्रता दिवस' कहना थोड़ा अटपटा ही लगता है। 1857 के पहले भारत का क्षेत्रफल 83 लाख वर्ग किमी था। वर्तमान भारत का क्षेत्रफल लगभग 33 लाख वर्ग किमी से थोड़ा ही कम है। पड़ोसी 9 देशों का क्षेत्रफल 50 लाख वर्ग किमी बनता है। 1857 की क्रांति के असफल होने के बाद अंग्रेजों को एक बात तो समझ में गई थी कि अब इस देश में लंबे काल तक शासन करना मुश्किल होगा। इसीलिए उन्होंने भारत धर्म, जाति और प्रांत के आधार पर बांटने का प्लान तैयार किया। भारत को तोड़ने की प्रक्रिया के तहत हिंदू और मुसलमानों को अलग-अलग दर्जा देना प्रारंभ किया। लॉर्ड इर्विन के दौर से ही भारत विभाजन के स्पष्ट बीज बोए गए। माउंटबेटन तक इस नीति का पालन किया गया। भारत विभाजन के मंसूबों को 3 जून प्लान या 'माउंटबैटन प्लान' का नाम दिया गया। तमाम मुस्लिम नेताओं को जो भारत और कांग्रेस के लिए जान देने के लिए तैयार थे इस प्लान के तहत बरगलाए गए। विंसटन चर्चिल ने जहां मोहम्मद अली जिन्ना को अपना करीबी बनाकर उन्हें बरगलाया वहीं माउंटबेटन ने जवाहरलाल नेहरू को साथ रखा था। अंतत: 1906 में ढाका में मुस्लिम लीग की स्थापना की। जिन्ना हिन्दू-मुस्लिम एकता के पक्ष में थे, लेकिन विंसटन चर्चिल ने उन्हें इस बात के आखिरकार मना ही लिया की मुसलमानों का भविष्य हिंदुओं के साथ सुरक्षित नहीं है। आखिरकार लाहौर में 1940 के मुस्लिम लीग सम्मेलन में जिन्ना ने साफ तौर पर कहा कि वह दो अलग-अलग राष्ट्र चाहते हैं। मुस्लिम लीग से पाकिस्तान की मांग उठवाई गई और फिर उसके माध्यम से सिंध और बंगाल में हिन्दुओं का कत्लेआम कराया गया। अगस्त 1946 में 'सीधी कार्रवाई दिवस' मनाया और कलकत्ता में भीषण दंगे किए गए जिसमें करीब 5,000 लोग मारे गए और बहुत से घायल हुए। यहां से दंगों की शुरुआत हुई। ऐसे माहौल में सभी नेताओं पर दबाव पड़ने लगा कि वे विभाजन को स्वीकार करें ताकि देश में गृहयुद्ध ना हो। इसके बाद भारत का विभाजन माउंटबेटन योजना ( 3 जून प्लान' ) के आधार पर तैयार भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 के आधार पर किया गया। इस अधिनियम में कहा गया कि 15 अगस्त 1947 को भारत एवं पाकिस्तान नामक दो अधिराज्य बना दिए जाएंगे और उनको ब्रितानी सरकार सत्ता सौंप देगी। माउंटबेटन ने भारत की आजादी को लेकर जवाहरलाल नेहरू के सामने एक प्रस्ताव रखा था जिसमें यह प्रावधान था कि भारत के 565 रजवाड़े भारत या पाकिस्तान में किसी एक में विलय को चुनेंगे और वे चाहें तो दोनों के साथ जाकर अपने को स्वतंत्र भी रख सकेंगे। इन 565 रजवाड़ों जिनमें से अधिकांश प्रिंसली स्टेट (ब्रिटिश साम्राज्य का हिस्सा) थे में से भारत के हिस्से में आए रजवाड़ों ने एक-एक करके विलय पत्र पर हस्ताक्षर कर दिए। बचे रह गए थे त्रावणकोर, हैदराबाद, जूनागढ़, कश्मीर और भोपाल।जिन्हें भारत में मिलाने के लिए सरदार पटेल ने अभियान चलाया था। हालांकि कश्मीर में वे इसीलिए सफल नहीं हो पाए थे क्योंकि कहा जाता है कि पंडित जवाहरलाल नेहरू ने इसमें दखल दिया था। विभाजन की इस घोषणा के बाद पूरे देश में अफरातफरी का माहौल था। एक तरफ आजादी मिलने की खुशी थी तो दूसरी तरफ बंटवारे का दर्द। सभी यह जानने में लगे थे कि कौन सा क्षेत्र भारत में और कौनसा क्षेत्र पाकिस्तान में रहेगा। इसी के चले हिन्दू, सिख और मुस्लिम सभी बॉर्डर क्रास करने में लगे थे। अपनी भूमि और मकान सभी कुछ छोड़ने का दर्द सीने में लिए वे एक अनिश्चित भविष्य की ओर कदम बढ़ा रहे थे। पाकिस्तान से हिंदू और सिखों को जबरन ट्रेन में ठूंस कर भारत भेजा जा रहा था, जबकि भारत से मुस्लिम अपनी स्वेच्छा से पाकिस्तान जा रहे थे। ये ज्यादादर मुस्लिम पंजाब, राजस्थान, बंगाल, बिहार और उत्तर प्रदेश के थे। यहां कई क्षेत्रों में मुस्लिमों को पाकिस्तान जाने से रोका जा रहा था, जबकि पाकिस्तान में सेना और कट्टरपंथी मिलकर हिन्दू और सिखों को बॉडर्र पर भेज रही थी। दो देश के बंटवारे में दोनों ओर के अनुमानित आंकड़ों के अनुसार 1.4 करोड़ लोग विस्थापित हुए थे। 1951 की विस्थापित जनगणना के अनुसार विभाजन के एकदम बाद 72,26,000 मुसलमान भारत छोड़कर पाकिस्तान गए और 72,49,000 हिन्दू और सिख पाकिस्तान छोड़कर भारत आए। 10 किलोमीटर लंबी लाइन में लाखों लोग देशों की सीमा को पार हुए उस पार गए या इस पार आए। महज 60 दिनों में एक स्थान पर सालों से रहने वाले को अपना घर बार, जमीन, दुकानें, जायदाद, संपत्ति, खेती किसानी छोडकर हिंदुस्तान से पाकिस्तान और पाकिस्तान से हिंदुस्तान आना पड़ा। हालांकि विस्थापन का यह दौर आगे भी चलता रहा, जिनके आंकड़े उपरोक्त से कई गुना हो सकते हैं। 13 अगस्त 1947 को आजादी के महज दो दिन पूर्व ही हिंदुस्तान की सरकार ने यह फैसला लिया कि उनकी सरकार सोविय यूनियन के साथ मित्रता का संबंध रखेगी, जबकि पाकिस्तान ने चीन और साऊदी अरब की ओर देखना प्रारंभ कर दिया था। 13 अगस्त के दिन त्रिपुरा की महारानी ने विलय के कागजात पर अपने दस्तखत किए थे जिसके चलते त्रिपुरा का भारत में विलय हुआ था जबकि इसी दिन 13 अगस्त 1947 को भोपाल के नवाब हमिदुल्ला खान ने भोपाल के विलय से इनकार करते हुए भोपाल के आजाद रखने की मांग रखी थी। 13 अगस्त 1947 को ही फेडरल कोर्ट के चीफ जस्टिस सर हरिलाल जेकिसुनदास कनिया भारत के चीफ जस्टिस बनाए गए। कुल मिलाकर भारतवर्ष में 662 रियासतें थीं जिसमें से 565 रजवाड़े ब्रिटिश शासन के अंतर्गत थे। 565 रजवाड़ों में से से 552 रियासतों ने स्वेच्छा से भारतीय परिसंघ में शामिल होने की स्वीकृति दी थी। जूनागढ़, हैदराबाद, त्रावणकोर और कश्मीर को छोडकर बाकी की रियासतों ने पाकिस्तान के साथ जाने की स्वीकृति दी थी। मार्च 1947 में लॉर्ड माउंटबेटन, लॉर्ड वावल के स्थान पर वाइसराय नियुक्त हुए। 8 मई 1947 को वीपी मेनन ने सत्ता अंतरण के लिए एक योजना प्रस्तुत की जिसका अनुमोदन माउंटबेटन ने किया। कांग्रेस की ओर से जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल और कृपलानी थे जबकि मुस्लिम लीग की ओर से मोहम्मद अली जिन्ना, लियाकत अली और अब्दुल निश्तार थे जिन्होंने विचार-विमर्श करने के बाद इस योजना को स्वीकार किया। प्रधानमंत्री एटली ने इस योजना की घोषणा हाउस ऑफ कामंस में 3 जून 1947 को की थी इसीलिए इस योजना को 3 जून की योजना भी कहा जाता है। इसी दिन माउंटबेटन ने विभाजन की अपनी घोषणा प्रकाशित की। इस योजना के अनुसार पंजाब और बंगाल की प्रांतीय विधानसभाओं के वे सदस्य, जो मुस्लिम बहुमत वाले जिलों का प्रतिनिधित्व करते थे, अलग एकत्र होकर और गैरमुस्लिम बहुमत वाले सदस्य अलग एकत्र होकर अपना मत देकर यह तय करेंगे कि प्रांत का विभाजन किया जाए या नहीं, दोनों भागों में विनिश्चित सादे बहुमत से होगा। प्रत्येक भाग यह भी तय करेगा कि उसे भारत में रहना है या पाकिस्तान में? पश्चिमोत्तर सीमा प्रांत में और असम के सिलहट जिले में जहां मुस्लिम बहुमत है वहां जनमत संग्रह की बात कही गई। दूसरी ओर इसमें सिन्ध और बलूचिस्तान को भी स्वतंत्र निर्णय लेने के अधिकार दिए गए। बलूचिस्तान के लिए निर्णय का अधिकार क्वेटा की नगरपालिका को दिया गया। 4 अगस्त 1947 को लार्ड माउंटबेटन, मिस्टर जिन्ना, जो बलूचों के वकील थे, सभी ने एक कमीशन बैठाकर तस्लीम किया और 11 अगस्त को बलूचिस्तान की आजादी की घोषणा कर दी गई। विभाजन से पूर्व भारत के 9 प्रांत और 600 रियासतों में बलूचिस्तान भी शामिल था। हालांकि इस घोषणा के बाद भी माउंटबेटन और पाकिस्तानी नेताओं ने 1948 में बलूचिस्तान के निजाम अली खान पर दबाव डालकर इस रियासत का पाकिस्तान में जबरन विलय कर दिया। जूनागढ़, हैदराबाद, भोपाल, त्रावणकोर और कश्मीर का विलय भारत में बाद में हुआ। सबसे बाद में गोवा, पुदुचेरी, सिक्किम आदि राज्यों का विलय हुआ।

पिछले 24 घंटों के दौरान, तटीय ओडिशा उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, उत्तरी उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों, केरल, आंतरिक तमिलनाडु और मध्य महाराष्ट्र में एक या दो स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक दो स्थानों पर भारी बारिश हुई। उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश की तलहटी, छत्तीसगढ़, शेष पूर्वोत्तर भारत, तटीय कर्नाटक, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक और अंडमान और निकोबार द्वीप पर हल्की से मध्यम बारिश हुई। जम्मू कश्मीर, उत्तरी पंजाब, दक्षिण-पश्चिम मध्य प्रदेश, सौराष्ट्र और कच्छ, तेलंगाना के अलग-अलग हिस्सों, आंतरिक कर्नाटक, गंगीय पश्चिम बंगाल, तटीय ओडिशा और लक्षद्वीप में हल्की बारिश हुई। अगले 24 घंटों के दौरान, तटीय आंध्र प्रदेश, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम, मेघालय, बिहार के कुछ हिस्सों, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, उत्तर प्रदेश की तलहटी और उत्तराखंड के एक या दो भागो में हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक दो स्थानों पर भारी बारिश संभव है। गंगीय पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड के कुछ हिस्सों, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों, कोंकण और गोवा, तटीय कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु के कुछ हिस्सों, आंतरिक कर्नाटक, तेलंगाना के कुछ हिस्सों, रायलसीमा, दक्षिण गुजरात और लक्षद्वीप में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, शेष उत्तर प्रदेश, सौराष्ट्र और कच्छ और आंतरिक महाराष्ट्र में हल्की बारिश संभव है।

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