तालिबानी जैसी विचारधारा से एक देश ही नहीं समूची मानवता के सपने नष्ट हो जाते हैं
शस्त्र से दबाई
गई विचारधारा
बहुत जल्द
ही जीवित
होकर पुन:
वर्चस्व में
आ जाती
है, जबकि
तर्क द्वारा
दबाई गई
विचारधारा लंबे काल तक वर्चस्व
में नहीं
आती। परंतु
लंबे काल
बाद वह
पुन: वर्चस्व
में आ
जाती है
क्योंकि जिस
तर्क से
उसे दबाया
गया उसी
तर्क से
उसे स्थापित
भी किया
जा सकता
है।
तालिबान एक विचारधारा है। सभी
तालिबान के
खिलाफ लड़ते
हैं परंतु
विचारधारा के खिलाफ लड़ने के
लिए न
तो अफगानिस्तान
के बुद्धिजीवियों
के पास
कोई योजना
है और
न विश्व
के नेताओं
के पास।
विश्व के
नेताओं को
इसकी कोई
चिंता नहीं
है कि
कोई देश
किस तरह
एक जहालत
भरी जिंदगी
में जी
रहा है
और अफगानिस्तान
के बुद्धिजीवियों
को भी
इसकी चिंता
नहीं सताती
है कि
देश को
किस तरह
से जहालत
की जिंदगी
से बाहार
निकालें। अफगानिस्तान
जाहिलपन का
सबसे अच्छा
उदाहरण है।
किसी भी
देश के
भविष्य का
आधार स्कूल
में पढ़ाई
जाने वाली
'शिक्षा पद्धति'
होती है।
शिक्षा ही
उसे या
देश को
आगे ले
जाती है
और यही
पीछे भी
धकेलती है।
जिन स्कूलों
में सिर्फ
धार्मिक पाठ
ही प्रमुखता
से पढ़ाया
जाता है
वहां के
बच्चे कॉलेज
तक आते-आते कट्टर
नहीं बनेंगे
तो क्या
बनेंगे? किसी
भी देश
को यह
देखना चाहिए
कि हम
कितने साइंटिस्ट
पैदा कर
रहे हैं,
कितने खिलाड़ी
पैदा कर
रहे हैं
और कितने
अच्छे नोबेले
साहित्यकारों को जन्म दे रहे
हैं। यह
तीन ऐसी
बाते हैं
जो व्यक्ति
की सोच
और देश
को बदलने
की क्षमता
रखती है। सऊदी अरब और
ईरान ने
अपनी अपनी
विचारधारा को फैलाने और उसे
मजबूत करने
के लिए
दुनियाभर में
मदरसों को
बढ़ावा दिया
है। उन्होंने
इसके लिए
अच्छी खासी
फंडिंग की
है। आज
हम विश्व
में आतंकवाद
का जो
रूप देख
रहे हैं
वह सभी
प्राथमिक शिक्षा
का परिणाम
है। तालिबान
को सबसे
ज्यादा सहयोग
सऊदी अरब
और पाकिस्तान
से मिलता
है। सबसे
जरूरी है
इच्छाशक्ति जो विश्व के बड़े
नेताओं के
पास है
भी तो
वे उसे
अपने राजनीतिक
हित के
अनुसार बदलते
रहते हैं।
जैसे चीन
चाहता है
कि आतंकवाद
हमारे यहां
नहीं हो
लेकिन वह
यह भी
चाहता है
कि आतंकवाद
भारत में
पनपता रहे
या इसी
आतंकवाद के
माध्यम से
भारत को
दबाया जा
सकता है।
रशिया भी
कुछ इसी
तरह की
सोच रखता
है। ऐसे
में आतंकवाद
का भविष्य
हमेशा से
ही उज्जवल
रहा है।
कई लोग
ऐसे भी
हैं जो
तालिबान में
इसीलिए शामिल
है क्योंकि
ऐसा करके
वे खुद
को और
अपने परिवार
को सुरक्षित
रख सकते
हैं। उन्हें
यदि सुरक्षा
की गारंटी
मिले तो
वे कभी
तालिबान को
ज्वाइन नहीं
करेंगे। लेकिन
होता यह
है कि
अफगान नागरिकों
को सुरक्षा
देने वाला
कोई और
नहीं बाहर
का देश
होता और
सबसे बड़ा
संकट यह
है कि
तालिबान को
सुरक्षा देने
वाले साऊदी
अरब, चीन
और पाकिस्तान
जैसे देश
हैं। ऐसे
में अफगान
नागरिक यह
भी चाहते
हैं कि
हमारी सुरक्षा
हमारे ही
नागरिकों के
द्वारा हो
और साथ
ही पाकिस्तान
का दखल
बंद हो। अब सवाल यह
उठता है
कि किस
तरह तालिबानी
विचारधारा से लड़ा जाए? दरअसल,
तालिबान के
खिलाफ अफगानिस्तान
के अधिकतर
लोग हैं
और बहुत
से ऐसे
लोग भी
है जो
पुराने वामपंथी
हैं या
रैशनलिज्म को मानने वाले लोग
हैं। हालांकि
विचारधारा के खिलाफ लड़ने की
बात तो
सभी करते
हैं परंतु
लड़ता हुआ
कोई नहीं
दिखाई देता।
जो भी
इस विचारधारा
के खिलाफ
जाता है
तालिबान उसे
मार देता
है। हालांकि
विचारधारा की लड़ाई के लिए
आजकल कई
सोशल प्लेटफॉर्म
है। तालिबान
जानना है
कि हमें
लोगों को
इतना शिक्षित
नहीं होने
देना है
कि वे
सचाई को
जाकर हमारे
खिलाफ होने
लगे। इसीलिए
वह सभी
तरह के
संचार माध्यमों
को अपने
तरीके से
संचालित करना
चाहता है
और घरों
से रेडियो
और टीवी
जैसे उपकरण
को हटाना
चाहता है।
हालांकि अब
इंटनेट और
सोशल मीडिया
तालिबान के
लिए सबसे
बड़ा खतरा
भी है। दुनिया
ने अफगानी
लोगों को
एकजुट करके
कभी कोई
ऐसा प्लेटफॉर्म
नहीं दिया
और न
ही सुरक्षा
दी जो
इस तरह
की विचाराधारा
से लड़
सके और
खुद तालिबान
की सोच
को ही
बदलने का
प्रयास कर
सके। अमेरिका
जब तक
अफगानिस्तान में रहा उसने यह
प्रयास नहीं
किया कि
किस तरह
तालिबानी सोच
को बदला
जाए। उसने
यह प्रयास
भी नहीं
किया कि
किस तरह
अफगान को
आधुनिक सोच
का मुल्क
बनाया जाए।
सोच बदलेगी
तो मुल्क
बदलेगा। लोगों
को कट्टरपंथी
सोच से
मुक्त करने
के लिए
सबसे जरूरी
है कि
हम बच्चों
को साइंस
की शिक्षा
दें और
उसके साथ
अर्थ को
भी जोड़े।
जिस तरह
सऊदी अरब
ने आधुनिक
विचारधारा के खिलाफ फंडिंग की,
क्या दूसरे
देश कट्टरपंथी
विचारधारा के खिलाफ लड़ने के
लिए फंडिंग
नहीं कर
सकते? एक
दौर था
जबकि सोवियत
संघ ने
सभी वामपंथियों
को एकजुट
करके एक
नया अफगानिस्तान
बनाया था।
फिर अमेरिका,
सऊदी अरब
और पाकिस्तान
ने कट्टरपंथी
मुजाहिद्दिनों को बढ़ावा देकर सबकुछ
बर्बाद कर
दिया। दूसरे
दौर में
जब मुजाहिद्दिनों
से तालिबान
ने सत्ता
हथिया ली
तो अमेरिका
ने बाद
में तालिबान
को मात्र
15 दिन में
इसीलिए खत्म
कर दिया
क्योंकि उसने
ओसामा बिन
लादेन को
शरण दे
रखी थी।
जब तालिबान
को खत्म
किया था
तो अमेरिका
ने उन
लोगों को
सत्ता हाथ
में नहीं
दी जो
इसे अच्छे
से चला
सकते सकते
थे, जैसे
नॉर्दन अलायंस।
नॉर्दन अलायंस
कई सालों
से तालिबान
से लड़
रहा है
लेकिन उसे
ना तो
रशिया ने
मदद की
और न
अमेरिका ने।
तब कैसे
मुक्त होना
अफगानिस्तान तालिबानी सोच से? हमने
लोकतंत्र और
धर्मनिरपेक्षता की अहमियत को भी
समझा। धार्मिक
कट्टरता जीवन
विरोधी है
और लोकतंत्र
जीवन समर्थक
विचारधारा है। धर्म से बढ़कर
विज्ञान है,
जरा विज्ञान
एक बार
समझकर तो
देखो। आज
दुनिया को
इससे सबक
लेने की
जरूरत है
कि तालिबानी
जैसी विचारधारा
से एक
देश ही
नहीं समूची
मानवता के
सपने नष्ट
हो जाते
हैं। एक
बात और
पढ़े-लिखे
तो तालिबानी
भी है
और अब
तो वे
अंग्रेजी भी
बोलना सीख
गए हैं,
परंतु उन्होंने
किस सब्जेक्ट
में ग्रेजुएशन
या पोस्ट
ग्रेजुएशन किया है यह भी
जानना जरूरी
है। दूसरी
बात यह
कि अंग्रेजी
सीखने से
किसी की
सोच नहीं
बदल जाती
लेकिन हां,
साहित्य और
विज्ञान पढ़ने
से जरूर
सोच बदल
जाती है
और तालिबान
यह नहीं
चाहता है
कि अफगानी
लोग साहित्य
और विज्ञान
पढ़ें।
तालिबान के जंगल राज का सबसे
बड़ा नुकसान अफगानिस्तान की महिलाओं को होगा। जिन महिलाओं ने इससे पहले तालिबान शासन
को झेला है, वो जानती हैं कि महिलाओं के कोई अधिकार नहीं होते । तालिबानी लड़ाकों ने
एक महिला को सरेआम गोली मार दी। काबुल में कई ब्यूटी सैलून से महिलाओं की तस्वीरें
हटाई गईं। दीवार तक पर नहीं बर्दाश्त होगी महिलाओं की तस्वीर. अफगानिस्तान में अपने
ख़िलाफ़ प्रदर्शन
पर हिंसक
हुआ तालिबान।
जलालाबाद में
विरोध प्रदर्शन
कर रहे
लोगों पर
फायरिंग। ख़बरों के मुताबिक, तीन लोग मारे गए. अफगानिस्तान
में तालिबान का क्रूर चेहरा सामने आने लगा है। 4 अफगान कमांडरों को कथित तौर पर कंधार
स्टेडियम में फांसी पर लटका दिया गया। 20 साल में अफगानी समाज में भी काफी बदलाव आया
है। वो उसी तरह का समाज नहीं है, जैसा कि 1996 से 2001 तक का था। विचार तो कुछ भी नहीं
बदले होंगे। तालिबान के विचार बदलने की तो उम्मीद कम है। अफगानिस्तान लोग मानो मौत
का इंतजार कर रहे. वहां पर अफरा-तफरी का माहौल है। वहां बैंक खाली हो चुुके हैं, सेंट्रल
बैंक के गवर्नर का पता नहीं है और पूरी अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। अफगानिस्तान में
तालिबान के खिलाफ वहां की जनता ने विद्रोह का बिगुल फूंक दिया है.
गीतकार जावेद अख्तर ने अफगानिस्तान
की हालत देखकर अमेरिका पर अमेरिका अपना गुस्सा व्यक्त किया है। उन्होंने लिखा, ये अमेरिका
कैसी महाशक्ति है जो तालिबान के बर्बर लोगों को खत्म नहीं कर सका। और महिलाओं को कट्टरपंथियों
के आगे छोड़ दिया, सभी पश्चिमी देशों पर शर्म आती है जो खुद को मानवाधिकार का रक्षक
समझते हैं। अनुष्का शर्मा ने विमान
से जमीन
पर गिरते
लोगों की
तस्वीर शेयर
करते हुए
लिखा, ये
दिल चीर
कर रखने
वाला है
किसी को
भी ऐसे
हालातों का
सामना न
करना पड़े।
स्वरा भास्कर
ने लिखा,
अफगान के
लोगों को
भेड़ियों के
हवाले कर
दिया गया
है। तालिबान
अपने बल
और शक्ति
से महिलाओं
पर क्रूरता
करता है
वो हत्यारे
हैं और
महिलाओं से
नफरत करते
हैं। मोहम्मद जीशान अयूब ने लिखा, अफगानिस्तान के
लोगों के लिए दुआएं... अल्लाह आपका साथ दे और आपको इन फासीवादियों से लड़ने की शक्ति
दे।
अफगानिस्तान छोड़ने के बाद पहली
बार दुनिया के सामने आए अशरफ गनी, कहा- काबुल में रहता तो कत्लेआम शुरू हो जाता.
उत्तर प्रदेश सरकार की नई जनसंख्या
नीति का मखौल उड़ाते हुए किसान नेता ने कहा कि हम मुस्लिम चार शादियां करने के अधिकारी
हैं इसलिए नए जनसंख्या कानून के तहत हमें आठ बच्चे पैदा करने की इजाजत मिलनी चाहिए। टिकैत के करीबी मोहम्मद जौला का तंज, हमें 4 बीविया
रखने का हक.
अफगानिस्तान से अमेरिकी
सैनिकों की
वापसी पर
राष्ट्रपति जो बाइडन ने बड़ा
बयान दिया
है। बाइडन
ने कहा
है कि
वहां से
सैनिकों की
वापसी के
बाद अराजकता
का माहौल
बनना तय
था। इस
बीच, अमेरिका,
भारत और
अन्य देश
इस बात
पर सहमत
हुए हैं
कि अफगानिस्तान
में समावेशी
सरकार की
जरूरत है
और यहां
आतंक के
लिए कोई
स्थान नहीं
होना चाहिए।
विशेषज्ञों का
कहना है
कि बच्चों
के लिए
देश में
टीका सितंबर
तक आ
सकता है।
देवस्थानम बोर्ड
भंग करने
की मांग,
राष्ट्रपति और मुख्यमंत्री को
खून से
लिखा पत्र
डिजिटल के इस
दौर में
जितनी तेजी
से दुनिया
आगे बढ़
रही है,
उतनी तेजी
से इलेक्ट्रोनिक
से लेकर
तमाम उपकरण
भी अपग्रेड
हो रहे
हैं। आज
यानि 19 अगस्त
को पूरी
दुनिया में
'World Photography Day' यानि 'विश्व फोटोग्राफी
दिवस' मनाया
जा रहा
है, इसे
लेकर कई
पुरानी यादें
भी ताजा
हो रही
हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
ने सुरक्षा
पर कैबिनेट
कमिटी की
बैठक ली।
अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों को
निकालने की
रणनीति की
समीक्षा।
तालिबान की तुलना
भारतीय स्वतंत्रता
सेनानियों से करने पर सपा
सांसद डॉ
शफीकुर रहमान
बर्क पर
देशद्रोह का
केस।
मद्रास हाई कोर्ट
की मदुरै
बेंच ने
सीबीआई को
अधिक स्वायत्ता
देने के
दिए निर्देश।
दो जजों
की बेंच
ने कहा-
केंद्रीय जांच
एजेंसी को
चुनाव आयोग
या ऑडिटर
जनरल की
तरह स्वतंत्र
होना चाहिए।
संसद के
प्रति जवाबदेही
होनी चाहिए
सीबीआई की।
जज बोले-
यह आदेश
पिंजरे में
बंद तोते
को रिहा
कराने का
प्रयास।
भारत और युगांडा
में मिलीं
कोरोना की
नकली कोवीशील्ड
वैक्सीन। विश्व
स्वास्थ्य संगठन ने जारी की
चेतावनी। देश
में पिछले
24 घंटे में
आए हैं
35 हज़ार से
ज़्यादा नए
केस।
अफगानिस्तान के काबुल
में भारतीय
दूतावास में
सुरक्षा में
तीन खोजी
कुत्तों को
150 भारत-तिब्बत
सीमा पुलिस
(ITBP) कर्मियों के साथ तैनात किया
गया था।
तीनों कुत्ते
गाजियाबाद के हिंडन वायुसेना अड्डे
पर उतरे।
सावन की पूर्णिमा
से एक
दिन पहले
21 अगस्त से
रात में
भी खुलेगा
ताज महल।
तीन टाइम
स्लॉट में
ताज की
खूबसूरती का
आनंद ले
सकेंगे पर्यटक।
ऑनलाइन टिकट
करा सकेंगे
बुक।
हरियाणा में सिविल
जज के
256 पदों पर
निकली वेकैंसी।
15 सितंबर तक आयोग की आधिकारिक
वेबसाइट पर
जाकर कर
सकते हैं
अप्लाई।
त्योहार के हिस्से
के रूप
में, पुजारी
प्रतीकात्मक रूप से देवता से
सालभर दैनिक
अनुष्ठान करते
हुए होशपूर्वक
या अनजाने
में किए
गए पापों
के लिए
क्षमा मांगते
हैं। तिरुपति
मंदिर में
5 दिवसीय 'दोष निवारण' उत्सव हुआ
शुरू.
यूपी विधानमंडल के
मानसून सत्र
के दूसरे
दिन प्रदेश
की योगी
सरकार ने
(7301.52 )सात हजार तीन
सौ एक
करोड़ रुपये
का अनुपूरक
बजट पेश
किया है।
इस साल भी
रक्षाबंधन पर पिछले कुछ सालों
की तरह
यूपी (UP) में महिलाओं को फ्री
बस सेवा
की सुविधा
मिलेगी, इसको
लेकर योगी
सरकार ने
आदेश जारी
कर दिया
है.
आगरा में मुफ्ती
पर मुकदमा
दर्ज, मस्जिद
में ध्वजारोहण
और राष्ट्रगान
का किया
था विरोध.
हरियाणा सरकार ने
प्रदेश में
गोरखधंधा शब्द
के इस्तेमाल
पर प्रतिबंध
लगा दिया
है, अब
किसी भी
संदर्भ में
इस शब्द
का इस्तेमाल
नहीं होगा।
गोरखनाथ समुदाय
की मांग
पर यह
आदेश जारी
किया गया
है।
बिहार के बीजेपी
विधायक हरिभूषण
ठाकुर बचोल
ने नसीहत
दे डाली
कि जिसे
भारत में
डर लग
रहा वो
अफगानिस्तान चले जाएं, बताया जा
रहा है
कि सपा
सांसद
शफीक उर रहमान के बयान
पर बीजेपी
विधायक की
ये प्रतिक्रिया
आई है।
ममता बनर्जी एक
तरफ भारतीय
जनता पार्टी
के खिलाफ
विपक्ष का
मजबूत गठबंधन
खड़ा करना
चाहती हैं।
दूसरी तरफ
वह अपनी
पार्टी का
विस्तार कर
विपक्ष के
नेता के
रूप में
अपनी दावेदारी
भी मजबूत
करना चाहती
हैं। ममता
कैसे राहुल
का बिगाड़
रही हैं
खेल.
साइबर सेल जिस
केस की
जांच कर
रही थी
उस मामले
में बॉम्बे
हाईकोर्ट ने
राज कुंद्रा
को अंतरिम
राहत दी
है, कोर्ट
ने जमानत
की सुनवाई
25 अगस्त तक
के लिए
सुरक्षित की
है।
थाइलैंड ले जाए
जा रहे
लुप्तप्राय:
प्रजाति के
2247 जीवित भारतीय स्टार कछुओं को
चेन्नई एयर
कार्गो कस्टम्स
ने बुधवार
को जब्त
कर लिया
है। इनकी
तस्करी
की कोशिश
की जा
रही थी,
जिसे नाकाम
कर दिया
गया।
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम
की लिस्ट
जारी, SC जज
बनाने के
लिए 9 नामों
की सिफारिश.
अफगानिस्तान में तालिबान
के कब्जे
के बाद
फेसबुक, ट्विटर
और यूट्यूब
जैसे सोशल
मीडिया प्लेटफॉर्मों
सभी तालिबान
खातों पर
नजर रख
रहे थे।
ये कंपनियां
उन पर
कड़ी नजर
रखने के
साथ तालिबान
से संबंधित
अकाउंट को
बैन कर
रही हैं।
तालिबान को
व्हाट्सएप सहित सभी फेसबुक ऐप
से आधिकारिक
रूप से
बैन कर
दिया गया
है। फेसबुक
ने तालिबान
को खतरनाक
संगठन घोषित
किया है।
तालिबान भले
ही शांतिपूर्ण
शासन की
बात कर
रहा है,
लेकिन अफगानी
लोगों में
उसके क्रूर
शासन का
खौफ है।
इस बीच
सोशल मीडिया
प्लेटफार्म फेसबुक ने तालिबान को
एक आतंकवादी
संगठन बताया
है। फेसबुक
ने कहा
कि अमेरिकी
कानून के
तहत तालिबान
को एक
आतंकवादी संगठन
के रूप
में स्वीकार
किया गया
है, इसलिए
फेसबुक ने
अपनी नीतियों
के तहत
तालिबान को
अपनी सेवाओं
से प्रतिबंधित
कर दिया
है। सोशल
मीडिया कंपनी
फेसबुक ने
कहा है
कि उसने
मंच पर
तालिबान और
उसका समर्थन
करने वाली
सभी सामग्री
को प्रतिबंधित
कर दिया
है, क्योंकि
वह समूह
को आतंकवादी
संगठन मानता
है। कंपनी
का कहना
है कि
उसके पास
बागी समूह
से संबंधित
सामग्री पर
नजर रखने
और उसे
हटाने के
लिए अफगान
विशेषज्ञों की एक समर्पित टीम
है। इसका
मतलब है
कि तालिबान
द्वारा या
तालिबान की
तरफ से
बने अकाउंटों
को हटाया
जाएगा और
उनकी तारीफ,
समर्थन और
प्रतिनिधित्व करने वालों को प्रतिबंधित
किया जाएगा।
सोशल मीडिया
कंपनी ने
कहा कि
यह राष्ट्रीय
सरकारों की
मान्यता के
बारे में
निर्णय नहीं
लेता बल्कि
इसके बजाय
'अंतरराष्ट्रीय समुदाय के प्राधिकार' का
अनुसरण करता
है।
मध्यप्रदेश के मालवा
क्षेत्र के
एक किसान
संगठन के
नेता ने
भारतीय मौसम
विज्ञान विभाग
(IMD) की मौसम
संबंधी गलत
भविष्यवाणियों के चलते हाल के
दिनों में
फसलों को
नुकसान का
दावा करते
हुए उसके
खिलाफ अदालत
में जाने
की चेतावनी
दी है।
18 महीने में 18 भाजपा नेता आतंकी
हमले में मारे गए
ड़ीसा और छत्तीसगढ़
पर बने
चक्रवाती परिसंचरण
से उत्तरी
तमिलनाडु तक
फैली हुई
है।
पिछले 24 घंटों के
दौरान, असम,
मेघालय, अरुणाचल
प्रदेश, सिक्किम,
उप-हिमालयी
पश्चिम बंगाल,
छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों, मध्य
प्रदेश, मध्य
महाराष्ट्र, कोंकण और गोवा और
तेलंगाना, तमिलनाडु और लक्षद्वीप के
कुछ हिस्सों
में हल्की
से मध्यम
बारिश के
साथ कुछ
स्थानों पर
भारी बारिश
हुई। शेष
पूर्वोत्तर भारत, गंगीय पश्चिम बंगाल,
बिहार के
कुछ हिस्सों,
झारखंड के
कुछ हिस्सों,
दक्षिण-पूर्व
उत्तर प्रदेश,
पूर्वी और
दक्षिणी गुजरात,
ओडिशा, आंध्र
प्रदेश के
उत्तरी तट,
तमिलनाडु, केरल, तटीय कर्नाटक के
कुछ हिस्सों
और अंडमान
और निकोबार
द्वीप समूह
में हल्की
से मध्यम
बारिश हुई।
आंतरिक कर्नाटक,
रायलसीमा, उत्तर प्रदेश के मध्य
और दक्षिणी
हिस्सों और
उत्तराखंड में हल्की बारिश हुई।
अगले 24 घंटों
के दौरान,
पश्चिम बंगाल,
सिक्किम, असम,
मेघालय, अरुणाचल
प्रदेश, ओडिशा
के कुछ
हिस्सों, छत्तीसगढ़,
मध्य प्रदेश,
विदर्भ, मराठवाड़ा,
उत्तरी मध्य
महाराष्ट्र और गुजरात और तेलंगाना
के कुछ
हिस्सों में
हल्की से
मध्यम बारिश
के साथ
कुछ स्थानों
पर भारी
बारिश हो
सकती है।
बाकी पूर्वोत्तर
भारत, बिहार,
झारखंड, पूर्वी
उत्तर प्रदेश,
दक्षिण पूर्व
राजस्थान, अंडमान और निकोबार द्वीप
समूह, तटीय
कर्नाटक, केरल,
कोंकण और
गोवा और
उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में
हल्की से
मध्यम बारिश
संभव है।
आंतरिक कर्नाटक,
तमिलनाडु के
कुछ हिस्सों,
लक्षद्वीप, उत्तर प्रदेश के पश्चिमी
भाग, पंजाब,
हरियाणा और
दिल्ली के
एक या
दो हिस्सों
में हल्की
बारिश संभव
है।
Collegium recommends nine names, including 3 woman judges,
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HC grants interim protection from arrest to Raj Kundra in
2020 porn films case
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