तालिबान में महिलाओं की हर रात खौफ और प्रार्थना के बीच गुजरती

 

कोरोना के नए मामलों में उतार-चढ़ाव का सिलसिला जारी। पिछले 24 घंटे में 34 हजार से अधिक लोग पॉजिटिव हुए। 376 लोगों ने गंवाई जान। करीब 36 हजार लोग रिकवर हुए। इस बीच देश में कुल 57 करोड़ 22 लाख लोगों को लगा कोविड से बचाव का टीका।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन का कहना है कि अफगानिस्तान- तालिबान मुद्दे पर अगले हफ्ते जी-7 की बैठक होगी। इसके साथ ही अफगानिस्तान से एयरलिफ्ट को इतिहास का सबसे मुश्किल एयरलिफ्ट बताया।

पूर्व अफगान अधिकारी ने कहा, अमेरिकी सेना की पूरी तरह से घर वापसी का इंतजार कर रहा तालिबान। 31 अगस्त के बाद ही लेगा नई सरकार बनाने से जुड़े बड़े फैसले। तालिबानी नेता अनस हक्कानी ने पूर्व सरकारी अधिकारियों से कहा, तालिबान ने किया है अमेरिका के साथ समझौता। यूएस आर्मी के पूरी तरह वहां से जाने तक कुछ नहीं करेंगे। अफगानिस्तान में जो कुछ भी हो रहा है, उससे इंसानियत हर दिन तार-तार हो रही है | तालिबानी लड़ाकों ने अफगानिस्तान के एक पुलिस चीफ की बर्बरता से हत्या कर दी और इसका वीडियो भी बनाया, जो उसकी क्रूरता को बयां करता है।

पीएम नरेंद्र मोदी सोमनाथ को कई सौगात दिए तो कुछ की आधारशिला भी रखी। उन्होंने यहां कई परियोजनाओं का उद्घाटन किया, जिनमें सोमनाथ मंदिर परिसर में 71 फुट ऊंचा पार्वती माता का मंदिर भी शामिला है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आतंक ना तो किसी साम्राज्य का आधार बनता है और ना ही किसी साम्राज्य का निर्माण होता है।

पंजशीर घाटी अफगानिस्तान के लिए आखिरी ऐसा क्षेत्र बचा हुआ है, जहां उसकी पकड़ मजबूत नहीं हो पाई है। यहां तालिबान विरोधी ताकतें इस्लामिक कट्टरपंथी समूह से निपटने के लिए गुरिल्ला आंदोलन पर काम कर रही हैं। प्रसिद्ध अफगान कमांडर अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद  ने तालिबान के खिलाफ हमला बोला है। काबुल और देश के अन्य हिस्सों पर तालिबान के कब्जा करने के बाद अब अहमद मसूद अब अपने पिता के नक्शेकदम पर चलने और आतंकवादी समूह के खिलाफ हथियार उठाने के लिए तैयार है। पंजशीर के 'शेर' अहमद मसूद ने तालिबान को ललकारा, अमेरिका से मांगे हथियार. तालिबान के कब्जे से अफगानियों ने छीने 3 जिले, स्थानीय अफगानिस्तानियों ने की जवाबी कार्रवाई

पाकिस्‍तान में बम धमाका, 8 चीनी इंजीनियरों समेत 12 की मौत की सूचना. पाकिस्तानी मीडिया से ये जानकारी सामने आई है कि ये सुसाइड बम अटैक है। इसे खासतौर पर चीन द्वारा बनाए जा रहे प्रोजेक्ट को रोकने के लिए किए जाने का शक़ है। हालांकि, सुसाइड बम अटैक की जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली है

भारत ने आपातकालीन खरीद के प्रावधानों के तहत भारतीय सेना के लिए बड़ी संख्या में एके-103 असॉल्ट राइफलें खरीदने के लिए रूस के साथ एक समझौते को अंतिम रूप दिया है।

देश को जल्द मिल सकती है कोरोना की एक और वैक्सीन। एक सरकारी विशेषज्ञ समिति ने की जॉयडस कैडिला की तीन खुराक वाली जॉयकोव-डी वैक्सीन को आपात इस्तेमाल की मंजूरी देने की सिफारिश। 12 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों को दिया जाएगा।

2024 के आम चुनावों को लेकर हुई विपक्षी दलों की वर्चुअल बैठक। 19 पार्टियों की इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा, 2024 के आम चुनावों के लिए बनानी होगी व्यवस्थित योजना। मतभेदों को भुलाकर मिल कर करना होगा काम।

शायर मुनव्वर राणा इन दिनों अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में हैं। 2 दिन पहले तालिबान के पक्ष में बयान देकर विवादों में फंस गए थे, अभी इससे उबरे भी नहीं थे कि राणा के एक और बयान पर विवाद हो गया है। मुनव्वर राणा के उस बयान पर, जिसमें उन्होंने महर्षि वाल्मीकि की तुलना तालिबानी आतंकियों से की थी, उस पर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है। अखिल भारत हिन्दू महासभा के प्रवक्ता ने हजरतगंज थाने में तहरीर दी है। महासभा ने उन पर कार्रवाई की मांग भी की है। एससी-एसटी एक्ट और अन्य धाराओं में कार्रवाई की मांग की गई है।

उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए बीजेपी ने कसी कमर। लिया बड़ा फैसला, योगी कैबिनेट का विस्तार होना लगभग तय। कोरोना के कारण कुछ मंत्रियों के निधन की वजह से कई पद हैं खाली।

होम लोन ग्राहकों को खास रियायत दे रहा PNB 30 सितंबर तक लोन पर नहीं लगेगी प्रोसेसिंग फीस, डॉक्युमेंटेशन चार्ज भी पूरी तरह माफ।

कोरोना काल में यूपी के स्कूलों में अनिवार्य नहीं होगी हाजिरी। डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने दी जानकारी। राज्य में 1 सितंबर तक खुल जाएंगे सभी स्कूल।

लालू यादव की पार्टी आरजेडी में अब एक नया विवाद देखने को मिल रहा है। लालू के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने संजय यादव पर आरोप लगाया है कि वह तेजस्वी से मिलने में बाधा बन रहे है। तेजप्रताप और तेजस्वी के बीच छिड़ा नया 'विवाद.  

दिल्ली कैंट केस में राहुल गांधी की विवादित पोस्ट और तस्वीर को अब फेसबुक और इंस्टाग्राम ने भी हटा दिया है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को टीम 9 की बैठक में रविवार के साप्ताहिक बंदी के समाप्ति की घोषणा की। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद रविवार का लॉक डाउन हटा दिया गया है।

अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद पल-पल बदल रहे घटनाक्रम पर भारत की भी नजर बनी हुई है। पड़ोसी मुल् में संकटपूर्ण हालात के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर की अपने अमेरिकी समकक्ष एंटनी ब्लिंकन से बातचीत हुई। दोनों नेताओं के बीच करीबी समन्वय जारी रखने पर सहमति बनी। अफगानिस्तान के हालात पूरी दुनिया देख रही है। यहां इंसान या तो तालिबान राज में मरने के लिए मजबूर है या फिर किसी दूसरे देश में शरणार्थी बनने पर। अफगानिस्तान की इस माली हालत का जिम्मेदार तालिबान तो है ही साथ ही कुछ और प्लेयर भी हैं। UNSC में विदेश मंत्री जयशंकर की पाकिस्तान को लताड़, बोले- कुछ देशों में UN घोषित आतंकी खुलेआम काम करते हैं.

गैंगस्टर विकास दुबे एनकाउंटर मामले की जांच करने वाली सुप्रीम कोर्ट की कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दे दी है। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि यह मुठभेड़ फर्जी नहीं थी। SC की कमेटी ने यूपी पुलिस को दी क्लीन चिट.

काबुल पर जीत के बाद तालिबानी लड़ाके जश्न मना रहे हैं। सोशल मीडिया पर कई वीडियो सामने आए हैं जिसमें आतंकी महलों और गवर्नर हाउस के भीतर अय्याशी करते दिख रहे हैं। इस बीच खबरें हैं कि वे शहरों में लूटपाट कर रहे हैं और घर-घर जाकर 12 साल की लड़कियों को अगवा कर उन्हें सेक्स-गुलाम बना रहे हैं। ऐसी रिपोर्ट सामने आई हैं कि देश के अलग-अलग शहरों से महिलाओं और लड़कियों को अगवा कर रहे हैं। पूरी बात का लब्बोलुआब यह है कि 20 साल पुराने 'काले दिन' अफगानिस्तान में वापस चुके हैं। इनमें खासतौर पर दोहन महिलाओं का होता है। उन्हें ही नौकरी की आजादी होती है और घर से बाहर निकलने की।  जिहादी कमांडर इमामों से अपने इलाके की 12 से 45 साल की लड़कियों और महिलाओं की लिस्ट मांग रहे हैं ताकि उनकी शादी समूह के लड़ाकों से कराई जा सके। तलिबान शासन में सबसे ज्यादा खतरा महिलाओं को और इसीलिए वे सबसे ज्यादा डरी हुई हैं। 1996 में सत्ता में आने के बाद तालिबान ने महिलाओं और लड़कियों के सबसे ज्यादा प्रताड़ित किया था। अपने ही शहर काबुल में शरणार्थियों की तरह रह रहे नागरिक सड़कों पर आतंकियों के मार्च से खौफ में हैं। वे बताते हैं कि समूह ने उनसे अपनी पत्नियों और लड़कियों को लड़ाकों के हाथ सौंपने के लिए कहा था ताकि आतंकी उनसे शादी कर सकें और उनका बलात्कार कर सकें। वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट दावा करती है कि आतंकी समूह ने अगवा किए गए नागरिकों और सैनिकों की हत्या कर दी थी, जिसका तालिबान ने खंडन किया था। महिलाओं की दुकानों पर नोटिस चस्पा कर दी गई है कि अगर वे दुकान खोलती हैं तो उन्हें इसके परिणाम भुगतने पड़ेंगे। तालिबान ने कथित तौर पर एक महिला को गोली मार दी क्योंकि उसने चुस्त कपड़े पहन रखे थे। कई इलाकों में पुरुष साथी के बिना महिलाओं के घर से बाहर निकलने पर पाबंदी लगा दी गई है। कभी फैशन और स्टाइल के लिए मशहूर था देश, अब अपने दिन गिन रहीं महिलाएं. पुरानी तस्वीरों में अफगानिस्तान के फैशन की झलक नजर आती है। मौजूदा समय में घरों और पर्दों में रहने वाली महिलाएं 70 के दशक तक पेंसिल स्कर्ट और फैशनेबल बालों में नजर आती हैं। स्टूडेंट्स अपने गले में स्टाइलिश स्कार्फ और फ्रिली ब्लाउज़ पहनती थीं। पुरुष धारीदार शर्ट और ब्लेजर में नजर आते थे। 60 और 70 के दशक के दौरान काबुल में पले-बढ़े मोहम्मद कयूमी ने उस दौर की कुछ तस्वीरें खींची हैं। वह उस वक्त को याद करते हुए कहते हैं कि 50 साल पहले अफगान महिलाएं मेडिकल में अपना करियर बनाती थीं, लड़के-लड़कियां मूवी थिएटेर और यूनिवर्सिटी कैंपस में आजादी से मिलते थे, कानून व्यवस्था थी और सरकार बड़े प्रोजेक्ट्स को शुरू करने में सक्षम थी। लोग शिक्षा के प्रति आकर्षित थे क्योंकि उन्हें लगता था कि यह उनके रास्ते खोल सकती है। तीन दशकों के युद्ध ने यहां सब कुछ खत्म कर दिया है।  आज अफगानिस्तान में महिलाएं डर के साए में जीने को मजबूर हैं। अफगानिस्तान में तलाकशुदा महिलाओं का जीवन मुश्किलों और चुनौतियों से भरा रहता है। रूढ़ीवादी समाज में तलाकशुदा महिलाओं के लिए कोई जगह नहीं होती। उन्हें उनके परिवार और समाज दोनों की ओर से बहिष्कृत कर दिया जाता है और उन्हें अपनी मूलभूत अधिकारों के लिए संघर्ष करना पड़ता है। ऐसे देश में दो महिलाएं रोकिया और ताहिरा अपना जीवन आजादी से बिता रही हैं, जिसे उन्होंने खुद चुना है। दोनों काबुल में रहती हैं और उनका तलाक 7-8 साल पहले हो चुका है। अब उन्हें डर सता रहा है कि अगर तालिबान काबुल पर कब्जा कर लेता है तो वह उन्हें जीने नहीं देगा। रोकिया कहती हैं, 'हम घर से नहीं निकल पाएंगे क्योंकि हमारे पास कोई पुरुष साथी नहीं है।' तालिबान के कब्जे वाले इलाके में महिलाएं बिना पुरुष साथी के बाहर नहीं निकल सकती और उन्हें पूरी तरह से बुर्के में ढका हुआ होना चाहिए। दोनों तालिबान के 'जबरन शादी' के नियम से भी डरी हुई हैं जो लड़कियों और विधवाओं पर लागू होता है। दोनों के पास मदद के लिए कोई नहीं है इसलिए वे खुद को अलग-थलग पाती हैं। उनका कहना है कि अगर तालिबान हम तक पहुंचता है तो हम अपना जीवन खत्म कर लेंगे। इसी तरह ज़हरा, जो आजाद अफगानिस्तान में पैदा हुईं और अब इस माहौल को देखकर डरी हुई हैं। ज़हरा हेरात में अपने घर के भीतर अपने माता-पिता और पांच भाई बहनों के साथ बंद हैं। वह कहती हैं, 'मैं बहुत हैरान हूं। मेरी जैसी महिला के लिए, जिसने शिक्षा हासिल की और लैंगिक समानता के लिए इतना काम किया, घर में बंद रहना बहुत मुश्किल है।' उत्तरी प्रांत के करीब 3000 परिवारों को तालिबान ने अपने कब्जे में ले लिया है, जो अब फुटपाथ पर और पार्क में तंबू के नीचे रहते हैं। पिछले महीने की शुरुआत में तालिबानी विद्रोही पूरे अफगानिस्तान में अलग-अलग क्षेत्रों पर कब्जा कर रहे थे। इस दौरान लड़ाकों ने दक्षिणी शहर कंधार में अज़ीज़ी बैंक में घुसे और वहां काम करने वाली नौ महिलाओं को वहां से जाने के लिए कहा। बंदूकधारियों ने उन्हें घर तक पहुंचाया और कहा वे अब दोबारा नौकरी पर जाएं। उनके बजाय उनके पुरुष साथी महिलाओं की जगह ले सकते हैं। 43 साल की महिला नूर खटेरा ने कहा कि काम पर वापस नहीं जाने देना अजीब है लेकिन अब यही सच्चाई है। उन्होंने कहा कि नौकरी के दौरान उन्होंने कंप्यूटर चलाना और अंग्रेजी बोलना सीखा लेकिन अब सब कुछ बेकार है। इसी तरह लड़ाके दो दिन बाद हेरात की एक बैंक में घुसे और दो महिला कैशियरों चेतावनी दी कि वे अपना चेहरा ढक कर रखें, जिसके बाद उन्हें पुरुष साथी के साथ घर भेज दिया गया। पिछले साल तालिबान और अमेरिका समर्थित अफगान सरकार के बीच शांति वार्ता शुरू होने का बाद से पत्रकारिता, स्वास्थ्य सेवा और कानून प्रवर्तन सहित क्षेत्रों में काम करने वाली कई अफगान महिलाएं हमलों में मारी गईं। तालिबान में महिलाओं की हर रात खौफ और प्रार्थना के बीच गुजरती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अलग-अलग क्षेत्रों में काम करने वाली महिलाएं कहती हैं कि वे अब लोकतांत्रिक दुनिया से खुद को अलग-थलग महसूस कर रही हैं, जिसका वे कभी हिस्सा थीं। डेलीमेल के लिए लिखते हुए Shukria Barakzai ने लिखा कि सैंकड़ों लोग पहली ही मारे जा चुके हैं। हर जगह डरावनी कहानियां हैं, कुछ तो इतनी भयावह हैं कि विश्वास करना भी मुश्किल है। उन्होंने लिखा कि कहीं परिवार के सामने महिला की आंखें फोड़ दी गईं तो किसी रोती हुई एक 12 साल की बच्ची को सेक्स गुलाम बनाने के लिए अपनी मां की बाहों से छीन लिया गया, पुरुषों को संगीत सुनने या शिक्षा हासिल करने जैसे 'अपराधों' के लिए सजा दी जाती है या मार दिया जाता है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान की प्राचीन और अशांत धरती पर एक और खूनी अध्याय की शुरुआत हो रही है। कई इलाकों में महिलाओं के बुर्का पहनने और चेहरा ढकने को अनिवार्य कर दिया गया है। वहीं अल जजीरा की रिपोर्ट बताती है कि बैंकों में काम करने वाली महिलाओं को वापस काम कर लौटने की चेतावनी दी गई है। इस हफ्ते की शुरुआत में एक ब्यूटी सैलून के मालिक ने सोशल मीडिया पर एक फोटो शेयर की थी जिसमें दीवारों पर बनी मॉडल की तस्वीरों को पेंट करते हुए देखा जा सकता था। यह तस्वीर इस बात का सबूत है कि आने वाले तालिबान शासन कैसा होने वाला है। अफगानिस्तान की एक रोती की बच्ची का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जिसे लाखों लोगों ने देखा। महिलाओं और लड़कियों की स्थिति को लेकर संयुक्त राष्ट्र भी चिंता जता चुका है। काबुल से सामने आने वाली लड़कियों की तस्वीरों में उन्हें पारंपरिक इस्लामी कपड़ों में स्कूल जाते देखा जा सकता है। हालात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि काबुल की पहली महिला मेयर इंतजार कर रही हैं कि कब तालिबान उन्हें और उनके पति को खोजकर मार देता है। ज़रीफा घाफारी कहती हैं, 'मैं तालिबान के आने का इंतजार कर रही हूं। वे आएंगे और मेरे जैसे लोगों को मार देंगे। मैं अपने परिवार को नहीं छोड़ सकती।' पिछले शासनकाल में तालिबान ने शरिया कानून के तहत लड़कियों और महिलाओं की शिक्षा और नौकरी पर बैन लगा दिया था। बुर्का पहनने और पुरुष साथी के साथ घर से निकलने जैसे कड़े नियमों का उल्लंघन करने पर उन्हें चौराहों और स्टेडियम में सार्वजनिक रूप से प्रताड़ना और कई बार मौत की सजा दी जाती थी। काबुल पर कब्जे के बाद महिला कार्यकर्ता सोशल मीडिया पर चिंता प्रकट कर चुकी हैं। उनकी चिंता जायज़ है क्योंकि अफगानिस्तान अब 20 साल पहले जा चुका है। 70 के दशक में यह देश किसी यूरोपीय देश तरह फैशन और स्टाइल का हब माना जाता था। अब यहां महिलाएं ही शिक्षा हासिल कर सकती हैं और ही नौकरी कर सकती हैं। तालिबान वादा कर रहा है कि इस बार का शासनकाल 20 साल पहले की तुलना में अलग होगा। महिलाओं और बच्चों को उनके अधिकार दिए जाएंगे और लोगों की समस्याओं को हल किया जाएगा। तालिबान के वादों पर कैसे भरोसा किया जाए। काबुल पर कब्जे के पहले ही वह अपने कब्जे वाले इलाकों में महिलाओं के अधिकारों का दोहन शुरू कर चुका है। समूह के नए नियम और रवैया बताता है कि अगर अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार बनती है तो महिलाओं की क्या स्थिति होगी।

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पिछले 24 घंटों के दौरान, गुजरात के दक्षिणी हिस्सों, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में मध्यम से भारी बारिश हुई। उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश के मध्य भागों, मध्य प्रदेश, बिहार के नए हिस्सों, गंगीय पश्चिम बंगाल और उत्तरी कोंकण और गोवा में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हुई। शेष बिहार, झारखंड के कुछ हिस्सों, ओडिशा, छत्तीसगढ़, तटीय आंध्र प्रदेश, कोंकण और गोवा, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप और शेष पूर्वोत्तर भारत में हल्की से मध्यम बारिश हुई। पूर्वी राजस्थान, तेलंगाना, विदर्भ, मध्य महाराष्ट्र, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में हल्की बारिश के साथ एक या दो स्थानों पर मध्यम बारिश हुई। अगले 24 घंटों के दौरान, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों, पूर्वोत्तर राजस्थान, विदर्भ के कुछ हिस्सों, मराठवाड़ा, तेलंगाना, तटीय आंध्र प्रदेश और दक्षिण गुजरात के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश संभव है। तेलंगाना, ओडिशा, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, रायलसीमा, तमिलनाडु और हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक दो स्थानों पर तेज बारिश हो सकती है। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, तटीय कर्नाटक और केरल में हल्की से मध्यम बारिश संभव है। छत्तीसगढ़, जम्मू-कश्मीर पूर्वी राजस्थान और सौराष्ट्र और कच्छ में हल्की बारिश हो सकती है।



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