जातिगत जनगणना कराने के पक्ष में अपने-अपने तर्क

 

 नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजास्टर मैनेजमेंट (एनडीएमआई) ने कहा है कि देश में कोरोना की तीसरी लहर अक्टूबर महीने में आ सकती है। इसे देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अधिकारियों की समीक्षा बैठक बुलाई है।

बिहार की राजनीति में पिछले कुछ वर्षों में ऐसी तस्वीर देखने को नहीं मिली, जहाँ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव दोनों किसी एक मुद्दे पर एकमत हो. ये मुद्दा है जातिगत जनगणना का है. दोनों नेता आपसी मतभेद को भुलाकर केंद्र सरकार से जातिगत जनगणना कराने के लिए गुहार लगाते नज़र आए. दोनों ने जातिगत जनगणना कराने के पक्ष में अपने-अपने तर्क भी दिए. केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने पिछले ही महीने 20 जुलाई 2021 को लोकसभा में दिए जवाब में कहा कि फ़िलहाल केंद्र सरकार ने अनुसूचित जाति और जनजाति के अलावा किसी और जाति की गिनती का कोई आदेश नहीं दिया है. पिछली बार की तरह ही इस बार भी एससी और एसटी को ही जनगणना में शामिल किया गया है. लेकिन जो मोदी सरकार मंत्रिमंडल विस्तार के बाद ख़ुद को ओबीसी मंत्रियों की सरकार कहते नहीं थक रही थी, जो सरकार नीट परीक्षा के ऑल इंडिया कोटे में ओबीसी आरक्षण देने पर ख़ुद अपनी पीठ थपथपाती रही है, आख़िर वही मोदी सरकार जातिगत जनगणना से क्यों डर रही है? ये सवाल विपक्ष लगातार सत्ता पक्ष से पूछ रहा है. उनका साथ एनडीए के कुछ सहयोगी दल भी दे रहे हैं. साल 1990 में केंद्र की तत्कालीन विश्वनाथ प्रताप सिंह सरकार ने दूसरा पिछड़ा वर्ग आयोग, जिसे आमतौर पर मंडल आयोग के रूप में जाना जाता है, की एक सिफ़ारिश को लागू किया था. ये सिफारिश अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों को सरकारी नौकरियों में सभी स्तर पर 27 प्रतिशत आरक्षण देने की थी. इस फ़ैसले ने भारत, खासकर उत्तर भारत की राजनीति को बदल कर रख दिया. जानकारों का मानना है कि भारत में ओबीसी आबादी कितनी प्रतिशत है, इसका कोई ठोस प्रमाण फ़िलहाल नहीं है. मंडल कमीशन के आँकड़ों के आधार पर कहा जाता है कि भारत में ओबीसी आबादी 52 प्रतिशत है. हालाँकि मंडल कमीशन ने साल 1931 की जनगणना को ही आधार माना था. इसके अलावा अलग-अलग राजनीतिक पार्टियाँ अपने चुनावी सर्वे और अनुमान के आधार पर इस आँकड़े को कभी थोड़ा कम कभी थोड़ा ज़्यादा करके आँकती आई है. लेकिन केंद्र सरकार जाति के आधार पर कई नीतियाँ तैयार करती है. ताज़ा उदाहरण नीट परीक्षा का ही है, जिसके ऑल इंडिया कोटे में ओबीसी के लिए आरक्षण लागू करने की बात मोदी सरकार ने कही है. सेंटर फ़ॉर स्टडी ऑफ़ डेवलपिंग सोसाइटीज (सीएसडीएस) के प्रोफ़ेसर और राजनीतिक विश्लेषक संजय कुमार का मानना है, "जनगणना में आदिवासी और दलितों के बारे में पूछा जाता है, बस ग़ैर दलित और ग़ैर आदिवासियों की जाति नहीं पूछी जाती है. इस वजह से आर्थिक और सामाजिक पिछड़ेपन के हिसाब से जिन लोगों के लिए सरकार नीतियाँ बनाती है, उससे पहले सरकार को ये पता होना चाहिए कि आख़िर उनकी जनसंख्या कितनी है. जातिगत जनगणना के अभाव में ये पता लगाना मुश्किल है कि सरकार की नीति और योजनाओं का लाभ सही जाति तक ठीक से पहुँच भी रहा है या नहीं." वो आगे कहते हैं, "अनुसूचित जाति, भारत की जनसंख्या में 15 प्रतिशत है और अनुसूचित जनजाति 7.5 फ़ीसदी हैं. इसी आधार पर उनको सरकारी नौकरियों, स्कूल, कॉलेज़ में आरक्षण इसी अनुपात में मिलता है." "लेकिन जनसंख्या में ओबीसी की हिस्सेदारी कितनी है, इसका कोई ठोस आकलन नहीं है. सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के मुताबिक़ कुल मिला कर 50 फ़ीसदी से ज़्यादा आरक्षण नहीं दिया जा सकता, इस वजह से 50 फ़ीसदी में से अनुसूचित जाति और जनजाति के आरक्षण को निकाल कर बाक़ी का आरक्षण ओबीसी के खाते में डाल दिया. लेकिन इसके अलावा ओबीसी आरक्षण का कोई आधार नहीं है." यही वजह है कि कुछ विपक्षी पार्टियाँ जातिगत जनगणना के पक्ष में खुल कर बोल रही है. कोरोना महामारी की वजह से जनगणना का काम भी ठीक से शुरू नहीं हो पाया है. आज भले ही बीजेपी संसद में इस तरह के जातिगत जनगणना पर अपनी राय कुछ और रख रही हो, लेकिन 10 साल पहले जब बीजेपी विपक्ष में थी, तब उसके नेता ख़ुद इसकी माँग करते थे. बीजेपी के नेता, गोपीनाथ मुंडे ने संसद में 2011 की जनगणना से ठीक पहले 2010 में संसद में कहा था, "अगर इस बार भी जनगणना में हम ओबीसी की जनगणना नहीं करेंगे, तो ओबीसी को सामाजिक न्याय देने के लिए और 10 साल लग जाएँगे. हम उन पर अन्याय करेंगे." इतना ही नहीं, पिछली सरकार में जब राजनाथ सिंह गृह मंत्री थे, उस वक़्त 2021 की जनगणना की तैयारियों का जायजा लेते समय 2018 में एक प्रेस विज्ञप्ति में सरकार ने माना था कि ओबीसी पर डेटा नई जनगणना में एकत्रित की जाएगी. दूसरी राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस की बात करें, तो 2011 में SECC यानी सोशियो इकोनॉमिक कास्ट सेंसस आधारित डेटा जुटाया था. चार हजार करोड़ से ज़्यादा रुपए ख़र्च किए गए और ग्रामीण विकास मंत्रालय और शहरी विकास मंत्रालय को इसकी ज़िम्मेदारी सौंपी गई. साल 2016 में जाति को छोड़ कर SECC के सभी आँकड़े प्रकाशित हुए. लेकिन जातिगत आँकड़े प्रकाशित नहीं हुए. जाति का डेटा सामाजिक कल्याण मंत्रालय को सौंप दिया गया, जिसके बाद एक एक्सपर्ट ग्रुप बना, लेकिन उसके बाद आँकड़ों का क्या हुआ, इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है. माना जाता है कि SECC 2011 में जाति आधारित डेटा जुटाने का फ़ैसला तब की यूपीए सरकार ने राष्ट्रीय जनता दल के नेता लालू यादव और समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव के दवाब में ही लिया था. देश की ज़्यादातर क्षेत्रीय पार्टियाँ जातिगत जनगणना के समर्थन में है, ऐसा इसलिए क्योंकि उनका जनाधार ही ओबीसी पर आधारित है. इसका समर्थन करने से सामाजिक न्याय का उनका जो प्लेटफ़ॉर्म है, उस पर पार्टियों को मज़बूती दिखती है. लेकिन राष्ट्रीय पार्टियाँ सत्ता में रहने पर कुछ और विपक्ष में रहने पर कुछ और ही कहती हैं. विपक्ष में आने के बाद कांग्रेस ने भी 2018 में जाति आधारित डेटा प्रकाशित करने के लिए आवाज़ उठाई थी. लेकिन उन्हें सफ़लता नहीं मिली. अब तक की जानकारी में जो आँकड़े हैं, वो ऊपर नीचे होने की पूरी संभावना है. मान लीजिए ओबीसी की आबादी 52 प्रतिशत से घट कर 40 फ़ीसदी रह जाती है, तो हो सकता है कि राजनीतिक पार्टियों के ओबीसी नेता एकजुट हो कर कहें कि ये आँकड़े सही नहीं है. और मान लीजिए इनका प्रतिशत बढ़ कर 60 हो गया, तो कहा जा सकता है कि और आरक्षण चाहिए. सरकारें शायद इस बात से डरती है.

 

चूँकि आदिवासियों और दलितों के आकलन में फ़ेरबदल होगा नहीं, क्योंकि वो हर जनगणना में गिने जाते ही हैं, ऐसे में जातिगत जनगणना में प्रतिशत में बढ़ने घटने की गुंज़ाइश अपर कास्ट और ओबीसी के लिए ही है. मोदी सरकार ओबीसी पर मुखर हुई है, केंद्र सरकार आने वाले दिनों में जातिगत जनगणना पर पहल कर भी सकती है. "जनगणना अपने आप में बहुत ही जटिल कार्य है. जनगणना में कोई भी चीज़ जब दर्ज हो जाती है, तो उससे एक राजनीति भी जन्म लेती है, विकास के नए आयाम भी उससे निर्धारित होते हैं. इस वजह से कोई भी सरकार उस पर बहुत सोच समझ कर ही काम करती है. एक तरह से देखें तो जनगणना से ही जातिगत राजनीति की शुरुआत होती है. उसके बाद ही लोग जाति से ख़ुद को जोड़ कर देखने लगे, जाति के आधार पर पार्टियाँ और एसोसिएशन बनने लगे."

अभी जो राजनीति होती है, उसका ठोस आधार नहीं है, उसे चुनौती दी जा सकती है, लेकिन एक बार जनगणना में वो दर्ज हो जाएगा, तो सब कुछ ठोस रूप ले लेगा. कहा जाता है, 'जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी'. अगर संख्या एक बार पता चल जाए और उस हिसाब से हिस्सेदारी दी जाने लगे, तो कम संख्या वालों का क्या होगा? उनके बारे में कौन सोचेगा? इस तरह के कई सवाल भी खड़े होंगे. ओबीसी और दलितों में ही बहुत सारी छोटी जातियाँ हैं, उनका कौन ध्यान रखेगा? बड़ी संख्या वाली जातियाँ आकर माँगेंगी कि 27 प्रतिशत के अंदर हमें 5 फ़ीसदी आरक्षण दे दो, तो बाक़ियों का क्या होगा? ये जातिगत जनगणना का एक नकारात्मक पहलू है. लेकिन एक सकारात्मक पहलू ये भी है कि इससे लोगों के लिए नीतियाँ और योजनाएँ तैयार करने में मदद मिलती है." एक दूसरा डर भी है. ओबीसी की लिस्ट केंद्र की अलग है और कुछ राज्यों में अलग लिस्ट है. कुछ जातियाँ ऐसी हैं जिनकी राज्यों में गिनती ओबीसी में होती है, लेकिन केंद्र की लिस्ट में उनकी गिनती ओबीसी में नहीं होती. बिहार में बनिया ओबीसी हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश में वो अपर कास्ट में आते हैं. वैसे ही जाटों का हाल है. हरियाणा, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाटों पर भी ओबीसी लिस्ट अलग है. ऐसे में जातिगत जनगणना हुई तो आगे और बवाल बढ़ सकता है. केंद्र की सरकारों को एक डर इसका भी है.

अफगानिस्तान में पंजशीर पर कब्जे के लिए गए तालिबान को लगा झटका। सूत्रों के मुताबिक- विद्रोहियों ने तालिबानी कमांडर समेत 50 लड़ाकों को मार गिराया, 20 से अधिक को बनाया बंधक। वहीं, पंजशीर समर्थक एक लड़ाके की मौत, 6 अन्य घायल हुए।

तालिबान की धमकी- 31 अगस्त तक अफगानिस्तान से अपनी सेना हटाए नाटो। जवाब में फ्रांस ने कहा- डेडलाइन खत्म होने के बाद भी जारी रखेंगे रेस्क्यू। इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने जंग में मदद करने वाले अफगानियों को शरण देने का किया ऐलान।

एयरपोर्ट और हाईवे जैसी प्रॉपर्टीज के इस्तेमाल का अधिकार बेचकर 4 साल में 6 लाख करोड़ रुपये जुटाएगी केंद्र सरकार। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जारी किया रोडमैप। एसेट मोनेटाइजेशन का पैसा इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने में खर्च करेगी सरकार।

महाराष्ट्र में दही हांडी उत्सव को लेकर तकरार। सीएम उद्धव ठाकरे ने बोले- कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए इस साल नहीं होगा उत्सव का आयोजन। वहीं, बीजेपी ने सरकार के फैसले का किया विरोध। कहा- हर हाल में करेंगे उत्सव का आयोजन।

लैप्स पॉलिसीज के रिवाइवल के लिए विशेष अभियान चला रही है LIC इसमें 1 लाख रुपये तक के प्रीमियम पर लेट फीस में 20 फीसदी मिलेगी छूट। 22 अक्टूबर तक जारी रहेगा अभियान।

विदेश में पढ़ने के लिए ग्लोबल-एड वैंटेज स्कीम के तहत डेढ़ करोड़ रुपये तक लोन दे रहा एसबीआई। कोर्स पूरा होने के छह महीने बाद शुरू होगा लोन का भुगतान। 8.65 फीसदी रहेगी ब्याज दर।

हरे निशान में खुले एशियाई बाजार। यूरोपीय मार्केट्स में भी तेजी का रुख। वहीं, पिछले कारोबारी सत्र में बढ़त के साथ बंद हुए थे सेंसेक्स और निफ्टी।

अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा हो जाने के बाद वहां से भागकर दिल्ली पहुंचे अफगान नागरिक दिल्ली में यूएनएचसीआर दफ्तर के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं। इन नागरिकों की मांग है कि उन्हें शरणार्थी कार्ड और किसी तीसरे देश में उनके पुनर्वास की व्यवस्था की जाए। 'हम ऐसे लोग हैं जिनके पास कोई देश नहीं', दिल्ली में UNHCR दफ्तर के बाहर अफगान नागरिकों की पीड़ा.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किया नैशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन का उद्घाटन। कहा, सिर्फ कम इस्तेमाल की गई संपत्तियों को ही बेचा जाएगा। सरकार के पास रहेगा मालिकाना हक। अपनी संपत्तियों का बेहतर तरीके से इस्तेमाल करेगी सरकार।

नए कृषि कानूनों के चलते किसानों के धरना प्रदर्शन की वजह से बंद सड़कों पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से किया सवाल। कहा, प्रदर्शन करने का अधिकार पर सड़कों पर नहीं रोकी जा सकती आवाजाही। समाधान ढूंढे सरकार। बंद सड़कों की वजह से लोगों को काफी समय से हो रही है परेशानी।

भारत इंग्लैंड के बीच 25 अगस्त को होने वाले तीसरे टेस्ट मैच से बाहर हुए इंग्लैंड के तेज गेंदबाज मार्क वुड। लॉर्ड्स टेस्ट के चौथे दिन फील्डिंग करते वक्त लगी थी कंधे में चोट। फिलहाल पांच टेस्ट मैच की इस सीरीज में भारत 1-0 से आगे।

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के सहयोगी कुंदन शिंदे और संजीव पलांडे के खिलाफ चार्जशीट दायर किया है।

पंजाब कांग्रेस में एक बार फिर घमासान मचा हुआ है। इस बार विवाद पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के 2 सलाहकारों मलविंदर सिंह मल्ली और प्यारेलाल गर्ग के बयानों की वजह से है। सिद्धू ने जानबूझकर 'जेहादी' को सलाहकार बनाया? क्या देश तोड़ने वालों के साथ है कांग्रेस?

लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के हाजीपुर के सांसद पशुपति पारस केंद्र में मंत्री बनने के बाद सोमवार को पहली बार अपने संसदीय क्षेत्र पहुंचे, जहां उनका स्वागत हुआ और विरोध का सामना भी करना पड़ा।

जमात--इस्लामी और JKLF के बाद अब हुर्रियत कॉन्फ्रेंस पर बैन की तैयारी है। सरकार हुर्रियत पर बड़े एक्शन की तैयारी में है। UAPA के तहत बैन लगाया जा सकता है।

फिल्म कंचाना की एक्ट्रेस और रशियन मॉडल अलेक्जेंड्रा जावयी का शव उनके घर में मिला है। मॉडल पिछले काफी वक्त से मानसिक तनाव से गुजर रही थीं।

उत्तराखंड में हाल ही में भूस्खलन की कई घटनाएं सामने आईं हैं वहीं ताजा घटनाक्रम में  उत्तराखंड के चंपावत में स्वाला के पास सोमवार को भूस्खलन की बड़ी घटना सामने आई।

 राजस्थान के जैसलमेर के एक गांव से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक क्रिकेट टूर्नामेंट में 'तालिबान' नाम की क्रिकेट टीम ने एंट्री कराई। हालांकि उस टीम पर रोक लगा दी गई।

कतर के रास्ते से भारत आए 2 यात्री कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, कतर से आई इस फ्लाइट में 30 यात्री मौजूद थे।

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह के अंतिम सफर पर अलीगढ़ में सभी की आंखें नम हो गईं। अंतिम यात्रा में लाखों की संख्या में बाबूजी के समर्थकों का जनसैलाब उमड़ पड़ा।

असल में पंजशीर घाटी अफगानिस्तान का आखिरी बचा हुआ ठिकाना है जहां तालिबान विरोधी ताकतें इस्लामी कट्टरपंथी समूह से निपटने के लिए एक गुरिल्ला युदध लड़ रही हैं।

गुजरात उच्च न्यायालय ने पूछा है कि क्या कोई महिला अपने बच्चे के पिता का नाम बताने के लिए बाध्य है, जिसको उसने शादी के बिना जन्म दिया हो।

न्यायमूर्ति परेश उपाध्याय ने यह भी पूछा कि क्या ऐसी किसी महिला के मामले में आपराधिक पहलू की तलाश की जानी चाहिए जो बलात्कार की शिकायत होने पर भी बिना शादी के जन्मे बच्चे के पिता की पहचान का खुलासा नहीं करना चाहती है।

अदालत ने 19 अगस्त को एक निचली अदालत के आदेश के खिलाफ एक दोषी की अपील पर सुनवाई करते हुए टिप्पणी की। इस मामले में दोषी को एक नाबालिग से बलात्कार के अपराध में आईपीसी की धारा 376 और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के प्रावधानों के तहत दस साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई थी। जूनागढ़ की रहने वाली पीड़िता ने दोषी के दो बच्चों को जन्म दिया था। वह बिना शादी के उनके साथ रहती थी और तो उसने और ही बच्चों पिता ने उन्हें अस्वीकार किया और ही उनके पितृत्व से इनकार किया था। पीड़िता ने कहा था कि उसने अपनी मर्जी से अपने परिवार को छोड़ा और दोषी के साथ रहने लगी, जिसके बाद उसने दो बच्चों को जन्म दिया। इनमें से पहला बच्चा तब हुआ, जब वह 16 साल की थी। अदालत ने पूछा, वह एक गरीब ग्रामीण बेटी है। अगर कोई महिला गर्भ धारण करती है और उसकी शादी नहीं हुई है, और अगर वह अस्पताल जाती है, तो क्या डॉक्टर के लिए उससे यह पूछना जरूरी है कि आपके गर्भ में किसा बच्चा है? यदि महिला कहे कि वह इसका जवाब नहीं देना चाहती, तो क्या जवाब देना आवश्यक है? क्या कोई महिला अस्पताल को यह बताने के लिए बाध्य है कि यह किसका बच्चा है?

आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में पलासा के निकट राष्ट्रीय राजमार्ग-16 पर सोमवार को एक सड़क दुर्घटना में एक उप-निरीक्षक समेत 4 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई।

ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में भारत का एकमात्र विदेशी सैन्य अड्डा है। हालांकि इसकी बहुत ज्यादा चर्चा नहीं हुई है, लेकिन अफगानिस्तान संकट के दौरान भारतीयों को बचाने के मामले में यह सैन्य अड्डा भारत के लिए वरदान साबित हुआ है।

राजस्थान में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। 2 नाबालिग लड़कों ने 12 वर्षीय एक लड़की से उसके स्कूल में बलात्कार किया है और उसने जोधपुर के अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया है।

सुरक्षाबलों ने टॉप 10 आतंकियों की सूची में शामिल 2 और आतंकी कमांडरों को ढेर कर दिया। इनमें एक टीआरएफ का टॉप कमांडर तथा दूसरा उसका दाहिना हाथ भी शामिल है।

पिछले 24 घंटों के दौरान, असम, उप हिमालयी पश्चिम बंगाल, आंतरिक कर्नाटक के अलग-अलग हिस्सों, पूर्वी उत्तर प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश के साथ-साथ केरल के अलग-अलग हिस्सों और तमिलनाडु की पहाड़ियों पर हल्की से मध्यम बारिश हुई। उत्तर पूर्व भारत के बाकी हिस्सों, पश्चिम बंगाल, पूर्वी मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों, तेलंगाना, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, लक्षद्वीप, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, दक्षिण और पूर्वी राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और हिमाचल में छिटपुट हल्की से मध्यम बारिश हुई। प्रदेश। बिहार के तटीय आंध्र प्रदेश, मध्य महाराष्ट्र, उत्तरी कोंकण और गोवा, गुजरात, उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों और उत्तराखंड में हल्की बारिश हुई। अगले 24 घंटों के दौरान, उत्तर प्रदेश और बिहार की तलहटी, उप हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। पूर्वोत्तर भारत के बाकी हिस्सों, बिहार के बाकी हिस्सों, पूर्वी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड के कुछ हिस्सों, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, तटीय कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में हल्की से मध्यम बारिश संभव है। मध्य प्रदेश, विदर्भ, मराठवाड़ा, तेलंगाना, पूर्वी राजस्थान, ओडिशा के कुछ हिस्सों, छत्तीसगढ़ और रायलसीमा में एक या दो स्थानों पर मध्यम बारिश हो सकती है। गुजरात दिल्ली और लक्षद्वीप में छिटपुट हल्की बारिश संभव है|.



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