रॉयल कैफ़े चेन को FSDA के इम्प्रूवमेंट नोटिस के बाद भी नहीं हो रहा सुधार

 लखनऊ/02 अगस्त 2021…………

खाध्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन विभाग ( FSDA ) ने इसी वर्ष मुरलीधर आहूजा के रॉयल कैफ़े की लखनऊ स्थित सभी शाखाओं पर जांच करके खान-पान की व्यवस्थाओं के सम्बन्ध में कमियां पाई थीं और इन कमियों को दूर करने के लिए सभी शाखाओं को इम्प्रूवमेंट नोटिस भी जारी किये थे. एफएसडीए ने रॉयल कैफ़े के खिलाफ यह कार्यवाही राजधानी की सोशल एक्टिविस्ट उर्वशी शर्मा की शिकायतों पर की थी. एफएसडीए की कार्यवाही के बाद कोरोना की दूसरी लहर आ गई थी। 

उर्वशी ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर के बाद हालात सामान्य होने के बाद उनको फिर से शिकायतें मिली हैं कि रॉयल कैफ़े द्वारा खाध्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन विभाग के मानकों को ठेंगा दिखाकर आम जनमानस की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है. उर्वशी का कहना है कि सोशल मीडिया को देखकर उनको ऐसा लगता है कि राजधानी के कुछ व्यापारिक संगठनों, सामाजिक संगठनों और पत्रकारों से नजदीकियां रखने वाले मुरलीधर आहूजा को सरकारी नियमों की धज्जियाँ उड़ाकर काम करने के लिए शायद इन व्यापारिक संगठनों, सामाजिक संगठनों और पत्रकारों का खुला संरक्षण प्राप्त है और शायद इसीलिये आहूजा अपने रॉयल कैफ़े के सञ्चालन में खाध्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन जैसे आला विभाग को ठेंगा दिखाते हुए इन नोटिसों को ठंडे बस्ते में डालने की हिम्मत दिखा पा रहे हैैं।

उर्वशी ने राजधानी के सभी व्यापारिक संगठनों, सामाजिक संगठनों और पत्रकारों से अपील की है कि वे छुद्र त्वरित निजी लाभों के लिए मुरलीधर आहूजा के रॉयल कैफ़े के अनियमित कार्यों को संरक्षण देकर आम जनमानस की जिंदगी से खिलवाड़ न करें बल्कि अपनी अंतरात्मा की आवाज सुन अपना-अपना धर्म निभाते हुए रॉयल कैफ़े की सभी व्यवस्थाएं सरकारी नियमों के अनुसार होने तक मुरलीधर आहूजा और रॉयल कैफ़े का सामाजिक तौर पर वहिष्कार करें ताकि मुरलीधर आहूजा को रॉयल कैफ़े की सभी व्यवस्थाएं सरकारी नियमों के अनुसार बनाने को मजबूर होना पड़ेे।

बकौल उर्वशी उन्होंने एक बार फिर से खाध्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन विभाग ( FSDA ) को पत्र लिखकर मुरलीधर आहूजा के रॉयल कैफ़े की लखनऊ स्थित सभी शाखाओं पर जांच करके नियमानुसार कड़ी कार्यवाही करने की मांग की हैै।

उर्वशी शर्मा



टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

पेंशनरों की विशाल सभा

विश्व रजक महासंघ का आयोजन

जातीय गणना के आंकड़े जारी