नवाब मलिक की गिरफ्तारी के खिलाफ बॉम्बे HC में सुनवाई आज
ये कहानी नवीं सदी में मौजूदा यूक्रेन की राजधानी कीएव से शुरू होती है. कीएव प्रथम स्लाविक साम्राज्य की राजधानी थी. इस राज्य का गठन स्कैंडिनेवियन क़बीले ने किया था जो स्वंय को रूस कहते थे. यही महान मध्याकालीन राज्य बाद में कीएवियन रूस कहलाया. रूस और यूक्रेन दोनों का जन्म इसी महान साम्राज्य से हुआ है. 12वीं सदी में मॉस्को की स्थापना हुई. तब ये शहर कीएवियन रूस साम्राज्य की उत्तर-पूर्वी सरहद थी. इस साम्राज्य में ओर्थोडॉक्स क्रिश्चियन धर्म का बोलबाला था. साल 988 में कीएव सम्राट व्लादिमीर प्रथम या सेंट व्लादिमीर स्वयातोस्लाविच द ग्रेट ने इस मत को अपनाया था. व्लादिमीर प्रथम ने मध्यकालीन रूस राज्य का विस्तार मौजूदा बेलारूस, रूस और यूक्रेन से लेकर बालटिक सागर तक किया. इस सारे क्षेत्र में बोली जाने वाली कई बोलियों से बेलारूसी, यूक्रेनी और रूसी भाषाएं निकलीं. ये साझी विरासत इन तीनों देशों को सांस्कृतिक रूप से जोड़ती है. हाल ही में व्लादिमीर पुतिन ने घोषणा की थी कि रूसी और यूक्रेनी लोग एक हैं. लेकिन जानकार इससे सहमत नहीं हैं. वो कहते हैं कि दोनों की उत्पति बेशक एक ही राज्य से हुई हो पर बीती नौ सदियों में यूक्रेन का अनुभव अलग रहा है. क्योंकि उसकी तकदीर का फ़ैसला अलग-अलग समय पर अलग-अलग ताक़तों ने किया है. "यूक्रेन को एक क्षेत्र या एक पहचान में बांधने के बजाय एक 'उलझी पहेली' की तरह देखना ज़रूरी है." 13 वीं सदी में रूस राज्य के कई सूबों पर मंगोल साम्राज्य का कब्ज़ा हो गया था. लेकिन 14 वीं सदी में कमज़ोर होते मंगोल राज का फ़ायदा मॉस्को और लिथुएनिया नाम की दो सूबों को हुआ. इन दोनों ने रूस को आपस में बांट लिया कीएव और इसके आस-पास के क्षेत्र पर लिथुएनिया सूबे का कब्ज़ा हुआ. यही लोग यहां रेनेसां और सुधारवादी विचारधारा लेकर आए. पश्चिमी यूक्रेन के एंड गैलिसिया या कारपेथिन गैलिसिया क्षेत्र पर हैब्सबर्ग साम्राज्य का राज रहा. उस इलाके में अब भी उस काल की सांस्कृतिक विरासत देखी जा सकती है. रूस के एक विख्यात इतिहासकार जॉफ़री होस्किंग ने बीबीसी हिस्ट्री एक्स्ट्रा को बताया था, "पश्चिमी यूक्रेन का इतिहास पूर्वी यूक्रेन से एकदम अलग र हा है." पश्चिमी यूक्रेन में कई लोग रशियन ऑर्थोडॉक्स चर्च के अनुयायी नहीं है. वे ईस्टर्न कैथोलिक चर्च को मानने वाले हैं. ये मत पोप को अपना अध्यात्मिक गुरु मानती है. इसके अलावा यूक्रेन का क्राइमिया क्षेत्र भी बाक़ी देश से काफ़ी अलग है. यहां का संबंध ग्रीक और तातार लोगों से रहा है और मध्यकाल में क्राइमिया रूसी एवं ऑटोमन साम्राज्य के अधीन भी रहा है. 17 वीं सदी में लिथुएनिया-पोलैंड के राष्ट्रमंडल और रूस के ज़ार सम्राटों के बीच युद्ध ने डनाइपर नदी के पूर्व के सारे इलाक़े रूस नियंत्रण में चले गए. यूक्रेन के लोग इस क्षेत्र को अपना 'बायां किनारा' मानते थे. मौजूदा यूक्रेन जहां हैं, उसके मध्य और उत्तर पश्चिमी इलाके में 17वीं शताब्दी में एक राज्य था, जिसे साल 1764 में रूस की साम्राज्ञी कैथरीन द ग्रेट ने विलय कर लिया. उन्होंने पोलैंड के अधिकार वाले यूक्रेन के इलाक़े पर भी अधिकार हासिल कर लिया. आने वाले सालों में एक नीतिगत आदेश के तहत यूक्रेन की भाषा के उपयोग और अध्ययन पर रोक लगा दी गई. आस्था को लेकर भी लोगों पर दबाव बनाया गया और इस तरह एक 'छोटी जातीय' समूह की रचना कर दी गई. इसी बीच पश्चिम के कई देशों में राष्ट्रवाद की लहर चली. इसका असर पोलैंड से लेकर ऑस्ट्रिया तक नज़र आया. इस दौरान यहां कई लोगों ने रूस के लोगों से अलग दिखाई देने के लिए ख़ुद को 'यूक्रेनी' बताना शुरू कर दिया. लेकिन, 20 वीं सदी में रूस की क्रांति हुई और सोवियत संघ का गठन हुआ. इस दौरान 'यूक्रेन से जुड़ी पहेली' को नई शक्ल मिली. सोवियत नेता जोसेफ़ स्टालिन ने दूसरे विश्व युद्ध की समाप्ति पर पोलैंड से पश्चिमी यूक्रेन का अधिकार हासिल कर लिया. 1950 के दशक में मॉस्को ने क्राइमिया को यूक्रेन के हवाले कर दिया. ये सोवियत संघ का ही हिस्सा था. इस फ़ैसले के बाद भी रूस से गहरे संपर्क कायम रहे और ब्लैक सी में रूस का जो बेड़ा था, वो सांकेतिक रूप से इसकी पुष्टि करता था. सोवियत सरकार ने यूक्रेन पर और ज़ोरदारी के साथ रूस का प्रभाव थोपने की कोशिश की. कई बार यूक्रेन को इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ रही थी. 1930 के दशक में सोवियत संघ का हिस्सा रहे यूक्रेन के लाखों लोग स्टालिन की ओर से जबरन थोपे गए अकाल की वजह से मारे गए. इसके बाद स्टालिन ने वहां बड़ी संख्या में सोवियत लोगों को बसाया. इनमें से कई यूक्रेनी भाषा नहीं बोल पाते थे. इस इलाके से उनके संपर्क और संबंध भी बेहद सीमित थे. ये कोशिश पूर्वी इलाक़े को फिर से बसाने की थी. हालांकि, सांस्कृति रूप से सोवियत संघ कभी यूक्रेन पर आधिपत्य साबित नहीं कर सका. होस्किंग के मुताबिक केंद्र की ओर से आर्थिक, राजनीतिक और सैन्य फ़ैसले भले ही थोपे जाते रहे लेकिन सांस्कृतिक और शिक्षा के क्षेत्र में यूक्रेन के पास एक 'ख़ास स्वायत्तता' थी. दबदबा भले ही रूसी भाषा का था लेकिन प्राइमरी स्कूल में बच्चे यूक्रेनी भाषा सीखते रहे. इस भाषा में कई किताबें छपी. '20वीं सदी के दूसरे हिस्से में यूक्रेनी में शिक्षित लोगों के बीच एक मजबूत राष्ट्रवादी अभियान शुरू हुआ.' साल 1991 में सोवियत संघ बिखर गया और साल 1997 में रूस और यूक्रेन के बीच संधि हुई. इसके जरिए यूक्रेन की सीमाओं की अखंडता की पुष्टि हुई. लेकिन देश के अलग-अलग इलाकों में कुछ ऐसी खामियां रह गईं जिससे दरारें बनी रही हैं. यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में लोगों के रूस के साथ गहरे रिश्ते हैं. यहां रहने वाले लोग रूसी भाषा बोलते हैं और रुढिवादी हैं. यूक्रेन के पश्चिमी हिस्से में पश्चिमी देशों का प्रभाव नज़र आता है. पोलैंड और हंगरी का असर यहां दिखता है. यहां रहने वाले कैथलिक हैं और अपनी भाषा बोलते हैं. सपनों की खासियत यही है कि हर किसी के पास अपने लिए ख्वाब होता है. सपने देखने वालों में से कुछ अपने मूल की तरफ लौटना चाहते हैं तो कई दूसरे लोग आज़ाद रास्ते पर बढ़ना चाहते हैं.
रूस और यूक्रेन
के बीच
युद्ध जारी
है। दोनों
देशों के
बीच चरम
तनाव के
बीच यूक्रेन
में फंसे
भारतीयों को
निकालने की
कोशिश जारी
है। भारत
सरकार की
तरफ से
चलाए जा
रहे ऑपरेशन
गंगा में
अब भारतीय
वायु सेना
की भी
मदद ली
जा रही
है।
अमेरिकी राष्ट्रपति
जो बाइडेन
ने रूसी
प्रेसिडेंट व्लादिमीर पुतिन को बताया
तानाशाह. यूक्रेन
के साथ
खड़ा है
अमेरिका, उसे
कमजोर समझना
पुतिन की
गलती: जो
बाइडेन पुतिन
ने सोचा
की NATO और
पश्चिमी देश
रूस के
हमले का
जवाब नहीं
देंगे: जो
बाइडेन . रूस-यूक्रेन जंग
पर बोले
अमेरिकी राष्ट्रपति
जो बाइडेन-
रूस ने
बहुत बड़ी
गलती कर
दी रूस
पर ब्रिटेन
का बड़ा
प्रतिबंध, UK के किसी भी बंदरगाह
में प्रवेश
नहीं कर
पाएंगे रशियन
जहाज, यूक्रेनी
लोगों, शरणार्थियों
की मानवीय
सहायता के
लिए चाहिए
1.7 बिलियन डॉलर का फंड- UN
अब बैडमिंटन का
वैश्विक संचालन
करने वाली
संस्था बीडब्ल्यूएफ
ने भी
रूस और
बेलारूस पर
सख्त एक्शन
लिया है।
युद्ध को
देखते हुए
उन पर
गाज गिराई
गई है।
यूक्रेन में जारी
रूस की
सैन्य कार्रवाई
में मंगलवार
को भारत
के छात्र
नवीन शेखराप्पा
ज्ञानगौदर की मौत हो गई।
वह खारकीव
में खाने
का सामान
लेने बंकर
से बाहर
निकले थे
और गोलाबारी
की चपेट
में आ
गए। करेंसी
एक्सचेंज और
खाने के
लिए बंकर
से निकला
था नवीन,
गोलाबारी के
चपेट में
आ गया,
पिता ने
की शव
लाने की
मांग. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन के खारकीव
में गोलाबारी में मारे गए भारतीय छात्र नवीन शेखरप्पा के पिता से बात की है।
रूस और यूक्रेन
के बीच
लड़ाई जारी
है। इस
लड़ाई के
दौरान रूस
के राष्ट्रपति
व्लादिमीर पुतिन ने परमाणु हथियारों
को सक्रिय
करने के
निर्देश जारी
किए हैं।
उनके इस
कदम से
लोग डरे
हुए हैं।
यूएन के
सेक्रेटरी जनरल भी अपनी चिंता
जाहिर कर
चुके हैं।
केवल तीन दिन
में, यूक्रेन
पर आक्रमण
के कारण
रूस का
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रबल तरीके
से बहिष्कार
किया गया
है और
उसके नेता
के विदेशी
मित्र भी
लगातार कम
होते नजर
आ रहे
हैं। रूसी सेना ने युद्ध के छठवें दिन खारकिव और
कीव के बीच ओख्तिरका शहर के मिलिट्री बेस पर हमला किया। ब्रिटेन की डिफेंस मिनिस्ट्री
ने कहा- कीव में आगे नहीं बढ़ पा रही रूसी फौज। उधर- साउथ कोरिया ने हमले की निंदा
करते हुए रूस के पांच बैंकों पर बैन लगाया।
यूक्रेन में फंसे
भारतीयों पर
विदेश मंत्रालय
ने कहा
है कि
हमारे सभी
नागरिक कीव
छोड़ चुके
हैं। हमारी
सभी पूछताछों
से पता
चलता है
कि हमारा
प्रत्येक नागरिक
कीव से
बाहर आ
गया है।
4000 नागरिक संघर्ष क्षेत्र में हैं।
12000 भारतीयों ने यूक्रेन छोड़ा, 4000 संघर्ष
क्षेत्र में
तो 4000 सुरक्षित,
रोमानिया जाएगा
वायु सेना
का C-17 विमान.
तुर्किश एयरलाइंस के पूर्व चेयरमैन
इल्कर आयसी एअर इंडिया के नए MD और CEO नहीं बनेंगे। आयसी ने टाटा संस के ऑफर को ठुकराया,
टाटा संस ने भी इसकी पुष्टि की। टाटा ग्रुप ने 14 फरवरी को आयसी को एअर इंडिया का
MD और CEO बनाने की घोषणा की थी।
यूक्रेन संकट: रूस
में आम
लोगों का
डर- कहीं
ईरान या
उत्तर कोरिया
ना बन
जाएं
ज़ेलेंस्की का यूरोपीय
संसद में
भावुक भाषण:
साबित करें
कि आप
हमारे साथ
हैं
यूक्रेन में भारतीय
की मौत:
'कर्फ़्यू के बाद खाना लेने
गया, फिर
नहीं लौटा
नवीन'
भारतीय रेलवे ने आज भी 257 से
अधिक ट्रेनों को कैंसिल किया है, जबकि 26 को डायवर्ट किया है। अगर आप आज ट्रेन से यात्रा
करने वाले हैं तो घर से निकलने से पहले कैंसिल, रिशेड्यूल और डायवर्ट ट्रेनों की लिस्ट
चेक कर लें।
नवाब मलिक पर कथित मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण में संलिप्तता के आरोप लगे हैं. उन पर आरोप है कि वो अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से संबंधित जमीन डील से जुड़े रहे हैं. प्रवर्तन निदेशालय अंडरवर्ल्ड से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रहा है. दाऊद इब्राहिम से कनेक्शन और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में नवाब मलिक की गिरफ्तारी के बाद लगातार उनकी मुश्किलें बढ़ रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय) ने अब उनके बेटे फराज मलिक को भी समन भेजा है। दरअसल, ईडी ने फराज मलिक को समन भेजकर तलब किया है। मिली जानकारी के मुताबिक फराज को समन सोमवार को भी भेजा गया था, लेकिन वे उपस्थित नहीं हुए। बता दें कि इससे पहले ईडी ने इसी तरह एनसीपी नेता नवाब मलिक से पूछताछ की फिर उन्हें दफ्तर ले गए और वहीं 8 घंटे की पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। उधर मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार हुए महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने मामले को रद्द करने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट ( Bombay High Court ) में याचिका दायर की है। दरअसल स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों के कारण एनसीपी नेता नवाब मलिक को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि, अब उन्हें छुट्टी मिल गई है और वे फिर से ईडी की हिरासत में हैं। महाराष्ट्र के मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक ने ईडी के खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले को रद्द करने के लिए कोर्ट में अपील की है। मलिक ने अपनी याचिका में कहा है कि उनकी गिरफ्तारी अवैध है। इसी आधार पर उन्होंने तुरंत रिहाई की मांग की है। याचिका में मलिक ने कहा कि 'मैं पहला नहीं हूं, जिसे निशाना बनाया गया है। यह देशभर में चिंता बढ़ाने वाला ट्रैंड है, जहां सत्ता में बैठी पार्टी की तरफ से केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है।' दरअसल बीते बुधवार को एनसीपी नेता को ईडी ने गिरफ्तार किया था। उन पर दाऊद इब्राहिम के करीबी से संपत्ति खरीदने का आरोप है। इसके अलावा मनी लांड्रिंग से जुड़े मामले में भी ईडी जांच कर रही है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मलिक की गिरफ्तारी के बाद बताया कि, नवाब मलिक ने कथित रूप से मुनिरा प्लंबर से 300 करोड़ रुपए का प्लाट कुछ लाख रुपए में एक कंपनी के जरिये हड़पा था। इस कंपनी का नाम सॉलिड्स इन्वेस्टमेंट प्रा.लि. है और कंपनी का मालिक मलिक परिवार है।
जीपीएस ट्रैकर के जरिए अपनी पूर्व
गर्लफ्रेंड का पीछा करने के आरोप में दिल्ली पुलिस ने 47 साल के एक व्यक्ति को गिरफ्तार
किया है। आरोपी युवक ने अपनी एक्स गर्लफ्रेंड की कार में जीपीएस ट्रैकर लगाया था।
उत्तर प्रदेश में
छठे चरण
के लिए
आज प्रचार
थम जाएगा।
इस चरण
में तीन
मार्च को
10 जिलों की
57 सीटों पर
मतदान होगा।
लखनऊ में
शिवमंदिर पहुंचकर
कांग्रेस महासचिव
प्रियंका गांधी
ने की
पूजा। गोरखपुर
में सीएम
योगी आदित्यनाथ
का सपा
पर निशाना,
बोले- यूपी
में बुल्डोजर
और विकास
साथ-साथ
चलेगा।
यूपी चुनाव : मोदी-योगी के गढ़
में अखिलेश का 'लिटमस टेस्ट'.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
बुधवार को
यूपी में
2 जनसभाओं के जरिये जनता को
साधेंगे. रॉबर्ट्सगंज(सोनभद्र) जनसभा-
1 बजे. गाज़ीपुर जनसभा- 2 बजे
अखिलेश आजमगढ़ में
बुधवार को
सियासी दिग्गज
तैयार करेंगे
गृहमंत्री अमित शाह
का मुबारकपुर
विधानसभा क्षेत्र
के शाहगढ़,
मोहब्बतपुर में जनसभा- 3:00 बजे
सीएम योगी का
सदर विधानसभा
क्षेत्र के
करतालपुर समीप
2:30 बजे और
सगड़ी विधानसभा
क्षेत्र में
3:30 बजे जनसभा
प्रियंका गांधी 2 मार्च
को सदर
विधानसभा क्षेत्र
के रानी
की सराय
चेक पोस्ट
के पास
जनसभा- 02:30 बजे
सीएम योगी का
बुधवार को
मऊ और
आजमगढ़ दौरा
. मधुबन विधानसभा,11.30
बजे जनसभा.
घोसी विधानसभा,12.30
बजे जनसभा.
मऊ सदर
व मोहम्मदाबाद
गोहना वि.स.हेतु,1.30
बजे जनसभा.
जनसभा,आजमगढ़
सदर विधानसभा,2.40
बजे. जनसभा,
सगड़ी विधानसभा,3.30
बजे
केंद्रीय गृह मंत्री
अमित शाह
का बुधवार
को चंदौली,
जौनपुर और
आजमगढ़ .सुबह
11ः45 बजे
बाल्मीकि इंटर
कालेज बलुवा
सकलडीहा, चन्दौली
. दोपहर 1 बजे कालेज केराकत मछलीशहर
जौनपुर. दोपहर
2ः30 महाविद्यालय
मोहब्बतपुर मुबारकपुर आजमगढ़
बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष
जेपी नड्डा
का बुधवार
को वाराणसी
दौरा. शाम
4:30 बजे वाराणसी
में उद्यमियों
को संबोधित
करेंगे बीजेपी
अध्यक्ष,महमूरगंज
रोड वाराणसी.
वाराणसी,शाम
6:15 बजे प्रबुद्ध
समाज को
संबोधित करेंगे
जेपी नड्डा
कांग्रेस महासचिव प्रियंका
गांधी का
बुधवार को
मऊ, और
आजमगढ़ दौरा.
01 PM- इंदिरा गांधी पीजी कॉलेज, मधुबन
मऊ में
जनसभा. 02.30 PM- खैराबाद, मोहम्मदाबाद
गोहना में
जनसभा. 04 PM- रानी की सराय,
आज़मगढ़ में
जनसभा
AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी
का मुबारकपुर
विधानसभा क्षेत्र
के स्पोर्ट
ग्राउंड मुबारकपुर
में जनसभा-12:00
बजे
करेंगे.
सुहेलदेव समाज पार्टी
अध्यक्ष ओमप्रकाश
राजभर का
बुधवार को
मिर्जापुर और भदोही दौरा है.
वह मिर्जापुर
के बापू
उपरोध इंटर
कॉलेज में
आयोजित जनसभा
को संबोधित
करेंगे. दोपहर
12:00 बजे पहुंचेंगे
भदोही में पूर्व
मंत्री ओमप्रकाश
राजभर सपा
प्रत्याशी के पक्ष में चुनावी
जनसभा को
संबोधित करेंगे.
11:30 बजे भारतीय कला दर्शन इंटर
कॉलेज मैदान
खड़कपुर में
होगी जनसभा.
पिछले 24 घंटों के
दौरान, जम्मू
कश्मीर, गिलगित-बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद
और अरुणाचल
प्रदेश के
ऊपरी इलाकों
में छिटपुट
हल्की बारिश
तथा हलकी
बर्फ़बारी हुई।
अंडमान और
निकोबार द्वीप
समूह के
दक्षिणी हिस्सों
में हल्की
से मध्यम
बारिश हुई
और कुछ
स्थानों पर
भारी बारिश
हुई। छत्तीसगढ़
में छिटपुट
हल्की से
मध्यम बारिश
हुई। पूर्वी
मध्य प्रदेश
असम, मेघालय
और नागालैंड
में छिटपुट
हल्की बारिश
हुई। अगले
48 घंटों के
दौरान, अंडमान
और निकोबार
द्वीप समूह
के दक्षिणी
हिस्सों में
हल्की से
मध्यम बारिश
हो सकती
है और
कुछ स्थानों
पर भारी
बारिश हो
सकती है।
अगले 2 से
3 दिनों के
दौरान पश्चिमी
हिमालय में
हल्की बारिश
और बर्फ़बारी
हो सकती
है। 2 मार्च
को उत्तर
पश्चिमी और
पश्चिमी राजस्थान,
पंजाब, हरियाणा
और दिल्ली
के कुछ
हिस्सों में
गरज के
साथ हल्की
बारिश हो
सकती है।
3 मार्च को
पंजाब, हरियाणा
और उत्तर
पश्चिमी उत्तर
प्रदेश में
छिटपुट बारिश
संभव है।
3 मार्च को
तमिलनाडु के
दक्षिणी और
तटीय भागों
में हल्की
से मध्यम
बारिश शुरू
हो सकती
है। 4 मार्च
को तीव्रता
बढ़ सकती
है और
तमिलनाडु, केरल, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक
और दक्षिण
आंध्र प्रदेश
के कई
हिस्सों को
कवर कर
सकती है।
1 और 2 मार्च
को दक्षिण
अंडमान सागर
और 2 से
4 मार्च के
बीच श्रीलंका,
तमिलनाडु और
आंध्र प्रदेश
के तट
पर स्थितियां
खराब हो
सकती हैं।
Nawab Malik pleas HC to quash money laundering case against
him
Ukraine crisis: PM Modi asks Air Force to evacuate stranded
Indians
Indian students in east Ukraine facing grim situation:
Evacuee
Air India Express flight with 182 Indians evacuated from
Ukraine lands in Mumbai
India reports 6915 new Covid infections; active cases below
1 lakh after 2 months
Yashwant Sinha advises Modi to step in as mediator in
Russia-Ukraine conflict
Russian military warns to hit facilities in Kiev, asks
civilians to leave
Ukraine crisis: Scindia leaves for Bucharest to facilitate
evacuation of stranded Indians
Indian student killed in Kharkiv
Ukraine's 2nd-largest city hit by new shelling
India's evacuation programme most active among all nations:
Govt sources
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