अडाणी एंटरप्राइजेज ने किया FPO वापस लेने का फैसला
अमेरिकी विदेश मंत्री
एंटनी ब्लिंकन
ने कहा
है कि
अमेरिका वैश्विक
चुनौतियों से निपटने के लिए
भारत के
साथ सहयोग
बढ़ा रहा
है। हमारी
रणनीतिक साझेदारी
को गहरा
करने पर
चर्चा करने
के लिए
आज भारतीय
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल
के साथ
मेरी अच्छी
मुलाकात हुई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
ने कहा
आम बजट
में मिडल
क्लास का
रखा गया
है खास
ध्यान। उन्होंने
कहा- इसमें
गांव, गरीब
और किसानों
का ध्यान
रखा गया।
प्रधानमंत्री ने कहा, इस बजट
से विकसित
भारत का
सपना पूरा
होगा। हमने
टेक्नोलॉजी पर बहुत बल दिया
है। साथ
ही कहा
कि बजट
में वंचितों
को वरियता
दी गई।
महिलाओं के
लिए भी
विशेष बजट
है। उन्होंने
कहा कि
इस बजट
भारत के
विकास को
नई गति
मिलेगी। बजट
में MSMEs के ध्यान और पेमेंट
की नई
व्यवस्था बनाए
जाने का
भी जिक्र
किया।
बजट को लेकर
विपक्ष में
नहीं दिखी
एकराय। एक
ओर जम्मू-कश्मीर के
पूर्व मुख्यमंत्री
फारूक अब्दुल्ला
ने बजट
की तारीफ
की। उन्होंने
कहा कि
बजट में
मध्यम वर्ग
को मदद
दी गई
है, सबको
कुछ न
कुछ दिया
गया है।
जबकि कांग्रेस
अध्यक्ष मल्लिकार्जुन
खरगे ने
इसे जुमला
बजट बताया।
उन्होंने कहा
कि महंगाई
को रोकने
के लिए
इस बजट
में कुछ
नहीं है।
रोजगार के
लिए इस
बजट में
कुछ नहीं
है।
देश के बजट
में वित्त
मंत्री ने
दी टैक्सपेयर्स
को बड़ी
राहत। सात
लाख रुपये
तक की
आय पर
नहीं देना
होगा टैक्स।
हालांकि यह
सिर्फ नई
टैक्स रिजीम
के तहत
मिलेगी। अभी
भी इनकम
टैक्स रिटर्न
भरने के
2 ऑप्शन बने
रहेंगे। सरकार
ने नई
टैक्स रिजीम
को डिफॉल्ट
ऑप्शन कर
दिया है।
यानी बजट
में इनकम
टैक्स से
दी गई
राहत सिर्फ
इसी पर
लागू होगी।
अगर आप
पुराना टैक्स
रिजीम चुनते
हैं तो
आपको ये
राहत नहीं
मिलेगी।-क्या
है नया
टैक्स स्लैब,2023,0
से तीन
लाख 0 फीसदी,3
से 6 लाख
5 फीसदी,6 से 9 लाख 10 फीसदी,9 से
12 लाख 15 फीसदी,12 से 15 लाख 20 फीसदी,15
लाख से
ज्यादा 30 फीसदी,
वित्त मंत्री निर्मला
सीतारमण ने
अपने बजट
भाषण के
दौरान कहा
कि कस्टम
ड्यूटी, सेस,
सरचार्ज दर
में बदलाव
किया गया
है। खिलौनों
पर लगने
वाला सीमा
शुल्क घटाकर
13 फीसदी किया
गया। एलईडी
टीवी, कपड़ा
मोबाइल फोन,
खिलौना, मोबाइल
कैमरा लेंस,
इलेक्ट्रिक गाड़ियां, हीरे के आभूषण,
बायोगैस से
जुड़ी चीजें,
लिथियम सेल्स,
साइकिल सस्ते
होंगे। वहीं,
सिगरेट, शराब,
छाता, विदेशी
किचन चिमनी,
सोना, आयातित
चांदी के
सामान, प्लेटिनम,
एक्स-रे
मशीन और
हीरे पर
जेब ज्यादा
ढीली करनी
होगी।
चैटिंग ऐप व्हाट्सएप
ने सुप्रीम
कोर्ट में
बताया- लोग
उसकी 2021 की प्राइवेसी पॉलिसी से
बाध्य नहीं
हैं और
ना ही
नए डेटा
कानून आने
तक ऐप
के काम
पर असर
होगा। कोर्ट
ने व्हाट्सएप
को निर्देश
दिए हैं
कि वह
इस बारे
में पांच
नेशनल अखबारों
में कम
से कम
दो बार
फुल पेज
विज्ञापन दे।
जिससे लोगों
को इस
बारे में
पता चल
सके।
जनवरी 2023 में 1 लाख
55 हजार 922 करोड़ रुपए रहा GST कलेक्शन।
यह अब
तक के
कलेक्शन में
एक महीने
में दूसरा
सबसे बड़े
कलेक्शन है।
इसकी जानकारी
देते हुए
वित्त मंत्रालय
ने बताया
कि 31 जनवरी
को शाम
5 बजे तक
जनवरी महीने
का GST कलेक्शन
1,55,922 करोड़ रहा। इसमें से 28,963 करोड़
रुपए CGST यानी केंद्र का GST कलेक्शन
है।
गोपनीय दस्तावेज मामले
में अमेरिकी
राष्ट्रपति बाइडेन के आवास पर
एफबीआई की
छापेमारी
म्यांमार में चुनावों
में देरी
के लिए
बढ़ी इमरजेंसी
की अवधि
अमेरिका की फर्स्ट
लेडी जिल
बाइडेन ग्रैमी
अवॉर्ड में
करेंगी शिरकत
यूक्रेन ने रूस
के खिलाफ
युद्ध के
मैदान में
उतरे एथलीट
की मौत
पर जताया
शोक
मंदी की चिंताओं
के बीच
सोने की
कीमत 9 महीने
के उच्च
स्तर पर
कांग्रेस के स्ट्रैटेजी
ग्रुप की
बैठक आज,
संसद में
सरकार को
घेरने की
बनेगी रणनीति
जम्मू में दो
मंजिला इमारत
ढही, किसी
के घायल
होने की
खबर नहीं
राष्ट्रपति के अभिभाषण
पर आज
धन्यवाद प्रस्ताव
लेकर आएगी
बीजेपी
अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन
की मुश्किलें
बढ़ी, एफबीआई
कर रही
उनके आवासों
की तलाशी
जोधपुर में आज
से G-20 सम्मेलन
का आगाज.
शाहजहांपुर वरिष्ठ पुलिस
अधीक्षक एस
आनंद का
कहना है
कि यूपी
एसटीएफ और
शाहजहांपुर पुलिस ने चरस की
तस्करी के
आरोप में
सदर बाजार
इलाके से
बिहार के
2 मूल निवासियों
को गिरफ्तार
किया और
इनके पास
से अंतरराष्ट्रीय
बाजार में
44.60 करोड़ रुपये मूल्य की 22.300 किलोग्राम
चरस बरामद
हुई।
अरबपति गौतम अडाणी
की कंपनी
अडाणी एंटरप्राइजेज
ने 20000 करोड़
रुपये का
अपना FPO वापस
लेने का
फैसला किया
है। कंपनी
ने कहा
कि इस
FPO को जिन
निवेशकों ने
सब्सक्राइब किया था, उनका पैसा
लौटा दिया
जाएगा। यह
फैसला कंपनी
के निदेशक
मंडल ने
बुधवार को
किया। कंपनी
ने एक
बयान में
कहा, ‘असाधारण
हालात और
मार्केट में
मौजूदा उतार-चढ़ाव को
देखते हुए
कंपनी अपने
निवेशकों के
हित सुरक्षित
करना चाहती
है। इसके
लिए FPO की
रकम वापस
की जाएगी।’
बुधवार को
Nifty अडाणी ग्रुप के दो शेयरों
की वजह
से लाल
निशान में
यानी 46 पॉइंट्स
नीचे 17,616 पर बंद हुआ। अडाणी
ग्रुप के
शेयरों में
हुई भारी
बिकवाली ने
बाजार का
मूड खराब
कर दिया।
यह बिकवाली
इन्वेस्टमेंट फर्म क्रेडिट सुइस की
वजह से
आई। उसने
अडाणी ग्रुप
की कंपनियों
के बॉण्ड
को गिरवी
रखकर कर्ज
देना बंद
कर दिया।
इस खबर
से अडाणी
ग्रुप के
सभी 10 शेयर
लाल निशान
में आ
गए।
क्रेडिट सुइस ने
अडानी पोर्ट्स
एंड स्पेशल
इकनॉमिक जोन,
अडाणी ग्रीन
एनर्जी और
अडाणी इलेक्ट्रिसिटी
मुंबई की
ओर से
बेचे गए
बॉण्ड की
वैल्यू जीरो
कर दी।
इसी वजह
से बुधवार
को ग्रुप
की कंपनियों
के शेयरों
में भारी
बिकवाली हुई।
अमेरिकी शॉर्ट
सेलिंग करने
वाली हिंडनबर्ग
एंटरप्राइजेज की रिपोर्ट आने के
बाद से
ग्रुप की
कंपनियों के
शेयरों में
लगातार बिकवाली
हो रही
है। सिर्फ
बुधवार को
इनकी वैल्यू
में 2 लाख
करोड़ रुपये
की गिरावट
आई। अडाणी
ग्रुप में
बिकवाली का
असर उन
सरकारी बैंकों
पर भी
हुआ, जिन्होंने
अडाणी ग्रुप
को कर्ज
दिया है।
बैंक ऑफ
बड़ौदा, केनरा
बैंक और
PNB के शेयर
8 फीसदी तक
लुढ़क गए,
जबकि SBI 4.8 फीसदी टूटा।
ऑस्ट्रेलिया के कॉरपोरेट
रेगुलेटर ने
बुधवार को
कहा कि
वह शॉर्ट
सेलर हिंडनबर्ग
की रिपोर्ट
की समीक्षा
करेगा। इसकी
रिपोर्ट में
अडाणी ग्रुप
पर शेयरों
में हेराफेरी
और धोखाधड़ी
के आरोप
लगाए थे।
हालांकि, अडाणी
ग्रुप ने
रिपोर्ट को
झूठा बताया
था। अडाणी
के ऑस्ट्रेलियाई
ऑपरेशन से
संबंधित चिंताओं
के बीच,
हिंडनबर्ग ने एक इग्जेक्युटिव की
नियुक्ति और
इसकी अकाउंटिंग
के तरीके
पर सवाल
उठाया है।
रेगुलेटर के
एक प्रवक्ता
ने बताया
कि ऑस्ट्रेलियाई
सिक्युरिटीज एंड इन्वेस्टमेंट कमिशन अडाणी
के खिलाफ
आरोपों की
समीक्षा करेगा
और यह
निर्धारित करेगा कि क्या आगे
की पूछताछ
की जरूरत
है। अडाणी
ग्रुप ऑस्ट्रेलिया
में भी
बिजनेस करता
है।
बिजनेसमैन गौतम अडाणी
दुनिया के
शीर्ष अरबपति
रैंकिंग में
नीचे आ
गए हैं
और अब
सबसे अमीर
एशियाई या
भारतीय नहीं
हैं। अडाणी
के प्रतिद्वंद्वी
बिजनेसमैन मुकेश अंबानी अब फिर
से सबसे
अमीर भारतीय
हो गए
हैं। पिछले
साल अप्रैल
में मुकेश
अंबानी को
पीछे छोड़कर
अडाणी सबसे
अमीर भारतीय
बने थे।
फोर्ब्स के
मुताबिक, दुनिया
के अरबपति
बिजनेसमैन की लिस्ट में मुकेश
अंबानी 9वें
स्थान पर
हैं। अडाणी
इस लिस्ट
में पिछले
हफ्ते तक
तीसरी पोजिशन
पर थे,
जो हिंडनबर्ग
की रिपोर्ट
सामने आने
के बाद
अब 15वीं
पायदान पर
खिसक गए
हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति
जो बाइडन
के न्योते
पर प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी
इस साल
गर्मियों में
अमेरिका की
यात्रा कर
सकते हैं।
माना जा
रहा है
कि बाइडन
ने मोदी
को देश
की राजकीय
यात्रा के
लिए आमंत्रित
किया है।
सूत्रों ने
नाम न
जाहिर करने
की शर्त
पर बताया
कि इस
निमंत्रण को
सैद्धांतिक रूप में स्वीकार कर
लिया गया
है। दोनों
पक्षों के
अधिकारी अब
पारस्परिक रूप से यात्रा की
संभावित तारीखों
पर चर्चा
कर रहे
हैं। सूत्रों
ने बताया
कि अभी
योजना पर
चर्चा शुरुआती
फेज में
है। हालांकि,
यह जानकारी
नहीं दी
गई कि
यह निमंत्रण
कब दिया
गया और
बाइडन की
ओर से
प्रधानमंत्री ऑफिस को निमंत्रण किसने
दिया।
दिल्ली में मेयर
चुनाव की
नई तारीख
का एक
बार फिर
ऐलान किया
गया है।
LG ने इसके
लिए 6 फरवरी
की डेट
तय की
है। स्टैंडिंग
कमिटी के
6 सदस्यों का चुनाव भी इसी
दिन होगा।
इस बार
भी हंगामे
के आसार
हैं। सभी
निर्वाचित और मनोनीत पार्षदों को
शपथ दिलाया
जा चुका
है। 6 और
24 जनवरी को
हंगामे की
वजह से
ही मेयर
और डिप्टी
मेयर का
चुनाव नहीं
हो पाया
था। आम
आदमी पार्टी
पार्टी के
नेता पीठासीन
अधिकारी से
लगातार यह
मांग कर
रहे हैं
कि चुनाव
में वोट
करने वालों
की लिस्ट
सत्ता और
विपक्ष दोनों
को पहले
ही दे
दी जाए।
अगर ऐसा
नहीं होता
है, तो
टकराव अगले
चुनाव वाले
दिन भी
विवाद हो
सकता है।
दिल्ली के
डिप्टी सीएम
मनीष सिसोदिया
ने कहा
कि मेयर
चुनाव की
तारीख का
स्वागत करता
हूं। MCD चुनाव
में AAP की
शानदार जीत
के बावजूद
BJP इस बात
की लगातार
साजिशें कर
रही है
कि मेयर
हमारा न
बन पाए।
केंद्र सरकार ने
एम्स के
बजट में
कटौती कर
दी है,
लेकिन दिल्ली
के अपने
बाकी चारों
अस्पतालों का बजट बढ़ा दिया
है। अमूमन
हर साल
एम्स के
बजट में
बढ़ोतरी होती
थी। पिछले
साल एम्स
को 4190 करोड़
रुपये दिए
गए थे,
जो इस
बार घटकर
4134.67 करोड़ हो गया है। केंद्र
ने सबसे
ज्यादा बढ़ोतरी
RML अस्पताल के बजट में की
है। पिछले
साल इसका
बजट 1095.80 करोड़ था जो इस
बार 1272.18 करोड़ कर दिया गया
है। दिल्ली
पुलिस को
11,932.03 करोड़ रुपये अलॉट किए गए
हैं। पिछली
बार 10355.29 करोड़ रुपये मिले थे।
यह बढ़ोतरी
15.22 फीसदी की है। दिल्ली पुलिस
ट्रैफिक नेटवर्क
डिवेलप करने
पर ये
पैसे खर्च
करेगी।
बजट में दिल्ली-एनसीआर के
ट्रांसपोर्ट सिस्टम को रफ्तार देने
वाले रैपिड
रेल ट्रांजिट
सिस्टम (RRTS) को 3,596 करोड़ रुपये का
फंड दिया
गया है।
सरकार से
प्रोजेक्ट के लिए जितने पैसे
की डिमांड
की गई
थी, बजट
में उतनी
राशि दी
गई है।
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रैपिड
रेल कॉरिडोर
की लंबाई
82 किमी है।
मेरठ-साहिबाबाद
के बीच
करीब 17 किमी
का सेक्शन
इसी साल
शुरू हो
जाएगा।
केरल के पत्रकार
सिद्दीक कप्पन
की जमानत
की श्योरिटीज
बुधवार को
एक अदालत
में जमा
कर दी
गई। इससे
उनकी जेल
से रिहाई
का रास्ता
साफ हो
गया है।
कप्पन के
वकील ने
कहा कि
गुरुवार को
वह जेल
से बाहर
आ सकते
हैं। अदालत
ने जेल
प्रशासन को
रिहाई का
आदेश भेज
दिया है।
कप्पन लखनऊ
के जेल
में बंद
हैं।
जम्मू-कश्मीर के
गुलमर्ग में
हिमस्खलन की
चपेट में
आने से
पोलैंड के
दो टूरिस्ट
की मौत
हो गई।
करीब 21 विदेशियों
को बचा
लिया गया
है। स्कीइंग
रेजॉर्ट की
अफरवत चोटी
पर बर्फीला
तूफान आया
था।
गिल ने 63 गेंदों
में 126 रन
बनाए। भारत
के 234 रन
के जवाब
में न्यूजीलैंड
की पूरी
टीम 66 रन
ही बना
पाई। इस
तरह भारत
ने न्यूजीलैंड
को 168 रनों
से हरा
दिया। साथ
ही T20 सीरीज
भी अपने
नाम कर
ली।
नोएडा सेक्टर-93 में
मंगलवार रात
तेज रफ्तार
मर्सडीज कार
में एक्सिडेंट
के बाद
आग लग
गई। इस
हादसे में
फरीदाबाद की
JCB कंपनी के मैनेजर की जिंदा
जलने से
मौत हो
गई। एक्सिडेंट
के बाद
गाड़ी के
दोनों दरवाजे
लॉक हो
गए थे।
जान गंवाने
वाले अनुज
सहरावत रोहिणी
में रहते
थे। दिल्ली
से नोएडा
आते वक्त
हादसा हुआ।
बारिश के बाद
साफ हुई
हवा के
साथ ही
दिल्ली-एनसीआर
में GRAP-2 की पाबंदियों को हटा
लिया गया
है। ये
पाबंदियां 19 अक्टूबर 2022 को हवा के
बेहद खराब
होने की
वजह से
लगाई गई
थीं। करीब
साढ़े तीन
महीने बाद
इसे वापस
लिया गया
है। पिछले
कुछ साल
तक ये
पाबंदियां जिसमें डीजल जेनरेटरों पर
रोक भी
शमिल थी,
फरवरी के
अंतिम हफ्ते
या तक
हटाई जाती
थीं। ग्रैप
का पहला
चरण अभी
लागू रहेगा।
अमेरिकी और
जापानी नेताओं
के बीच
हुई मुलाक़ात
में प्रशांत
महासागर क्षेत्र
में अमेरिकी
फ़ौज की
प्रतिबद्धता को एक बार फिर
रेखांकित किया
गया है.यूएस मरीन
कोर अमेरिकी
फ़ौज का
सबसे सम्मानजनक
अंग है.
पर इस
कोर में
इन दिनों
एक कड़वाहट
भरी बहस
छिड़ी हुई
है.मरीन
कोर के
रिटायर वरिष्ठ
कमांडर, मौजूदा
जनरलों पर
एक के
बाद एक
शब्द बाण
चला रहे
हैं. उन्हें
अमेरिका के
सबसे प्रतिष्ठित
योद्धाओं की
फौज में
परिवर्तनों की कोशिश पर सख़्त
एतराज़ है.रिटायर योद्धाओं
को फ़ोर्स
डिज़ाइन 2030 नाम की योजना पर
आपत्ति है.
इस योजना
का उद्देश्य
अमेरिकी सेना
के इस
विशेष अंग
को भविष्य
में चीन
के विरुद्ध
किसी संभावित
युद्ध के
लिए तैयार
करना है.जब से
इस योजना
की बात
शुरू हुई
है, रिटायर
जनरलों ने
अप्रत्याशित ढंग से मीडिया में
खुलकर इसकी
आलोचना शुरू
कर दी
है. सेना
के मामलों
में रिटायर
अधिकारी भी
प्रेस से
बात करने
से गुरेज़
करते रहे
हैं.लेकिन
इस बार
रिटायर अधिकारी
खुलेआम सेमिनारों
में इस
नए प्लान
की धज्जियां
उड़ा रहे
हैं. वे
इसे मरीन
कोर के
भविष्य के
लिए डिज़ास्टर
यानी तबाही
बता रहे
हैं.अमेरिकी
नेवी के
एक पूर्व
सचिव जिम
वेब विएतनाम
युद्ध में
मरीन अधिकारी
थे. वे
साल 2015 में
डेमोक्रेटिक पार्टी के भीतर राष्ट्रपति
के नोमिनेशन
के लिए
चुनाव लड़े
थे.अमेरिकी
अख़बार वॉल
स्ट्रीट में
जिम वेब
ने इसे
'परिक्षण के
अभाव वाली
त्रुटिपूर्ण योजना' बताया है.उन्होंने
चेतावनी भरे
अंदाज़ में
'मरीन कोर
की संरचना,
हथियार प्रणाली
और सैनिकों
के स्तर
में नाटकीय
कमी' के
दीर्घकालिक जोखिम के बारे में
गंभीर प्रश्न
उठाए हैं.ये प्लान
साल 2020 में
मरीन कोर
कमांडर डेविड
बर्गर ने
लॉन्च की
थी. प्लान
का मक़सद
इंडो-पैसेफ़िक
क्षेत्र में
चीन के
साथ संभावित
युद्ध की
स्थिति में
अमेरिका के
मरीन सैनिकों
को तैयार
करना है.
इन सैनिकों
ने अब
तक इराक़
और अफ़ग़ानिस्तान
जैसे काउंटर
इनसर्जेंसी युद्धों में ही हिस्सा
लिया है.इस योजना
में मरीन
सैनिकों को
समुद्र के
द्वीपों पर
अलग-अलग
यूनिट के
रूप में
लड़ना सिखाया
जाएगा. ये
यूनिट छोटे
तो होंगे
लेकिन नए
हथियारों की
वजह से
इनकी मारक
क्षमता बहुत
अधिक होगी.दूसरे विश्व
युद्ध की
तर्ज पर
समुद्र किनारे
ढेरों सैनिकों
को उतारना
या इराक़
में हुई
तैनाती, अमेरिकी
सेना के
लिए एक
अतीत की
बात हो
जाएगी.योजना
का सबसे
विवादास्पद हिस्सा है पैदल सैनिकों
की संख्या
में कटौती
और टैंकों
का इस्तेमाल
बिल्कुल बंद
करना.अमेरिका
का मरीन
कोर यूएस
नेवी का
ही एक
अंग है,
पर दूसरे
विश्व युद्ध
के बाद
ये एक
अलग सर्विस
के रूप
में उभरा
है. इसी
कोर के
सैनिकों ने
इराक़ और
अफ़ग़ानिस्तान के अभियान में महत्वपूर्ण
भूमिकाएं निभाई
हैं.जनता
की नज़र
में मरीन
कोर की
साख बहुत
कुछ दूसरे
विश्व युद्ध
से जुड़ी
हुई है.
हॉलीवुड फ़िल्मों
ने भी
अमेरिकी सेना
की इस
सर्विस पर
कई फ़िल्में
बनाई हैं.
हाल ही
में स्टीवन
स्पीलबर्ग और टॉम हैंक्स ने
'द पैसेफ़िक
नाम' की
एक सीरिज़
भी बनाई
है.लेकिन
नए प्लान
में मरीन
हॉलीवुड फ़िल्मों
जैसे तो
बिल्कुल नहीं
लड़ेंगे.आलोचकों
का कहना
है कि
मरीन कोर
में आने
वाले परिवर्तनों
का सबसे
बड़ा असर
इन सैनिकों
को ज़रूरत
पड़ने पर
कहीं भी
तैनात किए
जाने की
भूमिका पर
पड़ेगा. क्योंकि
अब मरीन
कोर का
मुख्य फ़ोकस
चीन और
इंडो-पैसेफ़िक
हो जाएगा.ये पैसे
मरीन कोर
के ख़र्चे
में की
जा रही
18.2 अरब अमेरिकी
डॉलर की
कटौती से
ही फंड
होगा.नए
रॉकेट आर्टिलरी
सिस्टम के
अलावा, नया
एंटी-शिपिंग
मिसाइल भी
तैनात किए
जाएंगे, जो
ज़मीन या
ड्रोन से
फ़ायर किए
जा सकते
हैं.कोशिश
अमेरिकी सेना
को एस
ऐसे युद्ध
के लिए
तैयार करना
है जो
यूक्रेन की
जंग जैसा
हो सकता
है.फ़ोर्स
डिज़ाइन 2030 का फ़ोकस बड़ी यूनिटों
को छोटा
करना और
उन्हें छोटे-छोटे द्वीपों
पर लड़ना
सिखाना है.
योजना यही
है कि
ये छोटे
यूनिट अधिक
बड़े इलाक़े
में कम
समय के
भीतर युद्ध
में हिस्सा
लें.वॉशिंगटन
के ब्रूकिंग्स
इंस्टीट्यूट में विदेश नीति के
निदेशक और
मिलिट्री मामलों
के जानकार
माइक ओ'हैनलॉन इस
तर्क को
ख़ारिज करते
हैं कि
चीन पर
फ़ोकस से
मरीन कोर
के बाक़ी
दुनिया में
ऑपरेशन मे
ख़लल पड़ेगा.वे कहते
हैं कि
मरीन की
जहां भी
ज़रूरत होगी
वे जाएंगे
और नई
पॉलिसी से
ये कतई
प्रभावित नहीं
होगा.कई
विशेषज्ञों ने कहा है कि
अगर मरीन
के भविष्य
की जंग
की चुनौतियों
के लिए
तैयार करना
है तो
परिवर्तन अनिवार्य
है.यूएस
नेशनल डिफ़ेंस
यूनिवर्सिटी के रिसर्च फ़ैलो और
मरीन ऑफ़िसर
रह चुके
डॉक्टर फ़्रैंक
हॉफ़मेन कहते
हैं, "आलोचक एक गौरवमयी अतीत
की ओर
झांक रहे
हैं. ये
चीन और
टेक्नोलॉजी के परिपेक्ष्य में सामरिक
तस्वीर को
साफ़-साफ़
नहीं देख
पा रहे
हैं."सबसे अधिक आलोचना टैंकों
को मरीन
कोर से
पूरी तरह
से हटा
देने पर
हो रही
है.लेकिन
डॉक्टर हॉफ़मेन
कहते हैं
कि ये
फ़ैसला बिल्कुल
सही है.
उनका कहना
है कि
अब भी
मरीन कोर
के पास
पर्याप्त बख़्तरबंद
वाहन हैं,
बस भारी-भरकम टैंक
ही हटाए
जा रहे
हैं.वे
कहते हैं,
"ये इसलिए
ज़रूरी है
ताकि हम
किसी भी
इलाक़े के
भीतर तक
हमला कर
सकें. वो
भी तेज़
गति और
बेहतर फ़ायर
पावर के
साथ. अब
तक मरीन्स
इस काम
के लिए
हवाई हमलों
का प्रयोग
करते थे.
लेकिन अब
मरीन्स के
पास परंपरागत
आर्टिलरी के
अलावा मिसाइलों
का ज़ख़ीरा
होगा जो
घातक होने
के साथ-साथ उनके
रेंज को
भी बढ़ा
देगा."यह भी पढ़ें:- क्या
पाकिस्तान को अमेरिकी सैन्य मदद
ने बनाया
था भारत
को रूसी
हथियारों का
ख़रीदार?रूस
और यूक्रेन
की जंग
ने ड्रोन
और रॉकेट
आर्टिलरी की
अहमियत को
रेखांकित किया
है. साथ
ही इन
दो हथियारों
का सटीक
निशाना और
भीतर तक
मार करने
की क्षमता
भी हाइलाइट
हुई है.लेकिन यूक्रेन
की रणभूमि
और पैसिफ़िक
सागर में
संभावित युद्ध
में बहुत
फ़र्क है.
चीन के
साथ संभावित
जंग घने
जंगलों और
घास के
मैदानों के
बजाय समुद्र
में हज़ारों
मील के
बीच फैले
कई छोटे-छोटे द्वीपों
पर होगी.फ़ोर्स डिज़ाइन
2030 प्रोग्राम में लगातार सुधार किए
जा रहे
हैं. इस
योजना में
कई परिवर्तन
किए जा
चुके हैं
और संभव
है कि
भविष्य में
भी बदलाव
होंगे.योजना
एक दिशा
में आगे
तो बढ़
रही है
पर अब
भी कुछ
अनसुलझी समस्याएं
हैं. इनमें
एक लंबे-चौड़े महासागर
में फैले
द्वीपों पर
लड़ने की
लॉजिस्टिक चुनौती सबसे प्रमुख है.जल और
थल पर
एक साथ
युद्ध की
क्षमता ही
इस भविष्य
की जंग
के केंद्र
में होगा.
लंदन के
नैवल फ़ोर्सज़
ऐंड मेरीटाइम
सिक्यूरिटी में सीनियर फ़ैलो निक
चाइल्ड बताते
हैं कि
ज़मीन और
पानी पर
होने वाले
युद्ध के
लिए नए
किस्म के
जहाज़ों की
दरकार होगी.निक चाइल्ड्स
कहते हैं,
"सिर्फ़ परंपरागत सुमद्री जहाज़ों पर
भरोसा करना
उन्हें महंगा
पड़ सकता
है क्योंकि
उनका सामना
अत्याधुनिक हथियारों से होने वाला
है. ऐसी
जंग के
लिए बहुत
सारे छोटे-छोटे समुद्री
जहाज़ों की
ज़रूरत होगी
जो तेज़ी
से तैनात
किए जा
सकें और
आसानी से
कहीं भी
पहुँच सकें."
छोटे जहाज़
अमेरिका के
अपने कई
बड़े शिपयार्ड्स
में जल्दी
से बनाए
जा सकते
हैं. लेकिन
शायद उस
गति से
नहीं जिसकी
नेवी को
ज़रूरत होगी.अमेरिकी नेवी
को बड़ी
संख्या में
नए युद्धपोतों
की भी
ज़रूरत होगी.
ये साफ़
नहीं है
कि इनके
लिए फंड
कहां से
आएंगे.जोनाथन
मार्कुस ब्रिटेन
की यूनिवर्सिटी
ऑफ़ एक्सेटर
में मानद
प्रोफ़ेसर हैं. वे लंबे समय
तक बीबीसी
के वरिष्ठ
संवाददाता भी रहे हैं.
पिछले 24 घंटों के
दौरान, उत्तर
पश्चिम और
मध्य भारत
में मुख्य
रूप से
पंजाब, हरियाणा,
राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, दक्षिण
उत्तर प्रदेश,
झारखंड और
विदर्भ के
कुछ हिस्सों
में न्यूनतम
तापमान में
2 से 4 डिग्री
की गिरावट
आई है।जम्मू
और कश्मीर,
पूर्वी उत्तर
प्रदेश, ओडिशा
के उत्तरी
तट पर
हल्की बारिश
हुई।दक्षिण तमिलनाडु, अंडमान और निकोबार
द्वीप समूह
और दक्षिण
केरल में
छिटपुट हल्की
बारिश हुई।अगले
24 घंटों के
दौरान, 1 फरवरी
को तमिलनाडु
के दक्षिणी
हिस्सों और
दक्षिण केरल
में हल्की
से मध्यम
बारिश के
साथ एक
या दो
तेज बारिश
संभव है।
2 फरवरी को
बारिश की
तीव्रता और
बढ़ेगी।श्रीलंका तमिलनाडु तट पर समुद्र
की स्थिति
बहुत खराब
से बहुत
खराब रहेगी।
हवा की
रफ्तार 40 से 50 किमी प्रति घंटा
हो सकती
है।एक ताजा
पश्चिमी विक्षोभ
पश्चिमी हिमालय
पर मध्यम
बारिश और
हिमपात को
हल्का देना
शुरू कर
देगा और
यह बारिश
और हिमपात
की गतिविधियां
4 फरवरी तक
जारी रह
सकती हैं।देश
के उत्तर
पश्चिमी मध्य
और पूर्वी
भागों में
न्यूनतम तापमान
में और
गिरावट।
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