पीएम मोदी आज खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी खेलों का करेंगे आगाज

 

नई संसद के बायकॉट पर मोदी का विपक्ष को जवाब:बोले- ऑस्ट्रेलिया के भारतीय इवेंट में वहां का सत्ता पक्ष-विपक्ष साथ बैठा, ये लोकतंत्र की आत्मा है.

पीएम मोदी आज खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी खेलों का करेंगे आगाज, उत्तराखंड को मिलेगी वंदे भारत एक्सप्रेस की सौगात.PM मोदी होंगे चीफ गेस्ट.

विपक्ष को नवीन पटनायक ने दिया बड़ा झटका, संसद के उद्घाटन में शामिल होगी BJD. केंद्र सरकार को अकाली दल के बाद BJD-YSR का मिला समर्थन, NDA ने बायकॉट करने वाले दलों को घेरा

'पूरी दुनिया भारत को सुनना चाहती है', पालम एयरपोर्ट पर बोले पीएम मोदी

'ये बुद्ध और गांधी की धरती, सबके लिए काम करती है', पालम एयरपोर्ट पर बोले पीएम मोदी

जापान, पापुआ न्यू गिनी और ऑस्ट्रेलिया की अपनी तीन देशों की यात्रा के बाद दिल्ली पहुंचे PM मोदी

फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डीसांटिस 2024 में लड़ सकते हैं US राष्ट्रपति का चुनाव

गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई को अहमदाबाद की साबरमती सेंट्रल जेल से दिल्ली लाया गया

राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के नोहर में आकाशीय बिजली गिरने से एक व्यक्ति की दर्दनाक मौत

लखनऊ के हजरातंज इलाके में युवक को मारी गई गोली, घायल का इलाज जारी

3 देशों की यात्रा के बाद भी नहीं थके PM मोदी, आज सुबह से ही ताबड़तोड़ बैठकें

राज्यमंत्री ने फूड इंस्पेक्टर को सस्पेंड किया, जेई-XEN पर कार्रवाई के आदेश

उत्तराखंड को आज मिलेगा पहला वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन, PM दिखाएंगे हरी झंडी

लखनऊ के खिलाफ जीत के बाद खुशी से गदगद हिटमैन ने पढ़े आकाश मढ़वाल की तारीफ में कसीदे

सीएम योगी बोले- जनसुनवाई सुनिश्चित कर करें आमजन की समस्याओं का समयबद्ध निस्तारण

रुड़की के आकाश मढ़वाल ने रचा इतिहास, तोड़ा आईपीएल का सबसे बड़ा गेंदबाजी रिकॉर्ड

अगले साल 15 जनवरी से पहले खुल सकता है प्रभु श्रीराम का मंदिर, भक्तों को होंगे अलौकि दर्शन

LAC पर ट्रिपल होगी सेना की टैंक पावर, T-90 और T-72 के साथ स्वदेशी लाइट टैंक जोरावर का रोल आउट जल्द 

Pakistan में अपनी पार्टी के बैन होने की खबरों से घबराए इमरान, न्यायाधीशों से बोले- 'आप ही आखिरी उम्मीद'

भगवा कुर्ता पहनने पर मस्जिद के इमाम ने धमकाया, कहा-'केसरिया हिंदुओं का रंग है, इस रंग में नमाज अदा नहीं कर सकते'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी खेलों के तीसरे सत्र का वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये उद्घाटन करेंगे। इस साल खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी खेल 25 मई से तीन जून तक उत्तर प्रदेश में आयोजित किए जाएंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में यह जानकारी दी गई।इन खेलों में 4750 से अधिक एथलीट 21 खेलों में 200 से अधिक विश्वविद्यालयों का प्रतिनिधित्व करेंगे। खेल वाराणसी, गोरखपुर, लखनऊ और गौतम बुद्ध नगर में आयोजित किए जाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी 25 मई को शाम सात बजे वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये शुरुआत करेंगे। खेलों का शुभंकर जीतू बारहसिंघा है, जो उत्तर प्रदेश का राज्य पशु है। खेलों का समापन बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) वाराणसी में तीन जून को होगा। इस अवसर पर केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर, केंद्रीय खेल राज्य मंत्री निसिथ प्रमाणिक समेत प्रदेश के तमाम मंत्री और अधिकारी मौजूद रहेंगे। शुभारंभ समारोह में मशहूर गायक कैलाश खेर अपनी प्रस्तुति भी देंगे। कार्यक्रम के अनुसार, लखनऊ के 8 स्थानों पर 12 खेलों तीरंदाजी, जूडो, मल्लखंब, वॉलीबॉल, तलवारबाजी, बैडमिंटन, टेबल टेनिस, रग्बी, एथलेटिक्स, हॉकी, फुटबॉल की मेजबानी करेगा। गौतम बुद्ध नगर (नोएडा) तीन स्थानों में पांच खेलों बास्केटबॉल, कबड्डी, मुक्केबाजी, तैराकी और भारोत्तोलन की मेजबानी करेगा। वाराणसी आईआईटी-बीएचयू, दो खेलों कुश्ती और योगासन की मेजबानी करेगा, जबकि, गोरखपुर और दिल्ली क्रमशः नौकायन और निशानेबाजी का आयोजन करेंगे। नौकायन को पहली बार इन खेलों में शामिल किया गया है।पांच मई को लखनऊ से रवाना की गई खेलों की मशाल प्रदेश के 75 जिलों से होते हुए 8948 किमी का सफर तय कर बुधवार को वापस लखनऊ पहुंची। लखनऊ से चार मशालें रवाना की गई थी, जिसके साथ इन खेलों का शुभंकर जीतू भी था। इस दौरान साढ़े पांच लाख से ज्यादा लोगों ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराकर खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स-2022 में भाग लेने वाले विभिन्न विश्वविद्यालय के प्रतिभागी खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाया। अपर मुख्य सचिव (खेल एवं युवा कल्याण), डॉ.नवनीत सहगल ने बताया कि इन खेलों का उद्घाटन समारोह इतना भव्य होगा कि पूरी दुनिया की निगाहें अवध पर टिकी होंगी।उन्होंने कहा कि प्रदेश में खेलों का माहौल अब पूरी तरह से बदल गया है। खिलाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए हमेशा आगे रहने वाली सरकार खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी खेलों के सहारे विश्व खेल पटल पर अपनी छाप छोड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने कहा कि हाल ही में लखनऊ में हुए आईपीएल के मुकाबलों में जो जोश दिखा था, वैसा ही जोश इन खेलों में दिखेगा।

पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान और सेना के बीच विवाद की शुरुआत तो उनके प्रधानमंत्री रहते ही हो गई थी लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों की राय में इस 9 मई को होने वाली हिंसक घटनाओं के बाद निकट भविष्य में दोनों पक्षों के बीच संबंध बेहतर होने की कोई ख़ास संभावना नज़र नहीं रही है.17 मई को एक वीडियो बयान में पाकिस्तान तहरीक--इंसाफ़ के अध्यक्ष इमरान ख़ान का कहना था, "देश में चुनाव करवाए जाएं और इसे बचाया जाए. मैं कब से इंतज़ार कर रहा हूं कि कोई हमसे बात करे." लेकिन विश्लेषकों के अनुसार संबंध जिस मोड़ पर आगे बढ़ रहे हैं उसे देखते हुए इमरान ख़ान की बातचीत का प्रस्ताव इस समय स्वीकार होने वाला नहीं है.पाकिस्तान के राजनीतिक इतिहास पर अगर नज़र दौड़ाई जाए तो अतीत में राजनेताओं और सेना के बीच लड़ाई, दोतरफ़ा दूरियों की खाई को बढ़ा कर राजनीतिक शासकों को सत्ता से वंचित करने का कारण बनती रही है.इसकी शुरुआत पाकिस्तान की स्थापना के कुछ समय बाद से ही हो गई थी.पाकिस्तान के इतिहास में ऐसे कई उदाहरण मौजूद हैं जिनसे साबित होता है कि सेना से मोर्चाबंदी का अंजाम कभी तो राजनीति और ही राजनेताओं के पक्ष में सामने आया.यह अप्रैल 1953 की घटना है जब उस समय के प्रधानमंत्री ख़्वाजा नाज़िमुद्दीन को गवर्नर जनरल ग़ुलाम मोहम्मद ने अय्यूब ख़ान की सहायता से प्रधानमंत्री के पद से हटा दिया था.उन्हें एक ऐसे समय में हटाया गया था जब उन्हें केवल असेंबली का विश्वास प्राप्त था बल्कि कुछ ही समय पहले वह असेंबली से बजट भी पास करवा चुके थे.क़य्यूम निज़ामी अपनी किताब 'जरनैल और सियासतदान: तारीख़ (इतिहास) की अदालत में' में लिखते हैं कि कुछ इतिहासकारों के अनुसार ख़्वाजा निज़ामुद्दीन जो संविधान तैयार करवा रहे थे उसमें गवर्नर जनरल के अधिकारों को कम कर दिया गया था.उनके मुताबिक, "नाज़िमुद्दीन अय्यूब ख़ान के कार्यकाल को विस्तार देने और सेना के आकार को राष्ट्रीय संसाधनों से अधिक बढ़ाने के विरोधी थे."पाकिस्तान की स्थापना के ठीक 11 साल बाद सन 1958 में देश में पहला मार्शल लॉ लगा दिया गया.क़ुदरतुल्लाह शहाब 'शहाबनामा' में लिखते हैं अक्टूबर 1958 में संविधान को किनारे करने का कोई कारण नहीं था. उस समय पाकिस्तान किसी असामान्य विदेशी ख़तरे से दो-चार नहीं था. आंतरिक ख़तरा केवल यह था कि अगर चुनाव हो जाए तो शायद इस्कंदर मिर्ज़ा को राष्ट्रपति की कुर्सी से हाथ धोना पड़े.""मिलिट्री इंटेलिजेंस ने सैयद अमजद अली और इस्कंदर मिर्ज़ा के बीच टेलीफ़ोन बातचीत सुनी. सैयद अमजद अली के बेटे की शादी इस्कंदर मिर्ज़ा की बेटी से होनी थी.""सैयद अमजद अली ने उन्हें शादी की तारीख़ तय करने को कहा तो इस्कंदर मिर्ज़ा ने जवाब दिया कि वह अगले कुछ दिनों तक बहुत व्यस्त हैं. 'हालात सामान्य हो जाएंगे तो तारीख़ तय हो जाएगी.'कहा जाता है कि अमजद अली ने पूछा कि परिस्थितियां सामान्य होने में बहुत समय लगेगा? तो इस्कंदर मिर्ज़ा ने उसका जवाब दिया कि कुछ दिन में मैं अय्यूब ख़ान को सीधा कर दूंगा."अय्यूब ख़ान को टेलीफ़ोन पर होने वाली इस बातचीत के बारे में बताया गया लेकिन इस पर 27 अक्टूबर तक कोई कार्रवाई की गई क्योंकि अमेरिकी रक्षा सचिव को पाकिस्तान की फ़ौजी मदद की ज़रूरतों पर वार्ता के लिए पाकिस्तान आना था. 27 अक्टूबर को अमेरिकी रक्षा सचिव के दौरे का कार्यक्रम पूरा होने के बाद याहया ख़ान और उनकी टीम ने अपने एक्शन प्लान के दूसरे हिस्से पर कार्रवाई शुरू कर दी जिसके बाद अय्यूब ख़ान ने रात दस बजे इस्कंदर मिर्ज़ा को राष्ट्रपति पद से हटा दिया.  पाकिस्तान के राजनीतिक इतिहास में इस्टैब्लिशमेंट और राजनीतिक शासकों के बीच विवाद का नतीजा कभी भी राजनीतिक शासकों के लिए अच्छा नहीं रहा.फिर वो ज़ुल्फ़िक़ार अली भुट्टो हों या जुनेजो, मियां नवाज़ शरीफ़ हों या बेनज़ीर और यूसुफ़ रज़ा गिलानी हों या फिर इमरान ख़ ज़ुल्फ़िक़ार अली भुट्टो फ़ौज और प्रशासन में सुधारों के इच्छुक थे और लोकतांत्रिक वर्चस्व को स्थापित करना चाहते थे.उन्होंने सत्ता संभालते ही कई ऊंचे दर्जे के फ़ौजी अफ़सरों को सेवा से मुक्त कर दिया जिनमें लेफ़्टिनेंट गुल हसन ख़ान भी शामिल थे.इसी तरह सेनाओं के प्रमुख के पद की अवधि भी एक साल कम कर दी. साथ ही 1972 में फ़ेडरल सिक्योरिटी फ़ोर्स (एफ़एसएफ़) की स्थापना भी हुई.जनरल ज़िया ने 1985 में दल-विहीन चुनाव करवाए थे. चुनाव के बाद प्रधानमंत्री के तौर पर मोहम्मद ख़ान जुनेजो को चुना गया और अधिकतर इतिहासकारों के अनुसार इस चुनाव का मूल आधार जुनेजो का भोलापन माना जाता था क्योंकि ज़िया किसी ऐसे व्यक्ति को प्रधानमंत्री नहीं बनाना चाहते थे जो बाद में उनकी सत्ता को किसी तरह चैलेंज करने की हैसियत रखता हो.मगर जुनेजो और ज़िया के बीच संबंध कुछ ही दिन बाद ख़राब होते चले गए. आख़िकार मई 1988 में राष्ट्रपति ज़िया ने जुनेजो को पद से हटा दिया और राष्ट्रीय असेंबली को भंग कर दिया.बेनजीर भुट्टो पहली बार 1988 के चुनाव में प्रधानमंत्री बनीं मगर वह अपने कार्यकाल को पूरा कर सकीं.सबसे ताक़तवर संस्था के साथ बेनज़ीर के संबंध की ख़राबी की चार वजहें थीं जो उनकी सरकार के पतन का कारण बनीं.""उनमें एक वजह यह थी कि 1990 में बेनज़ीर ने आर्मी के सेलेक्शन बोर्ड के मामले में प्रभाव डालने की कोशिश की जो उन्हें अपदस्थ करने का सबसे मज़बूत कारण बना."मियां नवाज़ शरीफ़ की सत्ता का पहला दौर उसी संघर्ष और मोर्चाबंदी की भेंट चढ़ जाता है मगर जब वह दूसरी बार प्रधानमंत्री बनते हैं तो जनता के बहुमत का विश्वास लेकर बनते हैं, फिर भी अपना कार्यकाल पूरा करने से वंचित रह जाते हैं और जनरल मुशर्रफ़ उन्हें हटाकर सत्ता पर क़ब्ज़ा कर लेते हैं.सन 2016 में एक ख़बर सामने आई जो बाद में 'डॉन लीक्स' के नाम से मशहूर हुई. कहा जाता है कि नवाज़ शरीफ़ की आजीवन अयोग्यता के पीछे 'डॉन लीक्स' एक बड़ी वजह बनी.22 दिसंबर 2011 को उस समय के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने राष्ट्रीय असेंबली में चौधरी निसार अली ख़ान के आपत्ति के बिंदु के जवाब में कहा था, "सत्ता के अंदर सत्ता स्थापित करने की इजाज़त नहीं देंगे. अगर सेना और संबंधित संस्थाएं रक्षा मंत्रालय के मातहत नहीं हैं और अविभाजित भारत से अलग होने के बाद अगर यहां शासित (ग़ुलाम) ही रहना है तो इस संसद और लोकतंत्र का कोई अर्थ और लाभ नहीं."उस समय के आर्मी चीफ़ जनरल अशफ़ाक़ परवेज कियानी ने महमंद और कुर्रम एजेंसियों की चौकियों के दौरे पर फ़ौजी जवानों से कहा था, "पाकिस्तानी फ़ौज लोकतंत्र का समर्थन करती है और करती रहेगी, सेना सत्ता पर क़ब्ज़ा नहीं कर रही."पाकिस्तान के इतिहास में कई प्रधानमंत्री अपना सत्ताकाल पूरा ना कर सके जिसकी बड़ी वजह सैनिक और नागरिक नेतृत्व में विवाद बताई जाती है.इस्टैब्लिशमेंट को एक पॉलिटिकल इलीट ग्रुप के तौर पर भी देखना चाहिए. "पाकिस्तान में शक्तिशाली उच्च वर्ग के जो समूह हैं उनमें एक और राजनीतिक पक्ष है और एक राज्य का पक्ष है और पाकिस्तान में जो शक्तिशाली उच्च वर्ग का बड़ा समूह है वह पाकिस्तान की फ़ौज है."

"यह दुनिया का इतिहास है कि जब भी सत्ता के उच्च वर्ग को कोई चुनौती मिलती है तो वह अपनी हैसियत को बरक़रार रखने के लिए शक्ति का प्रदर्शन करता है."वर्तमान परिस्थितियों के बारे में बात करते हुए ज़ैग़म ख़ान का कहना है इस समय रेड लाइन क्रॉस हो चुकी है. रेड लाइन सिर्फ फ़ौज की नहीं होती बल्कि राज्य की भी होती है और फ़ौज के संयंत्रों और ठिकानों पर हमला किसी भी देश के सेना के लिए स्वीकार्य नहीं.9 मई की घटनाएं राज्यसत्ता की रेड लाइन क्रॉस करने जैसी हैं. मामला कुछ पुरानी इमारतों का नहीं, बल्कि मेरे नज़दीक यह कुछ क्षेत्रों की पवित्रता के हनन का है.""एक राजनीतिक दल को निशाना बनाने की यह परंपरा अनुकरणीय नहीं और लग ऐसा रहा है कि संस्थाओं को इस्तेमाल करके राजनीतिक लाभ उठाया जा रहा है.

5 बार की चैंपियन मुंबई इंडियंस ने इंडियन प्रीमियर लीग-2023 के एलिमिनेटर मुकाबले में लखनऊ सुपरजायंट्स को 81 रन से हरा हराया। इस जीत से रोहित शर्मा की टीम लीग के मौजूदा सीजन के क्वालिफायर-2 में प्रवेश कर गई है। क्वालिफायर-2 में मुंबई का मुकाबला 26 मई को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में डिफेंडिंग चैंपियन गुजरात टाइटंस से होगा।चेन्नई के चेपॉक स्टेडियम में मुंबई ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में 8 विकेट पर 182 रन बनाए। जवाब में लखनऊ 16.3 ओवर में 101 रन पर ऑलआउट हो गई। मुंबई के आकाश मधवाल ने महज 5 रन देकर 5 झटके लिए। ये IPL प्लेऑफ का बेस्ट बॉलिंग फिगर है, उनसे पहले ये रिकॉर्ड CSK के डग बॉलिंजर के नाम था। बॉलिंजर ने 2010 में दिल्ली के खिलाफ 13 रन देकर 4 विकेट लिए। मधवाल ने IPL का पांचवां बेस्ट स्पेल भी फेंका। उनसे पहले अनिल कुंबले ने राजस्थान के खिलाफ 2009 में 3 रन देकर 5 विकेट लिए थे, जबकि एडम जम्पा, सोहेल तनवीर और अल्जारी जोसेफ एक ही मैच में 6-6 विकेट ले चुके हैं। जोसेफ ने 12, तनवीर ने 14 और जम्पा ने 19 रन देकर इतने विकेट लिए थे।

पिछले 24 घंटों के दौरान, जम्मू कश्मीर, गिलगित-बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में हल्की से मध्यम बारिश हुई। इन राज्यों के ऊपरी इलाकों में हल्की बर्फबारी हुई।राजस्थान, हरियाणा और पंजाब में हल्की दो मध्यम बारिश और धूल भरी आंधी के साथ कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि हुई।उत्तर प्रदेश और दिल्ली एनसीआर के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश और धूल भरी आंधी चली।पश्चिम बंगाल, असम के कुछ हिस्सों, केरल और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में हल्की से मध्यम बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ीं।बिहार, झारखंड, ओडिशा, पूर्वी मध्य प्रदेश, विदर्भ के कुछ हिस्सों, कर्नाटक, लक्षद्वीप और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में हल्की बारिश हुई।दिल्ली के कुछ हिस्सों और दक्षिण-पश्चिम उत्तर प्रदेश और पूर्वोत्तर मध्य प्रदेश में 1 या 2 स्थानों पर लू की स्थिति देखी गई।अगले 24 घंटों के दौरान, पश्चिमी हिमालय के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। पश्चिमी हिमालय के ऊपरी इलाकों में हल्की से मध्यम बर्फबारी हो सकती है।पंजाब, हरियाणा और उत्तरी राजस्थान के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक या दो स्थानों पर भारी बारिश संभव है। ये मौसमी गतिविधियाँ धूल भरी आँधी और छिटपुट ओलावृष्टि से जुड़ी होंगी।पश्चिम और मध्य उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पूर्व और पश्चिम राजस्थान, उत्तरी मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश और धूल भरी आंधी चलने की संभावना है।सिक्किम, पूर्वोत्तर भारत, दक्षिण ओडिशा, तटीय आंध्र प्रदेश, केरल, आंतरिक तमिलनाडु और दक्षिण कर्नाटक में हल्की से मध्यम बारिश संभव है।लक्षद्वीप और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में हल्की बारिश संभव है।देश से गर्मी की लहर की स्थिति कम होने की उम्मीद है।भारत-गंगा के मैदानी इलाकों में दिन के तापमान में 2 से 3 डिग्री की और गिरावट सकती है।



DCW notice to Delhi Police over trolling, online abuse of cricketer Shubman Gill's sister

Delhi liquor policy: ED conducts fresh raids including at premises of AAP MP's associates

Seven dead as vehicle carrying power project workers rolls down a hill in J-K's Kishtwar

Rahul Gandhi's fresh passport plea: Court posts matter on Friday

Congress MLA U T Khader unanimously elected as new Speaker of Karnataka Assembly

Entire process of Rs 2000 notes withdrawal will be non-disruptive: RBI Guv Das

PM Modi raises with Australian counterpart concerns over attacks on temples in Australia

Inauguration of new Parliament building: 19 opposition parties to boycott ceremony

Parliament built through constitutional values not by 'bricks of ego': Rahul

Ordinance on control of services in Delhi means Modi govt doesn't believe in Supreme Court: Kejriwal

Parl building inauguration: Shah says all parties invited, historic sceptre 'Sengol' to be installed

DGCA to conduct audit of Go First's preparedness before allowing flight resumption

Manish Sisodia withdraws interim bail pleas from HC, says wife's medical condition stable

Indian-origin teen deliberately crashes truck into a White House barrier; says he wanted to kill President Biden

Actor Nitesh Pandey of 'Anupamaa' fame dies

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

पेंशनरों की विशाल सभा

विश्व रजक महासंघ का आयोजन

जातीय गणना के आंकड़े जारी