गगनयान से जुड़ा पहला टेस्ट सफल

 

हमें बिना किसी संकोच यहूदी विरोध और इस्लामोफोबिया की निंदा करनी चाहिए,' बाइडेन का बयान

'हालात कितने भी कठिन हों, हम शांति नहीं छोड़ सकते,' बोले अमेरिकी राष्ट्रपति

तेलंगाना: कांग्रेस आज जारी कर सकती है उम्मीदवारों की दूसरी सूची

CM योगी आदित्यनाथ आज गोंडा में 'मिशन शक्ति कैफे' का उद्घाटन करेंगे

दिल्ली: सराय काले खां फ्लाईओवर का आज दूसरा कैरिजवे खोला जाएगा

इजरायल: बंधकों की वापसी की मांग तेज, रक्षा मंत्रालय के बाहर विरोध-प्रदर्शन

नेतन्याहू ने इटली की PM मेलोनी से मुलाकात की, कहा- हमें इस बर्बरता को हराना है

इजराइल PM ने साइप्रस के राष्ट्रपति से मुलाकात की, बोले- ये बर्बरता के खिलाफ लड़ाई

MP: अमित शाह आज रीवा में बीजेपी नेताओं से करेंगे मुलाकात

गाजा पर आज से हमले तेज करेगी इजरायली सेना

मणिपुर में 26 अक्टूबर तक बढ़ाया गया इंटरनेट बैन

गगनयान से जुड़ा पहला टेस्ट सफल

इंसानों को स्पेस में भेजने के भारत के मिशन गगनयान के तहत स्पेस एजेंसी ISRO ने शनिवार को पहली टेस्ट फ्लाइट का सफल लॉन्च किया। इसे टेस्ट वीकल अबॉर्ट मिशन-1 (TV-D1) नाम दिया गया। मिशन 8.8 मिनट का था। इस दौरान 17 किलोमीटर ऊपर जाने के बाद सतीश धवन स्पेस सेंटर से 10 किलोमीटर दूर बंगाल की खाड़ी में क्रू मॉड्यूल को उतारा गया। रॉकेट में गड़बड़ी होने पर अंदर मौजूद एस्ट्रोनॉट कैसे धरती पर सुरक्षित लौटेंगे, इस सिस्टम की टेस्टिंग की गई।इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) ने शनिवार को गगनयान मिशन के क्रू एस्केप सिस्टम की सफल टेस्टिंग की। श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सुबह 10 बजे इसे लॉन्च किया गया था। इसे टेस्ट व्हीकल अबॉर्ट मिशन-1 (TV-D1) नाम दिया गया। उड़ान भरने के बाद सबसे पहले टेस्ट व्हीकल क्रू मॉड्यूल और क्रू एस्केप सिस्टम को आसमान में लेकर गया। इसके बाद 594 किमी की रफ्तार के साथ क्रू मॉड्यूल और क्रू एस्केप सिस्टम 17 किलोमीटर की ऊंचाई पर अलग हुआ। इसके बाद पानी से ढाई किलोमीटर की ऊंचाई पर मॉड्यूल के मुख्य पैराशूट खुलने के साथ ही इसकी लैडिंग बंगाल खाड़ी में हो गई। गगनयान मिशन का लक्ष्य 2025 में तीन दिवसीय मिशन के तहत मनुष्यों को 400 किलोमीटर की ऊंचाई पर पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजना और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना है।

प्रदूषण के बढ़ने के बाद दशहरे से पहले ही कमिशन फॉर एयर क्वॉलिटी एंड मैनेजमेंट (CQAM) ने शनिवार को तुरंत प्रभाव से ग्रेडेड रेस्पॉन्स ऐक्शन प्लान यानी GRAP-2 लागू करने का फैसला लिया। अब दिल्ली-NCR में GRAP-1 के साथ GRAP-2 की पाबंदियां भी लागू हैं। GRAP-2 में निजी गाड़ियों के इस्तमाल को रोकने के लिए पार्कि फीस बढ़ाने और पब्लिक ट्रांसपोर्ट के साधन बढ़ाने जैसे कदम शामिल हैं। CQAM का कहना है कि 23 और 24 अक्टूबर को हवा की क्वॉलिटी और खराब हो सकती है। यह 'बहुत खराब' कैटिगरी तक पहुंच सकती है।

NTA: पीएचडी दाखिले की परीक्षा के लिए केंद्रों की सूची जारी, जेएनयू, डीयू, बीएचयू, बीबीएयू में तैयारियां पूर्ण. छात्र अपना नाम, मोबाइल नंबर डालकर परीक्षा केंद्र जांच सकते हैं। छात्र ध्यान दें कि यह एडमिट कार्ड नहीं है। एडमिट कार्ड एनटीए बाद में अपलोड करेगा। अभी छात्रों को परीक्षा केंद्र सही है या नहीं उसकी जांच करनी होगी।

भारत से 41 कनाडाई राजनयिकों को वापस बुलाने की घोषणा के बाद ब्रिटेन-अमेरिका भी इस विवाद में सामने आए हैं। दोनों देश कनाडा का समर्थन करते दिखे। दोनों ने भारत से कहा है कि वह विएना कन्वेंशन के नियमों को माने। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि हम कनाडा के राजनियिकों के भारत छोड़ने से चिंतित हैं। ब्रिटेन ने कहा हम भारत के फैसले से सहमत नहीं हैं। भारत पहले ही साफ कर चुका है कि उसने नियम का उल्लंघन नहीं किया है।

राजस्थान में शनिवार को कांग्रेस ने अपने प्रत्याशियों की पहली और BJP ने दूसरी लिस्ट जारी की। इसमें बड़े सियासी चेहरों का नाम उम्मीदवार के तौर पर है। कांग्रेस ने CM अशोक गहलोत को सरदारपुरा से, सचिन पायलट को टोंक से टिकट दिया है। प्रदेश अध्यक्ष गोविंद डोटासरा लक्ष्मणगढ़ से लड़ेंगे। BJP ने वसुंधरा राजे को झालरापाटन सीट से उतारा है। भैरों सिंह शेखावत के दामाद नरपत सिंह चित्तौड़गढ़ से लड़ेंगे।

BJP सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि जब TMC सांसद महुआ मोइत्रा भारत में थीं तब उनके संसदीय लॉग-इन ID का इस्तेमाल दुबई में किया गया था।

अमेरिकी फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन के एक सलाहकार पैनल ने दावा किया है कि सर्दी में बंद नाक खोलने में इस्तेमाल होने वाली ज्यादातर दवाएं काम नहीं करती। टैबलेट, कैप्सूल और तरल रूप में मौजूद फिनाइलफ्राइन बंद नाक खोलने में किसी तरह की राहत नहीं देती है। यह भी कहा गया कि अप्रभावी होने के बावजूद, इनमें सुरक्षा को लेकर कोई चिंता की बात नहीं हैं। अगर ये दवा ले रहे हैं तो घबराना नहीं चाहिए। इसके अलावा, निष्कर्ष के दावे नेज़ल स्प्रे पर लागू नहीं होते हैं, जिसे पैनल ने प्रभावी माना था।

दहेज मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला दिया है। कोर्ट ने कहा कि अगर आरोपी दहेज हत्या में बरी भी हो जाए तो भी दहेज प्रताड़ना में उसे दोषी करार दिया जा सकता है। दहेज प्रताड़ना से संबंधित आईपीसी की धारा-498 का दायरा काफी बड़ा है। कोर्ट ने मौजूदा मामले में आरोपियों (महिला के ससुरालियों) को आत्महत्या के लिए उकसाने और दहेज प्रताड़ना मामले में दोषी करार दिया है। मामले में मरने से पहले महिला ने जो बयान दिया था वह अहम साबित हुआ। हालांकि दहेज हत्या मामले में आरोपियों को बरी कर दिया।

नमो भारत ट्रेन में शनिवार को पहले दिन करीब 10 हजार से ज्यादा लोगों ने यात्रा की। इसका टिकट 2 घंटे तक वैलिड रहेगा। इसके बाद 10 रुपये/घंटा के हिसाब से जुर्माना लगेगा।

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और मुस्लिम लीग-एन के नेता नवाज शरीफ आत्म-निर्वासन में चार साल बिताने के बाद पाकिस्तान लौट आए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पूर्व कानून मंत्री आजम तरार सहित पीएमएल-एन सुप्रीमो की कानूनी टीम ने इस्लामाबाद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उनका स्वागत किया। नवाज शरीफ एयरपोर्ट से सीधे लाहौर जाएंगे और वहां एक सभा को संबोधित करेंगे।

जम्मू-कश्मीर में आईपीएस अधिकारियों का हुआ तबादला। डॉ विनोद कुमार को जम्मू का एसएसपी नियुक्त किया गया। आईपीएस विनोद कुमार चंदन कोहली की जगह लेंगे। चंदन कोहली को प्रतिनियुक्ति के आधार पर कैबिनेट सचिवालय में उप सचिव बनाया गया है। वहीं आईपीएस जोगेंद्र सिंह उधमपुर के एसएसपी बनाए गए हैं। इस पद पर पहले डॉ विनोद कुमार नियुक्त थे। जोगेंद्र सिंह की जगह पर आईपीएस स्वर्ण सिंह कोतवाल को स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स का डायरेक्टर बनाया गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 अक्टूबर को मिजोरम दौरे पर रहेंगे। वे यहां विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी प्रत्याशियों के लिए कैंपेन करेंगे। पीएम मोदी के साथ बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी मिजोरम आएंगे। मिजोरम में 7 नवंबर को विधानसभा चुनाव होंगे।

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने BMC कमीश्नर संगीता हसनाले को कोविड खिचड़ी स्कैम मामले में समन जारी किया है। ईडी ने संगीता को अगले हफ्ते मुंबई दफ्तर में पेश होने को कहा है। कोविड महामारी के दौरान BMC की कोविड खिचड़ी योजना में अनियमितताओं को लेकर ईडी जांच कर रही है।

कांकेर जिले के कोयलीबेड़ा इलाके में शनिवार को पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई है। इस मुठभेड़ में DRG के जवानों ने 2 नक्सलियों को ढेर कर दिया। मारे गए नक्सलियों की अभी पहचान नहीं हो सकी है। घटनास्थल से दो शव, एक इंसास राइफल और एक भरमार बंदूक बरामद की गई है।

हमास ने कतर की मध्यस्थता के बाद शुक्रवार रात 2 अमेरिकी नागरिकों को रिहा कर दिया। जंग शुरू होने के बाद यह पहला मौका है जब किसी बंधक को छोड़ा गया है। हालांकि, 200 लोग अब भी हमास के कब्जे में हैं। इस बीच इजराइल ने गाजा शहर के अल-कुदस अस्पताल को खाली करने के आदेश दिए हैं।

US: डेट्रॉइट सिनेगॉग की अध्यक्ष सामान्था वोल की हत्या, पुलिस ने कहा- घर के बाहर ही चाकू मारकर ली जान. इस्राइल-हमास युद्ध के बीच डेट्रॉइट सिनेगॉग की अध्यक्ष सामन्था वोल की हत्या हो गई। सीपीएल डैन डोनाकोव्स्की ने बताया कि शनिवार को आरोपियों ने घर के बाहर चाकू मारकर उनकी हत्या कर दी। डॉक्टरों ने उन्हें घटनास्थल पर ही मृत घोषित कर दिया है।

पेंट गोदाम में बिजली का तार गिरने से आग, एक घर भी चपेट में...सामान जलकर राख, दो घंटे पाया काबू. सूचना पर एसीपी सीसामऊ शिखर और सीएफओ दीपक शर्मा पहुंचे। दोनों अफसरों ने अपनी-अपनी टीम लोगों की मदद से आग पर काबू पाया। सीएफओ ने बताया कि आग से गोदाम घर में हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है।

दो अमेरिकी नागरिकों की रिहाई के बाद भी युद्ध पर नहीं पड़ा असर, इस्राइल ने जमकर की बमबारी, 50 की मौत. इस्राइल-हमास संघर्ष के अहम चरण में प्रवेश के बीच गाजा में जमीनी हमले की आशंका है। लेकिन मांग में अचानक वृद्धि के कारण देश में बुलेटप्रूफ जैकेट और सुरक्षात्मक गियर की जबरदस्त  कमी है। प्रवक्ता योव डोटन ने कहा, कंपनियां मौजूदा मांग को पूरा करने में असमर्थ हैं।

 पश्चिम बंगाल में 87 जातियों को ओबीसी में शामिल करने की मांग, तीन नवंबर को आयोग करेगा सुनवाई. एनसीबीसी ने कहा, पं. बगाल सरकार ने राज्य में ओबीसी का आरक्षण 17 फीसदी से बढ़ाकर 22 फीसदी करने की सिफारिश की है।

आज भीषण चक्रवाती तूफान में तब्दील होगातेज, यमन-ओमान के बीच से गुजरने की संभावना. भारतीय तटरक्षकों ने बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्व और पूर्वी मध्य में कम दबाव का क्षेत्र विकसित होने के मद्देनजर आंध्र और तमिलनाडु तट पर काम करने वाले मछुआरों को बंदरगाह पर लौटने की सलाह दी है।

अगले साल होगा गगनयान का दूसरा उड़ान परीक्षण, कई पड़ाव पार करने के बाद भेज सकेंगे इंसान. टीवी-डी1 मिशन के निदेशक एस शिवाकुमार ने कहा कि ऐसा परीक्षण पहले कभी नहीं हुआ। यह तीन परीक्षणों का संगम था। इन्हें साथ अंजाम दिया गया। हमने परीक्षण उड़ान, क्रू एस्केप प्रणाली और क्रू मॉड्यूल को परखा। तीनों ने पहले ही प्रयास में एकदम सही प्रदर्शन किया।

910 मीटर लंबी सुरंग दीपावली पर हो जाएगी आरपार, दोनों छोर पर तेजी जारी है निर्माण कार्य. इस परियोजना को जून 2025 में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। ऑलवेदर रोड परियोजना के दूसरे चरण में इस महत्वाकांक्षी सुरंग का निर्माण किया जा रहा है।

अष्टमी आज, देवी मंदिरों में की गई भव्य सजावट; झंडेवालान में होगा विशेष आयोजन और रात भर चलेंगे कार्यक्रम.झंडेवाला मंदिर में अष्टमी के अवसर पर विशेष आयोजन होगा। अष्टमी को पूरी रात मंदिर खुला रहेगा। इसके अलावा मंदिर में सारी रात भक्ति कार्यक्रम होंगे। झंडेवाला मंदिर में अष्टमी मनाने की परंपरा के चलते बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के उमड़ने का अनुमान है।

UP: भूमि का था विवाद...मिट्टी बेचने से बढ़ी थी तनातनी, चाचा को दौड़ाकर गोली मारी, दादी को फावड़े से काट डाला. शिव कुमार ने बताया कि सौतेले भतीजों से जमीन को लेकर बढ़ते विवाद को देखते हुए भाई अमित ने एक माह पहले ही घर पर कैमरे लगवाए थे। घटना के बाद पुलिस ने घर पर लगे कैमरों की सीसीटीवी फुटेज चेक की है। साथ ही पुलिस ने जांच के लिए डीबीआर और कैमरों को कब्जे में लिया है।

पूर्व प्रधानमंत्री और मुस्लिम लीग नवाज़ के आजीवन अध्यक्ष मियां मोहम्मद नवाज़ शरीफ़ 21 अक्टूबर को पाकिस्तान वापसी. साल 2019 में इलाज के लिए लंदन रवाना होने वाले नवाज़ शरीफ़ की वापसी उस पाकिस्तान में नहीं हो रही है जिसे वह छोड़कर गए थे. पिछले चार सालों में पाकिस्तान के राजनीतिक परिदृश्य से लेकर आर्थिक स्थिति समेत बहुत सी बातों में बदलाव चुके हैं. पिछले चार सालों में केवल राजनीतिक दलों के नैरेटिव बदले हैं बल्कि सरकारें भी बदलती चली गई हैं. कुछ संस्थाएं अधिक मज़बूत हो गईं तो कहीं से यह आवाज़ आई कि हमारे हाथ में कुछ नहीं. इन सभी बदलावों के बावजूद मुस्लिम लीग (नवाज़) से संबंध रखने वाले नेताओं का विचार है कि नवाज़ शरीफ़ की देश वापसी के बाद हालात बदलकर बेहतर जाएंगे. जबकि दूसरी ओर उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों का मानना है कि नवाज़ शरीफ़ के राजनीतिक इतिहास और वर्तमान हालात को मद्देनज़र रखा जाए तो उनके लिए आने वाला समय आसान नहीं होगा. लेकिन एक बात तो तय है कि जब नवाज़ शरीफ़ पाकिस्तान वापस लौटेंगे तो उन्हें चार साल पहले वाले पाकिस्तान से अलग हालात का सामना करना होगा. नवाज़ शरीफ़ की पाकिस्तान वापसी: सज़ायाफ़्ता पूर्व प्रधानमंत्री के पास जेल से बचने का क्या कोई क़ानूनी उपाय है? नवाज़ शरीफ़ ने अपनी हुकूमत जाने के बाद प्रतिरोध की राजनीति का अंदाज़ अपनाया और देश की सियासत में सेना के हस्तक्षेप का आरोप लगाते हुए 'वोट को इज़्ज़त दो' का नारा दिया.सन 2018 में नवाज़ शरीफ़ और उनकी बेटी का अदालत से सज़ा पाकर जेल जाना हुआ, उनकी पत्नी कुलसुम नवाज़ का निधन हुआ, सत्ता के दौरान आम चुनाव में उनके दल की हार हुई और पीटीआई (पाकिस्तान तरीक--इंसाफ़) का सत्ता में आना हुआ.नवाज़ शरीफ़ ने 2019 के दौरान इलाज के लिए लंदन में स्वघोषित निर्वासित जीवन अपनाते हुए वहां बैठकर देश की राजनीति में भूमिका निभाई. फिर उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी इमरान ख़ान के इस्टैब्लिशमेंट के साथ संबंधों में दरार गई. इस तरह तहरीक--इंसाफ़ और सेना के 'एक पेज पर' होने का दावा भी ख़त्म हो गया.इस दौरान देश के तेरह राजनीतिक दलों ने, जिसमें पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज़) भी शामिल थी, पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के बैनर तले इमरान ख़ान के ख़िलाफ़ यह माहौल बनाया कि उन्हें इस्टैब्लिशमेंट की ओर से देश पर लाद दिया गया है.नवाज़ शरीफ पीडीएम की सभाओं में अपने भाषणों में उस समय के सेना प्रमुख जनरल क़मर जावेद बाजवा और डीजी, आईएसआई लेफ़्टिनेंट जनरल फ़ैज हमीद पर भी गंभीर आरोप लगा रहे थे.फिर 2020 के अंत में उनके दल के राजनीतिक बयानों में बदलाव नज़र आया. वही दल जो उस समय की सरकार को देश की ख़राब आर्थिक स्थिति का ज़िम्मेदार और सेना पर राजनीति में हस्तक्षेप का आरोप लगाता था, उसने जनरल बाजवा के कार्यकाल में विस्तार का समर्थन कर दिया. अप्रैल 2020 में जब इमरान ख़ान को औपचारिक अविश्वास प्रस्ताव के ज़रिए प्रधानमंत्री की कुर्सी से हटाया गया तो मुस्लिम लीग (नवाज़) पीडीएम गठबंधन के ज़रिए सरकार में आने में सफल हो गई.उस समय मुस्लिम लीग का टकराव वाला अंदाज़ समझौते वाले अंदाज़ में बदल गया और इमरान ख़ान ने सेना के साथ समझौते वाली नीति को रद्द करते हुए मुस्लिम लीग की जगह ले ली और इस्टैब्लिशमेंट विरोधी राजनीतिक नैरेटिव अपनाया. अक्सर राजनीतिक विश्लेषकों की यह राय है कि एक बार फिर देश की राजनीति के इतिहास को दोहराया जा रहा है. उनका कहना है कि "जो 2018 में मुस्लिम लीग (नवाज़) के साथ हुआ वही अब तहरीक--इंसाफ़ के साथ हो रहा है. ज़ाहिर तौर पर वही सब कुछ हो रहा है जो पहले हुआ था. अंतर केवल इतना है कि राजनीतिक किरदार बदले हुए हैं. इस सियासी खेल में केवल सियासी दल ही कमज़ोर हुए हैं. इस पूरी प्रक्रिया में मुस्लिम लीग (नवाज़) के रवैये ने दूसरी शक्तियों को मज़बूत किया है. अगर वह राजनीतिक तौर पर अपने आप को मज़बूत रखते और अपने बयान पर डटे रहते तो उनकी स्थिति भी अलग होती. लेकिन उन्होंने डील की ओर जाने को प्राथमिकता दी. इस समय नवाज़ शरीफ़ वही भूमिका निभा रहे हैं जो 2018 में पीटीआई निभा रही थी. पाकिस्तान का इतिहास उठाकर देख लें, यही होता आया है जो आज हो रहा है. सत्ता के भूखे राजनीतिक दल सेना के हाथों एक दूसरे के ख़िलाफ़ इस्तेमाल होते आए हैं और दूसरी संस्थाएं जिसमें अदालत और ब्यूरोक्रेसी शामिल हैं, वह फ़ौज के साथ बतौर जूनियर क्राइम पार्टनर के काम करते हैं. पाकिस्तान की राजनीति की बात हो तो फ़ौजी इस्टैब्लिशमेंट का नाम बार-बार लिया जाता है. वैसे तो पाकिस्तान की सेना हमेशा ही इस तरह के सभी आरोपों का खंडन करती रही है. बार-बार कहा जाता रहा है की सेना का पाकिस्तान की राजनीति में कोई हस्तक्षेप नहीं है. लेकिन 23 नवंबर 2022 को अपने विदाई संबोधन में पूर्व आर्मी चीफ़ क़मर जावेद बाजवा ने कहा था कि फ़ौज की आलोचना इसलिए होती है क्योंकि फ़ौज पिछले सत्तर साल के दौरान राजनीति में हस्तक्षेप करती आई है जो 'असंवैधानिक' था. हालांकि फ़रवरी 2021 में यह सर्वसम्मत निर्णय लिया गया था कि सेना भविष्य की राजनीति में किसी स्थिति में हस्तक्षेप नहीं करेगी. सन 2021 में पीटीआई को अविश्वास प्रस्ताव के ज़रिए, सत्ता से हटाए जाने के बाद इमरान ख़ान ने सेना पर राजनीति में हस्तक्षेप का आरोप लगाया. मगर इस दौरान नवाज़ शरीफ़ और उनकी बेटी मरियम नवाज़ की ओर से पूरी चुप्पी रही और उन्होंने 'वोट को इज़्ज़त दो' के नैरेटिव को नहीं दोहराया.नौ मई को सेना के केन्द्रों पर हमलों पर सेना ने खुलकर यह बयान दिया कि ज़िम्मेदारों के ख़िलाफ़ कार्रवाई होगी.इसके बाद पीटीआई के ख़िलाफ़ हुए क्रैकडाउन पर वो इसे देश में अघोषित मार्शल लॉ कहती है.निश्चित रूप से सेना पहले से अधिक मज़बूत हो गई है. इसके उदाहरण हाल के दिनों में देखने को मिल रहे हैं. नौ मई की घटनाओं में तहरीक--इंसाफ़ के जिन नेताओं और कार्यकर्ताओं की तलाश है और जो पहले ग़ायब थे, वे बाद में टीवी स्क्रीन पर आए हैं. जैसे सदाक़त अब्बासी, उस्मान डार और फ़ारूक़ हबीब. इन सब ने पहले का स्टैंड छोड़कर नौ मई का ज़िम्मेदार इमरान ख़ान को बता दिया.इस मामले पर मुस्लिम लीग (नवाज़) के नेता अहसन इक़बाल का कहना था कि ऐसा तो नहीं हो सकता की सैनिक केंद्रों पर हमला करने वालों को छोड़ दिया जाए.सेना के सियासत में किरदार निभाने पर वजाहत मसूद का कहना था, ''पहले नवाज़ शरीफ़ को सत्ता से निकाल कर फ़ौज इमरान ख़ान को अपनी मर्ज़ी से सत्ता में लाई और इमरान ख़ान को बाहर निकाल कर फ़ौज पहले से अधिक मज़बूत हो गई है. उन्होंने कहा, "इमरान ख़ान को सत्ता में आने से राजनीतिक शक्तियां रोक नहीं पाईं और इमरान को निकालने में भी किसी लोकतांत्रिक आन्दोलन का कोई हाथ नहीं. सेना ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय समेत अर्थव्यवस्था, नादरा (नेशनल डेटाबेस एंड रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी) और नैब ( नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो) तक, हर जगह अपना वर्चस्व बढ़ा लिया है. उन्होंने कहा कि नौ मई की घटना को असल में सैनिक वर्चस्व सुदृढ़ करने के लिए उछाला जा रहा है. "अकेली उम्मीद यह है कि अर्थव्यवस्था की ज़रूरत देश की दिशा बदलने पर मजबूर कर दे वर्ना वर्तमान पाकिस्तान पूरी तरह अघोषित रूप से फ़ौज की गिरफ़्त में है." अर्थव्यवस्था में बदलाव वह बदलाव है जो नेताओं, जनता और सेना सबके लिए ही महत्वपूर्ण है, लेकिन विशेषज्ञों का विचार है कि इस समय और आने वाले दिनों में राजनीति में नैरेटिव का पहिया इसी पर चलेगा. 2015 तक पाकिस्तान वर्तमान आर्थिक स्थिति से बेहतर हालत में था. मुस्लिम लीग (नवाज़), पीपीपी और दूसरे राजनीतिक दल इमरान ख़ान और उनकी आर्थिक नीतियों को इसका दोषी समझती हैं जबकि तहरीक--इंसाफ़ इसके लिए 18 महीने सत्ता में रहने वाली शहबाज़ शरीफ़ की सरकार को दोषी बताती है.विश्लेषक आसमा शीराज़ी इस बारे में टिप्पणी करती हैं कि यह बात ठीक है कि पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था इस समय सभी राजनीतिक फ़ैसले करवा रही है.उन्होंने कहा कि बहुत संभव है कि नवाज़ शरीफ़ प्रतिरोधी बयान छोड़कर अब आर्थिक बयान सामने लेकर आएं. "लेकिन उनके लिए एक बड़ी