विश्व कैंसर दिवस आज

 

बायोप्सी जांच प्रक्रिया है, इससे कैंसर नहीं फैलता है: डा. आरके चौधरी -विश्व कैंसर दिवस (04 फरवरी) पर विशेष 

लखनऊ, 3 फरवरी 2024। चारबाग निवासी 14 वर्षीय सविता को बाएं स्तन में गांठ महसूस हुई। उसने अपनी मां को बताया और उन्होंने चिकित्सक से चेकअप कराने का निर्णय लिया, लेकिन घर की बुजुर्ग महिलाओं ने यह कहते हुए मना कर दिया कि इस उम्र में तो इस तरह की चीजें होती हैं कोई जरूरत नहीं है चिकित्सक को दिखाने की। लेकिन तीन-चार दिन बाद वह चिकित्सक के पास लेकर गईं उन्होंने जांच की और गांठ को ऑपरेट कर उसकी बायोप्सी करवायी, जांच में वह गांठ कैंसर तो नहीं निकली, लेकिन डॉक्टर ने कहा कि समय से आ गए अगर गांठ काफी समय तक शरीर में रहती तो कैंसर पनप सकता था।



परामर्शदाता विशेषज्ञ (कैंसर रोग) डा. आरके चौधरी बताते हैं कि उपरोक्त केस में सही समय पर जांच और इलाज से सविता कैंसर जैसी बीमारी की चपेट में आने से रह गई। सही समय पर मर्ज की पहचान, उचित सलाह और आधुनिक तकनीकी से कैंसर को जड़ से समाप्त किया जा सकता है। कैंसर से महिला और पुरुष दोनों ही प्रभावित होते हैं। स्तन कैंसर महिलाओं में सबसे ज्यादा  होने वाला कैंसर है। इसके साथ ही महिलायें बच्चेदानी के  मुंह के कैंसर और ओवरी के कैंसर से भी ग्रसित होती हैं। इसके अलावा गले, मुंह व अन्य अंगों का और पुरुषों में फेफड़ों, गला, मुंह, प्रोस्टेट सहित अन्य अंगों में भी कैंसर होता है। प्रेस इनफॉर्मेशन ब्यूरो (28 जुलाई, 2023) के अनुसार साल 2021 में उत्तर प्रदेश में कैंसर के 2.06 लाख मरीज थे। जबकि साल 2022 मेंयह संख्या बढ़कर 2.10 लाख हो गई। वहीं साल 2021 में कैंसर से होने वाली मौतों की संख्या 1.14 लाख थी और साल 2022 में 1.16 लाख थी। 

कैंसर होने के कारण --- 

- शराब, धूम्रपान, बीड़ी, गुटका, पान, सिगरेट और तंबाकू के  सेवन से।

- कम आयु में यौन संबंध बनाने से।

- लगातार बार-बार घाव पैदा करने वाली परिस्थितयों से।

- बहुत अधिक तले भुने भोजन के सेवन से।

- अधिक नमक लगाकर कर संरक्षित किए हुए भोजन के सेवन से।

- कम प्राकृतिक रेशे वाले भोजन के सेवन से।

कैंसर के संभावित लक्षण हैं-

- शरीर में तिल या मसा अचानक बढ़ने लगे तथा उसमें खुजली हो।

- तीन हफ्ते से ज्यादा खांसी आना जो कि इलाज के बाद भी ठीक न हो।

- माहवारी के बंद होने के बाद अचानक रक्तस्राव होना । माह में दो से अधिक बार माहवार होना और माहवारी के दौरान अधिक रक्तस्राव होना | 

- मांस खाने वालों का मन मांस खाने से हट जाना।  

- आवाज का लगातार भारी होना एवं इलाज के बाद भी ठीक न होना।

- खाना निगलने में परेशानी होना।

- शरीर में किसी भी भाग में गांठ का अचानक बढ़ना और एक ही जगह स्थिर रहना।

- मुंह, पेशाब और मलद्वार से अचानक लगातार खून आना।

- ऐसा घाव जो इलाज कराने के बाद भी ठीक न हो।

-मुंह के अंदर दोनों टर लाल या सफेद रंग के चकत्ते|

- मुंह का पूरा न खुलना (पाँच उंगली मुंह के अंदर ले जाने में दिक्कत हो )  यदि संभावित उपरोक्त लक्षण दिखें तो प्रशिक्षित चिकित्सक से जांच कराएं | वयस्क महिलाओं को नहाते समय अपने  स्तनों और पुरुषों को अंडकोशों की समय समय पर स्वतः जांच करते रहना चाहिए |भ्रांतियों से बचाव जरूरी --- डा. चौधरी बताते हैं कि कैंसर को लेकर कई गलतफहमियां हैं जैसे कि बायोप्सी कराने से कैंसर फैलता है जबकि ऐसा नहीं है। बायोप्सी कैंसर की पहली जांच है जो सबसे ज्यादा प्रभावशाली है। इस आधुनिक तकनीकी द्वारा कैंसर की जांच की जाती है और कैंसर की पुष्टि होने पर इलाज शुरू किया जाता है। इसके अलावा लोगों में यह भ्रांति है कि कैंसर आनुवंशिक होता है जबकि ऐसा नहीं है | कैंसर संक्रामक नहीं है। साथ उठने, बैठने और रहने, एक ही बर्तन में खाना खाने और एक ही बिस्तर साझा करने से यह नहीं फैलता है।

लखनऊ से अशोक कुमार कनौजिया

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

पेंशनरों की विशाल सभा

विश्व रजक महासंघ का आयोजन

जातीय गणना के आंकड़े जारी